Sarvanamik visheshan in hindi

  1. विशेषण के भेद , परिभाषा, रचना, उदाहरण,विशेष्य, प्रविशेष्य
  2. सार्वनामिक विशेषण – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण – Best Hindi Blog in India


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विशेषण के भेद , परिभाषा, रचना, उदाहरण,विशेष्य, प्रविशेष्य

विशेषण की परिभाषा (visheshan) जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, ऐसे शब्दों को विशेषण कहते हैं। जिसकी विशेषता बतायी जाती है, उसे ‘ विशेष्य‘ कहते हैं।विशेषण वह विकारी शब्द है, जिससे हमें संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता को बताया जाता है।विशेषण वस्तु या व्यक्ति के बोध को सीमित कर देता है। visheshan in hindi example , विशेषण के भेद , परिभाषा, कितने प्रकार के होते हैं। विशेषण के उदाहरण, विशेष्य , प्रविशेषण, गुणवाचक, रचना ।uppsc, upsssc, ctet, tet ,uptet. विशेषण के भेद ( visheshan ke bhed) गुण संख्या या परिणाम के आधार पर विशेषण के तीन भेद हैं • सर्वनामिक विशेषण 2. गुणवाचक विशेषण तथा 3. संख्यावचाक विशेषण. सार्वनामिक विशेषण (sarvanamik visheshan) पुरूषवाचक तथा निजवाचक सर्वनाम के अतिरिक्त अन्य सर्वनाम यदि किसी संज्ञा के पहले आते हैं, तब वे ‘सर्वनामिक विशेषण’ कहलाते हैं। जैसे– • वह मजदूर नहीं लौटा। • यह आदमी भरोसेमन्द है। यहाँ ‘मजदूर’ तथा ‘आदमी’ संज्ञा के पहले सर्वनाम ‘वह’ और यह उस संज्ञा की विशेषता निर्धारित करते हैं। अत: ये सार्वनामिक विशेषण है। व्युत्पत्ति के आधार पर सार्वनामिक विशेषण के दो भेद हैं- 1) मौलिक सर्वनामिक विशेषण तथा 2) यौगिक सर्वनामिक विशेषण गुणवाचक विशेषण (gunvachak visheshan) जिस शब्द से संज्ञा का गुण, दशा , स्वभाव का पता चलता है , उसे ‘गुणवाचक विशेषण’ कहा जाता है । सर्वाधिक विशेषण शब्द इसी कोटि में आते हैं ; उदाहरण- नया, पुराना, प्राच्य, पाश्चात्य, काला, पीला ,नीला, भला, बुरा, उचित, अनुचित, इत्यादि। संख्यावाचक के तीन मुख्य भेद हैं (sankhya vachak visheshan) • निश्चित संख्यावचाक • अनिश्चित संख्यावचाक • परिणामवाचक निश्चित संख्या का बोध कराने वाले शब्दों ...

सार्वनामिक विशेषण – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण – Best Hindi Blog in India

इस लेख में हम सार्वनामिक विशेषण के बारे में पढ़ने वाले हैं। यह विशेषण का महत्वपूर्ण भाग है तथा आपकी परीक्षा के लिए उपयोगी हो सकता है अतः इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़े। सार्वनामिक विशेषण की परिभाषा वह सर्वनाम शब्द जो किसी वाक्य की संज्ञा के साथ प्रयोग होकर संज्ञा शब्दों की विशेषता बताने का कार्य करते है उन शब्दों को सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। आसान भाषा मे कहे तो संज्ञा शब्दो की विशेषता के बारे में बताने वाले सर्वनाम शब्द सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। जैसे – वह पेड़ बहुत बड़ा है। इस वाक्य में संज्ञा है तथा जिसके आगे वह सर्वनाम का उपयोग किया गया है जो कि पेड़ की विशेषता बता रहा है अतः अब ‘वह’ शब्द इस वाक्य में सर्वनाम ना होकर सार्वनामिक विशेषण की तरह कार्य करेगा। सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण • वह लड़का घर नहीं गया है। • इस पानी को गंदा किसने किया। • वह बहुत पुराना पेड़ है। • वह मेरे घर पर नहीं आता है। • किसी को भेजकर बाजार से सामान मंगवा लो। • रोहित के घर पढ़ने जाता है। • वह व्यक्ति मुझे बस में मिला था। सार्वनामिक विशेषण के भेद इसको छः भेदों में बॉटा गया है जिनको आप निम्नलिखित देख सकते हैं- • मूल सार्वनामिक विशेषण • संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण • यौगिक सार्वनामिक विशेषण • प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण • निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण • अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण 1. मौलिक सार्वनामिक विशेषण ऐसे सर्वनाम शब्द जो अपने रूप में परिवर्तित हुये बिना संज्ञा के साथ प्रयोग होकर संज्ञा की विशेषता बताते हैं उनको मौलिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे – वह आदमी, यह लड़का, वह स्कूल, कोई व्यक्ति इत्यादि। उदाहरण • यह लड़का मुझे कल मिला था। • क्या कोई व्यक्ति उसकी मदद कर सकता है? • वह स्कूल ...