सड़क सुरक्षा चार्ट

  1. सड़क सुरक्षा श्रृंखला का रूट चार्ट
  2. सड़क सुरक्षा मानकों पर विशेषज्ञों से परामर्श शुरू
  3. राजस्‍थान में जिला स्‍तरीय सड़क सुरक्षा कार्यबल गठित होगा – ThePrint Hindi
  4. सड़क सुरक्षा: आखिर क्यों सड़क दुर्घटना में होने वाले मृत्यु के मामले में भारत अंतरराष्ट्रीय तालिका में सबसे ऊपर है?
  5. UP Police Did A Special Tweet Regarding Road Safety, Said
  6. दुर्घटनाएं रोकने के लिए पंजाब में सड़क सुरक्षा बल का गठन किया जाएगा : भगवंत मान – ThePrint Hindi
  7. सड़क सुरक्षा : भारत में चौंकाने वाले हैं सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों के आंकड़े:Road Safety: The figures of people killed in road accidents in India are shocking
  8. Route chart of e rickshaws could not be implemented even after six months


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सड़क सुरक्षा श्रृंखला का रूट चार्ट

Wellcome Mandakini Times Digital News Portel - मन्दाकिनी टाइम्स में प्रकाशित होने वाले सभी लेखों व खबरों का सीधा संबंध खबर प्रदाता से है और सम्पूर्ण ज़िम्मेदारी खबर देने वाले की होगी .More Info . - [email protected] समस्स्त प्रकार के विवादों के लिए न्याय क्षेत्र चित्रकूट होगा सड़क सुरक्षा श्रृंखला का रूट चार्ट हमीरपुर | रानी लक्ष्मीबाई तिराहा से जिला जेल,जिला जेल से अवतार मेहर बाबा ,अवतार मेहर बाबा से फायर ब्रिगेड, फायर ब्रिगेड से प्रधान डाकघर ,प्रधान डाकघर से कलेक्ट्रेट, कलेक्ट्रेट से रोडवेज ,रोडवेज से महिला डिग्री कॉलेज, महिला डिग्री कॉलेज से पीडब्ल्यूडी ऑफिस ,पीडब्ल्यूडी ऑफिस से महिला थाना, महिला थाना से कालपी तिराहा ,कालपी तिराहा से गौरा देवी मंदिर ,गौरा देवी मंदिर से ईदगाह, ईदगाह से रोहन नाला ,रोहन नाला से वन विभाग, वन विभाग से रेंजर ऑफिस होते हुए बदनपुर, बदनपुर से शीतलपुर, शीतलपुर से गीमुहादांदा होते हुए झलोखर,झलोखर से आगे होते हुए कुरारा तक।

सड़क सुरक्षा मानकों पर विशेषज्ञों से परामर्श शुरू

June 15, 2023मई में Indigo के पाले आया देसी उड़ानों का सबसे ज्यादा बाजार June 15, 2023भ्रामक डिजिटल विज्ञापनों पर निर्देश June 15, 2023सरकार को सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से डिविडेंड के रूप में मोटी कमाई June 15, 2023जान बूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों को 5 साल बाद मिलेगा कर्ज June 15, 2023ईंधन के दामों में कटौती के आह्वान का असर, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के मार्जिन में कमी के आसार! June 15, 2023बातचीत विफल, मैकलॉयड रसेल से निकली कार्बन रिसोर्सेज June 15, 2023क्रिसकैपिटल से 10 करोड़ डॉलर जुटाएगी lenskart June 15, 2023जून में ई-स्कूटर की बिक्री पड़ी धीमी, केवल 29 हजार वाहनों का रजिस्ट्रेशन June 15, 2023अप्रैल में क्रेडिट कॉर्डों की संख्या 865 लाख के रिकॉर्ड स्तर पर, छोटे शहरों में पहुंचने से संख्या में इजाफा June 15, 202311 जुलाई को GST काउंसिल की बैठक, ऑनलाइन गेमिंग की समस्या का हो सकता है समाधान सरकार राजमार्गों के लिए सड़क सुरक्षा सूचकांक पेश कर सकती है। इसके लिए सड़क और राजमार्ग क्षेत्र के विशेषज्ञों से बातचीत शुरू हो गई है। सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि एकसमान सड़क सुरक्षा मानक बनाने के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के साथ मिलकर विभिन्न हिस्सेदारों के साथ बैठक की, जिसमें इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई है। बैठक के दौरान उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, बीआईएस, आईआईटी दिल्ली और विश्व बैंक के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। मानक प्राधिकरण के तहत एक उच्च स्तरीय समिति राष्ट्रीय राजमार्गों, एक्सप्रेसवे, राज्य राजमार्गों और जिले की अन्य सड़कों के लिए सुरक्षा मानक तय करेगी, जिसमें उद्योग के प्रतिनिधि श...

राजस्‍थान में जिला स्‍तरीय सड़क सुरक्षा कार्यबल गठित होगा – ThePrint Hindi

जयपुर, 13 जून (भाषा) सड़क दुर्घटनाओं एवं उनसे होने वाली मृत्यु दर में वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्‍य तय करने वाली राजस्‍थान सरकार जिला स्‍तर पर सड़क सुरक्षा कार्यबल गठित करेगी ताकि सड़क हादसों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकेगा। यहां मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार, राज्‍य में सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित करते हुए जिला स्तर पर ‘सड़क सुरक्षा कार्यबल’ के गठन की मंजूरी दी है। परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, इस कार्यबल का प्रशासनिक विभाग होगा। सम्बन्धित जिले के जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित कार्यबल में जिला पुलिस अधीक्षक, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला मुख्यालय के नगरीय निकाय के आयुक्त, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता, जिला मुख्यालय के विकास प्राधिकरण/नगर विकास न्यास के सचिव, स्वायत्त शासन विभाग के अधिशासी अभियंता, माध्यमिक शिक्षा के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जिला अस्पताल के अधीक्षक/प्रमुख चिकित्सा अधिकारी आदि सदस्य होंगे। इसके अनुसार प्रत्येक तीन माह में कार्यबल की कम से कम एक बार बैठक होगी। जिला सड़क सुरक्षा कार्यबल जिले में सड़क दुर्घटनाओं एवं उनसे होने वाली मृत्यु दर में वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत की कमी लाने के लिए वार्षिक कार्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, समिति के निर्णयों के सुनिश्चित क्रियान्वयन आदि दायित्वों का निर्वहन करेगा। जिला सड़क सुरक्षा कार्यबल का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। भाषा पृथ्‍वी नरेश मनीषा मनीषा यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

सड़क सुरक्षा: आखिर क्यों सड़क दुर्घटना में होने वाले मृत्यु के मामले में भारत अंतरराष्ट्रीय तालिका में सबसे ऊपर है?

विगत कई वर्षों से सड़क भिड़ंत में होने वाली मौतों की श्रेणी में, भारतीय सड़कें अंतरराष्ट्रीय तालिका में सबसे ऊपर रही हैं. मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे (21-22) के वार्षिक रिपोर्ट द्वारा हमें ये जानकारी प्राप्त हुई है कि, इस अवधि में कुल घटित 449,002 सड़क दुर्घटनाओं में 151,113 मौतें हुई हैं. साल 2005 में घटित कुल 439,255 दुर्घटनाओं में हुई 94,968 मौतों की तुलना में ये संख्या काफी ज्य़ादा थीं. उससे भी ज्य़ादा उल्लेखनीय ये है कि होने वाली इन दुर्घटनाओं की गंभीरता, को परिभाषित करने के लिए प्रति 100 दुर्घटनाओं से होने वाली लोगों की मौत की संख्या, काफी तेज़ी से 2005 में 21.6 से बढ़कर 2019 तक 33.7 हो गई. ये लेख, महामारी के वर्ष के दौरान के आंकड़ों को नजरंदाज़ करती है चूंकि वो लॉकडाउन के दौरान राष्ट्रीय, राज्य और शहरी स्तरों पर लागू पाबंदियों की वजह से मामलों की सही स्थिति में नहीं बता पाएगी. विश्व सड़क विश्लेषण में दर्ज की गई रिपोर्ट के अनुसार कुल 199 देशों में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु में भारत सबसे ऊपर है, उसके बाद चीन और फिर अमेरिका है. देश के भीतर, सड़कों पर होने वाली मृत्यु में राष्ट्रीय हाइवे कुल 35.65 प्रतिशत, राज्य हाइवे 25.46 प्रतिशत, और अन्य सड़कों पर 38.89 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखते हैं. दुर्घटना से संबंधित तथ्य उसी मंत्रालय द्वारा “2019 में भारत में हुई सड़क दुर्घटनाएं” के शीर्षक वाली अपने एक अन्य रिपोर्ट में सड़क दुर्घटनाओं का विस्तृत विश्लेषण किया गया. वे स्वीकार करते हैं कि 2018 में, विश्व सड़क विश्लेषण में दर्ज की गई रिपोर्ट के अनुसार कुल 199 देशों में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु में भारत सबसे ऊपर है, उसके बाद चीन और फिर अमेरिका है. देश के भीतर, सड़को...

UP Police Did A Special Tweet Regarding Road Safety, Said

सड़क पर चलते समय कई बार हम लापरवाह हो जाते हैं. कभी हम हेलमेट नहीं पहनते हैं तो कई बार स्पीड ज़्यादा कर लेते हैं. कई बार ऐसा होता है कि ट्रैफिक सिग्नल को भी हम फॉलो नहीं करते हैं. ऐसे में पुलिस विशेष कैंपने के ज़रिए लोगों को जागरुक करती है. अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर किया गया है, जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है. इस वीडियो को यूपी पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से शेयर किया है. वीडियो देखें अपनी ‘चैन की नींद' के लिए सड़क सुरक्षा ‘खाट' पर क्यूँ? सामान ढोने के लिये निर्धारित वाहन का ही प्रयोग करें! वीडियो में देखा जा सकता है कि रोड पर कई बाइक्स देखी जा रही हैं. इन बाइक्स पर खाट ले जाया जा रहा है. खाट के कारण बाइक पर संतुलन बिगड़ने का डर बना रहता है. ऐसे में रोड एक्सिडेंट होने का डर बना रहता है. रोड सेफ्टी को लेकर ही यूपी पुलिस ने वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो के साथ-साथ यूपी पुलिस ने काफी फनी कैप्शन दिए हैं, मगर इन कैप्शन के संदेश बेहद ही खास है. यूपी पुलिस ने लिखा है- अपनी ‘चैन की नींद' के लिए सड़क सुरक्षा ‘खाट' पर क्यूँ? सामान ढोने के लिये निर्धारित वाहन का ही प्रयोग करें! यूपी पुलिस ने 23 सेकंड का क्रियटिव वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में जनता को रोड सेफ्टी के महत्व को समझाया गया है. वीडियो के ज़रिए आग्रह किया गया है कि भारी सामान के लिए दूसरे उपयुक्त वाहन का इस्तेमाल करें. इस वीडियो को भी देखें

दुर्घटनाएं रोकने के लिए पंजाब में सड़क सुरक्षा बल का गठन किया जाएगा : भगवंत मान – ThePrint Hindi

अमरगढ़ (मलेरकोटला), नौ जून (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि यातायात को दुरुस्त करने के लिए पंजाब पुलिस में एक सड़क सुरक्षा बल का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यहां एक क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिदिन लगभग 14 लोग मारे जाते हैं। मान ने कहा कि सड़क सुरक्षा बल को तेज गति वाले वाहनों की जांच के साथ ही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों पर यातायात को सुचारू बनाने का काम भी सौंपा जाएगा। मान ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि इस कदम से थानों में तैनात पुलिसकर्मियों पर बोझ कम होगा। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र उच्च गुणवत्ता वाली तकनीक से लैस है और यह उन लोगों को बड़ी राहत देगा जो भारी वाहनों के लिए लाइसेंस प्राप्त करना चाहते हैं, इससे उनके समय, धन और ऊर्जा की बचत होगी। मान ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी तरह की जनहानि को रोकने के लिए सड़कों पर दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को हटाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए राजनीति में नैतिकता सर्वोपरि है और जनता से उनके लिए एक पैसा भी लेना बेमानी है। उन्होंने आगे कहा कि ईमानदारी, पारदर्शिता और उत्तरदायी प्रशासन उनकी सरकार की पहचान है। मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों ने उनकी उपेक्षा शुरू कर दी है और वे लोग एक-दूसरे के करीब आने लगे हैं। जाहिर तौर पर मान कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा वर्षों की कड़ी प्रतिद्वंद्विता के बाद आपसी सौह...

सड़क सुरक्षा : भारत में चौंकाने वाले हैं सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों के आंकड़े:Road Safety: The figures of people killed in road accidents in India are shocking

highlights • दुर्घटनाओं में हुई मौतों के आधार पर 786 ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई है • देश में पिछले चार सालों में सड़क दुर्घटनाओं में मामूली कमी आई है • चार साल में हुए विभिन्न सड़क हादसों में 5,82,157 लोगों ने अपनी जान गंवाई नई दिल्ली: भारत ही नहीं विश्व भर में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या बहुत ज्यादा है. भारत जैसे देश में खराब सड़क, यातायात के नियमों का पालन न करना और शराब पीकर वाहन चलाना सड़क दुर्घटना का प्रमुख कारण है. सड़क दुर्घटनाओं पर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़े दिल दहलाने वाले हैं. लेकिन सड़कों की अच्छी व्यवस्था और और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता अभियान ने कुछ असर दिखाया है. फिर भी पिछले साल सड़क हादसों में हर घंटे 16 लोग मारे गए. देश के बड़े शहरों में सड़क दुर्घटनाओं और उनमें मरने वालों की संख्या ज्यादा है. सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं वाले शहरों की बात की जाए तो दिल्ली में उसमें सर्वोपरि है. दिल्ली के अलावा चेन्नई,जयपुर, बेंगलुरू, मुंबई, कानपुर, लखनऊ, आगरा, हैदराबाद और पुणे का नाम शामिल है. दिल्ली सड़क पर होने वाली मौतों के मामले में सबसे आगे रही जबकि उत्तर प्रदेश सबसे घातक प्रांत रहा. सड़क सुरक्षा का ब्राजील घोषणापत्र सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ब्राजील घोषणापत्र में भारत में 2020 तक 50 प्रतिशत तक सड़क दुर्घटनाओं और उससे होने वाले मृत्यु को कम करने का लक्ष्य रखा गया था. वर्ष 2016 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मिशन मोड में काम करते हुए नीतियों को बदलने और इस प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए नई प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मजबूत और पारदर्शी नेटवर्क बनाते हुए सम्पूर्ण परि...

Route chart of e rickshaws could not be implemented even after six months

प्रदेश के प्रमुख सचिव परिवहन व आयुक्त एल वेंकटेश्वर लू ने छह माह पूर्व ई रिक्शों की वजह से बढ़ते हादसों व जाम के मद्देनजर प्रदेश के सभी डीएम को फरमान भेजकर ई रिक्शों के हाईवे व प्रमुख मार्गों पर संचालन से रोक के निर्देश दिए थे। सड़क सुरक्षा समिति के देख रेख में जिला, तहसील व कस्बों में ई रिक्शों को फीडर रूट चिन्हित कर केवल उन्हीं मार्गों पर संचालन के निर्देश का जिले में कोई असर नहीं दिख रहा है। जिला मुख्यालय पर चिन्हित किए गए छह फीडर रूट पर ई रिक्शों के संचालन की कवायद छह माह बाद भी परवान नहीं चढ़ सकी है। पांच विभागों की देखरेख में सड़क सुरक्षा समिति के निर्देशन में यह प्लान तैयार कर लागू होना था। इस प्लान के लागू होने के बाद सड़क सुरक्षा समिति को हर मासिक बैठक में इस योजना की समीक्षा की जानी थी। तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट ज्योति राय के निर्देश पर तत्कालीन टीएसआई जेपी सिंह ने शहर मुख्यालय पर छह फीडर रूट चिन्हित किए थे। योजना यह थी कि सभी चिन्हित छह फीडर रूट पर ई रिक्शा संचालन की संख्या का निर्धारण होना था। जिसमें जिस ई रिक्शे को जो रूट आंवटन किए जाने थे। उन रूटों पर उन्हीं ई रिक्शों का संचालन होना था। यह भी ध्यान दिया जाना था कि दरगाह इलाके के निवासी ई रिक्शा चालक को उसी इलाके के चिन्हित रूट पर चलना था। उसे तिकोनी बाग या अन्य विपरीत दिशा का रूट नहीं दिया जाना था। अभी शहर में यह हालत है कि कोई रूट चार्ट न होने से लगभग 90 फीसदी ई रिक्शे आसाम रोड के मल्हीपुर या भिनगा चौराहे से सीधे रोडवेज की ओर ही दौड़ते है। इस रोड पर ई रिक्शों की अधिकता से हर समय जाम की स्थित रहती है। वहीं ई रिक्शा चालक को सवारी भी संख्यानुरूप नहीं मिलती। जबकि शहर के तमाम इलाके ऐसे हैं, जहां घंटों इंतजार के बाद...