Sarangdhar rachnakar hai

  1. हिन्दी की प्रमुख गद्य रचनाएँ एवं रचयिता
  2. rekhachitra
  3. राग गोविन्द के रचनाकार है?
  4. हिन्दी की प्रमुख गद्य रचनाएँ एवं उनके रचयिता
  5. हरिशंकर परसाई किस तरह की साहित्य रचना के लिए जाने जाते है?
  6. हम्मीर रासो के लेखक


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हिन्दी की प्रमुख गद्य रचनाएँ एवं रचयिता

हिन्दी की प्रमुख गद्य रचनाएँ एवं रचयिता (Hindi Rachnaye Aur Rachnakar): नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने जा रहे है कुछ विशेष साहित्य, रचनाएं तथा उनके रचनाकारों के बारे में। हिंदी साहित्य उनके अमूल्य कृतियों का सागर है, जिसे हम वक़्त के साथ भूलते ही जा रहे हैं। समृद्ध साहित्य किसी अन्य भाषा का नहीं है और ना ही किसी अन्य भाषा परम्परा का साहित्य और कृतियां इतने लंबे समय तक अविरल प्रवाहक रूप में रही हैं।

rekhachitra

रेखाचित्र रेखाचित्र अंग्रेज़ी के ‘स्केच’ (sketch) शब्द का समानार्थी है। रेखाचित्र (rekhachitra) मूल रूप से चित्रकला का शब्द है। वहीं से इस शब्द को लेकर इसे काव्य-कला अर्थात्‌ साहित्य के अंतर्गत प्रतिष्ठित किया गया है। निष्कर्ष रूप में रेखाओं के द्वारा बना हुआ चित्र रेखाचित्र है। चित्रकार रेखाचित्रों में केवल टेढ़ी-आड़ी-तिरछी रेखाओं का उपयोग करता है। वह इन्हीं रेखाओं से चित्रांकन करता है। इन चित्रों में वह रंग नहीं भरता। रेखाचित्र की विशेषता यह होती है कि इसमें साहित्यकार अपनी कल्पना या अनुभूति का अलग से कोई रंग नहीं भरता, जिस व्यक्ति, वस्तु या दृश्य का वर्णन करना है, उसका हू-ब-हू चित्र अंकित कर देता है। इसी के अनुकरण पर जब साहित्यकार शब्द-रेखाओं द्वारा किसी वस्तु या व्यक्ति का चित्र पाठकीय-चेतना के समक्ष प्रस्तुत करता है, तब उसके इस शब्द-चित्त को साहित्यिक दृष्टि से ‘रेखाचित्र’ की संज्ञा प्राप्त होती है। इसीलिए इसका दूसरा नाम ‘शब्दचित्र’ भी है। “चित्र में रेखाएँ जो काम करती हैं, वही काम साहित्य में शब्द करते हैं।” ‘हिंदी साहित्य कोश’ में रेखाचित्र की परिभाषा कुछ इस प्रकार है- “रेखाचित्र किसी व्यक्ति, वस्तु, घटना या भाव का कम से कम शब्दों में मर्मस्पर्शी, भावपूर्ण एवं सजीव अंकन है।” रेखाचित्र एक भावप्रधान रचना है, जिसमें एक ही वस्तु विषय का भावप्रवण, मार्मिक एवं प्रभावी किंतु शाब्दिक रेखाओं में अंकन होता है। रेखाचित्र वर्णन-प्रधान संस्मरण है किन्तु इनकी चित्तात्मकता संस्मरण से पृथक कर देती है। संस्मरण और रेखाचित्र दोनों में ही वर्ण्य विषय काल्पनिक न होकर यथार्थ होता है। परंतु संस्मरण में आत्मपरकता अधिक होती है वहीं रेखाचित्र में कम। बनारसीदास चतुर्वेदी ने ‘संस्मरण’ पुस्तक म...

राग गोविन्द के रचनाकार है?

मीराबाई ने चार ग्रंथों की रचना की – नरसी म्हारो, गीत गोविंद टीका, राग-गोविंद और राग सोरठ के पद। सूरदास की रचनाओं में सूरसागर, सूरसारावली और साहित्य लहरी शामिल हैं। जबकि रसखान का कविता संग्रह 'रसखान रचनावली' तथा 'प्रेमवाटिका' है। नरहरि की रचनाओं में 'रुक्मिणी मंगल', 'छप्पय नीति' और 'कवित्तसंग्रह' शामिल है। Tags :

हिन्दी की प्रमुख गद्य रचनाएँ एवं उनके रचयिता

गद्य क्या होता है? मनुष्य की बोलने या लिखने पढ़ने की छंदरहित साधारण व्यवहार की प्रमुख गद्य रचनाएँ एवं रचयिता (रचनाकार) क्रमांक रचना रचयिता 1. श्रृंगार रस मण्डन गोसांई विट्ठलनाथ 2. चौरासी वैष्णवन की वार्ता गोसांई गोकुलनाथ 3. दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता गोसांई गोकुलनाथ 4. अष्टयाम नाभादास 5. चन्द छन्द बरनन की महिमा गंग कवि 6. गोरा बादल की कथा जटमल 7. भाषा योग वाशिष्ठ रामप्रसाद निरंजनी 8. प्रेम सागर लल्लूलाल 9. सुख सागर मुंशी सदासुखलाल 10. नासिकेतोपाख्यान सदल मिश्र 11. रानी केतकी की कहानी मुंशी इंशा अल्ला खां 12. राजा भोज का सपना शिवप्रसाद सितारेहिन्द 13. शकुन्तला राजा लक्ष्मण सिंह 14. सत्यार्थ प्रकाश स्वामी दयानन्द 15. अर्द्धनारीश्वर रामधारी सिंह ‘दिनकर’ 16. अशोक के फूल हजारी प्रसाद द्विवेदी 17. अन्धेर नगरी भारतेन्दु हरिश्चन्द्र 18. अन्धेरे बन्द कमरे मोहन राकेश 19. अतीत के चलचित्र महादेवी वर्मा 20. आधे-अधूरे मोहन राकेश 21. अजातशत्रु जयशंकर प्रसाद 22. अपनी खबर पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ 23. आलोक पर्व आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी 24. आषाढ़ का एक दिन : मोहन राकेश 25. आवारा मसीहा विष्णु प्रभाकर 26. आस्था के चरण डॉ नगेन्द्र 27. आचरण की सभ्यता सरदार पूर्णसिंह 28. आँखों की थाह रायकृष्ण दास 29. अतीत स्मृति महावीरप्रसाद द्विवेदी 30. अधूरी क्रान्ति सम्पूर्णानन्द 31. आर्यों का आदि देश सम्पूर्णानन्द 32. एक बूंद सहसा उछली : अज्ञेय 33. अनामदास का पोथा हजारी प्रसाद द्विवेदी 34. कलम का सिपाही : अमृतराय 35. क्या भूलें क्या याद करू : हरिवंशराय बच्चन 36. कल्पलता हजारी प्रसाद द्विवेदी 37. कुटज हजारी प्रसाद द्विवेदी 38. कालिदास की निरंकुशता महावीर प्रसाद द्विवेदी 39. कालिदास की लालित्य योजना हजार...

हरिशंकर परसाई किस तरह की साहित्य रचना के लिए जाने जाते है?

हरिशंकर परसाई 'व्यंग्य' रचना के लिए जाने जाते हैं। वह हिंदी के प्रसिद्ध लेखक और व्यंग्यकार थे। इनके द्वारा लिखित व्यंग्य कृतियां — कहानी संग्रह : हंसते हें रोते हैं, 'जैसे उनके दिन फिरे', 'भोला राम का जीव'; उपन्यास : 'रानी नागफनी की कहानी' 'तट की खोज' 'ज्वाला और नल' संस्मरण तिरछी रेखाएं आदि है। हरिशंकर परसाई हिंदी के पहले रचनाकार थे, जिन्होंने व्यंग्य को विधा का दर्जा दिलाया और उसे हल्के-फुल्के मनोरंजन की परंपरागत परिधि से उबारकर समाज के व्यापक प्रश्नों से जोड़ा। उनकी व्यंग्य रचनाएँ हमारे मन में गुदगुदी ही पैदा नहीं करतीं, बल्कि हमें उन सामाजिक वास्तविकताओं के आमने-सामने खड़ा करती हैं, जिनसे किसी भी व्यक्ति का अलग रह पाना लगभग असंभव है। उनकी भाषा-शैली में एक ख़ास प्रकार का अपनापन नज़र आता है। Tags :

हम्मीर रासो के लेखक

हम्मीर रासो नामक रचना की कोई मूल प्रति नहीं मिलती है। • इस रचना के रचयिता शारङ्गधर को माना जाता है। • यह रचना महेश कवि कृत हम्मीर रासो के बाद की है। • 'प्राकृत पैगलम' में इसके कुछ छन्द उदाहरण के रुप में दिए गये है। • इस ग्रन्थ की भाषा हम्मीर रासो (महेश) के समय के कुछ बाद की लगती है। अतः भाषा के आधार पर इसे हम्मीर रासो (महेश) के कुछ बाद का माना जा सकता है