सेवासदन उपन्यास pdf

  1. सेवा सदन मुंशी प्रेमचंद द्वारा पीडीएफ डाउनलोड हिंदी में
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सेवा सदन मुंशी प्रेमचंद द्वारा पीडीएफ डाउनलोड हिंदी में

बाजार-ए-हुस्न (उर्दू: بازارِ سن‎) या सेवा सदन (हिंदी: सेवा सदन) मुंशी प्रेमचंद का एक हिंदुस्तानी उपन्यास है। यह मूल रूप से उर्दू में बाज़ार-ए-हुस्न (“मार्केट ऑफ़ ब्यूटी” या रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट) शीर्षक के तहत लिखा गया था, लेकिन पहली बार 1919 में कलकत्ता से सेवा सदन (“द हाउस ऑफ़ सर्विस”) के रूप में हिंदी में प्रकाशित हुआ था। यह १९२४ में लाहौर से उर्दू में प्रकाशित हुआ था। बाजार-ए-हुस्न प्रेमचंद का पहला प्रमुख उपन्यास था; इससे पहले, उन्होंने लगभग 100 पृष्ठों के उर्दू में चार उपन्यास प्रकाशित किए थे। इस पुस्तक का एक अंग्रेजी अनुवाद 2005 में नई दिल्ली में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, भारत द्वारा जारी किया गया था।[2] मुंशी प्रेमचंद की 125वीं जयंती होने के कारण यह वर्ष महत्वपूर्ण बताया जा रहा है (Report through Bazaar-e-Husn (Urdu: بازارِ حُسن‎) or Seva Sadan (Hindi: सेवासदन) is a Hindustani novel by Munshi Premchand. It was originally written in Urdu under the title Bazaar-e-Husn (“Market of Beauty” or Red-light district) but was first published in Hindi from Calcutta as Seva Sadan (“The House of Service”), in 1919. It was published in Urdu, in 1924, from Lahore.[1] Bazaar-e-Husn was Premchand’s first major novel; before it, he had published four novellas in Urdu of about 100 pages each. An English translation of this book was released by Oxford University Press, India in New Delhi in 2005.[2] The year is stated to be significant, being the 125th anniversary of Munshi Premchand’s birth अन्य सर्वाधिक लोकप्रिय पुस्तकें के लिए यहाँ दबाइए – सभी हिंदी पुस्तकें पीडीएफ Free Hindi Book...

Seva Sadan

प्रेमचंद का सर्वश्रेष्ठ उपन्याससेवासदन‘सेवासदन’ हिन्दी और शायद उर्दू में भी सबसे पहला सामाजिक उपन्यास है। इस कृति में समाज की अनेक समस्याओं को एक साथ पूर्ण रूप से उभारा गया है। वस्तुतः प्रेमचन्द का सेवासदन एक ऐसा उपन्यास है, जिसने उन्हें हिन्दी उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठित किया और समूचे उपन्यास साहित्य को नई दिशा दी।उपन्यास की नायिका, सुमन का विवाह एक गरीब व्यक्ति से होता है, जो अच्छे वस्त्र और सुविधा सम्पन्न जीवन की उसकी स्वाभाविक इच्छा को पूरा नहीं कर पाता। उसका पिता ईमानदार पुलिस अफसर है। उसके सहयोगी और अधीनस्थ कर्मचारी उससे रुष्ट हैं, क्योंकि घूसखोरी आदि कुप्रथाओं का वह विरोध करता है और इस प्रकार उनके पथ का कंटक है। उसे अपनी पुत्री का विवाह करना है, इसलिए वह पथभ्रष्ट होता है। उसकी गिरफ्तारी होती है और उसे कारावास मिलता है। रात को एक सखी के घर से लौटने में सुमन को देर हो जाती है। असंतोष और खीज से त्रस्त उसका पति रात में उसे घर से बाहर निकाल देता है। वह अपनी सखी के घर जाने का प्रयत्न करती है परन्तु असफल रहती है। अन्त में, उसके पड़ोस में रहने वाली एक वेश्या उसे शरण देती है। सुमन साध्वी नारी के पद से गिरती है। इस प्रकार सेवासदन उस महिला की कहानी है, जिसे हालात ने वेश्या बना दिया। समाज में व्याप्त वेश्या समस्या का इसमें विस्तार से चित्रण हुआ है। यह केवल वेश्या समस्या का ताना-बाना नहीं है, बल्कि भारतीय नारी की विवश स्थिति और उसके गुलाम जीवन की नियति को बड़े ही मार्मिक ढंग से रेखांकित करने वाली कृति है। अगर अपना अपनी अपने अब अभी आँख आज आप इस उनक उनके उमानाथ उस उसक उसका उसके उसने उसे उह उहने एक ऐसा और कई कभी कर करके करता करती करते करना करने कह कहाँ का काम कि की कुछ के लए क...

सेवासदन (मुंशी प्रेमचंद) हिन्दी पुस्तक पीडीएफ

सेवासदन (मुंशी प्रेमचंद) हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Sevasadan (Premchand) Hindi Bookइस पुस्तक का नाम है :सेवासदन | इस ग्रन्थ के रचनाकार हैं : मुंशी प्रेमचंद | इस पुस्तक की पीडीएफ फाइल का कुल आकार लगभग 12 MBहैं | पुस्तक में कुल 300 पृष्ठहैं |पुस्तक का प्रकाशन 'हंस प्रकाशन' ने किया है. Name of the book is : Sevasadan. This book is written by : Munshi Premchand. Approximate size of the PDF file of this book is: 12 MB. This book has a total of 300 pages.This book has been published by Hans Prakashan. पुस्तक के लेखक पुस्तक की श्रेणी पुस्तक का साइज कुल पृष्ठ मुंशी प्रेमचंद साहित्य, उपन्यास 12 MB 300 पुस्तक से : पश्चाताप के कड़वे फल कभी न कभी सभी को चखने पड़ते हैं लेकिन और लोग बुराइयों पर पछताते हैं, दरोगा कृष्णचंद्र अपनी भलाइयों पर पछता रहे थे. उन्हें थानेदारी करते हुए 25 वर्ष हो गये लेकिन उन्होंने अपनी नियत को कभी बिगड़ने न दिया था. यौवन काल में भी, ज़ब चित्त भोग-विलास के लिए व्याकुल रहता है उन्होंने निस्पृह भाव से अपना कर्तव्य पालन किया था. लेकिन इतने दिनों के बाद वह अपनी सरलता और विवेक पर हाथ मल रहे थे.उनकी पत्नी गंगाजली सती साध्वी स्त्री थी. गंगाजली पुराने विचारों के अनुसार लड़कियों के ऋण से शीघ्र ही मुक्त होना चाहती थी. पर दरोगाजी कहते, अभी यह विवाह योग्य नहीं है. शास्त्रों में लिखा है कि कन्या का विवाह 16 वर्ष की आयु से पहले करना पाप है. इस प्रकार वह मन को समझा कर टालते रहते थे. समाचारपत्रों में ज़ब वह दहेज के विरोध में बड़े बड़े लेख पढ़ते तो बहुत प्रसन्न होते. गंगाजली से कहते कि अब एक ही दो साल में यह कुरीति मिटी जाती है. चिंता करने की कोई जरुरत नह...

Premchand Stories Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • मानसरोवर भाग 1 • घर जमाई(ghar jamai) Download • ठाकुर का कुआँ(thakur ka kuan) Download • स्‍वामिनी(svamini) Download • नशा(nasha) Download • शांति(shanti) Download • बड़े भाई साहब(bde bhai sahab) Download • बेटों वाली विधवा(beton vali vidhva) Download • माँ(ma) Download • ईदगाह(idgaah) Download • अलग्योझा(algyojha) Download • सुभागी(subhagi) Download • शिकार(sikaar) Download • कायर(kayar) Download • धिक्‍कार(dhikaar) Download • दिल की रानी(dil ki rani) Download • ज्योति(jyoti) Download • गुल्‍ली-डंडा(gulli danda) Download • झाँकी(jhanki) Download • पूस की रात(pus ki raat) Download • मनोवृत्ति(mnovriti) Download • रसिक संपादक(rasik sampadak) Download • गिला(gila) Download • घासवाली(ghasvaali) Download • तावान(tavaan) Download • आखिरी हीला(akhiri heela) Download • लांछन(lanchan) Download • दिल की रानी (dil ki rani) Download बड़े घर की बेटी मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां मानसरोवर भाग 2 कुसुम(kusum) Download खुदाई फौजदार(khudaai foujdaar) Download चमत्कार(chamtakar) Download मोटर के छींटे(motor ke chinte) Download कैदी(kedi) Download मिस पद्मा(mis padma) Download विद्रोही(vidhrohi) Download दो बैलों की कथा(do bailo ki katha) Download नेऊर(neuar) Download गृह-नीति(grih niti) Download कानूनी कुमार(kaanuni kumar) Download लॉटरी(lotory) Download जादू(jaadu) Download नया विवाह(nya vivah) Download शूद्र(shudra) Download रियासत का दीवान(riyast ka divan) Download मुफ्त का यश(muft ka yash) Download बासी भात में खुदा का साझा(baasi...

स्वीट सिक्सटीन

Description about eBook :जवानी की दहलीज़ पर अक्सर कदम लड़खड़ाते है, किशोर मन जीवन की रंगीनियों में भटकता है और कुछ पाने पर उससे ज्यादा पाने की चाहत बढ़ती जाती है। कुछ ऐसी ही कहानी है एक बेहद साधारण लड़के कुणाल की, जो उम्र के एक ऐसे पड़ाव पर खड़ा है, जहाँ ज़िन्दगी उस पर पूरी तरह मेहरबान है और रातें हसीन .. मगर इन सबकी एक कीमत है जो सिर्फ़ उसे ही चुकानी है और समाज का दोहरा चरित्र, जो दोस्ती और रिश्तों की शक्ल में उसकी राह में सबसे बड़ा रोड़ा है। जिससे बच निकलना नामुमकिन सा है.. लेकिन रात कितनी भी गहरी हो, वह सवेरा के आने को रोक नहीं पाती। पाक मुहब्बत और नापाक मंसूबों की कहानी – स्वीट Sixteen eBook Source :

Sevasadan

लोगों की राय • चौकड़िया सागर Yes Arvind Yadav • सम्पूर्ण आल्ह खण्ड Rakesh Gurjar • हनुमन्नाटक Dhnyavad is gyan vardhak pustak ke liye, Pata hi nai tha ki Ramayan Ji ke ek aur rachiyeta Shri Hanuman Ji bhi hain, is pustak ka prachar krne ke liye dhanyavad Pratiyush T • क़ाफी मग " कॉफ़ी मग " हल्का फुल्का मन को गुदगुदाने वाला काव्य संग्रह है ! " कॉफ़ी मग " लेखक का प्रथम काव्य संग्रह है ! इसका शीर्षक पुस्तक के प्रति जिज्ञासा जगाता है और इसका कवर पेज भी काफी आकर्षक है ! इसकी शुरुआत लेखक ने अपने पिताजी को श्रद्धांजलि के साथ आरम्भ की है और अपने पिता का जो जीवंत ख़ाका खींचा है वो मनोहर है ! कवि के हाइकु का अच्छा संग्रह पुस्तक में है ! और कई हाइकू जैसे चांदनी रात , अंतस मन , ढलता दिन ,गृहस्थी मित्र , नरम धूप, टीवी खबरे , व्यवसाई नेता व्यापारी, दिए जलाये , आदि काफी प्रासंगिक व भावपूर्ण है ! कविताओं में शीर्षक कविता " कॉफ़ी मग " व चाय एक बहाना उत्कृष्ट है ! ग़ज़लों में हंसी अरमां व अक्सर बड़ी मनभावन रचनाये है ! खूबसूरत मंजर हर युवा जोड़े की शादी पूर्व अनुभूति का सटीक चित्रण है व लेखक से उम्मीद करूँगा की वह शादी पश्चात की व्यथा अपनी किसी आगामी कविता में बया करेंगे ! लेखक ने बड़ी ईमानदारी व खूबसूरती से जिंदगी के अनुभवों, अनुभूतियों को इस पुस्तक में साकार किया है व यह एक मन को छूने वाली हल्की फुल्की कविताओं का मनोरम संग्रह है ! इस पुस्तक को कॉफी मग के अलावा मसाला चाय की चुस्की के साथ भी आनंद ले Vineet Saxena • आधुनिक हिन्दी साहित्य का इतिहास Bhuta Kumar • पांव तले भविष्य 1 VIJAY KUMAR • कारगिल Priyanshu Singh Chauhan • सोलह संस्कार kapil thapak • सोलह संस्कार kapil thapak • कामसूत्रकालीन समाज एव...

Premchand Stories Hindi

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Seva Sadan

प्रेमचंद का सर्वश्रेष्ठ उपन्याससेवासदन‘सेवासदन’ हिन्दी और शायद उर्दू में भी सबसे पहला सामाजिक उपन्यास है। इस कृति में समाज की अनेक समस्याओं को एक साथ पूर्ण रूप से उभारा गया है। वस्तुतः प्रेमचन्द का सेवासदन एक ऐसा उपन्यास है, जिसने उन्हें हिन्दी उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठित किया और समूचे उपन्यास साहित्य को नई दिशा दी।उपन्यास की नायिका, सुमन का विवाह एक गरीब व्यक्ति से होता है, जो अच्छे वस्त्र और सुविधा सम्पन्न जीवन की उसकी स्वाभाविक इच्छा को पूरा नहीं कर पाता। उसका पिता ईमानदार पुलिस अफसर है। उसके सहयोगी और अधीनस्थ कर्मचारी उससे रुष्ट हैं, क्योंकि घूसखोरी आदि कुप्रथाओं का वह विरोध करता है और इस प्रकार उनके पथ का कंटक है। उसे अपनी पुत्री का विवाह करना है, इसलिए वह पथभ्रष्ट होता है। उसकी गिरफ्तारी होती है और उसे कारावास मिलता है। रात को एक सखी के घर से लौटने में सुमन को देर हो जाती है। असंतोष और खीज से त्रस्त उसका पति रात में उसे घर से बाहर निकाल देता है। वह अपनी सखी के घर जाने का प्रयत्न करती है परन्तु असफल रहती है। अन्त में, उसके पड़ोस में रहने वाली एक वेश्या उसे शरण देती है। सुमन साध्वी नारी के पद से गिरती है। इस प्रकार सेवासदन उस महिला की कहानी है, जिसे हालात ने वेश्या बना दिया। समाज में व्याप्त वेश्या समस्या का इसमें विस्तार से चित्रण हुआ है। यह केवल वेश्या समस्या का ताना-बाना नहीं है, बल्कि भारतीय नारी की विवश स्थिति और उसके गुलाम जीवन की नियति को बड़े ही मार्मिक ढंग से रेखांकित करने वाली कृति है। अगर अपना अपनी अपने अब अभी आँख आज आप इस उनक उनके उमानाथ उस उसक उसका उसके उसने उसे उह उहने एक ऐसा और कई कभी कर करके करता करती करते करना करने कह कहाँ का काम कि की कुछ के लए क...

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बाजार-ए-हुस्न (उर्दू: بازارِ سن‎) या सेवा सदन (हिंदी: सेवा सदन) मुंशी प्रेमचंद का एक हिंदुस्तानी उपन्यास है। यह मूल रूप से उर्दू में बाज़ार-ए-हुस्न (“मार्केट ऑफ़ ब्यूटी” या रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट) शीर्षक के तहत लिखा गया था, लेकिन पहली बार 1919 में कलकत्ता से सेवा सदन (“द हाउस ऑफ़ सर्विस”) के रूप में हिंदी में प्रकाशित हुआ था। यह १९२४ में लाहौर से उर्दू में प्रकाशित हुआ था। बाजार-ए-हुस्न प्रेमचंद का पहला प्रमुख उपन्यास था; इससे पहले, उन्होंने लगभग 100 पृष्ठों के उर्दू में चार उपन्यास प्रकाशित किए थे। इस पुस्तक का एक अंग्रेजी अनुवाद 2005 में नई दिल्ली में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, भारत द्वारा जारी किया गया था।[2] मुंशी प्रेमचंद की 125वीं जयंती होने के कारण यह वर्ष महत्वपूर्ण बताया जा रहा है (Report through Bazaar-e-Husn (Urdu: بازارِ حُسن‎) or Seva Sadan (Hindi: सेवासदन) is a Hindustani novel by Munshi Premchand. It was originally written in Urdu under the title Bazaar-e-Husn (“Market of Beauty” or Red-light district) but was first published in Hindi from Calcutta as Seva Sadan (“The House of Service”), in 1919. It was published in Urdu, in 1924, from Lahore.[1] Bazaar-e-Husn was Premchand’s first major novel; before it, he had published four novellas in Urdu of about 100 pages each. An English translation of this book was released by Oxford University Press, India in New Delhi in 2005.[2] The year is stated to be significant, being the 125th anniversary of Munshi Premchand’s birth अन्य सर्वाधिक लोकप्रिय पुस्तकें के लिए यहाँ दबाइए – सभी हिंदी पुस्तकें पीडीएफ Free Hindi Book...

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