सौर ऊर्जा से संचालित हवाई अड्डा

  1. राजीव गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
  2. [SOLVED] कौन सा हवाई अड्डा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) का पहला पूर्ण
  3. भारत का पहला अक्षय ऊर्जा संचालित हवाई अड्डा कौन बन गया है?
  4. कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
  5. Chennai Airport: सोलर एनर्जी से हर साल करोड़ों रुपये बचा रहा है चेन्नई एयरपोर्ट, 50% हो रहा है Renewable Energy का इस्तेमाल


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राजीव गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा

अनुक्रम • 1 इतिहास • 1.1 योजना (1997-2004) • 1.2 निर्माण और उद्घाटन (2005-2008) • 1.3 बाद के घटनाक्रम (2009-वर्तमान) • 2 स्वामित्व • 3 सुविधाएं • 3.1 संरचना • 3.2 रनवे • 3.3 टर्मिनल • 4 आंकड़े • 5 जीएमआर एयरोस्पेस पार्क • 5.1 विमानन प्रशिक्षण • 5.2 जीएमआर एयरो टेक्निक लिमिटेड एमआरओ • 6 अन्य सुविधाएं • 6.1 एयर इंडिया एमआरओ • 6.2 कार्गो टर्मिनल • 6.3 ईंधन क्षेत्र • 6.4 सौर ऊर्जा संयंत्र • 6.5 एयरपोर्ट होटल • 6.6 करटेनमेंट गो कार्टिंग ट्रैक • 6.7 जीएमआर एरोसिटी हैदराबाद • 7 संपर्क और पहुंच • 7.1 सड़क • 7.2 रेल • 8 इन्हें भी देखें • 9 सन्दर्भ • 10 बाहरी संबंध इतिहास [ ] शिलान्यास समारोह के लगभग तीन साल बाद, विरोध के बीच 14 मार्च 2008 को हवाई अड्डे का उद्घाटन किया गया। आरजीआईए मूल रूप से 16 मार्च 2008 को वाणिज्यिक संचालन के लिए खुलने वाला था; हालांकि, हवाईअड्डे पर ग्राउंड हैंडलिंग की ज्यादा दरों पर कुछ एयरलाइनों के विरोध के कारण तारीख में देरी हुई थी। दरों में कमी के बाद, शुरुवात की तारीख 23 मार्च 2008 निर्धारित की गई थी। बाद के घटनाक्रम (2009-वर्तमान) [ ] सितंबर 2011 में, नवंबर 2014 में, स्वामित्व [ ] आरजीआईए का स्वामित्व और संचालन जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (जीएचआईएएल) द्वारा किया जाता है, जो एक सुविधाएं [ ] संरचना [ ] हवाई अड्डा 2,224 हेक्टेयर (5,495 एकड़) में फैला हुआ है। जिसमें से 810 हेक्टेयर (2,000 एकड़) को हवाई अड्डे की जरूरतों के लिए विकसित किया गया है, जिसमें मुख्य रूप से 690 हेक्टेयर (1,700 एकड़) भूमि विमान क्षेत्र है और 120 हेक्टेयर (300 एकड़) भूमि भू-भाग की सुविधा है। शेष 1,414 हेक्टेयर (3,495 एकड़) हवाई अड्डे का विस्तार है। आगे जमीन का अधिग्रहण नही...

[SOLVED] कौन सा हवाई अड्डा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) का पहला पूर्ण

SOLUTION सही उत्तर पुडुचेरी हवाई अड्डा है। • पुडुचेरी हवाई अड्डा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) का पहला पूर्ण सौर ऊर्जा संचालित हवाई अड्डा बन गया है। • 500KWp ग्राउंड-माउंटेड सौर ऊर्जा संयंत्र को 2 अक्टूबर 2020 को शुरू किया गया था। • संयंत्र की अनुमानित लागत 2.8 करोड़ रुपये है। • पूरी तरह से विद्युत-तटस्थ होने के साथ, हवाई अड्डा सौर ऊर्जा संयंत्र के माध्यम से अपनी पूर्ण विद्युत आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम होगा।

भारत का पहला अक्षय ऊर्जा संचालित हवाई अड्डा कौन बन गया है?

Explanation : इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट अक्षय ऊर्जा से जरूरतें पूरी करने वाला भारत का पहला हवाईअड्डा बन गया है। यहां एक जून से केवल जल-सौर ऊर्जा इस्तेमाल की जा रही है। यह एयरपोर्ट पर 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य पाने की दिशा में बड़ा कदम है। हवाईअड्डे की कुल बिजली की छह फीसदी ऊर्जा एयरसाइड और कार्गो टर्मिनलों की छतों पर लगे सोलर पैनल से होती है। वहीं, जल ऊर्जा से शेष 94 फीसदी बिजली मिल रही है। इससे आईजीआई पर सालाना दो लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन कम होगा। इसके लिए दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड व जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Indira Gandhi International Airport) पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के लिए आईएसओ 14001:2015 प्रमाणपत्रों के साथ प्रमाणित है। जीरो लिक्विड डिस्चार्ज, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर, 90 लाख लीटर स्टोरेज टैंक सहित एकल उपयोग वाले प्लास्टिक मुक्त हवाई अड्डा बनने की दिशा में पहल की गई है। वियतनाम के नए राष्ट्रपति वो वान थुओंग (Vo Van Thuong) है। फरवरी 2023 में एक व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बीच तत्कालीन राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक के अचानक इस्तीफा देने के बाद थुओंग को चुना गया। 13 दिसम्बर 1970 को जन्में वो वान थुओंग पार्टी के पोल • प्रेस सूचना ब्यूरो के नये महानिदेशक कौन बने है?

कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा

18:16, 16 फ़रवरी 2018 (IST) कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ( Cochin International Airport, आईएटीए: COK, आईसीएओ: VOCI) • यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित है। • इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली यांत्रिक है और उड़ान पट्टी की लंबाई 11100 फीट है। • कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सौर ऊर्जा से चलने वाला • शुभारंभ के साथ ही हवाई अड्डे के सौर ऊर्जा संयंत्र से प्रतिदिन 50 से 60 हजार यूनिट विद्युत का उत्पादन होने लगा। इस विद्युत उत्पादन के पश्चात हवाई अड्डा पूर्णतः तकनीकी रूप से सौर ऊर्जा संयत्र द्वारा उत्पादित विद्युत पर निर्भर हो गया। यह घटना विमानन के इतिहास में एक नए अध्याय का प्रारंभ है। इसके साथ ही कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दुनिया का सौर ऊर्जा चालित प्रथम हवाई अड्डा बन गया। • कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पीपीपी मॉडल के तहत बनाया गया दुनिया का पहला पूर्णतः पन्ने की प्रगति अवस्था टीका टिप्पणी और संदर्भ बाहरी कड़ियाँ • • • संबंधित लेख

Chennai Airport: सोलर एनर्जी से हर साल करोड़ों रुपये बचा रहा है चेन्नई एयरपोर्ट, 50% हो रहा है Renewable Energy का इस्तेमाल

चेन्नई एयरपोर्ट को हरा-भरा किया जा रहा है. अब ये हवाई अड्डा पूरी तरह से रिन्यूएबल एनर्जी पर चल रहा है. बिजली की सभी जरूरतें अब नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) से पूरी होती हैं. एयरपोर्ट पर जिस बिजली का उपयोग होता है वो कई जगह से मिलती है. एक तो रूफटॉप पर लगे सोलर प्लांट से, दूसरी फर्मों से खरीदी गई सोलर एनर्जी और तीसरी टांगेडको से ग्रीन टैरिफ के तहत. 50% होता है नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह उपलब्धि हाल ही में हासिल की गई है. इसके तहत नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग 50% से बढ़ा दिया गया है. टैक्सीवे लाइट और रनवे के लिए भी सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है. इसके बारे में बात करते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि चेन्नई एयरपोर्ट पर उपयोग की जाने वाली इलेक्ट्रिकल एनर्जी में, 59% सोलर एनर्जी थर्ड पार्टी से खरीदी जाती है. इसके अलावा, 3% इन-हाउस 1.5MWp रूफटॉप के माध्यम से पूरी की जाती है. जबकि सोलर प्लांट से बची हुई 38% ग्रीन टैरिफ के तहत Tangedco से खरीदी जाती है. 2 साल पहले ही सौर पैनल का उपयोग शुरू हो गया था टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, एयरपोर्ट औसतन 63,92,675 kWh एनर्जी प्रति महीने का उपयोग करता है. जबकि टर्मिनल फिटिंग को एलईडी लाइट में बदल दिया गया है. दो साल पहले, एयरपोर्ट पर नवीकरणीय ऊर्जा का 50% उपयोग हासिल किया गया था. यह तब हुआ था जब टर्मिनल भवनों पर स्थापित छत के ऊपर सौर पैनलों से बिजली का उपयोग शुरू किया गया था. इन सबकी वजह से एयरपोर्ट पर हर साल 2,200 टन कार्बन एमिशन में कटौती करने और बचाने में मदद मिलती है. वहीं सोलर एनर्जी के उपयोग से 10 करोड़ की एनर्जी बचाने में मदद मिलती है.