सब सुख लहै तुम्हारी सरना lyrics

  1. हनुमान चालीसा संकट मोचन बजरंग बाण PDF Hindi – InstaPDF
  2. राम जी से राम राम कहियो कहियो जी हनुमान जी
  3. सब सुख लहै तुम्हारी सरना
  4. [Lyrics & PDF] श्री हनुमान चालीसा हिंदी में
  5. श्री हनुमान चालीसा
  6. Tulsi Das
  7. Hanuman Chalisa
  8. श्री हनुमान चालीसा हिंदी
  9. श्री हनुमान चालीसा
  10. [Lyrics & PDF] श्री हनुमान चालीसा हिंदी में


Download: सब सुख लहै तुम्हारी सरना lyrics
Size: 71.55 MB

हनुमान चालीसा संकट मोचन बजरंग बाण PDF Hindi – InstaPDF

हनुमान चालीसा संकट मोचन बजरंग बाण हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप हनुमान चालीसा संकट मोचन बजरंग बाण हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं हनुमान चालीसा संकट मोचन बजरंग बाण के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक। हनुमान चालीसा भगवान हनुमान जी की स्तुति में एक हिंदू भक्ति भजन है। यह तुलसीदास द्वारा अवधी भाषा में लिखा गया था, और रामचरितमानस के अलावा उनका सबसे प्रसिद्ध पाठ है। अवधी के अलावा, हनुमान चालीसा संस्कृत, कन्नड़, तेलुगु, तमिल और गुजराती सहित विभिन्न भाषाओं में भी उपलब्ध है। हनुमान चालीसा का जाप करके, भगवान राम का आशीर्वाद भी लिया जा सकता है, जो हनुमान को अपना सबसे करीबी दोस्त मानते हैं । जो हनुमान चालीसा गाता है वह ज्ञान प्राप्त कर सकता है क्योंकि भगवान हनुमान उच्च विद्वान हैं। चालीस श्लोकों का जाप करके भगवान हनुमान की भलाई को आत्मसात किया जा सकता है। हनुमान चालीसा में 40 श्लोक हैं (शुरुआत में और अंत में दोहे को छोड़कर)। वैसे तो शास्त्रों में हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए नियम का वर्णन किया गया है। इसके अनुसार हनुमान चालीसा को मंगलवार या शनिवार के दिन शुरू करना चाहिए और अगले 40 दिन तक इसका नियमित पाठ करना चाहिए। यह कार्य सुबह सूर्योदय के पूर्व यानि कि सुबह 4 बजे शुरू करना होता है। हनुमान चालीसा संकट मोचन बजरंग बाण | Hanuman Chalisa Sankat Mochan Bajrang Baan Lyrics ॥ दोहा ॥ श्री गुरु चरन सरोज रज,निज मनु मुकुर सुधारि। बरनउं रघुबर विमल जसु,जो दायकु फल चारि॥ बुद्धिहीन तनु जानिकै,सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं,हरहु कलेश विकार॥ ॥ चौपाई ॥ जय हनुमान ज...

राम जी से राम राम कहियो कहियो जी हनुमान जी

राम जी से राम राम कहियो, कहियो जी हनुमान जी।। ⧫ ⧫ दोहा ⧫ ⧫ श्री गुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार । बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥ राम जी से राम राम कहियो, कहियो जी हनुमान जी।। जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥ राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनी पुत्र पवनसुत नामा ॥२॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ॥३॥ कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुञ्चित केसा ॥४॥ राम जी से राम राम कहियो, कहियो जी हनुमान जी।। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेउ साजै ॥५॥ शंकर सुवन केसरीनन्दन । तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥६॥ बिद्यावान गुणी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥७॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ॥८॥ राम जी से राम राम कहियो, कहियो जी हनुमान जी।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥९॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचन्द्र के काज सँवारे ॥१०॥ लाय संजीवन लखन जियाये । श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥११॥ रघुपति कीह्नी बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरत सम भाई ॥१२॥ राम जी से राम राम कहियो, कहियो जी हनुमान जी।। सहस बदन तुमरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥१३॥ सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥१५॥ तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना । राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥ राम जी से राम राम कहियो, कहियो जी हनुमान जी।। तुम्हरो मन्त्र बिभीषन माना । लंकेश्वर भए सब जग जाना ॥१७॥ जुग सहस्र जोजन पर भानु । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥१८॥ प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लाँघि गये अ...

सब सुख लहै तुम्हारी सरना

सब सुख लहै तुम्हारी सरना – Sab Sukh Lahe Tumhari Sarna Lyrics Are Written By Tulsi Das. This Song Sung By Hariharan. Song : Hanuman Chalisa Album : Shree Hanuman Chalisa – Hanuman Ashtak Lyrics : Tulsi Das Singer : Hariharan Music : Lalit Sen, Chander सब सुख लहै तुम्हारी सरना – Sab Sukh Lahe Tumhari Sarna Lyrics श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि बरनऊं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन कुमार बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुं लोक उजागर रामदूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवनसुत नामा महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुंडल कुंचित केसा हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै कांधे मूंज जनेऊ साजै संकर सुवन केसरीनंदन तेज प्रताप महा जग बन्दन विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मन बसिया सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा भीम रूप धरि असुर संहारे रामचंद्र के काज संवारे लाय सजीवन लखन जियाये श्रीरघुबीर हरषि उर लाये रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई सहस बदन तुम्हरो जस गावैं अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा जम कुबेर दिगपाल जहां ते कबि कोबिद कहि सके कहां ते तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना लंकेस्वर भए सब जग जाना जुग सहस्र जोजन पर भानू लील्यो ताहि मधुर फल जानू प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं जलधि लांघि गये अचरज नाहीं दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते राम दुआरे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसारे सब स...

[Lyrics & PDF] श्री हनुमान चालीसा हिंदी में

जय श्री राम ! प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपके आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी और आपके जीवन में सकारात्मकता और खुशी आएगी हमने यहाँ नीचे आपको हनुमान चालीसा उपलब्ध करवाई है | आप हनुमान चालीसा पढ़ने के साथ पीडीऍफ़ फॉर्मेट ( Hanuman chalisa in hindi PDF) में डाउनलोड भी कर सकते है | हनुमान चालीसा हिंदी में उपलध करवाई गई है | कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुचित केसा।। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूंज जनेऊ साजै। संकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।। विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।। भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।। जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।। तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेस्वर भए सब जग जाना।। जुग सहस्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।। प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गय अचरज नाहीं।। दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।। राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।। सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना।। आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।। भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।। संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान ...

श्री हनुमान चालीसा

श्री हनुमान चालीसा – Hindi Lyrics with meaning & PDF इस वेबसाइट में हनुमान चालीसा की कहानी [ Story] एवं इस ग्रन्थ/भजन के लिरिक्स [ Hanuman Chalisa Hindi Lyrics and meaning] को अर्थ के साथ लिखा है, जिसे आप कभी ही पढ़ सकते है। आप हनुमान चालीसा लिरिक्स की PDF [ Hanuman Chalisa PDF] भी फ्री में Download कर सकते है। बजरंगबली के इस पाठ को पढ़ने के कुछ नियम होते है जिसे निचे जरूर एक बार पठे। • 1 हनुमान चालीसा का इतिहास [Hanuman Chalisa History] • 2 हनुमान चालीसा लिखित में अर्थ के साथ [Hanuman Chalisa Hindi Lyrics with Meaning] • 3 हनुमान चालीसा का परिचय [Introduction to Hanuman Chalisa] • 4 हनुमान चालीसा की कहानी [Hanuman Chalisa story] • 5 हनुमान चालीसा का इतिहास और महत्व [History and Significance of Hanuman Chalisa] • 6 हनुमान चालीसा का पाठ करने के लाभ [The Benefits of Reciting Hanuman Chalisa] • 7 हनुमान चालीसा का अर्थ [Meaning of Hanuman Chalisa] • 8 हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम [How to recite Hanuman Chalisa] • 9 हनुमान चालीसा डाउनलोड [HANUMAN CHALISA PDF DOWNLOAD] • 10 हनुमान चालीसा की जानकारी [Hanuman Chalisa FAQ] हनुमान चालीसा का इतिहास [Hanuman Chalisa History] लेख़क / रचियता संत श्री तुलसी दास जी पढ़ने का सही समय सुबह एवं शायकल नहाने के बाद कब लिखा गया 16वीं शताब्दी बोली अवधी कुल चौपाई 40 चौपाईयाँ पढ़ने का कुल समय 10 मिनट लगभग हनुमान चालीसा लिखित में अर्थ के साथ [Hanuman Chalisa Hindi Lyrics with Meaning] हनुमान चालीसा दोहा [Shri Hanuman Chalisa Doha] श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। अर्थ- श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की ध...

Tulsi Das

• • • • • • • • • • Lyrics • Artists • Songs • Translations • Translation requests • Transcription requests • Languages • Idioms • Collections • Actions • Add new translation • Add new song • Request a translation • Request lyrics transcription • Add new idiom • Start forum thread • Register • Community • Members • Forum • New forum topics • Recent comments • Popular Content • Getting Started • Request new lyrics translation • Become a translator • Website Rules • Frequently Asked Questions • Lyricstranslate.com Forum • Useful Resources • Login • Registration • Interface language • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • •

Hanuman Chalisa

Read in English ॥ श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स ॥ ॥ दोहा॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार । बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥ ॥ चौपाई ॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ॥ कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुँचित केसा ॥४ हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेउ साजै ॥ शंकर स्वयं/सुवन केसरी नंदन । तेज प्रताप महा जगवंदन ॥ बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ॥८ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचन्द्र के काज सँवारे ॥ लाय सजीवन लखन जियाए । श्री रघुबीर हरषि उर लाये ॥ रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२ सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥ सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥ तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना । राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६ तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना । लंकेश्वर भए सब जग जाना ॥ जुग सहस्त्र जोजन पर भानु । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥ प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥ दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥२० राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥ सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रक्षक काहू को डरना ॥ आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हाँक तै काँपै ॥ भूत पिशाच निकट नहिं आवै । महावीर जब नाम स...

श्री हनुमान चालीसा हिंदी

॥ चौपाई ॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥०१॥ राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनी-पुत्र पवनसुत नामा ॥०२॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ॥०३॥ कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुंचित केसा ॥०४॥ हाथ बज्र और ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेऊ साजै ॥०५॥ संकर सुवन केसरी नंदन । तेज प्रताप महा जग बन्दन ॥०६॥ बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥०७॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ॥०८॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥०९॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचन्द्र के काज सँवारे ॥१०॥ लाय संजीवन लखन जियाये । श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥११॥ रघुपति किन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ॥१३॥ सनकादिक ब्रम्हादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥१५॥ तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा । राम मिलाय राज पद दीन्हा ॥१६॥ तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना । लंकेस्वर भए सब जग जाना ॥१७॥ जुग सहस्त्र जोजन पर भानु । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥१८॥ प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥१९॥ दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥२०॥ राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥ सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥ आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै । महाबीर जब नाम सुनावै ॥२४॥ नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरन्तर हनुमत बीरा ॥२५॥ संकट तें हनुमान छुडावे । मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा । तिन के काज सकल तुम साजा ॥...

श्री हनुमान चालीसा

श्री हनुमान चालीसा – Hindi Lyrics with meaning & PDF इस वेबसाइट में हनुमान चालीसा की कहानी [ Story] एवं इस ग्रन्थ/भजन के लिरिक्स [ Hanuman Chalisa Hindi Lyrics and meaning] को अर्थ के साथ लिखा है, जिसे आप कभी ही पढ़ सकते है। आप हनुमान चालीसा लिरिक्स की PDF [ Hanuman Chalisa PDF] भी फ्री में Download कर सकते है। बजरंगबली के इस पाठ को पढ़ने के कुछ नियम होते है जिसे निचे जरूर एक बार पठे। • 1 हनुमान चालीसा का इतिहास [Hanuman Chalisa History] • 2 हनुमान चालीसा लिखित में अर्थ के साथ [Hanuman Chalisa Hindi Lyrics with Meaning] • 3 हनुमान चालीसा का परिचय [Introduction to Hanuman Chalisa] • 4 हनुमान चालीसा की कहानी [Hanuman Chalisa story] • 5 हनुमान चालीसा का इतिहास और महत्व [History and Significance of Hanuman Chalisa] • 6 हनुमान चालीसा का पाठ करने के लाभ [The Benefits of Reciting Hanuman Chalisa] • 7 हनुमान चालीसा का अर्थ [Meaning of Hanuman Chalisa] • 8 हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम [How to recite Hanuman Chalisa] • 9 हनुमान चालीसा डाउनलोड [HANUMAN CHALISA PDF DOWNLOAD] • 10 हनुमान चालीसा की जानकारी [Hanuman Chalisa FAQ] हनुमान चालीसा का इतिहास [Hanuman Chalisa History] लेख़क / रचियता संत श्री तुलसी दास जी पढ़ने का सही समय सुबह एवं शायकल नहाने के बाद कब लिखा गया 16वीं शताब्दी बोली अवधी कुल चौपाई 40 चौपाईयाँ पढ़ने का कुल समय 10 मिनट लगभग हनुमान चालीसा लिखित में अर्थ के साथ [Hanuman Chalisa Hindi Lyrics with Meaning] हनुमान चालीसा दोहा [Shri Hanuman Chalisa Doha] श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। अर्थ- श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की ध...

[Lyrics & PDF] श्री हनुमान चालीसा हिंदी में

जय श्री राम ! प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपके आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी और आपके जीवन में सकारात्मकता और खुशी आएगी हमने यहाँ नीचे आपको हनुमान चालीसा उपलब्ध करवाई है | आप हनुमान चालीसा पढ़ने के साथ पीडीऍफ़ फॉर्मेट ( Hanuman chalisa in hindi PDF) में डाउनलोड भी कर सकते है | हनुमान चालीसा हिंदी में उपलध करवाई गई है | कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुचित केसा।। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूंज जनेऊ साजै। संकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।। विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।। भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।। जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।। तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेस्वर भए सब जग जाना।। जुग सहस्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।। प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गय अचरज नाहीं।। दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।। राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।। सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना।। आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।। भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।। संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान ...