शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती

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  2. MP: शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का निधन, 99 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
  3. Death Of Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Disappearance Of The Symbol That Kept The Sanatan Culture Alive
  4. Dwarka Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati passes away at age of 99 in MP
  5. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जीवन परिचय
  6. Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Ji
  7. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 98 वर्ष की आयु में निधन
  8. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 98 वर्ष की आयु में निधन
  9. Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Ji
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shankaracharya of dwarka and sharda peeth swami shankaracharya saraswati passed away trending news ukup | शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में निधन, जानिए पोथीराम से जगतगुरु बनने की कहानी | Hindi News, Uttar Pradesh शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में निधन, जानिए पोथीराम से जगतगुरु बनने की कहानी Shankaracharya Saraswati Passed Away: ज्योतिर्मठ और द्वारका शारदा पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य का निधन हो गया. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 99 साल की उम्र में परमेश्वर में एकाकार हो गए. बता दें कि उन्होंने नरसिंहपुर के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में आज दोपहर अंतिम सांस ली. जानकारी के मुताबिक वह लंबे समय से अस्वस्थ थे. बता दें कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने आजादी की जंग में भी हिस्सा लिया था, तब उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. इसके अलावा राम नगरी अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी. हरियाली तीज के दिन था जन्मदिन आपको बता दें कि अभी हाल ही में हरियाली तीज बीता है. उसी दिन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्मदिन भी था. उनका 99 वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया था. खास बात ये है कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारका एवं ज्योतिर्मठ दोनों मठों के शंकराचार्य थे. आजादी से पहले सिवनी जिले में हुआ था जन्म आपको बता दें कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म देश की आजादी से पहले 2 सितंबर सन 1924 में हुआ था. मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में जबलपुर के छोटे से गांव दिघोरी में वह पैदा हुए थे. उनके पिता का नाम धनपति उपाध्याय और माता का नाम गिरिजा देवी था. माता-पिता ने दिया था पोथीरा...

MP: शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का निधन, 99 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

Swami Swaroopanand Died: द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया. वे 99 साल के थे. उन्होंने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में आखिरी सांस ली. स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था. कुछ दिन पहले ही स्वरूपानंद सरस्वती ने अपना 99वां जन्मदिवस मनाया था, जिसमें एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत कई बड़े नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का गंगा आश्रम नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर में हैं. उन्होंने रविवार को यहां दोपहर 3.30 बजे ली अंतिम सांस ली. स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म एमपी के सिवनी में 2 सितंबर 1924 को हुआ था. वे 1982 में गुजरात में द्वारका शारदा पीठ और बद्रीनाथ में ज्योतिर मठ के शंकराचार्य बने थे. ​ शंकराचार्य सरस्वती के माता-पिता ने बचपन में उनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था. उन्होंने 9 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था और धर्म की तरफ रुख किया. उन्होंने काशी (यूपी) में वेद-वेदांग और शास्त्रों की शिक्षा ली. स्वामी स्वरुपानन्द सरस्वती ने आजादी की लड़ाई में भी हिस्सा लिया था. उन्होंने 15 महीने की जेल में सजा काटी. सरस्वती ने यूपी के वाराणसी में 9 और मध्य प्रदेश में 6 महीने जेल की सजा काटी थी. शंकराचार्य के पार्थिव शरीर को कल भूसमाधि दी जाएगी शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का सोमवार दोपहर साढ़े तीन बजे नरसिंहपुर स्थित आश्रम में उनके पार्थिव शरीर को भूसमाधि दी जाएगी. ये जानकारी शंकराचार्य के तीनों प्रमुख शिष्य स्वामी सदानंद सरस्वती, अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद ने दी है. करोड़ों भक्तों की जुड़ी हुई है आस्था स्वतंत्रता सेनानी, रामसेतु रक्षक, गंगा को राष्ट्री...

Death Of Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Disappearance Of The Symbol That Kept The Sanatan Culture Alive

द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का दुनिया से विदा हो जाना निश्चित ही समूचे सनातन धर्म के लिए एक अपूरणीय क्षति है. किसी भी धर्म का कोई इतना बड़ा गुरू जब अपनी देह त्यागता है तो वह घड़ी उनके अनुयायियों के साथ ही उस पूरे समाज ले लिए भी बड़ा आघात होता है. शायद इसीलिए उनके निधन पर राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्रियों से लेकर कांग्रेस के नेताओं ने भी अपना शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है. उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो उनके निधन को समूचे संत समाज की अपूरणीय क्षति बताया है. देश को आजादी मिलने से काफी पहले 2 सितंबर 1924 को मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित छोटे से गांव दिघोरी में पैदा हुए स्वरूपानंद सरस्वती ने महज 9-10 साल की उम्र में ही घर-बार छोड़कर धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने के लिये सीधे काशी का रुख कर लिया था. लेकिन धर्म को धारण करने वाले इस संन्यासी ने राष्ट्र-यज्ञ में भी बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया. जब साल 1942 में 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' का नारा दिया गया तो स्वामी जी भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े. वे जेल में भी रहे और महज़ 19 साल की उम्र में वह देश के इकलौते ऐसे साधु बन गए थे जिनकी पहचान एक 'क्रांतिकारी साधु' के रूप में हो गई और लोग उन्हें उसी नाम से पुकारा करते थे. 99 बरस की उम्र में ब्रह्मलीन होने वाले स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ऐसे शंकराचार्य रहे जो अपने मुखर बयानों के लिए पहचाने जाते थे जिसके कारण वे कई बार विवादों में भी घिरे रहे. उन पर कांग्रेसी शंकराचार्य होने का आरोप भी लगाया गया क्योंकि साल 1990 में राजीव गांधी के जीवित रहते हुए उन्होंने ही प्रियंका गांधी के गृह प्रवेश की वि...

Dwarka Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati passes away at age of 99 in MP

Swami Swaroopanand Saraswati Death: द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार (11 सितंबर 2022) को निधन हो गया। वह 99 साल के थे। शंकराचार्य ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में आखिरी सांस ली। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने नरसिंहपुर के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में रविवार दोपहर 3.30 बजे अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। स्वामी स्वरूपानंद ने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। वह आजादी की लड़ाई में जेल भी गए थे। प्रियंका गांधी ने जताया शोक: कांग्रेस नेता अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, “उदारता व सद्भावना पर उनके साथ चर्चा करने का मौका मिला। स्वामी जी ने मेरे पिता के रहते हुए 1990 में हमारी गृहप्रवेश की पूजा कराई थी। ये पूरे समाज के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि इस कठिन समय में स्वामी जी के अनुयायियों को कष्ट सहने का साहस दें।”

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जीवन परिचय

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जीवनी, जीवन परिचय [पूरा नाम, जन्म तारीख, मृत्यु, पिता, माता, पत्नी, उम्र, शिक्षा, विवाद, स्वतंत्रता संग्राम, संपत्ति, चार मठ, विचार ] Swami Swaroopanand Saraswati Biography in hindi [date of birth, education, political career, age, death date, father, mother, controversy, facts, four math, history, latest news, aashram] द्वारका और शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में 11 सितंबर को निधन हो गया। उन्होंने अपनी अंतिम सांस मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में ली। उससे पहले आपको याद होगा कि, उन्होंने अपना 99वां जन्मदिन मनाया था। जिसमें कई बड़ी हस्तियों ने शिरकत की थी। तभी उनकी भेट सबसे हुई थी। उसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। आज हम उनके जीवन से जुड़े कुछ अहम पहलू आपके सामने रखेंगे। जिसको आप भी ध्यान से पढ़कर जान सकते हैं। आखिर कैसे थे स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती। Table of Contents • • • • • • • • • • स्वामी स्वरूपानंद जीवनी [Swami Swaroopanand Saraswati Biography] नाम [Name] शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जन्म [Date of Birth] 2 सितंबर 1924 जन्म स्थान [Birth Place] दिघोरी गांव, सिवनी जिला (मध्य प्रदेश) निधन [Death] 11 सितंबर 2022 उम्र [Age] 99 साल मृत्यृ स्थान [Death Place] मध्य प्रदेश पिता का नाम [Father name] श्री धनपति उपाध्याय माता का नाम [Mother name] गिरजा देवी धर्म [Relegion] हिंदू राष्ट्रीयता [Nationality] भारतीय शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का शुरूआती जीवन [Early Life] शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म 2 सिंतबर 1924 को मध्य प्रदेश राज्य के सिवनी जिले में हुआ। वह ब्राह्मण परिव...

Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Ji

शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का जन्म 2 सितंबर 1924 मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के अंतर्गत बेन गंगा के सुरम्य तट पर स्थित ग्राम दिघोरी में रात्रि के समय हुआ । इनके पिता का नाम पंडित धनपति उपाध्याय एंव माता का नाम गिरजा देवी है । माता-पिता ने इनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा। नौ वर्ष की उम्र में उन्होंने घर छोड़ कर धर्म यात्रायें प्रारम्भ कर दी थीं। इस दौरान वह काशी पहुंचे और यहां उन्होंने ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ली। यह वह समय था जब भारत को अंग्रेजों से मुक्त करवाने की लड़ाई चल रही थी। जब 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा तो वह भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और 19 साल की उम्र में वह 'क्रांतिकारी साधु' के रूप में प्रसिद्ध हुए। इसी दौरान उन्होंने वाराणसी की जेल में नौ और मध्यप्रदेश की जेल में छह महीने की सजा भी काटी। वे करपात्री महाराज की राजनीतिक डाल राम राज्य परिषद के अध्यक्ष भी थे। 1950 में वे दंडी संन्यासी बनाये गए और 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली। 1950 में ज्योतिषपीठके ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड-सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने जाने लगे। ज्योतिर्मठ के तत्कालीन शंकराचार्य स्वामी ब्रम्हानंद सरस्वतीजी से कलकत्ता में पौष सुदी एकादशी 1950 में दंड सन्यास ग्रहण कर दंडी सन्यासी स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के नाम से विख्यात हुए आध्यात्मिक उत्थान की भावना से 14 मई 1964 को आध्यात्मिक उत्थान मंडल कीस्थापना की। पूज्य महाराज श्री ने अपनी तपस्या स्थली परमहंसी गंगा में भगवती राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी का विशाल मंदिर बनवाया जिस की प्रतिष्ठा 26 दिसम्बर 19...

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 98 वर्ष की आयु में निधन

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • Swami Swaroopanand Died: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 98 वर्ष की आयु में निधन द्वारकापीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 98 वर्ष की आयु में 11 सितंबर 2022 को नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश में निधन हो गया हिंदू धर्मगुरु ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के श्रीधाम झोटेश्वर आश्रम में दोपहर 3.30 बजे अंतिम सांस ली। शंकराचार्य जी का अंतिम संस्कार सोमवार को होगा। स्वामी स्वरूपानंद द्वारका, शारदा और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य थे। Quick info about Swami Swaroopanand Saraswati ji पूरा नाम ( Full Name) शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती माता-पिता द्वारा रखा गया नाम पोथीराम उपाध्याय जाति ( Cast) ब्राह्मण परिवार धर्म हिन्दू नागरिकता भारतीय राशि Updated soon उम्र ( Age) 98 साल की उम्र में निधन जन्म स्थान ( Birth place) दिघोरी गांव, सिवेनी जिला, जबलपुर, मध्य प्रदेश जन्म तिथि ( Date of Birth) 2 सितंबर 1924 जाने जाते हैं भारतीय धर्मगुरु जीवनकाल 2/सितंबर/1924 – 11/सितंबर/2022 निधन दोपहर 3.30 – 11/ सितंबर/2022 (मध्य प्रदेश) लोकप्रियता का कारण दो मठों (द्वारका शारदा पीठ एवं ज्योतिर्मठ) के शंकराचार्य थे। पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने जताया दुख द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!— Narendra Modi (@narendramodi) पीएम नरेंद्र मोदी शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर शोक जताते हुए उनके अनुयायियों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हु...

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 98 वर्ष की आयु में निधन

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • Swami Swaroopanand Died: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 98 वर्ष की आयु में निधन द्वारकापीठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 98 वर्ष की आयु में 11 सितंबर 2022 को नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश में निधन हो गया हिंदू धर्मगुरु ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के श्रीधाम झोटेश्वर आश्रम में दोपहर 3.30 बजे अंतिम सांस ली। शंकराचार्य जी का अंतिम संस्कार सोमवार को होगा। स्वामी स्वरूपानंद द्वारका, शारदा और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य थे। Quick info about Swami Swaroopanand Saraswati ji पूरा नाम ( Full Name) शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती माता-पिता द्वारा रखा गया नाम पोथीराम उपाध्याय जाति ( Cast) ब्राह्मण परिवार धर्म हिन्दू नागरिकता भारतीय राशि Updated soon उम्र ( Age) 98 साल की उम्र में निधन जन्म स्थान ( Birth place) दिघोरी गांव, सिवेनी जिला, जबलपुर, मध्य प्रदेश जन्म तिथि ( Date of Birth) 2 सितंबर 1924 जाने जाते हैं भारतीय धर्मगुरु जीवनकाल 2/सितंबर/1924 – 11/सितंबर/2022 निधन दोपहर 3.30 – 11/ सितंबर/2022 (मध्य प्रदेश) लोकप्रियता का कारण दो मठों (द्वारका शारदा पीठ एवं ज्योतिर्मठ) के शंकराचार्य थे। पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने जताया दुख द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!— Narendra Modi (@narendramodi) पीएम नरेंद्र मोदी शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर शोक जताते हुए उनके अनुयायियों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हु...

Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Ji

शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का जन्म 2 सितंबर 1924 मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के अंतर्गत बेन गंगा के सुरम्य तट पर स्थित ग्राम दिघोरी में रात्रि के समय हुआ । इनके पिता का नाम पंडित धनपति उपाध्याय एंव माता का नाम गिरजा देवी है । माता-पिता ने इनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा। नौ वर्ष की उम्र में उन्होंने घर छोड़ कर धर्म यात्रायें प्रारम्भ कर दी थीं। इस दौरान वह काशी पहुंचे और यहां उन्होंने ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ली। यह वह समय था जब भारत को अंग्रेजों से मुक्त करवाने की लड़ाई चल रही थी। जब 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा तो वह भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और 19 साल की उम्र में वह 'क्रांतिकारी साधु' के रूप में प्रसिद्ध हुए। इसी दौरान उन्होंने वाराणसी की जेल में नौ और मध्यप्रदेश की जेल में छह महीने की सजा भी काटी। वे करपात्री महाराज की राजनीतिक डाल राम राज्य परिषद के अध्यक्ष भी थे। 1950 में वे दंडी संन्यासी बनाये गए और 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली। 1950 में ज्योतिषपीठके ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड-सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने जाने लगे। ज्योतिर्मठ के तत्कालीन शंकराचार्य स्वामी ब्रम्हानंद सरस्वतीजी से कलकत्ता में पौष सुदी एकादशी 1950 में दंड सन्यास ग्रहण कर दंडी सन्यासी स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के नाम से विख्यात हुए आध्यात्मिक उत्थान की भावना से 14 मई 1964 को आध्यात्मिक उत्थान मंडल कीस्थापना की। पूज्य महाराज श्री ने अपनी तपस्या स्थली परमहंसी गंगा में भगवती राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी का विशाल मंदिर बनवाया जिस की प्रतिष्ठा 26 दिसम्बर 19...

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