Shani dev ki puja kaise kare

  1. शनि देव की पूजा करने से पहले जान लें ये नियम, नहीं तो लाभ की जगह होगा नुकसान
  2. Shanivar Vrat Vidhi Know How To Worship Shani Dev On Saturday And Its Significance Importance
  3. शनि ग्रह के उपाय, shani grah ke upay,
  4. Shani Dev Ki Pooja Kaise Kare?
  5. Shani Dev Pooja Shani Ke Prakop Se Kaise Bache Upay Remedies
  6. शनि देव और उनकी पूजा विधि


Download: Shani dev ki puja kaise kare
Size: 65.14 MB

शनि देव की पूजा करने से पहले जान लें ये नियम, नहीं तो लाभ की जगह होगा नुकसान

शनि देव का नाम आते ही कई सवाल मन में उठने लगते हैं. शनि ग्रह का नाम सुनते हैं तो लगता है कि यह दुख-दर्द के ही कारक हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि ये कर्मों के अनुसार फल देते हैं. अगर आपकी कुंडली में यह ग्रह अशांत है तो शनि दोष से बचने और शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा और व्रत रखने की सलाह दी जाती है, लेकिन शनि देव का पूजन करने के भी कुछ विशेष नियम हैं, यदि इनमें भूल होती है, तो लाभ की जगह नुकसान होता है. ईमानदारों के लिए सम्मान का ग्रह शनि शनि देव को धर्म व न्याय का प्रतीक और सुख-संपत्ति, वैभव और मोक्ष देने वाला ग्रह माना जाता है. मान्यता है कि धर्मराज होने की वजह से प्राय: शनि पापी व्यक्तियों के लिए दुख और कष्टकारक होते हैं, लेकिन ईमानदारों के लिए यह यश, धन, पद और सम्मान का ग्रह है. शनि की दशा आने पर जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं. जानें पूजा करते समय किन बातों का रखना चाहिये ध्यान. तेल चढ़ाते समय रखें ये ध्यान ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें. तेल चढ़ाने के दौरान इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें, कि तेल इधर-उधर न गिरे. वहीं शनिवार को काले तिल और गुड़ चींटी को खिलाएं. इसके अलावा शनिवार के दिन चमड़े के जूते चप्पल दान करना भी अच्छा रहता है. सामने खड़े न होकर करें पूजन पहले शनिदेव के मंदिर बहुत कम संख्या में होते थे, लेकिन आज जगह-जगह आपको शनिदेव के मंदिर मिल जाएंगे, जिनमें शनिदेव की मूर्तियां भी हैं. जब शनिदेव मंदिर में जाएं, तो कभी भी मूर्ति के सामने खड़े न हों. हो सके तो शनि देव के उस मंदिर में जाएं, जहां शनि शिला के रूप में हों. शनिदेव क...

Shanivar Vrat Vidhi Know How To Worship Shani Dev On Saturday And Its Significance Importance

Shanivar Vrat Vidhi: आज है शनिवार, व्रत रखने वाले लोग जानें शनिवार पूजा विधि और इसके लाभ Shanivar Vrat Vidhi: शनिवार के अधिष्ठाता देव शनि महाराज है. जिन लोगों पर शनि की कुदृष्टि होती है उन्हें इससे बचने के लिए शनिवार के दिन व्रत रखकर इस विधि से शनि देव की पूजा करनी चाहिए. इससे शनिदेव खुश होकर आपके दुखों का अंत कर देंगें. Shanivar Vrat Vidhi: शनिवार का दिन मुख्य रूप से शनि देव को समर्पित होता है. शनि ही इस दिन के अधिष्ठाता देव हैं. हिंदू धर्म में इन्हें न्याय का देवता कहा गया है, क्योंकि शनि देव ही व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार कर्मफल देते हैं. इनकी महादशा से बचने के लिए व्यक्तियों को शनिवार का व्रत रखना चाहिए तथा विधि पूर्वक शनि देव की पूजा करनी चाहिए. कर्मफलदाता यदि आपकी पूजा से खुश हैं तो आपके जीवन के सभी दुःख ख़त्म हो जाएगा. शनिवार व्रत एवं पूजा विधि शनिवार के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर नित्यकर्म एवं स्नानादि करके शनिदेव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें. उसके बाद घर के मंदिर या पूजा स्थल पर बैठकर शनि देव की प्रतिमा स्थापित करें. प्रतिमा यदि लोहे की बनी है तो अति उत्तम होगा. अब शनि देवता की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं. तथा इस मूर्ति को चावलों से बनाए चौबीस दल के कमल पर स्थापित करें. अब शनि देव को काला तिल, फूल, धूप, काला वस्त्र आदि अर्पित करें तथा तेल के दीपक जलाकर उनका पूजन करें. शनि देव व्रत की कथा का श्रवण करें और दिनभर उनका स्मरण करते रहें. इसके बाद गरीब और जरूरतमंद ब्राह्मण को भोजन कराएं एवं दक्षिणा दें. शनिवार का व्रत रखने वाले को व्रत में सिर्फ एकबार भोजन करना चाहिए. इस दिन चीटियों को आटा खिलाएं. यह शुभ फल दायक होता है. Jyeshtha Purnima 2021: कब है ज्येष...

शनि ग्रह के उपाय, shani grah ke upay,

शनि ग्रह के उपाय, shani grah ke upay, शनि ग्रह Shani Grah का शुभाशुभ प्रभाव एवं शनि ग्रह के उपाय Shani Grah Ke Upay ——- • वास्तविकता में शनि ग्रह Shani Grah न्यायाधीश है जो प्रकृति में संतुलन पैदा करता है व हर प्राणी के साथ न्याय करता है। जो लोग अनुचित विषमता व अस्वाभाविकता और अन्याय को आश्रय देते हैं, शनि देव Shani Devकेवल उन्हीं को प्रताड़ित करते है, दण्ड देते है। • शनि ग्रह Shani Grah के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षति ग्रस्त हो जाता है, नहीं तो कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है। अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं। अचानक आग लग सकती है। धन, संपत्ति का किसी भी तरह नाश होता है। समय पूर्व दांत और आंख की कमजोरी। • शास्त्र उत्तर कालामृत के अनुसार शनि कमजोर स्वास्थ्य, बाधाएं, रोग, मृत्यु, दीर्घायु, नंपुसकता, वृद्धावस्था, काला रंग, क्रोध, विकलांगता व संघर्ष का कारक ग्रह माना गया है। • शनि ग्रह Shani Grah का मजबूत होना नाक्रशाही का प्रतीक है। ऐसा होने पर आप स्वस्थ्य होते हैं और लोग आपके लिए काम करते हैं। जीवनसाथी का सहयोग मिलता है और परिवार पर किसी प्रकार की मुसीबत नहीं आती। ऐसा व्यक्ति एक से अधि‍क मकानों का स्वामी होता है और कम मेहनत में अधि‍क लाभ कमाने वाला होता है। • शनि की स्थिति यदि शुभ है तो व्यक्ति हर क्षेत्र में प्रगति करता है। उसके जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता। बाल और नाखून मजबूत होते हैं। ऐसा व्यक्ति न्यायप्रिय होता है और समाज में मान-सम्मान खूब रहता हैं। • शनि को निम्नलिखित कार्य बिलकुल भी पसंद नहीं है इन कार्यो के करने से हो सकते है शनि रुष्ट —- • जैसे जुआ-सट्टा खेलना, शराब पीना, ब्याजखोरी करना, परस्त्री गमन करना,...

Shani Dev Ki Pooja Kaise Kare?

शनि देव की पूजा करने के लिए, आपको सभी तरह के सामान्य पूजा सामग्री जैसे कि दीप, खरीदी, दाल, तैयार होने वाले फूल, कपड़े आदि लेने होंगे। इसी तरह आपको शनि के किस्मत को बढ़ावा देने के लिए शनि के आदित्य के नाम से तीन मंदिरों में जाकर पूजा करनी होगी। अगर आप शनि को सम्मानित करना चाहते हैं, तो शनि को उपहार दिया जाता है, जैसे शनि के चमत्कारिक औषधि रुई, मेष रत्न, सोने की मालाएं आदि। साथ ही आप शनि की पूजा के लिए शनि चालीसा (Shani Chalisa) पढ़ने या गाने के साथ अर्घ्य को प्रस्तुत कर सकते हैं।

Shani Dev Pooja Shani Ke Prakop Se Kaise Bache Upay Remedies

शनि देव महाराज उन देवताओं में से है जो अपने भक्तों की मनोकामनाएं किसी भी हाल में पूर्ण करते हैं। जो लोग भगवान शनि देव की श्रध्दा पूर्वक पूजा अर्चना करते हैं उन लोगों की बात शनि देव आवश्यक ही सुनते हैं। और अपनी कृपा दृष्टि सदैव उन लोगों पर बनाए रहते हैं । बता दें कि शनि देव लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं । शनि ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जो व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त कराता है। शनिदेव प्रकृति में संतुलन पैदा करता है और हर व्यक्ति और प्राणी का उसके कर्मों के अनुसार न्याय करता है। अनुराधा नक्षत्र के स्वामी शनि हैं। शनि की लीला सबसे न्यारी है जो एक न्याय प्रिय देव के रूप में जानें जाते हैं। वो एक महान देवता है जो जहाँ एक तरफ अपने भक्तों की गलती पर उन्हें सजा देते हैं तो वहीं दूसरी तरफ शनि उनके अच्छे काम करने पर उन्हें उचित फल भी देते हैं किन्तु जिनसे वो रूठ जाते हैं उनको शनि देव के दण्ड का भागी होना होता है । या कहा जाए तो शनि के साढ़े साती का भोगी होना होता है । कहते हैं कि उन लोगों पर शनि देव के साढ़े साती का प्रभाव बहुत कम पड़ता है जो लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं । मान्यता है कि अगर किसी का शनि ग्रह अच्छा हो तो सफलता उसे जरूर प्राप्त होती है। लेकिन शनि ग्रह अच्छा न हो तो व्यक्ति के जीवन में कई परेशानियां आती रहती हैं। कहा जाता है कि शनि को शांत करने के लिए अगर शनिवार को पूजा-अर्चना की जाए तो शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं और व्यक्ति की सभी परेशानियों को हर लेते हैं। शनिवार को विधि-विधान से पूजा की जानी चाहिए। अगर आप भी आज शनिदेव की पूजा कर रहे हैं तो आइए जानते हैं शनिदेव की पूजन विधि। शनि साढ़े साती पूजा - Shani Sade Sati Puja Online आज हम जानेगें कैसे करे शनि देव की पूज...

शनि देव और उनकी पूजा विधि

शनि देव की पूजा कैसे करे – Shani Dev Vrat Pooja Vidhi in Hindi Shani Dev in Hindi शनिवार व्रत में भगवान शनि महाराजा की पूजा व व्रत के सरल नियम (bhagavaan Shani dev Pooja Vidhi (Niyam) in Hindi Shani Dev Vrat & Pooja Vidhi in Hindi : शनिपुराण में एक पुरुष देवता है, जिनकी प्रतिमा में तलवार ले कर एक भव्य अंधेरे वाला आकृति बनी हैं और जो भैंस या कौवा या गिद्ध पर बैठे हैं | इन्हें ही सूर्य पुत्र शनि देव कहते है | यह हिंदू धर्म में पूजे जाने वाले प्रमुख देवताओं में से एक हैं | प्रत्येक शनिवार को इनकी पूजा की जाती है और उपवास रखते है | ‘शनि भार्या स्तोत्र’ में यह विस्तार से मिलता है की अगर शनि देव की कृपा प्राप्त हो जाए तो जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है वही दूसरी ओर शनि देवता मनुष्य के किए पापों और बुरे कार्यों आदि की सजा देते है | जिन व्यक्तियों के बुरे कर्म होते है, चोरी, लूट, अनैतिक कार्यों से धन अर्जित करते है | उन्हें शनि के भयंकर प्रकोप का सामना करना पड़ता है | शनि का प्रकोप व्यक्ति पर बड़ा भारी पड़ता है | इसलिए इन्हें न्याय का देवता भी कहते है | शनि प्रकोप से बचने के लिए राशि के अनुसार शनि देव की पूजा करने का नियम है | शनिवार को यदि सही विधि से आराधना और पूजा की जाये तो शनि देव की असीम कृपा भक्त पर होती है, शनि की कृपा प्राप्त होने से व्यक्ति पर से साढ़ेसाती, ढैया और कुंडली में मौजूद कमजोर शनि का प्रभाव समाप्त हो जाता है | कार्यों में आ रही बधाएं समाप्त होती है | व्यापार में तरक्की, नौकरी पेशा की पदोन्नति होती है | गृह क्लेश और दाम्पत्य जीवन में आ रही परेशानियाँ समाप्त हो जाती है | घर में सुख शांति का वास होता है | बिमारियों से परेशान लोगों को राहत मिलती है तथा आत्मा भी पुनीत हो...