शिव आरती हिंदी में

  1. जय शिव ओंकारा आरती हिंदी में
  2. मैं शिव का हूँ शिव मेरे है भजन लिरिक्स
  3. शिव जी की 3 आरती, पूजा के नियम और दुर्लभ मंत्र
  4. भगवान शिव जी की आरती हिंदी में
  5. शिवजी की आरती, Shivji Ki Aarti, ओम जय शिव ओंकारा की आरती, शंकर जी की आरती इन हिंदी, Shankar Ji Ki Aarti In Hindi, शंकर भगवान की आरती, भगवान भोलेनाथ की आरती, शिव भोले की आरती, शिव की आरती, Shiv Bhole Ki Aarti, Shankar Ji Ki Aarti, Shiv Shankar Ji Ki Aarti, Shankar Ji Ki Aarti Lyrics, Bhole Shankar Ji Ki Aarti, Bhagwan Shankar Ji Ki Aarti, Shankar Ji Ki Aarti Om Jai Shiv Omkara, Shankar Ji Ki Aarti Likhi Hui, Shankar Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi, शिवजी की आरती संग्रह
  6. Shiv aarti lyrics in Hindi, शिव आरती हिंदी में
  7. जय शिव ओंकारा आरती लिरिक्स हिंदी में।
  8. Bhagwan Shiv Ji Ki Aarti
  9. भगवान शिव जी की आरती हिंदी में
  10. मैं शिव का हूँ शिव मेरे है भजन लिरिक्स


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जय शिव ओंकारा आरती हिंदी में

अगर आप भगवान शिव की आराधना, पूजा आदि करेंगे तो वह आपके जीवन से अमंगल को पूरी तरह से दूर कर देंगे और आपके जीवन में केवल खुशियाँ ही खुशियाँ रहेगी। भगवान शंकर को भोलेनाथ भी कहा जाता हैं क्योकि वह बहुत ही भोले हैं वह आसानी से अपने भक्तो से प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। अगर आप भी भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको भी प्रतिदिन उनकी पूजा अर्चना करना चाहिए। इस लेख में आपको जय शिव ओंकारा आरती हिंदी में (ॐ जय शिव ओंकारा आरती लिरिक्स) दी गयी है जिसका उपयोग आप शिव जी को प्रसन्न करने में कर सकते हैं। जय शिव ओंकारा आरती हिंदी में ॐ जय शिव ओंकारा स्वामी हर शिव ओंकारा ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अर्ध्नागी धारा ॐ जय शिव ओंकारा. एकानन चतुरानन पंचांनन राजे हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे ॐ जय शिव ओंकारा दो भुज चार चतुर्भज दस भुज अतिसोहें तीनों रुप निरखता त्रिभुवन जन मोहें ॐ जय शिव ओंकारा… अक्षमाला, बनमाला, रुण्ड़मालाधारी चंदन, मृदमग सोहें, भाले शशिधारी ॐ जय शिव ओंकारा. श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें सनकादिक, ब्रम्हादिक, भूतादिक संगें ॐ जय शिव ओंकारा… कर के मध्य कमड़ंल चक्र त्रिशूल धरता जगकर्ता, जगभर्ता, जगसंहारकर्ता ॐ जय शिव ओंकारा. ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका प्रवणाक्षर के मध्यें ये तीनों एका ॐ जय शिव ओंकारा. त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें ॐ जय शिव ओंकारा. कुछ और महत्वपूर्ण लेख – • • •

मैं शिव का हूँ शिव मेरे है भजन लिरिक्स

मैं शिव का हूँ शिव मेरे है, मैं और क्या मांगू शंकर से, मेरे मन में उनके डेरे है, मैं और क्या मांगू शंकर से, मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं, मैं और क्या मांगू शंकर से।। मैंने बहुत बार खायी ठोकर, गिरते को संभाला है उसने, औकात मेरी से ऊपर ही, कितना कुछ दे डाला उसने, मेरे पार लगाये बेड़े है, हर वक़्त वो नेढ़े नेढ़े है, मेरे दिन बाबा ने फेरे है, मैं और क्या मांगू शंकर से, मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं, मैं और क्या मांगू शंकर से।। मैं जबसे शिव का भक्त हुआ, मेरे दिल से विदा हुई नफरत, पशु पक्षियों से भी प्रेम हुआ, मासूम सी हो गई है फितरत, सब चेहरे उसके चेहरे है, उसके ही अँधेरे सवेरे है, शिव प्रेम ही मुझको घेरे है, मैं और क्या मांगू शंकर से, मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं, मैं और क्या मांगू शंकर से।। भोले के नाम पे है जीवन, ‘रविराज’ के दिल में है शंकर, ऐसे ही नहीं चलती धड़कन, हर सांस पे उनके पहरे है, सब रस्ते उनपे ठहरे है, मेरे सब दिन रात सुनहरे है, मैं और क्या मांगू शंकर से, मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं, मैं और क्या मांगू शंकर से।।

शिव जी की 3 आरती, पूजा के नियम और दुर्लभ मंत्र

Shiva Worship श्रावण मास (Sawan Maas 2022) में शिव पूजन और उनकी आरती तथा दुर्लभ मंत्रों (powerful mantra) का जाप करने का विशेष महत्व है। अगर आप भी शिव जी का पूजन कर रहे हैं तो कुछ नियम आवश्यक हैं। अगर आप भी शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उनके पूजन के समय कुछ खास नियमों का अवश्य ध्यान रखें ताकि आपको पूजन का पूर्ण फल प्राप्त हो।

भगवान शिव जी की आरती हिंदी में

शिव जी की आरती भगवान शङ्कर समस्त संसार के अधिपति है, उनका एक नाम पशुपति भी अर्थात इस संसार में जितने भी जीव (पशु), जिसमे प्राण है चाहे वो मनुष्य हो या जानवर सबके एकमात्र अधिपति भगवान शङ्कर है। यह समस्त श्रष्टि शिव से ही प्रारम्भ होती है और अंत में उन्ही में विलीन हो जाती है। भगवान शङ्कर सबसे शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता है, जो मात्र एक लोटा जल और बेलपत्र अर्पित करने मात्र से भक्त की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर देते है। शिव से बड़ा दानी इसश्रष्टि कोई दूसरा नहीं है। इन्ही भगवान शिव जी की आरती को जो श्रद्धा भाव से गाता है उसके सभी मनोरत शिव पूर्ण करते है। शिव जी की आरती हिंदी में जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव...॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव...॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव...॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी। चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥ ॐ जय शिव...॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ ॐ जय शिव...॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता। जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥ ॐ जय शिव...॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥ ॐ जय शिव...॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी। नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥ ॐ जय शिव...॥ त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे। कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय शिव...॥

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Shiv aarti lyrics in Hindi, शिव आरती हिंदी में

Table of Contents • • • • • • • • शिव आरती हिंदू भगवान शिव को समर्पित एक शुभ प्रार्थना है। यह अक्सर किसी के जीवन में शांति और खुशी प्राप्त करने में सहायता के लिए किया जाता है। अगर आप शिव जी की आरती पढ़ना चाहते हैं तो यहां पढ़ सकते हैं। शांत मन से शिव की आरती का पाठ करते हुए, भगवान के चरणों में समर्पण करने से, निश्चित रूप से धन, यश की वृद्धि होती है और मन शांत रहता है। ॥ आरती ॥ जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे । त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी। चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे । सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता । जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका । प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे । कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ “सपने में शिवलिंग देखना” और विस्तार से पढ़े Shiv aarti lyrics in English, शिव आरती इंग्लिश में Om Jai Shiv Omkara, Swami Jai Shiv Omkara। Brahma, Vishnu, Sadashiv, Ardhangi Dhara॥ Om Jai Shiv Omkara॥ Ekanan Chaturanan Panchanan Raje। Hansanan, Garudasan Vrishvahan Saje॥ Om Jai Shiv Omkara॥ Do Bhuj, Chaar Chaturbh...

जय शिव ओंकारा आरती लिरिक्स हिंदी में।

जय शिव ओंकारा आरती लिरिक्स हिंदी में। – Jai Shiv Omkara aarti lyrics Hindi me, Jai Shiv Omkara aarti lyrics in Hindi. शिव भगवान अपनी तीन नेत्र से पूरी दुनिया को भस्म कर सकते हैं लेकिन हम सभी जानते हैं भगवान शिव शंकर कितने भोले हैं वह भक्तों के लिए कुछ भी कर सकते हैं उन्हें मनचाहा वरदान देकर वह भक्तों को बहुत ही खुश कर देते हैं। आज हम भगवान शिव शंकर जी की आरती जय शिव ओंकारा की हिंदी लिरिक्स लेकर आए हैं। जिनको पढ़ने के बाद आप भी भगवान शिव शंकर जी की महिमा में खो जाएंगे और सब कुछ भूल कर अत्यधिक प्रसन्न हो जाएंगे। यह आरती बहुत ही पुराने समय से भगवान शिव शंकर जी की आराधना के लिए गाए जाती है और यदि आप इसका अर्थ समझ सकते हैं तो आप समझ जाएंगे कि भगवान शिव शंकर जी कितने अद्भुत हैं। इस आरती में भगवान शिव शंकर जी के बारे में कई ऐसी बातें बताई गई हैं जिन्हें जानने के बाद आप भी शिव शंकर जी के भक्त बन जाएंगे तो यदि आपने यह आती नहीं पड़ी है नीचे आप इसे संपूर्ण रूप से पढ़ सकते हैं। जय शिव ओंकारा आरती लिरिक्स जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे । त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी । त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे । सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी । सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका । प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव ओंकारा...

Bhagwan Shiv Ji Ki Aarti

शिव आरती हिंदी में जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी । चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे । सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता । जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका । प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥ त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे । कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥ The Maha Mrityunjaya Mantra, also known as the "Great Death-conquering Mantra," is a powerful Hindu mantra dedicated to Lord Shiva. This mantra is chanted to overcome the fear of death and obtain a long and healthy life. Chanting this mantra in English and Sanskrit can bring peace and positivity in life. Pt Vinay Sharma was born in an Ashram in Haridwar. His humble beginnings and quest for the search of truth, inspired him to read many Ancient Indian scriptures. He therefore has deep knowledge of Vedas, Upnishads and Puranas. He currently serves as the Head Astrologer of Astrolekha.com, and has written numerous articles for the website. He has completed Jyotish Alankar from Bharatiya Vidyabhawan, India. His areas of expertise is Vedic Ast...

भगवान शिव जी की आरती हिंदी में

शिव जी की आरती भगवान शङ्कर समस्त संसार के अधिपति है, उनका एक नाम पशुपति भी अर्थात इस संसार में जितने भी जीव (पशु), जिसमे प्राण है चाहे वो मनुष्य हो या जानवर सबके एकमात्र अधिपति भगवान शङ्कर है। यह समस्त श्रष्टि शिव से ही प्रारम्भ होती है और अंत में उन्ही में विलीन हो जाती है। भगवान शङ्कर सबसे शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता है, जो मात्र एक लोटा जल और बेलपत्र अर्पित करने मात्र से भक्त की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर देते है। शिव से बड़ा दानी इसश्रष्टि कोई दूसरा नहीं है। इन्ही भगवान शिव जी की आरती को जो श्रद्धा भाव से गाता है उसके सभी मनोरत शिव पूर्ण करते है। शिव जी की आरती हिंदी में जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव...॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव...॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव...॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी। चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥ ॐ जय शिव...॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ ॐ जय शिव...॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता। जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥ ॐ जय शिव...॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥ ॐ जय शिव...॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी। नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥ ॐ जय शिव...॥ त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे। कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय शिव...॥

मैं शिव का हूँ शिव मेरे है भजन लिरिक्स

मैं शिव का हूँ शिव मेरे है, मैं और क्या मांगू शंकर से, मेरे मन में उनके डेरे है, मैं और क्या मांगू शंकर से, मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं, मैं और क्या मांगू शंकर से।। मैंने बहुत बार खायी ठोकर, गिरते को संभाला है उसने, औकात मेरी से ऊपर ही, कितना कुछ दे डाला उसने, मेरे पार लगाये बेड़े है, हर वक़्त वो नेढ़े नेढ़े है, मेरे दिन बाबा ने फेरे है, मैं और क्या मांगू शंकर से, मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं, मैं और क्या मांगू शंकर से।। मैं जबसे शिव का भक्त हुआ, मेरे दिल से विदा हुई नफरत, पशु पक्षियों से भी प्रेम हुआ, मासूम सी हो गई है फितरत, सब चेहरे उसके चेहरे है, उसके ही अँधेरे सवेरे है, शिव प्रेम ही मुझको घेरे है, मैं और क्या मांगू शंकर से, मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं, मैं और क्या मांगू शंकर से।। भोले के नाम पे है जीवन, ‘रविराज’ के दिल में है शंकर, ऐसे ही नहीं चलती धड़कन, हर सांस पे उनके पहरे है, सब रस्ते उनपे ठहरे है, मेरे सब दिन रात सुनहरे है, मैं और क्या मांगू शंकर से, मैं शिव का हूँ शिव मेरे हैं, मैं और क्या मांगू शंकर से।।