Shailputri mata katha in hindi

  1. shardiya navratri 2022 day 1 mata shailputri mantra arti vrat katha puja vidhi in hindi mantra aarti and importance
  2. Navratri 2022: नवरात्रि के पहले दिन जरूर पढ़ें शैलपुत्री की आरती और मंत्र
  3. नवरात्रि का प्रथम दिन : मां शैलपुत्री की कैसे करें पूजा, जानिए मंत्र और स्तोत्र
  4. maa shailputri ki katha in hindi navratri 1st day katha
  5. शैलपुत्री नवदुर्गा का प्रथम रूप, Mata Shailputri Story In Hindi, Navratri First Day
  6. chaitra navratri 2022 day 1 mata shailputri mantra arti vrat katha puja vidhi in hindi mantra aarti and significance


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shardiya navratri 2022 day 1 mata shailputri mantra arti vrat katha puja vidhi in hindi mantra aarti and importance

Chaitra Navratri September 2022 Day 1 Devi Maa Shailputri Mantra, Arti, Vrat Katha, Puja Vidhi in Hindi: वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से मां आदिशक्ति की पूजा का आरम्भ हो जाता है। शारदीय नवरात्रि पर माता के 9 स्वरूपों की पूजा- अर्चना होती है और प्रतिपदा के दिन मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं। मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री थीं। सफेद वस्त्र धारण किए मां शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल शोभायमान है। मां के माथे पर चंद्रमा सुशोभित है। यह नंदी बैल पर सवार संपूर्ण हिमालय पर विराजमान हैं। शैलपुत्री मां को वृषोरूढ़ा और उमा के नामों से भी जाना जाता है। मान्यता है की मां शैलपुत्री का जन्म पर्वत राज हिमालय के घर में हुआ था, जिसके कारण उनका नाम शैलपुत्री पड़ा। आइए जानते हैं क्या मां है शैलपुत्री की पूजा विधि और मंत्र। जानिए घट स्थापना का शुभ मुहूर्त जानिए पूजा विधि इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद चौकी पर मां दुर्गा की प्रतिमा और कलश स्थापित करें। इसके बाद मां शैल पुत्री का व्रत रखें और संकल्प करें। मां शैलपुत्री को सफेद पुष्प अर्पित करें। इसके बाद सफेद वस्त्र भी अर्पित करें। शैलपुत्री माता की कथा करें और दुर्गा सप्शती का पाठ करें। इसके बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करें। बाद में मां की आरती करें औ मां से आशीर्वाद मांगे। मां शैलपुत्री के मंत्र: -ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥ -वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥ देवी शैलपुत्री का प्रार्थना मंत्र वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥ मां शैलपुत्री...

Navratri 2022: नवरात्रि के पहले दिन जरूर पढ़ें शैलपुत्री की आरती और मंत्र

• • Faith Hindi • Navratri 2022: नवरात्रि के पहले दिन जरूर पढ़ें शैलपुत्री की आरती और मंत्र Navratri 2022: नवरात्रि के पहले दिन जरूर पढ़ें शैलपुत्री की आरती और मंत्र Navratri 2022: नवरात्रि 2 अप्रैल दिन शनिवार से शुरू होने वाले हैं. यह दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है. इस दिन माता की पूजा के साथ-साथ उनकी आरती और मंत्र का जाप भी किया जाता है. जानते हैं इनके बारे में... Navratri 2022: नवरात्रि का प्रथम दिन– इस साल नवरात्रि 2 अप्रैल दिन शनिवार से शुरू हैं. नवरात्रों का शुभारंभ घटस्थापना यानि कलश स्थापना के साथ होता है. वहीं लोग इसी दिन से अखंड ज्योति भी जलाते हैं. पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है. इस दिन माता शैलपुत्री से संबंधित कथा और उनकी पूजा के साथ-साथ उनकी आरती और मंत्रों का जाप भी किया जाता है. आज का हमारा लेख शैलपुत्री की आरती और उनके मंत्रों पर ही है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप नवरात्रि के पहले दिन कौन सी आरती पढ़ें और किन मंत्रों का जाप करें. पढ़ते हैं आगे… Also Read: • • • मां शैलपुत्री का मंत्र क्या है? • ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:। • ओम् शं शैलपुत्री देव्यै: नम:। • प्रफुल्ल वंदना पल्लवाधरां कातंकपोलां तुंग कुचाम् । कमनीयां लावण्यां स्नेमुखी क्षीणमध्यां नितम्बनीम् ॥ • या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:। • वन्दे वाच्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।। शैलपुत्री की आरती (Chaitra Navratri 2022 Maa Shailputri Aarti) शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार। शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी। पार्वती तू ...

नवरात्रि का प्रथम दिन : मां शैलपुत्री की कैसे करें पूजा, जानिए मंत्र और स्तोत्र

नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। शैलीपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। इसी वजह से मां के इस स्वरूप को शैलपुत्री कहा जाता है। इनकी आराधना से हम सभी मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। मां शैलपुत्री का प्रसन्न करने के लिए यह ध्यान मंत्र जपना चाहिए। इसके प्रभाव से माता जल्दी ही प्रसन्न होती हैं और भक्त की सभी कामनाएं पूर्ण करती हैं। मंत्र संख्या पूर्ण होने के बाद मां दुर्गा के चरणों में अपनी मनोकामना व्यक्त करके मां से प्रार्थना करें तथा आरती एवं कीर्तन करें। मंत्र के साथ ही हाथ के पुष्प मनोकामना गुटिका एवं मां के तस्वीर के ऊपर छोड़ दें। इसके बाद भोग अर्पित करें तथा मां शैलपुत्री के मंत्र का जाप करें। यह जप कम से कम 108 होना चाहिए।

maa shailputri ki katha in hindi navratri 1st day katha

Maa Shailputri Vrat Katha In Hindi: शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ आज 26 सितंबर से हो गया है। आज से 9 दिनों तक नौ अलग-अलग देवियों की पूजा की जाएगी। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के पहले द‍िन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री माता को उमा, सती और हेमवती आदि नामों से भी जाना जाता है। मां शैलपुत्री का वाहन वृषभ है, माता के माथे पर चंद्रमा सुशोभ‍ित है और उन्हें सफेद रंग प्रिय है। इसलिए मां शैलपुत्री की पूजा में उन्हें सफेद रंग के ही वस्त्र, पुष्प, गाय का घी और मिठाई अर्पित करें। मान्यता है कि विधिवत मां शैलपुत्री की पूजा से जीवन में शांति और सुख-समृद्धि का वास होता है। वहीं मां शैलपुत्री के पूजन के पश्चात मंत्र जाप, आरती और कथा पढ़ना भी जरूरी माना गया है। तो आइए जानते हैं मां शैलपुत्री की कथा...

शैलपुत्री नवदुर्गा का प्रथम रूप, Mata Shailputri Story In Hindi, Navratri First Day

नवरात्र में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने का प्रावधान हैं जिनमें से प्रथम रूप माँ शैलपुत्री (Shailputri Mata) है। इनके अन्य नाम माँ पार्वती, सती, हेमवती, भवानी व वृषारूढा हैं। हिमालय पर्वत की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री (Maa Shailputri) के नाम से जाना गया जिसमे शैल का अर्थ पर्वत होता है। कठोर तपस्या के पश्चात इनका विवाह भगवान शिवजी के साथ हुआ था इसलिये इन्हें प्रथम दुर्गा के नाम से जाना गया (Shailputri Mata In Hindi)। आइये माँ शैलपुत्री के बारे में जानते है। माँ शैलपुत्री के बारे में जानकारी (Shailputri Mata In Hindi) शैलपुत्री की कथा व इतिहास (Shailputri Mata Katha In Hindi) अपने पूर्व जन्म में शैलपुत्री माता सती के नाम से जन्मी थी जो प्रजापति दक्ष की पुत्री तथा महादेव की पत्नी थी। भगवान शिव को राजा दक्ष पसंद नही करते थे तथा इसी कारण उन्होंने एक यज्ञ में उन्हें नही बुलाया था। जब देवी सती बिना न्यौते के अपने पिता के यज्ञ में पहुंची तो वहां अपने पति के अपमान को सह ना सकी। इससे रुष्ट होकर उन्होंने अपना आत्म-दाह कर लिया जिसके बाद शिवजी लंबी योग साधना में चले गए। अपने अगले जन्म में वे हिमालय पर्वत के घर पुत्री रूप में जन्मी तथा शैलपुत्री कहलाई। अपनी कठोर तपस्या के पश्चात उन्होंने भगवान शिवजी को पुनः पति रूप में प्राप्त किया और माता पार्वती के नाम से विख्यात हुई। तभी से उनकी पूजा करने का विधान शुरू हुआ। माँ शैलपुत्री का स्वरुप (Maa Durga Ka Pratham Roop) माँ शैलपुत्री वृषभ (बैल) पर सवार होती हैं इसलिये उनका एक नाम वृषारूढा भी हैं। उनके दाएं हाथ में त्रिशूल होता हैं जिससे वे पापियों को दंड देने का कार्य करती हैं व धर्म की रक्षा करती है। उनके बाएं हाथ में कमल का फू...

chaitra navratri 2022 day 1 mata shailputri mantra arti vrat katha puja vidhi in hindi mantra aarti and significance

Chaitra Navratri April 2022 Day 1 Devi Maa Shailputri Mantra, Arti, Vrat Katha, Puja Vidhi in Hindi: आज चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिन है। आपको बता दें कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि या बसंत नवरात्रि शुरु होती हैं। साथ ही आज के दिन कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं। मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री थीं। सफेद वस्त्र धारण किए मां शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल शोभायमान है। मां के माथे पर चंद्रमा सुशोभित है। यह नंदी बैल पर सवार संपूर्ण हिमालय पर विराजमान हैं। शैलपुत्री मां को वृषोरूढ़ा और उमा के नामों से भी जाना जाता है। देवी के इस रूप को करुणा और स्नेह का प्रतीक माना गया है। घोर तपस्या करने वाली मां शैलपुत्री सभी जीव-जंतुओं की रक्षक मानी जाती हैं। आइए जानते हैं मंत्र, पूजा- विधि और घटस्थापना मुहूर्त: मां शैलपुत्री पूजा मुहूर्त: घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त:दोपहर 12:08 बजे से 12:57 बजे तक रहेगा। घट स्थापना के बाद माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पूजा विधि:नवरात्रि के पहले दिन प्रात:काल उठकर स्नानादि से निवृत होकर स्वच्छ कपड़े पहनें। फिर एक चौकी पर देवी दुर्गा की प्रतिमा और कलश स्थापित करें। फिर मां शैलपुत्री का ध्यान कर व्रत का संकल्प करें। मां शैलपुत्री को सफेद रंग की वस्‍तुएं काफी प्रिय हैं, इसलिए चंदन-रोली से टीका कर मां की प्रतिमा पर सफेद वस्‍त्र और सफेद फूल चढ़ाने चाहिए। साथ ही सफेद रंग की मिठाई का भोग भी मां को बेहद ही पसंद आता है। बाद में शैलपुत्री माता की कथा करें और दुर्गा सप्शती का पाठ करें। इसके बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करें। बाद में मां की आरती करें औ मां से आशीर्वाद मांगे। मां शैलपुत्री ...