शंकु का आयतन

  1. घन एवं घनाभ किसे कहते है
  2. शंकु का क्षेत्रफल, वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल, संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल, परिभाषा, आयतन: area of cone in hindi, formula, curved surface area, total surface area, tsa, sca
  3. MP Board Class 10th Maths
  4. शंकु का आयतन फार्मूला क्या होता है? सूत्र, गुणधर्म: volume of a cone in hindi, formula, examples, maths
  5. धन का आयतन का सूत्र क्या होता है? – ElegantAnswer.com
  6. शंकु का क्षेत्रफल, वक्र पृष्ठीय एवं सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल
  7. पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन कक्षा 10 (Surface Area and Volume Class 10th)
  8. शंकु


Download: शंकु का आयतन
Size: 25.17 MB

घन एवं घनाभ किसे कहते है

हेलो दोस्तों आज में आपको घन एवं घनाभ ( Cube Or Cuboid ) क्या है इसकी परिभाषा, क्षेत्रफल, आयतन तथा घन एवं घनाभ के सभी फार्मूला और इस से रिलेटेड सभी प्रश्न बताने वाला हूँ जिसे आप निचे इस पोस्ट में पढ़ सकते है | घन एवं घनाभ (Ghan or Ghanabh) के यह फार्मूला और क्वेश्चन आपको कॉम्पटीटिव एग्जाम में पूछे जाते है इसलिए आपको इसके सभी फार्मूला का पता होना बहुत जरूरी है इस से पहले मेने आपको घन किसे कहते है – (What is Cube) घन एक त्रिआयामी आकृति होती है जिसकी लम्बाई, चौड़ाई तथा ऊंचाई समान होती है अर्थात जिसकी लम्बाई, चौड़ाई, ऊँचाई समान होती हैं, उसे घन कहते हैं। एक घन में सदैव (a) छ: फलक (b) बारह किनारे (c) आठ कोने होते है जैसे – पासा घन का क्षेत्रफल व आयतन सूत्र – ( Cube Area And Perimeter Formula ) माना घन की लम्बाई या एक भुजा a, है, अत: घन का आयतन= a³ घन मात्रक घन का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6a² वर्ग मात्रक घन की तिर्यक ऊँचाई (कर्ण) = √3a मात्रक घनाभ किसे कहते है – ( What is Cuboid ) 6 आयताकार फलको से घिरी हुयी आकृति को घनाभ कहते है यह भी त्रिआयामी आकृति होती है जिसकी लम्बाई, चौड़ाई तथा ऊंचाई समान नहीं होती है जैसे – माचिस | घनाभ का क्षेत्रफल व आयतन सूत्र – ( Cuboid Area And Perimeter Formula ) घनाभ का आयतन= (l×b×h) घन मात्रक जहाँ, l= लम्बाई, b= चौड़ाई, तथा h= ऊँचाई घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2(lb+bh+lh) घन मात्रक घनाभ की तिर्यक ऊँचाई (कर्ण) =√l2+b2+h2 मात्रक घन एवं घनाभ के फलक, कोना, किनारा – सतह या फलक: किसी भी घन या घनाभ में छ: सतहें (फलकें) होती हैं | कोना: किसी भी घन या घनाभ में आठ कोने होते हैं | किनारा: किसी भी घन या घनाभ में बारह किनारे होते हैं | • • • घन एवं घनाभ के प्रश्न – Cube ...

शंकु का क्षेत्रफल, वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल, संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल, परिभाषा, आयतन: area of cone in hindi, formula, curved surface area, total surface area, tsa, sca

विषय-सूचि • • • • • • • • • • • शंकुकीपरिभाषा (definition of cone in hindi) शंकु(cone) एकऐसीत्रिआयामी(3d) आकृतिहैजिसकाएकगोलाकारआधारहोताहैएवंजिसकाशीर्षएकबिंदुहोताहै।हमअगरएकसमतलमेंदेखेंतोशंकुऐसेरेखाखण्डोंसेबनाहोताहैजोशीर्षपरबिंदुहैउसेआधारकेसभीबिंदुसेजोड़तेहैं।ऐसाहोनेपरशंकुबनताहै। इससेपहलेहमनें ऊपरदीगयीआकृतिमेंजैसाकिआपदेखसकतेहैंयहाँएक शंकुकेगुणधर्म (properties of a cone in hindi) आइयेअबहमइसआकृतिकेकुछगुणधर्मोंकेबारेमेंचर्चाकरतेहैं : • फलक :एकशंकुमेंकेवलएकफलकहोताहैएवंवहफलकगोलाकारहोताहै।यहशंकुकानीचेकाहिस्साहोताहै।इसेशंकुकाआधारभीकहाजाताहै। • शीर्ष :एकशंकुमेंएकशीर्षहोताहै।शंकुकेकिनारोंकोघुमायाजाताहैएवंउन्हेंएकबिंदुपरमोड़दियाजाताहैजिससेहमेंशंकुकाशीर्षमिलताहै। • एकशंकुकीचौड़ाईउसकेगोलाकारफलककाव्यासहोताहै। शंकुकाक्षेत्रफल (area of a cone in hindi) शंकुकापूर्णपृष्ठीयक्षेत्रफल (total surface area of cone) शंकुकेपूर्णपृष्ठीयक्षेत्रफलकासूत्रनिम्नहोताहै : पूर्णपृष्ठीयक्षेत्रफल = πr (l+r) यहाँ r आधारकीत्रिज्याहैएवं l शंकुकीतिर्यकऊंचाईहै। यहहमइसतरहसेनिकालसकतेहैं : वक्रपृष्ठकाक्षेत्रफल =πrl आधारकाक्षेत्रफल =πr 2 जबहमइनदोनोंकोजोड़तेहैं : = πrl+ πr 2 = πr (l+r) शंकुकावक्रपृष्ठीयक्षेत्रफल : शंकुकेवक्रपृष्ठीयक्षेत्रफलकासूत्रनिम्नहोताहै : वक्रपृष्ठीयक्षेत्रफल = πrl यहाँ r आधारकीत्रिज्याहैएवं l शंकुकीतिर्यकऊंचाईहै। शंकुकीतिर्यकऊंचाई: एकशंकुकीतिर्यकऊंचाईको l सेचिन्हितयासूचितकियाजाताहै।अगरहमेंयहनहींदेरखीहैतोहमइसेइसप्रकारनिकालसकतेहै : l 2= r 2+ h 2 जहाँ r गोलाकारआधारकीत्रिज्याहोतीहैएवं h शंकुकीऊंचाईहोतीहै।यहहमपाइथागोरसप्रमेयसेकरतेहैंक्योंकिएकशंकुकेअन्दरएकसमकोणत्रिभुजबनताहै। शंकुकाआयतन (volume of a cone in...

MP Board Class 10th Maths

ज्ञात है : दो सर्वांगसम घन जिनमें से प्रत्येक का आयतन V = a³ = 64 cm³ है, जहाँ a = वर्ग की भुजा है। दोनों के संलग्न फलकों को मिलाकर एक घनाभ बनाया गया है जिसकी लम्बाई l = 2a cm चौड़ाई b = a cm एवं ऊँचाई h = a cm है। ∵ V = a³ = 64 = (4)³ ⇒ a = 4 cm ⇒ l = 2a = 2 x 4 = 8cm, b = 4 cm एवं h = 4 cm ∵ घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल S w = 2(lb + bh + hl) . ⇒ S w = 2(8 x 4 + 4 x 4 + 4 x 8) = 2(32 + 16 + 32) = 2 x 80 = 160 cm² अतः, घनाभ का अभीष्ट पृष्ठीय क्षेत्रफल = 160 cm² है। प्रश्न 2. कोई बर्तन खोखले अर्द्धगोले के आकार का है जिसके ऊपर एक खोखला बेलन अध्यारोपित है। अर्द्ध गोले का व्यास 14 cm है और इस बर्तन (पात्र) की कुल ऊँचाई 13 cm है। इसका आन्तरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। हल : ज्ञात है : एक 14 cm व्यास वाला एक खोखला अर्द्धवृत्ताकार पात्र एवं उसके ऊपर अध्यारोपित समान व्यास के एक खोखले बेलन के अध्यारोपण के फलस्वरूप बना एक संयुक्त पात्र जिसकी कुल ऊँचाई 13 cm है (देखिए संलग्न आकृति 13.3)। चूँकि बेलन के आधार पर व्यास = अर्द्ध गोलाकार बर्तन का व्यास d= 14 cm ⇒ बेलन की त्रिज्या = अर्द्ध गोले की त्रिज्या r = 14/2 =7 cm ∵ पात्र की कुल ऊँचाई = 13 cm ⇒ बेलन की ऊँचाई h = 13 cm – 7 cm = 6 cm ∵ पात्र की आन्तरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + अर्द्ध गोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल ⇒ पात्र का आन्तरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh + 2π² = 2 x 22 प्रश्न 3. एक खिलौना त्रिज्या 3.5 cm वाले एक शंकु के आकार का है जो उसी त्रिज्या वाले एक अर्द्ध गोले पर अध्यारोपित है। इस खिलौने की सम्पूर्ण ऊँचाई 15.5 cm है। इस खिलौने का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। हल : ज्ञात है : संलग्न आकृति ...

शंकु का आयतन फार्मूला क्या होता है? सूत्र, गुणधर्म: volume of a cone in hindi, formula, examples, maths

विषय-सूचि • • • • • • शंकुक्याहोताहै? (definition of cone in hindi) शंकु(cone) एकऐसीत्रिआयामी(3d) आकृतिहैजिसकाएकगोलाकारआधारहोताहैएवंजिसकाशीर्षएकबिंदुहोताहै।हमअगरएकसमतलमेंदेखेंतोशंकुऐसेरेखाखण्डोंसेबनाहोताहैजोशीर्षपरबिंदुहैउसेआधारकेसभीबिंदुसेजोड़तेहैं।ऐसाहोनेपरशंकुबनताहै। ऊपरदीगयीआकृतिमेंजैसाकिआपदेखसकतेहैंयहाँएकगोलाकारआधारहैएवंसबसेऊपरशीर्षपरएकनिश्चितबिंदुहै।अतःयहत्रिआयामीआकृतिएकशंकुकहलाएगी। शंकुकेगुणधर्म (properties of cone in hindi): आइयेअबहमइसआकृतिकेकुछगुणधर्मोंकेबारेमेंचर्चाकरतेहैं : • शीर्ष :एकशंकुमेंएकशीर्षहोताहै।शंकुकेकिनारोंकोघुमायाजाताहैएवंउन्हेंएकबिंदुपरमोड़दियाजाताहैजिससेहमेंशंकुकाशीर्षमिलताहै। • एकशंकुकीचौड़ाईउसकेगोलाकारफलककाव्यासहोताहै। • फलक :एकशंकुमेंकेवलएकफलकहोताहैएवंवहफलकगोलाकारहोताहै।यहशंकुकानीचेकाहिस्साहोताहै।इसेशंकुकाआधारभीकहाजाताहै। शंकुकाआयतन (volume of cone in hindi) जैसाकिहमजानतेहैंशंकुएकत्रिआयामीआकृतिहैजिसकागोलाकारआधारहोताहै।इसकीबनावटकेआधारपरहमइसकेआयतनसमानआधारवालेबेलनकेआयतनकातीसराहिस्सामानतेहैं।जैसाकिहमजानतेहैंएकबेलनकाक्षेत्रफल πr 2hहोताहैजहां r गोलाकारआधारकीत्रिज्याहोतीहैएवं h लम्बऊंचाईहोतीहै। बेलनकाआयतन =πr 2h शंकुकाआयतन = 1/ 3बेलनकाआयतन अतः शंकुकाआयतन = 1/ 3 πr 2h जहां r इसशंकुकेगोलाकारआधारकीत्रिज्याहैएवं h इसशंकुकीलम्बऊंचाईहै। उदाहरण: आइयेअबहमशंकुकाआयतननिकालनाउदाहरणोंकेसाथसीखतेहैं: उदाहरण 1:एकशंकुकाआयतन 9856 cm 3 है।अगरइसशंकुकीआधारकाव्यास 28 cm हैतोइसशंकुकीलम्बऊंचाई, तिर्यकऊंचाईएवंवर्कपृष्ठक्षेत्रफलज्ञातकीजिये। हल : शंकुकाआयतन =9856 cm 3 गोलाकारआधारकाव्यास = 28 cm गोलाकारआधारकीत्रिज्या = 14 cm अबहमआयतनकासूत्रलिखेंगेएवंउसेउसकेमानसेतुलनाकरेंगे : 1/3πr ...

धन का आयतन का सूत्र क्या होता है? – ElegantAnswer.com

धन का आयतन का सूत्र क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंघन का आयतन (volume of cube in hindi) सबसे पहले उस घन की भुजा का माप पता होना चाहिए। अगर हमे उस घन की भुजा का माप पता है तो हम आसानी से उस घन का आयतन निकाल सकते हैं। इससे हम घन का क्षेत्रफल भी निकाल सकते हैं घन की लंबाई क्या है? इसे सुनेंरोकेंकिसी त्रिविमीय वस्तु का आयतन उसके अंदर के स्थान की मात्रा का माप होता है। इसे घन इकाइयों में मापा जाता है तथा यह इकाई घनों (जिनके किनारों की लंबाई है) की संख्या के बराबर होता है। दाईं तरफ दिए गए रेखाचित्र में प्रत्येक भुजा की लंबाई 2 इकाई है, इसलिये दो इकाई घन प्रत्येक भुजा के साथ सही बैठते हैं। एक घन की कोर 4 सेंटीमीटर है इसके विकर्ण की लंबाई कितनी होगी? इसे सुनेंरोकेंइसके विकर्ण की लम्बाई है- 12 सेमी एक घन में कितने किनारे होते हैं? इसे सुनेंरोकेंएक घन में 6 फलक तथा 12 किनारे होते हैं घनाभ का आयतन कैसे निकाले? घनाभ का आयतन, सूत्र, परिभाषा, सवाल • लम्बाई(length) : l. • चौड़ाई(width/breadth) : b. • ऊंचाई(height) : h. • ये भी पढ़ें: • ये भी पढ़ें: • घनाभ का आयतन = लम्बाई * चौड़ाई * ऊंचाई • या • = l*b*h. अर्ध गोले का वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंअर्धगोले का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल (Total Surface Area of hemisphere in hindi) : जैसा कि हमने देखा एक अर्ध गोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल एक पूर्ण गोले के क्षेत्रफल को आधा करने पर निकल गया। अब हमें इसका पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल निकालना है तो बस इसके आधार का क्षेत्रफल जोड़ना होगा घन में कितने शीर्ष होते हैं? घन (ज्यामिति) घन फलकों का आकार वर्गाकार फलकों की संख्या 6 शीर्षों की संख्या 8 कोरों की संख्या 12 घनाभ में को रोके संख्या कित...

शंकु का क्षेत्रफल, वक्र पृष्ठीय एवं सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल

शंकु को एक शंकु का आधार वृताकार होता है. वही, Shanku ka Kshetrafal आधार और तिर्यक ऊँचाई से परिभाषित होता है. प्रयोग के अनुसार शंकु क्लास 8, क्लास 9 और शंकु का फार्मूला का योगदान अधिक होता है. एक अनुभवी शिक्षक के अनुसार फार्मूला का ज्ञान गणित में विद्यार्थियों उत्तम बनाता है. यहाँ उसी दृष्टिकोण को मानते हुए फार्मूला अंकित किया गया है जो आवश्यक है. Table of Contents • • • • • शंकु की परिभाषा शंकु, एक त्रिविमीय आकृति है, जो किसी समकोण-नुमा आकृति को इस प्रक्रिया में, शंकु का आधार किसी भी आकार का हो सकता है और शीर्ष कहीं भी हो सकता है. इसलिए, Shanku ka Kshetrafal सिमित और शीर्ष आधार के बहार स्थिर होता है. अवश्य पढ़े, वर्ग का परिभाषा एवं क्षेत्रफल आयत का विशेष क्षेत्रफल समानान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल त्रिकोणमिति परिचय, टेबल एवं तथ्य शंकु का क्षेत्रफल का फार्मूला| Shanku ka Kshetrafal मुख्य रूप से, शंकु का आधार वृताकार होता है, इसलिए, इसकी परिधि वही होती है जो वृत्त का होता है. लेकिन यदि शंकु के आधार के क्षेत्रफल को वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल में शामिल कर दिया जाए, तो शंकु का सम्पूर्ण क्षेत्रफल प्राप्त होता है. जो इस प्रकार है. शंकु के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = πrl लम्बवृतीय शंकु के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = πr ( l + r ) शंकु का आधार का क्षेत्रफल = πr 2 अर्थात, लम्बवृतीय शंकु के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = आधार का क्षेत्रफल + वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल लम्बवृतीय शंकु के समकोण त्रिभुजा की भुजा, l 2 = h 2+ r 2 शंकु की तिर्यक ऊँचाई = √ ( h 2+ r 2) लम्बवृतीय शंकु की ऊँचाई = √ (l 2– r 2) शंकु की आधार की त्रिज्या = √ (l 2– h 2) तथा शंकु का आयतन = 1/3 πr 2h ...

पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन कक्षा 10 (Surface Area and Volume Class 10th)

परिचय हम घन, घनाभ, बेलन, शंकु, गोले आदि जैसी ठोस आकृतियों या त्रिविमीय (3D) आकृतियों से परिचित हैं। हमने पिछली कक्षाओं में इन आकृतियों और उनके गुणों का अध्ययन किया है। कक्षा 9वीं में, हमने पृष्ठीय क्षेत्रफलों की मूल बातें और ठोस आकृतियों के आयतनों का अध्ययन किया। हम ठोस आकृतियों के पृष्ठीय क्षेत्रफलों और आयतनों (Surface Area and Volume) से संबंधित सभी सूत्र जानते हैं। इस कक्षा में, हम और अधिक अध्ययन करेंगे और ठोसों के संयोजन का पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन, एक ठोस का एक आकार से दूसरे आकार में परिवर्तन, शंकु के छिन्नक आदि का पता लगाएंगे। इस अध्याय के मुख्य भाग को शुरू करने से पहले, हम एक-एक करके ठोस आकृतियों और उनके सूत्रों को याद करते हैं जिनका हम पहले ही अध्ययन कर चुके हैं। पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन (Surface Area and Volume) क्या हैं? ठोस आकृतियों के कुल सतह का क्षेत्रफल पृष्ठीय क्षेत्रफल के रूप में जाना जाता है। ठोस आकृतियों द्वारा घेरे गए स्थान की माप को आयतन कहते हैं। घन घन एक ठोस आकृति है जिसमें 6 फलक, 8 शीर्ष और 12 किनारे होते हैं। सभी फलक और किनारे समान माप के होते हैं। घन का प्रत्येक फलक एक वर्ग के आकार का होता है। घन का पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन घन का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6a 2 घन का आयतन = a 3 जहाँ, a = घन का प्रत्येक किनारा (कोर)। नोट – कभी-कभी घन के पृष्ठीय क्षेत्रफल को कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल भी कहा जाता है। घन का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल एक घन की नीचे और ऊपर की सतहों के अलावा शेष बची सतह पार्श्व सतह होती है। इसका मतलब है कि पार्श्व सतह में केवल चार सतहें होंगी। इन चारों सतहों के क्षेत्रफल को घन का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल कहते हैं। घन का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल ...

शंकु

शंकु (cone), एक त्रि-आयामी(त्रिविमीय) संरचना है, जो शीर्ष बिन्दु और एक आधार (आवश्यक नहीं कि यह आधार शंकु रेखा खंडों, अर्धरेखाओं, या एसी रेखाओं द्वारा निर्मित होता है जो एक निश्चित बिन्दु शीर्ष को एक समतलीय आधार (जिसमें शीर्ष स्थित न हो) के सभी बिन्दुओं को जोड़ने पर बनती हैं। शंकु एक त्रिविमीय संरचना है। एक ठोस वस्तु में, इन रेखाओं या आंशिक रेखाओं द्वारा बनाए गए पृष्ठ को पार्श्व पृष्ठ कहा जाता है; यदि पार्श्व पृष्ठ असंबद्ध है, तो यह एक शंकु का पृष्ठ है। यदि शंकु शीर्ष से दोनों दिशाओं में असीमित रूप से दूर तक फैला हुआ है, तब इस मामले में इसे कभी-कभी द्विशंकु कहा जाता है। एक शंकु की अक्ष, एक सीधी रेखा (यदि कोई हो) होती है, जो शीर्ष से होकर गुज़रती है, जिसके कारण आधार (और पूरे शंकु) में वृत्ताकार समरूपता होती है। ज्यामिति में सामान्य प्रयोगों में, शंकु को शंकु परिच्छेद कहलाता है। आम तौर पर, शंकु का आधार किसी भी आकार का हो सकता है और शंकु का शीर्ष कहीं भी हो सकता है (हालांकि आमतौर पर यह माना जाता है कि आधार सम्बद्ध है, जिसके कारण इसका क्षेत्रफल सीमित होता है, और शीर्ष आधार के बाहर स्थित होता है)। लम्ब-वृत्तीय शंकुओं के अलावा तिरछे शंकु होते हैं, जिसमें अक्ष, आधार के केंद्र के साथ समकोण न बनाती हो। ऐसा शंकु, जिसका आधार एक मापन और समीकरण [ ] आयतन: किसी शंकु का आयतन V प्रक्षेपीय ज्यामिति में शंकु [ ] • Afrikaans • አማርኛ • العربية • Aymar aru • Azərbaycanca • تۆرکجه • Basa Bali • Беларуская • Беларуская (тарашкевіца) • Български • Bosanski • Català • Tsetsêhestâhese • کوردی • Čeština • Чӑвашла • Cymraeg • Dansk • Deutsch • Ελληνικά • English • Esperanto • Español • Eesti • Euskara ...