Sarpagandha ka paudha

  1. How to Grow Ashwagandha ka Paudha
  2. Sarpagandha Plant
  3. तुलसी का पौधा कब लगाना चाहिए
  4. घर में कौन से पेड़ लगाना चाहिए
  5. Sarpagandha Plant Benefits in Hindi
  6. पारिजात वृक्ष की संपूर्ण जानकारी: धार्मिक व औषधीय, Parijat Tree Benefits In Hindi
  7. सर्पगंधा के फायदे, उपयोग और नुकसान
  8. सहदेवी पौधे के लाभकारी उपाय, सारी समस्याओं का रामबाण है ये
  9. सर्पगंधा के फायदे, उपयोग और नुकसान
  10. तुलसी का पौधा कब लगाना चाहिए


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How to Grow Ashwagandha ka Paudha

Growing Ashwagandha ka Paudha at home is not a task when you know how to do it right. Here’s everything you need to know ! Growing herbs at home is such a rewarding experience, as you can have a fresh supply right at your fingertips. One such herb to grow is How to Grow Ashwagandha ka Paudha! Know about Medicinal Herbs and their Uses What is Ashwagandha ka Paudha? Ashwagandha ka Paudha is indigenous to Indian subcontinents, specifically the dry regions of India, Pakistan, and Sri Lanka. It is an Common Names: Indian ginseng, Winter cherry, Ajagandha, Poison gooseberry Check out the best Ayurvedic Herbs for Chakras How to Grow Ashwagandha ka Paudha? You can purchase the seeds and grow them in a pot or garden. Make sure to use a good potting mix, keep the soil moist, and ensure it gets bright and indirect light. The seeds will probably sprout in 1-2 weeks during June and July. Note: You can also buy a well-grown sapling from a nursery to save a lot of time! Growing Requirements of Ashwagandha ka Paudha Sunlight The plant belongs to the tropical climate, choose a spot that receives at least 3-5 hours of bright, direct sunlight daily. Avoid growing the plant in the shade as it will result in stunted growth. Soil Any well-draining, porous soil will work wonders for this plant. It does best in neutral to slightly alkaline pH ranging from 7.5 – 8. Learn the Health Benefits of Giloy Climate and Temperature It is fond of the tropical climate of India and responds well to the temper...

Sarpagandha Plant

Sarpagandha (Rauwolfia serpentina) - Uses, Properties, Benefits, Side effects & Dosage Sarpagandha Plant Sarpagandha Plant is an evergreen, erect glabrous perennial shrub that normally grows up to a height of 60 cm. Sarpagandha scientific name is Rauwolfia Serpentina Roots of this herb are tuberous with a cork of a pale brown color. Leaves of this plant are generally found in whorls of three, and are bright green colored above and pale green colored below. The base of the leaves is slender and tapering in nature. Petioles of this plant are long. The flowers are white in color, sometimes violet in color and contains nectar at the deep of the corolla tubes. Peduncles are long enough while the pedicles are stout. The calyx is bright red in color. Corolla is usually longer than the calyx. Drupes of this plant are slightly connate, ovoid and are of purplish black color. The flowering period of this plant is March to May in India. Its fruit are oval fleshy and tiny which turn shiny purple-black on ripening. General Description Rauwolfia serpentina has been known for its medicinal value. It is one of the finest remedy that is widely used for high blood pressure and also as sedative and tranquillizing agent. Rauwolfia serpentina comprises of many bioactive chemicals with more than 50 different alkaloids. Out of 50 alkaloids, main alkaloids present are ajmaline, ajmalicine, indobine, indobinine, ajmalimine, serpentine, serpentinine, deserpidine, reserpinine, reserpiline, rescinnami...

तुलसी का पौधा कब लगाना चाहिए

तुलसी का जितना धार्मिक महत्व हैं. उतनी ही तुलसी औषधीय गुणों से भी भरपूर होती हैं. तुलसी का उपयोग काफी सारी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता हैं. ऐसा माना जाता है की जिस घर में तुलसी का पौधा लगाया जाता हैं. उस घर में सुख-समृद्धि हमेशा के लिए बनी रहती हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की तुलसी का पौधा कब लगाना चाहिए तथा तुलसी कितनी प्रकार की होती हैं . इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. • • • • • • तुलसी का पौधा कब लगाना चाहिए / तुलसी का पौधा किस दिन लगाएं हिंदू कैलेंडर और हिंदू मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास के गुरुवार के दिन तुलसी का पौधा लगाना अतिशुभ माना जाता हैं. तुलसी कितने प्रकार की होती है तुलसी पांच प्रकार की होती है. तुलसी के पांचो प्रकार के नाम हमने नीचे बताए है. • श्याम तुलसी • राम तुलसी • विष्णु या श्वेत तुलसी • नींबू तुलसी • वन तुलसी शमी का पौधा घर में कहां लगाएं | शमी का पेड़ घर के अंदर लगाना चाहिए तुलसी का पौधा सूखने के कारण तुलसी का पौधा सूखने के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं: • गर्मी के समय में कई बार तुलसी का पौधा लू लगने के कारण सुख जाता हैं. • शर्दी के मौसम में ओस के कारण तुलसी के पौधे सुख जाते हैं. • तुलसी के पौधे को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती हैं. अगर तुलसी के पौधे को अधिक पानी दे दिया जाए. तो तुलसी का पौधा सरवाइव नहीं कर पाता हैं. और इस कारण भी तुलसी का पौधा सुख जाता हैं. • तुलसी के पौधे को सामान्य धुप की जरूरत होती हैं. अगर तुलसी के पौधे पर अधिक धुप आ रही हैं. तो इस कारण भी तुलसी का पौधा सूखने लगता हैं. • तुलसी के पौधे को हवा भी कम मात्रा में चाहिए. अगर तुलसी का पौधा हवा...

घर में कौन से पेड़ लगाना चाहिए

घर में कौन से पेड़ लगाना चाहिए – Vastu Shastra Tips for Home in Hindi Ghar mein kaun se ped lagana chahiye : अक्सर लोगों के द्वारा पूँछा जाता है कि घर में कौन से पेड़ लगाना चाहिए ( Ghar mein kaun se ped lagana chahiye), घर में कौन से प्लांट लगाना चाहिए (Ghar mein kaun se plant lagana chahiye), Ghar mein kaun se pode lagaye, Ghar mein kaun se podhe lagaye. अगर आप के मन में भी यह सवाल है कि घर में कौन से पेड़ लगाना चाहिए (Ghar mein kaun se ped lagana chahiye) और आप भी जानना चाहते हैं कि घर में कौन से पेड़ लगाना चाहिए (Ghar mein kaun se ped lagana chahiye) तो हमारे इस लेख से आपको पूरी जानकारी मिलेगी कि घर में कौन से पेड़ लगाना चाहिए। घर में कौन से पेड़ लगाना चाहिए वैसे तो पेड़ – पौधे हम सभी लगाते हैं और देखा जाए तो पेड़ – पौधे हम सभी को लगाने भी चाहिए। घर में पेड़ – पौधे लगाने का वैज्ञानिक आधार के साथ – साथ धार्मिक महत्व भी है। पेड़ – पौधों के माध्यम से हमें जहाँ एक ओर ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है और हमारा वातावरण पवित्र रहता है वहीँ दूसरी ओर हमारे आस – पास जितनी भी नकारात्मक ऊर्जा होती है वह सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होकर घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ पौधे ऐसे होते हैं जिनको घर में अवश्य ही लगाना चाहिए। इन पौधों को घर में लगाने से घर में समृद्धि आएगी और महालक्ष्मी का वास भी होगा। आप समाज में मान – सम्मान और प्रतिष्ठा को प्राप्त कर सकेंगे। आपके पास किसी चीज की कमी नहीं होगी। यह भी जरूर पढ़ें : • • Vastu Shastra Tips for Home in Hindi तो आइए आज हम आपको एक – एक कर बताते हैं कि घर में कौन से पेड़ लगाना चाहिए (Ghar mein kaun se ped lagana chahiye), घर ...

Sarpagandha Plant Benefits in Hindi

कहते हैं कि साँप अगर काट ले तो जहर से पहले आदमी डर से ही मर जाता है, लेकिन यदि आप सर्पगंधा के उपयोग (sarpagandha uses) के बारे में जानते हों तो आप न तो डर से मरेंगे और न ही जहर से। सर्पगंधा (sarpagandha benefits) की जड़ी साँप के विष को उतारने की एक अच्छी दवा है। सर्पगंधा के बारे में अनेक रोचक कथाएं प्रचलित हैं। उदाहरण के लिए कहा जाता है कि कोबरा से लड़ने से पहले नेवला सर्पगंधा की पत्तियों का रस चूस कर जाता है। पहले इसे पागलों की दवा भी कहा जाता था क्योंकि सर्पगंधा के प्रयोग से पागलपन भी ठीक होता है। यह कफ और वात को शान्त करता है, पित्त को बढ़ाता है और भोजन में रुचि पैदा करता है। यह दर्द को खत्म करता है, नींद लाता है और कामभावना को शान्त करता है। सर्पगंधा घाव को भरता है और पेट के कीड़े को नष्ट (sarpagandha uses) करता है। यह अनेक प्रकार चूहे, साँप, छिपकिली आदि पशुओं के विष, गरविष (खाए जाने वाले जहर का एक प्रकार जो धीरे-धीरे असर करता है) को खत्म करता है। वात के कारण होने वाले रोग, दर्द, बुखार आदि को समाप्त करता है। इसकी जड़ अत्यंत तीखी तथा कड़वी, हल्की रेचक यानी मल को निकालने वाली और गर्मी पैदा करने वाली होती है। Contents • 1 सर्पगंधा क्या है? (What is Sarpagandha?) • 2 अनेक भाषाओं में सर्पगंधा के नाम (Name of Sarpagandha in Different Languages) • 3 सर्पगंधा के फायदे (Sarpagandha Benefits and Uses in Hindi) • 3.1 कुक्कुरखाँसी (काली खांसी) में सर्पगंधा का प्रयोग फायदेमंद (Benefits of Sarpagandha in Whooping Cough Treatment in Hindi) • 3.2 सांस उखड़ने की बीमारी में करें सर्पगंधा चूर्ण का सेवन (Sarpagandha Plant Medicinal Uses to Cures Bronchitis in Hindi) • 3.3 हैजा में फायदेमं...

पारिजात वृक्ष की संपूर्ण जानकारी: धार्मिक व औषधीय, Parijat Tree Benefits In Hindi

हिंदू धर्म में पारिजात के वृक्ष को (Parijat Tree In Hindi) अत्यधिक पवित्र माना जाता हैं। यह माता लक्ष्मी का अत्यधिक प्रिय पौधा हैं तथा इनके फल-फूल भगवान विष्णु के श्रृंगार के रूप में प्रयोग में लिए जाते हैं। इसलिये इसका एक नाम हरसिंगार (Harsingar Ka Paudha) भी हैं। इससे जुड़ी कई प्राचीन कथाएं हैं जिनका संबंध सतयुग से लेकर द्वापर युग तक रहा हैं (Parijat Ke Fayde)। आइए इस वृक्ष की महत्ता तथा विशेषता के बारे में जानते हैं। पारिजात के वृक्ष के बारे में संपूर्ण जानकारी (Parijat Tree In Hindi) यह वृक्ष लंबाई में दस से पच्चीस फीट के आसपास होता हैं। कई जगह इसकी उंचाई पच्चीस फीट से भी ज्यादा हो जाती हैं (Parijat Ka Paudha Kaisa Hota Hai)। इस वृक्ष की विशेषता यह हैं कि यह संपूर्ण भारतवर्ष में उगता हैं तथा मुख्यतया इसे उद्यान आदि में देखा जाता हैं। इसमें कई सुगंधित पुष्प लगते हैं जो भगवान की पूजा में उपयोग में आते हैं। इसकी एक ओर विशेषता यह हैं कि एक दिन में इसमें इतने सारे पुष्प उगते है कि पूछिए मत (Parijat Tree Vastu)। साथ ही चाहे इससे सभी पुष्प तोड़ लो, अगले दिन वहां और पुष्प लगे मिलेंगे। पारिजात वृक्ष के अन्य नाम (Parijat Tree Meaning In Hindi) इस वृक्ष के कई अन्य नाम भी प्रचलन में हैं जैसे कि पारिजातक, हरसिंगार, शेफाली, विष्णुकांता, शेफालिका, रात की रानी, प्राजक्ता, शिउली आदि। यह नाम इस वृक्ष के गुणों तथा विभिन्न भारतीय भाषाओँ पर आधारित हैं। अंग्रेजी में इसका नाम नाईट जैस्मिन व उर्दू में गुलजाफरी हैं। पारिजात के पौधे को रात की रानी या नाईट जैस्मिन क्यों कहते हैं? (Importance Of Parijat Tree) आप सोच रहे होंगे कि ऐसी इसमें ऐसी क्या विशेषता हैं कि इसे रात की रानी कहा जाता हैं। दरअसल ...

सर्पगंधा के फायदे, उपयोग और नुकसान

बेशक, मेडिकल साइंस ने कितनी ही प्रगति क्यों न कर ली है, लेकिन प्राकृतिक इलाज की जगह कोई नहीं ले सकता। संभवत यही कारण है कि भारत में प्राचीन काल से ही कई बीमारियों के इलाज में जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे ही एक आयुर्वेदिक औषधि है सर्पगंधा, जिसमें कई प्राकृतिक गुण छिपे हुए हैं। इसकी मदद से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के रोगों का इलाज संभव है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको सर्पगंधा के गुण और सर्पगंधा के फायदे के बारे में जानकारी देंगे। विषय सूची • • • • सर्पगंधा पौधा क्या है? – What is Sarpagandha in Hindi सर्पगंधा एक तरह का पौधा है। इसकी जड़ों का रंग पीले या भूरे रंग का होता है। वहीं, इसकी पत्तियों का रंग चमकीला हरा होता है और ये हमेशा तीन-तीन के जोड़े में होती हैं। इसके फूल का रंग सफेद और वायलेट होता है। ऐसा माना जाता है कि इस पौधे को घर में लगाने से सांप नहीं आते हैं। साथ ही इसे सांप के काटने पर दवा की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका वैज्ञानिक नाम रावोल्फिया सर्पेंटिना (Rauvolfia serpentina) है। इसे इंडियन स्नेकरूट के नाम से भी जाना जाता है। सर्पगंधा की जड़ को पीसकर इसके पाउडर को खाने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। 10. हैजा कई लोगों का मानना है कि हैजा (कॉलरा) दूषित पानी और आहार के सेवन के कारण होता है, लेकिन यह बैक्टीरिया के कारण भी हो सकता है। इसलिए, एंटी-माइक्रोबियल युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से हैजा की समस्या को दूर किया जा सकता है ( सर्पगंधा के फायदे जानने के बाद आपको यह जानने की इच्छा हो रही होगी कि इसे उपयोग कैसे किया जाए। हम आर्टिकल के इस हिस्से में यही बता रहे हैं। सर्पगंधा का उपयोग – How to Use Sarpagandha (Indian snakeroot) in Hindi सर्पगंधा जड़...

सहदेवी पौधे के लाभकारी उपाय, सारी समस्याओं का रामबाण है ये

To Start receiving timely alerts please follow the below steps: • Click on the Menu icon of the browser, it opens up a list of options. • Click on the “Options ”, it opens up the settings page, • Here click on the “Privacy & Security” options listed on the left hand side of the page. • Scroll down the page to the “Permission” section . • Here click on the “Settings” tab of the Notification option. • A pop up will open with all listed sites, select the option “ALLOW“, for the respective site under the status head to allow the notification. • Once the changes is done, click on the “Save Changes” option to save the changes. लखनऊ। घासफूस की श्रेणी में माना जाने वाला सहज सुलभ यह पौधा ताॅत्रिक व आयुर्वेदिक गुणों की खान कहलाता है। यह पौधा गुणों की खाना है, इसलिए इसे देवी पद मिला है। वैसे तो यह पौधा लगभग हर जगह पाया जा सकता है, किन्तु बालू वाली मिट्टी के क्षेत्र में यह अधिक पाया जाता है। आईये जानते यह पौधा आप सभी के जीवन कैसे और कितना उपयोगी है। • अतिसार-जो लोग अतिसार रोग ग्रस्त हैं, उन्हें सहदेवी पौधे की जड़ के सात टुकड़ों को एक लाल धागे के सहारे कमर में बाॅध लेने से अतिसार रोग ठीक हो जाता है। • धनवृद्धि-सहदेवी की जड़ को अभिमंत्रित करके एक लाल वस्त्र में लपेटकर घर की तिजोरी या व्यापार के गल्ले में रख देने से धीरे-धीरे धन की वृद्धि होने लगती है। जो बच्चे कण्ठमाला के रोग से ग्रस्त है... • कण्ठमाला रोग-जो बच्चे कण्ठमाला के रोग से ग्रस्त है, वे सहदेवी की जड़ को अभिमंत्रित करके गले में धारण करने से रोग का शमन होता है। • सामाजिक सम्मान हेतु-अगर आप चाहते है कि समाज में आपका मान-सम्मान बढ़े त...

सर्पगंधा के फायदे, उपयोग और नुकसान

बेशक, मेडिकल साइंस ने कितनी ही प्रगति क्यों न कर ली है, लेकिन प्राकृतिक इलाज की जगह कोई नहीं ले सकता। संभवत यही कारण है कि भारत में प्राचीन काल से ही कई बीमारियों के इलाज में जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे ही एक आयुर्वेदिक औषधि है सर्पगंधा, जिसमें कई प्राकृतिक गुण छिपे हुए हैं। इसकी मदद से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के रोगों का इलाज संभव है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको सर्पगंधा के गुण और सर्पगंधा के फायदे के बारे में जानकारी देंगे। विषय सूची • • • • सर्पगंधा पौधा क्या है? – What is Sarpagandha in Hindi सर्पगंधा एक तरह का पौधा है। इसकी जड़ों का रंग पीले या भूरे रंग का होता है। वहीं, इसकी पत्तियों का रंग चमकीला हरा होता है और ये हमेशा तीन-तीन के जोड़े में होती हैं। इसके फूल का रंग सफेद और वायलेट होता है। ऐसा माना जाता है कि इस पौधे को घर में लगाने से सांप नहीं आते हैं। साथ ही इसे सांप के काटने पर दवा की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका वैज्ञानिक नाम रावोल्फिया सर्पेंटिना (Rauvolfia serpentina) है। इसे इंडियन स्नेकरूट के नाम से भी जाना जाता है। सर्पगंधा की जड़ को पीसकर इसके पाउडर को खाने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। 10. हैजा कई लोगों का मानना है कि हैजा (कॉलरा) दूषित पानी और आहार के सेवन के कारण होता है, लेकिन यह बैक्टीरिया के कारण भी हो सकता है। इसलिए, एंटी-माइक्रोबियल युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से हैजा की समस्या को दूर किया जा सकता है ( सर्पगंधा के फायदे जानने के बाद आपको यह जानने की इच्छा हो रही होगी कि इसे उपयोग कैसे किया जाए। हम आर्टिकल के इस हिस्से में यही बता रहे हैं। सर्पगंधा का उपयोग – How to Use Sarpagandha (Indian snakeroot) in Hindi सर्पगंधा जड़...

तुलसी का पौधा कब लगाना चाहिए

तुलसी का जितना धार्मिक महत्व हैं. उतनी ही तुलसी औषधीय गुणों से भी भरपूर होती हैं. तुलसी का उपयोग काफी सारी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता हैं. ऐसा माना जाता है की जिस घर में तुलसी का पौधा लगाया जाता हैं. उस घर में सुख-समृद्धि हमेशा के लिए बनी रहती हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की तुलसी का पौधा कब लगाना चाहिए तथा तुलसी कितनी प्रकार की होती हैं . इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. • • • • • • तुलसी का पौधा कब लगाना चाहिए / तुलसी का पौधा किस दिन लगाएं हिंदू कैलेंडर और हिंदू मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास के गुरुवार के दिन तुलसी का पौधा लगाना अतिशुभ माना जाता हैं. तुलसी कितने प्रकार की होती है तुलसी पांच प्रकार की होती है. तुलसी के पांचो प्रकार के नाम हमने नीचे बताए है. • श्याम तुलसी • राम तुलसी • विष्णु या श्वेत तुलसी • नींबू तुलसी • वन तुलसी शमी का पौधा घर में कहां लगाएं | शमी का पेड़ घर के अंदर लगाना चाहिए तुलसी का पौधा सूखने के कारण तुलसी का पौधा सूखने के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं: • गर्मी के समय में कई बार तुलसी का पौधा लू लगने के कारण सुख जाता हैं. • शर्दी के मौसम में ओस के कारण तुलसी के पौधे सुख जाते हैं. • तुलसी के पौधे को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती हैं. अगर तुलसी के पौधे को अधिक पानी दे दिया जाए. तो तुलसी का पौधा सरवाइव नहीं कर पाता हैं. और इस कारण भी तुलसी का पौधा सुख जाता हैं. • तुलसी के पौधे को सामान्य धुप की जरूरत होती हैं. अगर तुलसी के पौधे पर अधिक धुप आ रही हैं. तो इस कारण भी तुलसी का पौधा सूखने लगता हैं. • तुलसी के पौधे को हवा भी कम मात्रा में चाहिए. अगर तुलसी का पौधा हवा...