sarthak
Bhasha ka arth paribhasha visheshta ;'भाषा' शब्द संस्कृत की' भाष' धातु से बना है जिसका अर्थ है बोलना या कहना। वैसे तो सभी जीवधारी बोलते है, लेकिन मानव जिस वाणी को बोलता है बिल्कुल अन्य सभी जीवों से पूरी तरह पृथक है। जीवधारियों की भाषा को विचार-विनिमय की भाषा नही कहा जा सकता। क्योंकि उनकी भाषा केवल सांकेतिक मात्र होती है, जबकि मानव की भाषा का स्व.