Sansadhan kise kahate hain

  1. संसाधन क्या है? संसाधन का महत्व, वर्गीकरण या प्रकार
  2. संसाधन किसे कहते हैं परिभाषा, प्रकार, महत्व
  3. Sansadhan Kise Kahate Hain
  4. संसाधन किसे कहते हैं?
  5. संसाधन किसे कहते हैं? (परिभाषा और प्रकार)
  6. संसाधन


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संसाधन क्या है? संसाधन का महत्व, वर्गीकरण या प्रकार

संसाधन क्या है? संसाधन का अर्थ (sansadhan kise kahate hain) मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति अथवा उनकी किसी कठिनाई का निवारण करने वाले या निवारण मे योग देने वाले आश्रय या स्त्रोत को संसाधन कहते है। दुसरे शब्दों मे, कोई वस्तु या तत्व तभी संसाधन कहलाता है जब उससे मनुष्य की किसी आवश्यकता की पूर्ति होती है, जैसे जल एक संसाधन है क्योंकि इससे मनुष्यों व अन्य जीवों की प्यास बुझती हैं, खेतो मे फसलों की सिंचाई होती है और यह स्वच्छता प्रदान करने, भोजन बानने और भी आदि मानव की बहुत सी महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। इसी प्रकार वे सभी प्रदार्थ जो मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति मे सहायतक होते है उन्हें संसाधन कहा जाता है। संसाधनो का महत्व (sansadhan ka Mahtva) संसाधन मानव जीवन को सरल व सुखद बनाते हैं, संसाधनों के बिना हम जीवन की कल्पना भी नही कर सकते। आदिकाल मे मनुष्य पूर्णतः प्रकृति पर निर्भर था। धीरे-धीरे मनुष्य ने अपनी बुद्धि-कौशल से प्रकृति के तत्वों का अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अधिकाधिक उपयोग किया। आज संसार के वे देश अधिक उन्नत व सम्पन्न माने जाते है जिनके पास अधिक संसाधन है। आज संसाधन की उपलब्धता हमारी प्रगति का सूचक बन गया है। इसीलिए संसाधनों का हमारे जीवन मे बड़ा महत्व है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रकृति का कोई भी तत्व तभी संसाधन कहलाएगा जब वह किसी मानवीय आवश्यकता की पूर्ति मे सहायक हो। किसी वस्तु या पदार्थ को संसाधन बनाना मनुष्य के हाथ मे है। मनुष्य अपनी बुद्धि, कौशल तकनीकी ज्ञान से प्राकृतिक तत्वों को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपयोगी एवं मूल्यवान बना लेता है। इस प्रक्रिया से प्राकृतिक तत्व संसाधन बन जाते हैं। संक्षेप मे हम कह सकते है कि प्राकृतिक साधन स...

संसाधन किसे कहते हैं परिभाषा, प्रकार, महत्व

Contents • 1 संसाधन किसे कहते हैं [ Sansadhan Kise Kahate Hain ] • 2 संसाधनों के प्रकार [ Sansadhano Ke Prakaar ] • 2.1 प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं [ Prakritik Sansadhan Ki Paribhasha ] • 2.2 मानव निर्मित संसाधन की परिभाषा [ Manav Nirmit Sansadhan Ki Paribhasha ] • 2.3 अजैव संसाधन की परिभाषा [ Ajaiv Sansadhan Ki Paribhasha ] • 2.3.1 नवीकरणीय संसाधन की परिभाषा [ Naveekarneey Sansadhan ki paribhasha ] • 2.3.2 अनवीकरणीय संसाधन की परिभाषा [ Anaveekarneey Sansadhan ki paribhasha ] • 2.3.2.1 इस लेख के बारे में: संसाधन किसे कहते हैं [ Sansadhan Kise Kahate Hain ] संसाधन की परिभाषा: हमारे पर्यावरण में उपस्थित प्रत्येक वस्तू, जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयोग की जा सकती है या कुछ ऐसे साधन जिनको तकनीक की सहायता से अपनी आवश्यकता को पूरा किया जा सके ऐसी साधनों को हम संसाधन कहते हैं। संसाधन के कुछ उदाहरण: मिट्टी, वायु, पानी, स्कूल बैग, टिफिन। संसाधनों के प्रकार [ Sansadhano Ke Prakaar ] संसाधनों को मुख्यत: दो भागों में बाँटा गया हैं। 1. प्राकृतिक संसाधन 2. मानव – निर्मित संसाधन प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं [ Prakritik Sansadhan Ki Paribhasha ] प्रकृति से प्राप्त वे सभी संसाधन, जो अधिक संसोधन के बिना प्रयोग में लाए जाते हैं, प्राकृतिक संसाधन कहलाते है। जैसे-वायु, नदी का जल, मृदा इत्यादि। मानव निर्मित संसाधन की परिभाषा [ Manav Nirmit Sansadhan Ki Paribhasha ] मानव निर्मित संसाधन की परिभाषा: प्रकृति में उपस्थित वे अपने बुद्धि कौशल तथातकनीक की सहायता से संसाधन के रूप में मानव निर्मित संसाधन कहलाते हैं। जैसे-कार, स्कूल बैग, फर्नीचर इत्यादि। उत्पत्ति के आधार पर संसाधन दो प्रका...

Sansadhan Kise Kahate Hain

अनुक्रम • • • • • • • • संसाधन किसे कहते हैं – संसाधन का अर्थ (sansadhan kise kahate hain) संसधान वह वस्तु या स्त्रोत जिसका उपयोग इन्सान अपने जरूरत और फायदे के लिए करता हैं. यह वस्तुए या स्त्रोत प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों हो सकते हैं. प्रकृति में हज़ारों वस्तुए और स्त्रोत मौजूद हैं. यह सभी तब तक संसाधन नहीं हैं जब तक की इन्सान इनमे हस्तक्षेप नहीं करे. जब किसी प्राकृतिक वस्तु या स्त्रोत को इन्सान अपने फायदे के लिए उपयोग करता हैं तो वह वस्तु संसाधन बन जाता हैं. जैसे: कच्चा तेल एक प्राकृतिक वस्तु हैं जब तक इन्सान ने पेट्रोल बनाना सिखा और गाड़ी का अविष्कार किया तब तक कच्चा तेल संसाधन नहीं था. समय के साथ इंसानों ने कच्चे तेल से पेट्रोल और अन्य पदार्थ बनाना सिखा. इंसानों ने कच्चे तेल के प्राकृतिक अस्तित्व में हस्तक्षेप किया. अंत कच्चा तेल संसाधन में गिना जाता हैं. 1933 में जिम्मरमैन ने संसाधन की परिभाषा को लेकर तर्क दिया था की , ‘अपने आप में न तो पर्यावरण, और न ही उसके अंग, संसाधन हैं, जब तक वह मानवीय आवश्यकताओं को संतुष्ट करने में सक्षम न हो. Ashok kis vansh ka shasak tha – चक्रवर्ती अशोक सम्राट संसाधन का महत्त्व क्या हैं? संसाधन किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था का आधार होता हैं. प्राकृतिक संसाधन में जमीन, पानी, खनिज, वन, वन-प्राणी, इत्यादि होते हैं. किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से उस राष्ट्र में मौजूद प्राकृतिक संसाधनों पर ही निर्भर करती हैं. क्योंकि बिना भूमि और पानी के कोई भी उधोग और कृषि सफ़ल नहीं हो सकते हैं. किसी भी देश को उसके खनिज भंडार के आधार पर ही सक्षम माना जाता हैं. क्योंकि प्रत्येक उधोग को स्थापित करने और सुचारू रूप से चलाने में खनिज का बहुत बड़ा भाग होत...

संसाधन किसे कहते हैं?

आज के इस आर्टिकल में पर्यावरण से संबंधित संसाधन के बारे में बताने जा रही हूं आप लोगों ने अक्सर किताबों में या समाचार पत्रों में संसाधन का नाम जरूर सुना होगा तो आज मैं संसाधन के बारे में आपको विस्तार पूर्वक बताऊंगी ताकि आप कोई अच्छी तरह से समझ में आ सके कि संसाधन किसे कहते हैं? संसाधन का english में क्या मतलब है? (Sansadhan meaning in english), संसाधन किस तरह इस्तेमाल करना चाहिए? संसाधन कितने प्रकार के होते हैं? इन सभी संबंध के बारे में इस आर्टिकल में मैं आपको बताने जा रही हूं। हम लोगों की आवश्यकता की पूर्ति जिस चीज से होती है ,उसे आसान भाषा में संसाधन कहते हैं। हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति अथवा हमारी किसी कठिनाई का निवारण करने वाले स्रोत को संसाधन कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो कोई वस्तु तभी संसाधन कहलाता है, जब उससे मनुष्य किसी आवश्यकता की पूर्ति करते हो। जैसे की जल संसाधन है ,क्योंकि इससे मनुष्य व अन्य जीवो की प्यास बुझती है, खेतों में फसलों की सिंचाई होती है, और अक्सर हम लोग घर साफ करते हैं ,भोजन बनाते हैं और इत्यादि आवश्यकताओं की पूर्ति जल द्वारा होती है। वस्तु या संसाधन जो कि मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है अथवा ऐसे पदार्थ जो कि मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक होते हैं उन्हें हम संसाधन कहते हैं। आज संसाधन की उपलब्धता हमारी प्रकृति का सूचक बन गया है, इसीलिए संसाधनों का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है। संसाधन meaning in english (Sansadhan meaning in english) संसाधन को अंग्रेजी भाषा में हम Resources कहते हैं। अगर अंग्रेजी में इसकी परिभाषा कहे तो ” A resource is a source of supply from which a benefit is produced and that has some utility”. It means a resource ...

संसाधन किसे कहते हैं? (परिभाषा और प्रकार)

नमस्कार दोस्तों! इस लेख में आपको संसाधन किसे कहते हैं (Sansadhan Kise Kahate Hain), संसाधन क्या है (Sansadhan Kya Hai), संसाधन की परिभाषा (Sansadhan Ki Paribhasha), संसाधन कितने प्रकार के है (Sansadhan Ke Prakar), आदि के बारे में विस्तार से जानने को मिलने वाला हैं। अतः आर्टिकल को अंत तक पढ़े और हो सके तो अपने दोस्तों के साथ भी जरुर से शेयर करें। चलिए शुरू करते हैं। 4 अंतिम शब्द संसाधन किसे कहते हैं? | Sansadhan Kise Kahate Hain संसाधन (Resource) एक ऐसा स्रोत है जिसका उपयोग मनुष्य अपने इच्छाओं की पूर्ति के लिए करता है। संसाधन कुछ भी हो सकता है, हवा से लेकर सोने के आभूषण तक सब कुछ संसाधन ही है। मनुष्य संसाधन का उपयोग लाभ प्राप्ति और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए करता हैं। मानव के विकास में संसाधन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। घर के निर्माण में उपयोग होने वाली लकड़ी लाकड`से लेकर प्रकाश से उत्सर्जित उर्जा तक ये सभी संसाधन हैं। संसाधन व्यवसाय का एक अनिवार्य तत्व हैं, इसमें भूमि, पूंजी, सामग्री, मशीनें, समय, ऊर्जा, जनशक्ति, प्रबंधन, ज्ञान, विशेषज्ञता और सूचना शामिल हैं। Also Read – संसाधन क्या है? | Sansadhan Kya Hai ऊपर हमने जाना की संसाधन किसे कहते हैं, चलिए अब संसाधन की परिभाषा (Sansadhan Ki Paribhasha) पर भी एक नजर डाल लेते हैं। • स्मिथ एवं फिलिप्स के अनुसार- “भौतिक रूप से संसाधन वातावरण की वे प्रक्रियायें हैं जो मानव के उपयोग में आती हैं।” • जेम्स फिशर के शब्दों में- “संसाधन वह कोई भी वस्तु हैं जो मानवीय आवश्यकतों और इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।” • जिम्मर मैन के अनुसार-“संसाधन पर्यावरण की वे विशेषतायें हैं जो मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति में सक्षम मानी जाती हैं, जैसे ह...

संसाधन

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर स्रोत खोजें: · · · · संसाधन (resource) एक ऐसा स्रोत है जिसका उपयोग मनुष्य अपने इच्छाओं की पूर्ति के लिए करता है। कोई वस्तु संसाधन शब्द का अभिप्राय साधारणतः मानव उपयोग की वस्तुओं से है। ये प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों हैं। मनुष्य प्रकृति के अपने अनुरूप उपयोग के लिए तकनीकों का विकास करता है। प्राकृतिक तंत्र में किसी तकनीक का जनप्रिय प्रयोग उसे एक सभ्यता में परिणित करता है, यथा जीने का तरीका या जीवन निर्वाह। इस प्रकार यह सांस्कृतिक संसाधन की स्थिति प्राप्त करता है। संसाधन राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के आधार का निर्माण करते हैं। भूमि, जल, वन, वायु, खनिज के बिना कोई भी कृषि व उद्योग का विकास नहीं कर सकता। ये प्राकृतिक पर्यावरण जैसे कि वायु, जल, वन और विभिन्न जैव रूपों का निर्माण करते हैं, जो कि मानवीय जीवन एवं विकास हेतु आवश्यक है। इन प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से मनुष्य ने घरों, भवनों, परिवहन एवं संचार के साधनों, उद्योगों आदि के अपने संसार का निर्माण किया है। ये मानव निर्मित संसाधन प्राकृतिक संसाधनों के साथ काफी उपयोगी भी हैं और मानव के विकास के लिए आवश्यक भी। 'संसाधन की परिभाषा:-' Abhimanyu anand के अनुसार:- '’ “मानवीय आवश्यकताओ एवं इच्छाओ को पुरा करने वाले सभी वस्तुएँ संसाधन कहलाते हैं" | स्मिथ एवं फिलिप्स के अनुसार- "भौतिक रूप से संसाधन वातावरण की वे प्रक्रियायें हैं जो मानव के उपयोग में आती हैं।” जेम्स फिशर के शब्दों में- “संसाधन वह कोई भी वस्तु हैं जो मानवीय आवश्यकतों और इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।” जिम्मर मैन के अनुसार- "संसाधन पर्यावरण की वे विशेषतायें हैं जो मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्...