Saraswati vandana in hindi

  1. सरस्वती वंदना लिरिक्स
  2. [PDF] माँ सरस्वती वंदना
  3. माँ सरस्वती की वन्दना
  4. या कुन्देन्दुतुषारहारधवला लिरिक्स
  5. Saraswati Puja 2020: मां शारदे की आरती, वंदना, कथा और पूजा विधि विस्तार से जानें यहां
  6. Top 33+ Best Maa Saraswati Vandana In Hindi
  7. माँ सरस्वती वंदना का अर्थ ~ बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ


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सरस्वती वंदना लिरिक्स

तर्ज ­­-परदेशियों से न अँखियाँ सरस्वती मैया मैंने दीपक जलाया। दीपक जलाया हमने सर है झुकाया।। (1) मन का है दीपक, आस की है ज्योति -ज्योति। अरमानो से है हम संजोती।। श्रद्धा सुमनों से हार बनाया सरस्वती मैया मैंने दीपक जलाया (2) वीणा वादिन हंस सवारी -सवारी। ज्ञान दयिनी पुस्तक धारी।। अगम अगोचर संत बताया सरस्वती मैया मैंने दीपक जलाया (3) स्वर की दाता ऐसा वर दे – वर दे। कोयल स्वर लय कंठ में भर दे।। आज्ञानी को तुमने ज्ञान सिखाया सरस्वती मैया मैंने दीपक जलाया (4) शांति निकेतन सरस बनाना -बनाना। बच्चों की विनती पै दोडी आना।। संजय है दास सदा,गुण तेरा गाया सरस्वती मैया मैंने दीपक जलाया यह भी पढ़ें:- Saraswati Vandana Hindi Lyrics दोहा- तेरे चरणों सरस्वती, मैं मस्तक रहा नवाय। वीणा वादिनी आय के मुझको ज्ञान बताय।। तर्ज- आय जइयो श्याम बरसाने गाँव कोयल जैसा स्वर कर दे माँ तुझको आज मनाय रहा। मस्तक तेरे चरण नवाय रहा।। (1) वीणा कर धारण करती हो। खाली झोली को भरती हो।। श्वेत कमल का सिंहासन माँ मेरे मन को भाय रहा। मस्तक तेरे चरण नवाय रहा।। (2) सदबुद्धि भाव जगा मेरा। कंठ पर वास हो तेरा।। वर्धहस्त ऊपर रख दे मैं तुझसे आश लगाय रहा। मस्तक तेरे चरण नवाय रहा।। (3) माँ अंधकार मेरा हर दे। मन दूषित है निर्मल कर दे।। बीच सभा में महावीर तोय मैय आज मनाय रहा। मस्तक तेरे चरण नवाय रहा।। यह भी पढ़ें:- Saraswati Vandana Lyrics तर्ज – तुम जो चले गये तो चरणों में शीश झुकावें, तू सुनि मेरी महतारी कर वीणा लगौ तुम्हारे और हंस की करौ सवारी (1) रिद्धि सिद्धि तुम बुद्धि की दाता चरणों में सर रखके तुम्हें मनाता गल फूलों की माला, और कर में पुस्तक धारी कर वीणा लगौ तुम्हारे और हंस की करौ सवारी (2) देवों ने दर तेरे डाला था डेरा तब...

[PDF] माँ सरस्वती वंदना

सरस्वती वंदना या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥ सरस्वती वंदना गीत- वर दे, वीणावादिनि वर दे ! प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे ! काट अंध-उर के बंधन-स्तर बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर; कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर जगमग जग कर दे ! नव गति, नव लय, ताल-छंद नव नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव; नव नभ के नव विहग-वृंद को नव पर, नव स्वर दे ! वर दे, वीणावादिनि वर दे। – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”

माँ सरस्वती की वन्दना

मैया हम पर उपकार करो विद्या का दान हमें देकर मैया हमरा उद्धार करो माँ हमको भी बुद्धि दे दो मन को हमारे शुद्धि दे दो करती हो माँ काहे देरी समझो मैया विपदा मेरी सुन लो माता विनती हमारी आ जाओ कर हंस सवारी हम हैं माँ मूरख अज्ञानी हम तो तुम्हरी पूजा न जानी फिर भी हैं हम लाल आपके विनती मेरी स्वीकार करो माँ हर युग में सदा आपकी जय जयकार हुई है सारा ब्रह्मांड है माँ तुमसे ए वेद पुराण सभी हैं माँ तुम्हरे बिन ब्रह्म देव भी भाग्य नहीं लिख पाते बिना आपके कुम्भकर्ण को निन्द्राशन कैसे दिलाते माँ बसो मेरे अन्तर्मन में मुझ में भी चमत्कार करो हे वीणा वादिनी शारदे माँ वीणा की तान सुना दीजै उलझ गया संसार में हूँ मुझमें मुस्कान माँ ला दीजै हर रात चाँदनी हो मेरी हर दिन को माँ त्यौहार करो माँ है अथाह संसार का सागर क्या खोया क्या मैंने पाकर कृपा करो माँ अगर आप तो हो जीवन धन्य धरा पर आकर मानुष जनम मिला कृपा से नहीं जाना है इसे व्यर्थ गँवा कर माँ बीच भँवर में फँसी है नैया हमरी नैया पार करो - संदीप निर्मल हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है। आपकी रचनात्मकता को अमर उजाला काव्य देगा नया मुक़ाम, रचना भेजने के लिए विशेष • आज का विचार: स्वामी विवेकानंद • नासमझ के प्यार का इल्ज़ाम लेकर क्या करूँ • Hindi Kavita: अज्ञेय की कविता 'तुम हँसी हो - जो न मेरे होंठ पर दीखे' • Gulzar Ghazal: तुझ को देखा है जो दरिया ने इधर आते हुए, कुछ भँवर डूब गए पानी में चकराते हुए • काका हाथरसी की हास्य रचना: सीधी नजर हुई तो सीट पर बिठा गए • Social Media Poetry: एक बड़ी सी ज़िम्मेदारी, एक ज़रा सी प्रेम कहानी

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला लिरिक्स

• • • • या कुन्देन्दुतुषारहारधवला लिरिक्स या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभि र्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌। हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌ वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥२॥ Ya Kundendu Tushara Hara Dhavala Lyrics Ya Kundendu Tusharahara Dhavala Ya Shubhra Vastravruta Ya Veena Varadanda Manditakara Ya ShwetPadmasana Ya Brahmachyut Shankara Prabhritibihi Devai Sada Vandita Sa Mam Pattu Saraswati Bhagwati Nihshesh Jadyapaha॥1॥ Shuklam Brahmavichara Sara Parma Adyam Jagadvyapineem Veena Pustaka Dharineem Abhayadam Jadyandhakarapaham। Haste Sphatikamalikam Vidadhateem Padmasane Samsthitam Vande Tam Parmeshvareem Bhagwateem Buddhipradam Sharadam ॥2॥ Meaning of Saraswati Mantra Line-1: I salute Mother Saraswati who is so pure and white like that of jasmine, moon and a garland of pearls; she is the one who is adorned with sparkling white garments. Line-2: whose hands are adorned with the Veena and boon giving staff; who is seated on a pure white lotus Line-3: Who is always worshipped by Brahma (the creator), Achyuta (Vishnu or the protector), Shankara (Shiva or the destroyer) and all the devas (gods) Line-4: Oh Mother Saraswati, the divine one, protect me and dispel all my ignorance. Benefit of Ya Kundendu Tushara Hara Dhavala Regular cha...

Saraswati Puja 2020: मां शारदे की आरती, वंदना, कथा और पूजा विधि विस्तार से जानें यहां

Maa Saraswati: आज बसंत पंचमी का त्योहार है जो हर साल माघ शुक्ल पंचमी के दिन मनाया जाता है। सरस्वती पूजा के दिन से ही वसंत ऋतु का आगमन भी होता है। सरस्वती पूजा दोपहर के समय की जाती है। मान्यता है कि जिस इंसान पर मां सरस्वती की कृपा होती है, उसकी बुद्धि प्रखर और अन्य से अलग होती है। देवी सरस्वती से विद्या और बुद्धि की प्रखरता प्राप्त करने के लिए ही वसंत पंचमी पर इनकी अराधना का महत्व होता है। वसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त (Vasant Panchami Shubh Muhurat): वसन्त पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त – 10:45 ए एम से 12:34 पी एम अवधि – 01 घण्टा 49 मिनट्स वसन्त पंचमी मध्याह्न का क्षण – 12:34 पी एम पंचमी तिथि प्रारम्भ – जनवरी 29, 2020 को 10:45 ए एम बजे पंचमी तिथि समाप्त – जनवरी 30, 2020 को 01:19 पी एम बजे सरस्वती वन्दना (Saraswati Vandana): इस सरस्वती स्तुति का पाठ वसन्त पंचमी के पावन दिन पर सरस्वती पूजा के दौरान किया जाता है। या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥ या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता। सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं। वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌॥ हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌। वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥२॥ सरस्वती ध्यान मंत्र (Saraswati Mantra) ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम्। हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में ॐ।। महासरस्वती मंत्र (Mahasaraswati Mantra) ॐ ऐं महासरस्वत्यै नमः सरस्वती मंत्र ज्ञान प्राप्ति के लिए (Saraswati Mantra for Wisdom) वद वद वाग्वादिनी स्वाहा सरस्वती मंत्र...

Top 33+ Best Maa Saraswati Vandana In Hindi

5/5 - (3 votes) Maa Saraswati Vandana In Hindi :- माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी अर्थात् बसन्त पंचमी माँ सरस्वती की पूजा- आराधना का विशिष्ट दिन है। सरस्वती शब्द का शाब्दिक अर्थ है- ‘सरस की स्वामिनी’ अर्थात् रसपूर्ण दिव्य भावों को प्रदान करने वाली देवी माँ। माँ सरस्वती को विद्या, ज्ञान, कला और संगीत की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण सर्वाधिक सरस्वती नाम से जाना जाता है। चन्द्रमा की भाँति गौरवर्ण माँ सरस्वती अपने दोनों हाथों में वीणा धारण करती हैं। माँ सरस्वती के तीसरे हाथ में पुस्तक तथा चौथे हाथ में स्फटिक की माला सुशोभित रहती है। जहाँ वीणा संगीत और कला तथा पुस्तक ज्ञान का प्रतीक है, वहीं स्फटिक की माला इस बात का प्रतीक है कि माँ सरस्वती को भगवान् शिव के समान ही तप करना प्रिय है। माँ सरस्वती का वाहन हंस भी सात्त्विक गुणों को दर्शाता है। माँ सरस्वती का आसन भी श्वेत कमल पुष्प है। विद्या, कला, ज्ञान-विज्ञान और संगीत की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती को सफेद रंग की वस्तुएँ प्रिय हैं। माँ सरस्वती श्वेत वस्त्र धारण करने के साथ ही आभूषण भी मोतियों के बने हुए ही धारण करती हैं। यही कारण है कि माँ सरस्वती की पूजा-आराधना करते समय श्वेत रंग की वस्तुओं यथा-दूध-दही-मक्खन, सफेद तिल का लड्डू, श्वेत चंदन, श्वेत पुष्प, श्वेत परिधान, श्वेत अलंकार (चाँदी से निर्मित), खोवे का श्वेत मिष्ठान्न, शर्करा, श्वेत मोदक, घृत, नारियल, नारियल का जल, श्रीफल आदि का ही उपयोग करने का शास्त्रीय विधान है। गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के बालकाण्ड में माँ सरस्वतीजी और देवनदी गंगाजी के संबंध में वर्णित है कि- पुनि बंदउँ सारद सुरसरिता। जुगल पुनीत मनोहर चरिता।। मज्जन पान पाप हर एका। कहत सुनत एक हर अबिबेक...

माँ सरस्वती वंदना का अर्थ ~ बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ

अर्थ : जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली मां सरस्वती हमारी रक्षा करें... अर्थ : शुक्लवर्ण वाली, संपूर्ण चराचर जगत्‌ में व्याप्त, आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार एवं चिंतन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से भयदान देने वाली, अज्ञान के अंधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पद्मासन पर विराजमान बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलंकृत, भगवती शारदा (सरस्वती देवी) की मैं वंदना करता हूं! ​,3,अंकेश धीमान,3,अकबर-बीरबल,15,अजीत कुमार सिंह,1,अजीत झा,1,अटल बिहारी वाजपेयी,5,अनमोल वचन,44,अनमोल विचार,2,अबुल फजल,1,अब्राहम लिँकन,1,अभियांत्रिकी,1,अभिषेक कुमार अम्बर,1,अभिषेक चतुर्वेदी,1,अभिषेक चौधरी,1,अभिषेक पंडियार,1,अमर सिंह,2,अमित शर्मा,13,अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’,2,अरस्तु,1,अर्नेस्ट हैमिग्व,1,अर्पित गुप्ता,1,अलबर्ट आईन्सटाईन,1,अलिफ लैला,64,अल्बर्ट आइंस्टाईन,1,अशफाकुल्ला खान,1,अश्वपति,1,आचार्य चाणक्य,22,आचार्य विनोबा भावे,1,इंजीनियरिंग,1,इंदिरा गांधी,1,उद्धरण,42,उद्योगपति,2,उपन्यास,2,ओशो,10,ओशो कथा-सागर,11,कबीर के दोहे,2,कवीश कुमार,1,कहावतें तथा लोकोक्तियाँ,11,कुमार मुकुल,1,कृष्ण मलिक,1,केशव किशोर जैन,1,क्रोध,1,ख़लील जिब्रान,1,खेल,1,गणतंत्र दिवस,1,गणित,1,गोपाल प्रसाद व्यास,1,गोस्वामी तुलसीदास,1,गौतम कुमार,1,गौतम...