Shahjahanpur ka tapman

  1. शरीर का तापमान कितना होना चाहिए


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शरीर का तापमान कितना होना चाहिए

शरीर के सामान्य तापमान का अर्थ होता है मानव शरीर में आमतौर पर पाया जाने वाला तापमान। इसे चिकित्सीय भाषा में नॉरमोथेरमिया (Normothermia) कहा जाता है, यानी "सामान्य तापमान"। हर व्यक्ति के शरीर का तापमान उसकी उम्र, शारीरिक गतिविधि, इस लेख में शरीर के तापमान का मतलब, सामान्य तापमान क्या होता है, तापमान बढ़ना और कम होना के बारे में बताया गया है। • • • • हमारा शरीर एक भट्ठी के जैसा होता है जिसमें से लगातार गर्मी या हीट निकलती रहती है। यह गर्मी जीवित रहने के लिए शरीर द्वारा किए जाने वाले महवपूर्ण कार्यों से बनती है। अगर आपके शरीर में सामान्य से बहुत अधिक या बहुत कम हीट निकल रही है, इसका मतलब है आपके शरीर में कोई समस्या है। शरीर का तापमान अंदर की गर्मी बाहर निकालने की शरीर की क्षमता का एक माप होता है। शरीर का तापमान मापने के चार तरीके होते हैं - • बगल से, • मुँह से, • कान से और • गुदा से (और पढ़ें - एक व्यसक के शरीर का सामान्य तापमान 97 डिग्री फेरनहाइट (36.11 डिग्री सेल्सियस) से 99 डिग्री फेरनहाइट (37.22 डिग्री सेल्सियस) के बीच होता है। बच्चों व नवजात शिशुओं के शरीर का तापमान बड़ों के मुकाबले थोड़ा अधिक होता है। उनके लिए सामान्य तापमान 97.9 डिग्री फेरनहाइट (36.61 डिग्री सेल्सियस) से 100.4 डिग्री फेरनहाइट (38 डिग्री सेल्सियस) के बीच होता है। (और पढ़ें - हर व्यक्ति के शरीर का तापमान ‘सामान्य तापमान’ जितना नहीं होता। शरीर का तापमान दिन के समय के अनुसार और पूरे जीवन में बदलता रहता है। यह व्यक्ति की उम्र, शारीरिक गतिविधि, इन्फेक्शन, लिंग, दिन का समय, शरीर से तापमान लेने की जगह, चेतना और भावनात्मक स्थिति पर भी निर्भर करता है। • बगल से लिया हुआ तापमान मुंह से लिए हुए तापमान के मुकाबले कम होता...