Sandhi in hindi

  1. Sandhi Vichchhed (संधि विच्छेद)
  2. Joining of words in Hindi, Sandhi Examples, Types and Definition
  3. संधि विच्छेद
  4. Vyanjan Sandhi in hindi
  5. संधि की परिभाषा, भेद और उदाहरण Sandhi In Hindi
  6. संधि की परिभाषा, भेद और उदाहरण Sandhi In Hindi
  7. Joining of words in Hindi, Sandhi Examples, Types and Definition
  8. संधि विच्छेद
  9. संधि
  10. Sandhi Vichchhed (संधि विच्छेद)


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Sandhi Vichchhed (संधि विच्छेद)

संधि का नाम संधि विच्छेद संधि का नियम संधि का प्रकार आ + छादन (आ + छ = आच्छ) व्यंजन संधि अप् + धि प वर्ग व्यंजन संधि अभि + सेक (भ् + स् = ष) व्यंजन संधि अभि + इष्ट इ + इ = ई दीर्घ संधि अभि + अर्थी यण संधि अभि + उदय इ + उ = य + उ यण संधि अभि + उत्थान इ + उ = य + उ यण संधि अप् + ज (प + ज + ब्ज) व्यंजन संधि अधः + फलित विसर्ग संधि अधि + इक्षण इ + इ = ई दीर्घ संधि अधः + गति विसर्ग संधि अधः + घात विसर्ग संधि अधः + जल विसर्ग संधि अधः + पतन विसर्ग संधि अधि + देश यण संधि अधि + आहार यण संधि अधि + अक्ष यण संधि अधि + अयन इ + अ = य + अ यण संधि अग्नि + आशय इ + आ = य + आ यण संधि आज्ञा + अनुसार आ + अ = आ दीर्घ संधि अच् + नाश (च् + न = ञ्) व्यंजन संधि अच् + आदि च वर्ग व्यंजन संधि अच् + अंत (च् + अ = ज्) व्यंजन संधि आम + आशय अ + आ = आ दीर्घ संधि अप् + मय (प् + म् = म्) व्यंजन संधि अन्न + आभाव अ + अ = आ दीर्घ संधि अन्तः गत विसर्ग संधि अंतः + करण विसर्ग संधि अनु + छेद (उ + छ = उच्छ) व्यंजन संधि अनु + उदित दीर्घ संधि

Joining of words in Hindi, Sandhi Examples, Types and Definition

बोर्ड परीक्षा में हाई स्कोर करें: हमारे SuccessCDs कक्षा 10 हिंदी कोर्स के साथ! Click here Sandhi definition, Types of Joining of words, Joining of words examples – संधि और संधि-विच्छेद की परिभाषा, संधि के भेद और उदाहरण Joining of words in Hindi, Sandhi (संधि और संधि-विच्छेद): इस लेख में संधि और संधि-विच्छेद और संधि के भेदों के साथ-साथ उदाहरण भी दिए जा रहे हैं। संधि किसे कहते हैं? संधि-विच्छेद किसे कहते हैं? संधि के कितने भेद हैं? इन सभी प्रश्नों को उदाहरणों की सहायता से इस लेख में बहुत ही सरल भाषा में विस्तार पूर्वक बताया गया है। • • • • Class 10 Hindi Grammar Lessons संधि की परिभाषा - Definition संधि संस्कृत का शब्द है। दो वर्णों (स्वर या व्यंजन) के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते हैं। संधि निरथर्क अक्षरों से मिलकर सार्थक शब्द बनाती है। संधि में प्रायः शब्द का रूप छोटा हो जाता है। सरल शब्दों में- दो शब्दों या शब्दांशों के मिलने से नया शब्द बनने पर उनके निकटवर्ती वर्णों में होने वाले परिवर्तन या विकार को संधि कहते हैं। संधि दो शब्दों से मिलकर बना है – सम् + धि। संधि का शाब्दिक अर्थ है - मेल या समझौता। जब दो वर्णों का मिलन अत्यन्त निकटता के कारण होता है, तब उनमें कोई-न-कोई परिवर्तन होता है और वही परिवर्तन संधि के नाम से जाना जाता है। जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाती हैं, उसे संधि कहते हैं। अथार्त जब दो शब्द आपस में मिलकर कोई तीसरा शब्द बनाते हैं, तब जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहते हैं। Top संधि विच्छेद किसी पद को उसके मूल रूप से पृथक कर देना संधि-विच्छेद है। अथार्त संधि किये गये शब्दों को अलग...

संधि विच्छेद

‘सन्धि विच्छेद’ शब्द की व्युत्पत्ति(निर्वचन) ‘सन्धि’ शब्द की व्युत्पत्ति- सम् उपसर्ग पूर्वक ‘धा’ धातु (डुधाञ् धारणपोषणयोः) में ‘कि’ प्रत्यय लगकर ‘सन्धि’ शब्द निष्पन्न होता है, जिसका तात्पर्य होता है संधानं सन्धिः अर्थात् मेल, जोड़, संयोग आदि। व्याकरण के अनुसार ‘वर्णानां परस्परं विकृतिमत् संधानं सन्धिः’ अर्थात् दो वर्णाक्षरों के मेल से उत्पन्न हुए विकार को ‘सन्धि’ कहते हैं। जैसे- सेवा+अर्थ = सेवार्थ। यहाँ ‘सेवार्थ’ में सेवा और अर्थ ये दो शब्द हैं जिसमें सेवा का अन्तिम अक्षर ‘आ’ है और अर्थ का प्रथम शब्द ‘अ’ है। आ और अ ये दो वर्ण नियमतः आपस में मिलकर ‘आ’ बन जाता है। आ और अ वर्ण मिलकर बना ‘आ’ ही विकार कहलाता है। जैसे रमा+ईश = रमेश। यहाँ रमा का अंतिम वर्ण आ और ईश का प्रथम वर्ण ई ये दो वर्ण हैं। आ और ई मिलकर नियमतः विकार रूप में अर्थात् परिवर्तन होकर ए बन जाता है। विकार शब्द का तात्पर्य यहाँ पर परिवर्तन से है। इस प्रकार हिन्दी अथवा संस्कृत व्याकरण के अनुसार जब प्रथम शब्द की अन्तिम ध्वनि यानी अन्तिम वर्ण और द्वितीय शब्द की प्रथम ध्वनि यानी पहला वर्ण आपस में मिलकर ध्वनि परिवर्तन करते हैं यानी विकार उत्पन्न करते हैं तो उस परिवर्तन से बने नए वर्ण-विकार को ‘सन्धि’ कहा जाता है। ‘सन्धि’ एवं ‘सन्धि-विच्छेद’ शब्द का सामान्य अर्थ ‘संधि’ शब्द का सामान्य अर्थ होता है मेल, जोड़, संयोग, संहिता आदि। दो वर्णों के योग से उत्पन्न हुए विकार को संधि कहते हैं और इसी संधि के मूल-मूल शब्दों को अलग-अलग इस रूप में करना जैसे पूर्ववत् थे, उसे ‘सन्धि-विच्छेद’ कहते हैं। जैसे देवालय = देव+आलय। इस तरह जो शब्द सन्धि से बने हैं उसे अलग-अलग अपने पूर्व के रूप में रखना अर्थात् सन्धि शब्द को तोड़ना ‘सन्धि-विच्छेद’ कहल...

Vyanjan Sandhi in hindi

Vyanjan sandhi in hindi व्यंजन संधि की परिभाषा-Definition of Vyanjan Sandhi व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है। व्यंजन संधि के प्रमुख नियम निम्न प्रकार से हैं। नियम 1-किसी वर्ग के पहले वर्ण क्, च्, ट्, त्, प् का मेल किसी वर्ग के तीसरे अथवा चौथे वर्ण या य्, र्, ल्, व्, ह या किसी स्वर से हो जाए तो क् को ग् च् को ज्, ट् को ड् और प् को ब् हो जाता है। जैसे – दिक् + गज = दिग्गज (क् + ग = ग्ग) वाक + ईश = वागीश (क् + ई = गी) अच् + अंत = अजंत (च् + अ = ज्) षट् + आनन = षडानन (ट् + आ = डा) नियम 2-यदि किसी वर्ग के पहले वर्ण (क्, च्, ट्, त्, प्) का मेल न् या म् वर्ण से हो तो उसके स्थान पर उसी वर्ग का पाँचवाँ वर्ण हो जाता है। जैसे – अप् + मय = अम्मय अच् + नाश = अंनाश षट् + मास = षण्मासVyanjan sandhi उत् + नयन = उन्नयन नियम 3-त् का मेल ग, घ, द, ध, ब, भ, य, र, व या किसी स्वर से हो जाए तो द् हो जाता है। जैसे – जगत् + ईश = जगदीश सत् + भावना = सद्भावना भगवत् + भक्ति = भगवद्भक्ति तत् + रूप = तद्रूपVyanjan sandhi सत् + धर्म = सद्धर्म नियम4-त् से परे च् या छ् होने पर च, ज् या झ् होने पर ज्, ट् या ठ् होने पर ट्, ड् या ढ् होने पर ड् और ल होने पर ल् हो जाता है। जैसे – उत् + चारण = उच्चारण सत् + जन = सज्जन उत् + झटिका = उज्झटिका तत् + टीका = तट्टीका उत् + लास = उल्लास नियम 5-यदि त् का मेल श् से हो तो त् को च् और श् का छ् बन जाता है। जैसे – उत् + श्वास = उच्छ्वास उत् + शिष्ट = उच्छिष्ट सत् + शास्त्र = सच्छास्त्रVyanjan sandhi नियम 6-त् का मेल यदि ह् से हो तो त् का द् और ह् का ध् हो जाता है। जैसे – उत् + हार = उद्...

संधि की परिभाषा, भेद और उदाहरण Sandhi In Hindi

संधि की परिभाषा, भेद और उदाहरण Sandhi In Hindi हिंदी व्याकरण में हमने आपको इससे पहले भी कई प्रकार की विस्तृत जानकारी दी है, जिस के माध्यम से आप गहराई से हिंदी व्याकरण के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं और अगर किसी प्रकार की दिक्कत हो रही हो, तो लेख के माध्यम से समझा भी जा सकता है| ऐसे में आज हम आपको हिंदी व्याकरण के ही मुख्य संधि के बारे में जानकारी देने वाले हैं तो निश्चित रूप से ही आपके लिए काम किए होंगे और आप इन के माध्यम से एक नई चीज देखते हुए आगे बढ़ पाएंगे| संधि की परिभाषा, भेद और उदाहरण Sandhi In Hindi आज हम आपको संधि के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं साथ ही साथ उनके प्रकार के बारे में भी बताएंगे ताकि आपका किसी प्रकार का भी मन में सवाल ना रहे| क्या है संधि? दरअसल संधि संस्कृत भाषा का शब्द है जो 2 शब्दों के मिलने से बना है जिसमें जोर और मेल मुख्य रूप से माना जाता है। दो मुख्य शब्दों के मिलने से जो एक नया परिवर्तन देखने को मिलता है, उसे संधि का नाम दिया जाता है। कभी-कभी दो शब्दों के मिलने से कुछ विकार उत्पन्न होता है जिसे हम आसानी से ही अपने शब्दों के माध्यम से बयां कर सकते हैं। संधि में खासतौर से पहला पद और दूसरा पद महत्वपूर्ण होता है जिसमें हम निश्चित रूप से परिवर्तन देख सकते हैं| क्या है संधि विच्छेद जब भी हम सन्धि के बारे में जिक्र करते हैं, तो बड़े ही आसानी के साथ उसके साथ ही संधि विच्छेद का जिक्र भी होने लगता है। संधि विच्छेद के माध्यम से किसी भी शब्द को स्वर और व्यंजन के बीच में तालमेल बिठाकर एक नया शब्द बनाना पड़ता है और जिस में अलग-अलग पदों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है इस प्रकार के विच्छेद का संधि विच्छेद कहा जाता है जिसका हम संस्कृत और हिंदी में...

संधि की परिभाषा, भेद और उदाहरण Sandhi In Hindi

संधि की परिभाषा, भेद और उदाहरण Sandhi In Hindi हिंदी व्याकरण में हमने आपको इससे पहले भी कई प्रकार की विस्तृत जानकारी दी है, जिस के माध्यम से आप गहराई से हिंदी व्याकरण के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं और अगर किसी प्रकार की दिक्कत हो रही हो, तो लेख के माध्यम से समझा भी जा सकता है| ऐसे में आज हम आपको हिंदी व्याकरण के ही मुख्य संधि के बारे में जानकारी देने वाले हैं तो निश्चित रूप से ही आपके लिए काम किए होंगे और आप इन के माध्यम से एक नई चीज देखते हुए आगे बढ़ पाएंगे| संधि की परिभाषा, भेद और उदाहरण Sandhi In Hindi आज हम आपको संधि के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं साथ ही साथ उनके प्रकार के बारे में भी बताएंगे ताकि आपका किसी प्रकार का भी मन में सवाल ना रहे| क्या है संधि? दरअसल संधि संस्कृत भाषा का शब्द है जो 2 शब्दों के मिलने से बना है जिसमें जोर और मेल मुख्य रूप से माना जाता है। दो मुख्य शब्दों के मिलने से जो एक नया परिवर्तन देखने को मिलता है, उसे संधि का नाम दिया जाता है। कभी-कभी दो शब्दों के मिलने से कुछ विकार उत्पन्न होता है जिसे हम आसानी से ही अपने शब्दों के माध्यम से बयां कर सकते हैं। संधि में खासतौर से पहला पद और दूसरा पद महत्वपूर्ण होता है जिसमें हम निश्चित रूप से परिवर्तन देख सकते हैं| क्या है संधि विच्छेद जब भी हम सन्धि के बारे में जिक्र करते हैं, तो बड़े ही आसानी के साथ उसके साथ ही संधि विच्छेद का जिक्र भी होने लगता है। संधि विच्छेद के माध्यम से किसी भी शब्द को स्वर और व्यंजन के बीच में तालमेल बिठाकर एक नया शब्द बनाना पड़ता है और जिस में अलग-अलग पदों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है इस प्रकार के विच्छेद का संधि विच्छेद कहा जाता है जिसका हम संस्कृत और हिंदी में...

Joining of words in Hindi, Sandhi Examples, Types and Definition

बोर्ड परीक्षा में हाई स्कोर करें: हमारे SuccessCDs कक्षा 10 हिंदी कोर्स के साथ! Click here Sandhi definition, Types of Joining of words, Joining of words examples – संधि और संधि-विच्छेद की परिभाषा, संधि के भेद और उदाहरण Joining of words in Hindi, Sandhi (संधि और संधि-विच्छेद): इस लेख में संधि और संधि-विच्छेद और संधि के भेदों के साथ-साथ उदाहरण भी दिए जा रहे हैं। संधि किसे कहते हैं? संधि-विच्छेद किसे कहते हैं? संधि के कितने भेद हैं? इन सभी प्रश्नों को उदाहरणों की सहायता से इस लेख में बहुत ही सरल भाषा में विस्तार पूर्वक बताया गया है। • • • • Class 10 Hindi Grammar Lessons संधि की परिभाषा - Definition संधि संस्कृत का शब्द है। दो वर्णों (स्वर या व्यंजन) के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते हैं। संधि निरथर्क अक्षरों से मिलकर सार्थक शब्द बनाती है। संधि में प्रायः शब्द का रूप छोटा हो जाता है। सरल शब्दों में- दो शब्दों या शब्दांशों के मिलने से नया शब्द बनने पर उनके निकटवर्ती वर्णों में होने वाले परिवर्तन या विकार को संधि कहते हैं। संधि दो शब्दों से मिलकर बना है – सम् + धि। संधि का शाब्दिक अर्थ है - मेल या समझौता। जब दो वर्णों का मिलन अत्यन्त निकटता के कारण होता है, तब उनमें कोई-न-कोई परिवर्तन होता है और वही परिवर्तन संधि के नाम से जाना जाता है। जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाती हैं, उसे संधि कहते हैं। अथार्त जब दो शब्द आपस में मिलकर कोई तीसरा शब्द बनाते हैं, तब जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहते हैं। Top संधि विच्छेद किसी पद को उसके मूल रूप से पृथक कर देना संधि-विच्छेद है। अथार्त संधि किये गये शब्दों को अलग...

संधि विच्छेद

‘सन्धि विच्छेद’ शब्द की व्युत्पत्ति(निर्वचन) ‘सन्धि’ शब्द की व्युत्पत्ति- सम् उपसर्ग पूर्वक ‘धा’ धातु (डुधाञ् धारणपोषणयोः) में ‘कि’ प्रत्यय लगकर ‘सन्धि’ शब्द निष्पन्न होता है, जिसका तात्पर्य होता है संधानं सन्धिः अर्थात् मेल, जोड़, संयोग आदि। व्याकरण के अनुसार ‘वर्णानां परस्परं विकृतिमत् संधानं सन्धिः’ अर्थात् दो वर्णाक्षरों के मेल से उत्पन्न हुए विकार को ‘सन्धि’ कहते हैं। जैसे- सेवा+अर्थ = सेवार्थ। यहाँ ‘सेवार्थ’ में सेवा और अर्थ ये दो शब्द हैं जिसमें सेवा का अन्तिम अक्षर ‘आ’ है और अर्थ का प्रथम शब्द ‘अ’ है। आ और अ ये दो वर्ण नियमतः आपस में मिलकर ‘आ’ बन जाता है। आ और अ वर्ण मिलकर बना ‘आ’ ही विकार कहलाता है। जैसे रमा+ईश = रमेश। यहाँ रमा का अंतिम वर्ण आ और ईश का प्रथम वर्ण ई ये दो वर्ण हैं। आ और ई मिलकर नियमतः विकार रूप में अर्थात् परिवर्तन होकर ए बन जाता है। विकार शब्द का तात्पर्य यहाँ पर परिवर्तन से है। इस प्रकार हिन्दी अथवा संस्कृत व्याकरण के अनुसार जब प्रथम शब्द की अन्तिम ध्वनि यानी अन्तिम वर्ण और द्वितीय शब्द की प्रथम ध्वनि यानी पहला वर्ण आपस में मिलकर ध्वनि परिवर्तन करते हैं यानी विकार उत्पन्न करते हैं तो उस परिवर्तन से बने नए वर्ण-विकार को ‘सन्धि’ कहा जाता है। ‘सन्धि’ एवं ‘सन्धि-विच्छेद’ शब्द का सामान्य अर्थ ‘संधि’ शब्द का सामान्य अर्थ होता है मेल, जोड़, संयोग, संहिता आदि। दो वर्णों के योग से उत्पन्न हुए विकार को संधि कहते हैं और इसी संधि के मूल-मूल शब्दों को अलग-अलग इस रूप में करना जैसे पूर्ववत् थे, उसे ‘सन्धि-विच्छेद’ कहते हैं। जैसे देवालय = देव+आलय। इस तरह जो शब्द सन्धि से बने हैं उसे अलग-अलग अपने पूर्व के रूप में रखना अर्थात् सन्धि शब्द को तोड़ना ‘सन्धि-विच्छेद’ कहल...

संधि

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Sandhi Vichchhed (संधि विच्छेद)

संधि का नाम संधि विच्छेद संधि का नियम संधि का प्रकार आ + छादन (आ + छ = आच्छ) व्यंजन संधि अप् + धि प वर्ग व्यंजन संधि अभि + सेक (भ् + स् = ष) व्यंजन संधि अभि + इष्ट इ + इ = ई दीर्घ संधि अभि + अर्थी यण संधि अभि + उदय इ + उ = य + उ यण संधि अभि + उत्थान इ + उ = य + उ यण संधि अप् + ज (प + ज + ब्ज) व्यंजन संधि अधः + फलित विसर्ग संधि अधि + इक्षण इ + इ = ई दीर्घ संधि अधः + गति विसर्ग संधि अधः + घात विसर्ग संधि अधः + जल विसर्ग संधि अधः + पतन विसर्ग संधि अधि + देश यण संधि अधि + आहार यण संधि अधि + अक्ष यण संधि अधि + अयन इ + अ = य + अ यण संधि अग्नि + आशय इ + आ = य + आ यण संधि आज्ञा + अनुसार आ + अ = आ दीर्घ संधि अच् + नाश (च् + न = ञ्) व्यंजन संधि अच् + आदि च वर्ग व्यंजन संधि अच् + अंत (च् + अ = ज्) व्यंजन संधि आम + आशय अ + आ = आ दीर्घ संधि अप् + मय (प् + म् = म्) व्यंजन संधि अन्न + आभाव अ + अ = आ दीर्घ संधि अन्तः गत विसर्ग संधि अंतः + करण विसर्ग संधि अनु + छेद (उ + छ = उच्छ) व्यंजन संधि अनु + उदित दीर्घ संधि