शिव चालीसा हिंदी में pdf

  1. शिव चालीसा हिंदी अर्थ सहित
  2. [Lyrics & PDF] श्री शिव चालीसा PDF
  3. Shiv Chalisa in Hindi
  4. Shiv Ji Ki Aarti Lyrics PDF Hindi – InstaPDF
  5. Shiv Chalisa pdf डाउनलोड करे {शिव चालीसा } हिंदी में
  6. Shiv Chalisa PDF In Hindi
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शिव चालीसा हिंदी अर्थ सहित

जब समुद्र का मंथन हो रहा था तब उसमें से अमृत के साथ विष की ज्वाला भी निकली। उस विष रूपी ज्वाला की लपट से देवतागण और दानव दोनों जलने लगे तथा जलन से व्याकुल हो उठे। उस संकट की घड़ी में केवल आप ही उनकी सहायता के लिए पहुंचे और सारा विष पीकर उनकी जान बचाई। इसी विष को पीने से आपका सारा शरीर नीला हो गया जिसके कारण आपको “नीलकंठ“ कहा जाने लगा। • Q.1 शिव चालीसा क्या है? शिव चालीसा • Q.2 शिव चालीसा का क्या महत्व है? शिव चालीसा में अपार आध्यात्मिक शक्ति है और भगवान शिव से आशीर्वाद लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह जीवन में शांति, समृद्धि और खुशी लाता है और किसी भी बाधा या कठिनाइयों को दूर करने में मदद कर सकता है। • Q.3 शिव चालीसा का पाठ कैसे किया जाता है? शिव चालीसा का पाठ आमतौर पर सुबह या शाम को स्नान करने और साफ कपड़े पहनने के बाद किया जाता है। यह भक्ति और एकाग्रता के साथ जप किया जाता है, और इसकी शक्ति से पूरी तरह से लाभ उठाने के लिए प्रत्येक छंद के अर्थ को समझने की कोशिश करनी चाहिए। • Q.4 शिव चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होता है? कहा जाता है कि शिव चालीसा का पाठ करने से आध्यात्मिक विकास और ज्ञान, नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से सुरक्षा, और सभी प्रयासों में सफलता के लिए आशीर्वाद सहित कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। • Q.5 क्या कोई शिव चालीसा का पाठ कर सकता है? हां, कोई भी शिव चालीसा का पाठ कर सकता है, चाहे उसकी उम्र, लिंग या धार्मिक संबद्धता कुछ भी हो। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सच्ची भक्ति और विश्वास सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं। • Q.6 क्या शिव चालीसा का पाठ करने का कोई विशेष समय या अवसर है? शिव चालीसा का पाठ करने का कोई विशेष स...

[Lyrics & PDF] श्री शिव चालीसा PDF

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे।सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ।या छवि को कहि जात न काऊ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा।तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ किया उपद्रव तारक भारी।देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ तुरत षडानन आप पठायउ।लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ आप जलंधर असुर संहारा।सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई।सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ किया तपहिं भागीरथ भारी।पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं।सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ वेद माहि महिमा तुम गाई।अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥ प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला।जरत सुरासुर भए विहाला॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई।नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा।जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥ सहस कमल में हो रहे धारी।कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई।कमल नयन पूजन चहं सोई॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी।करत कृपा सब के घटवासी॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै।भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥ त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो।संकट ते मोहि आन उबारो॥ मात-पिता भ्राता सब होई।संकट में पूछत नहिं कोई॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी।आय हरहु मम संकट भारी॥ धन निर्धन को देत सदा हीं।जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी।क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥ शंकर हो संकट के नाशन।मंगल कारण विघ्न विनाशन॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं।शारद नारद शीश नवावैं॥ नमो नमो जय नमः शिवाय।सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥ जो यह पाठ करे मन लाई।ता पर होत है शम्भु सहाई॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी।पाठ करे सो पावन हारी॥ पुत्र होन कर इच्छा जोई।निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे।...

Shiv Chalisa in Hindi

॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ मैना मातु की हवे दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद माहि महिमा तुम गाई । अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला । जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो । येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट ते मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु मम संकट भारी ॥ धन निर्धन को देत सदा हीं । जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं । शारद नारद शीश नवावैं ॥ नमो नमो जय नमः शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई । ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी । पाठ ...

Shiv Ji Ki Aarti Lyrics PDF Hindi – InstaPDF

Shiv Ji Ki Aarti Lyrics Hindi श्री शिवजी आरती | Shiv Aarti हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप Shiv Ji Ki Aarti Lyrics हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं श्री शिवजी आरती | Shiv Aarti के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक। श्री शिवजी आरती PDF, शिव चालीसा और पूजा विधि सहित – शिव जी की आरती हिन्दू धर्म में मृत्यु के देवता शिव पूजा के लिए प्रयुक्त गान है। इसकी रचना पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी ने थी। जटाओं में गंगा, मस्तक पर चंदा, त्रिनेत्रधारी, जिनके गले में सर्पों की माला, शरीर पर भस्म श्रृंगार और व्याघ्र चर्म पहने हुए ऐसे भगवान भोलेनाथ का नित्य ध्यान कर उनकी आरती व पूजन इस सृष्टि के समस्त मनुष्यों को करनी चाहिए। भगवान शिव की आरती का बहुत ही महत्व होता है | माना जाता है भगवान शिव की आरती करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होती है और मन और घर में सुख शांति और समृद्धि का वातावरण बना रहता है | शिवजी की आरती हिन्दी में | Shiv Aarti Hindi ॐ जय शिव ओंकारा, भोले हर शिव ओंकारा। ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ हर हर हर महादेव…॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे। तीनों रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥ अक्षमाला बनमाला मुण्डमाला धारी। चंदन मृगमद सोहै भोले शशिधारी ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता। जगकर्ता जगभर्ता जगपालन करता ॥ ॐ हर हर हर महादेव..॥ ब्रह्मा व...

Shiv Chalisa pdf डाउनलोड करे {शिव चालीसा } हिंदी में

Shiv Chalisa pdf हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक भगवान शिव को समर्पित एक भक्तिपूर्ण प्रार्थना है। चालीसा प्रार्थना का एक रूप है जिसमें चालीस छंद होते हैं, प्रत्येक में देवता के विभिन्न प्रकार के गुणों और पहलुओं का वर्णन किया गया है। अन्य चालीसाओं की तरह, जैसे- हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा और शिव चालीसा का पाठ भक्तों द्वारा भगवान शिव का आशीर्वाद और दिव्य कृपा पाने के लिए किया जाता है। चालीसा क्या है ? Shiv chalisa pdf :- “चालीसा” शब्द का अर्थ चालीस है, और शिव चालीसा में अवधी भाषा में लिखे गए चालीस छंद शामिल हैं, जो हिंदी की एक बोली है। ऐसा माना जाता है कि इसकी रचना संत-कवि तुलसीदास ने की थी, जो अपनी प्रसिद्ध रचना, रामचरितमानस के माध्यम से महाकाव्य रामायण को लोकप्रिय बनाने के अपने काम के लिए प्रसिद्ध हैं। विषय सूची • • • • • • • • Shiv chalisa pdf के बारे में:- शिव चालीसा की शुरुआत भगवान शिव के आह्वान से होती है, जिसमें उनके सर्वोच्च गुणों और दिव्य प्रकृति की प्रशंसा की जाती है। बाद के छंद भगवान शिव के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं, उनके दिव्य गुणों पर प्रकाश डालते हैं और उनके विभिन्न नामों और रूपों की गणना करते हैं। प्रत्येक छंद का आपना एक गहरा अर्थ होता है और हिंदू देवालयों में भगवान शिव के महत्व को दर्शाता है। शिव चालीसा के दौरान, भक्त भगवान शिव के प्रति समर्पण और समर्पण व्यक्त करता है, आध्यात्मिक ज्ञान, सुरक्षा और सांसारिक कष्टों को दूर करने के लिए उनका आशीर्वाद मांगता है। श्लोक भगवान शिव को बुराई का नाश करने वाले, सत्य और चेतना के अवतार और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के परम स्रोत के रूप में वर्णित करते हैं। वे परमात्मा से जुड़ने और मुक्ति पाने के साधन के...

Shiv Chalisa PDF In Hindi

आधुनिक युग में, लोग शिव चालीसा को हिंदी में पढ़ना या पढ़ना पसंद करते हैं, जो भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी भाषा लोगों के लिए भजन के आध्यात्मिक सार को समझना और उससे जुड़ना आसान बनाती है। इसे आम जनता के लिए और अधिक सुलभ बनाने के लिए, हिंदी में शिव चालीसा पुस्तकों, ऑडियो सीडी और पीडीएफ सहित विभिन्न स्वरूपों में उपलब्ध है। Shiv Chalisa PDF Download in Hindi PDF Name श्री शिव चालीसा PDF | Shiv Chalisa PDF No. of Pages 2 PDF Size 213 KB Language Hindi Category Religion & Spirituality Source takesarkarinaukri.com श्री शिव चालीसा PDF | Shiv Chalisa PDF in Hindi ॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम,देहु अभय वरदान॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥ मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥ प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सु...

शिव चालीसा हिंदी Pdf

इस पोस्ट में Shiv Chalisa Hindi Pdf दिया गया है, आप इसे नीचे की लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं और इस लिंक से शिव तांडव स्तोत्र Pdf Download कर सकते हैं। शिव चालीसा का मानव जीवन में बहुत महत्व है, अगर आप नित्य शिव चालीसा का पाठ करते हैं तो आप पर भगवान भोले की कृपा बनी रहेगी और आपका जीवन सुखमय और समृद्ध व्यतीत होगा। पुस्तक का नाम शिव चालीसा भाषा हिंदी साइज 0.49 MB पृष्ठ 37 फॉर्मेट Pdf लिंक अवाइबिलिटी Yes Shiv Chalisa Pdf in Hindi Download Shiv Chalisa Hindi by Amazon Note- मित्रों इस पोस्ट में दिये गये किसी भी Pdf का इस वेबसाइट से कोई संबंध नहीं है और अगर आपको किसी भी फ़ाइल पर आपत्ति है तो आप [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं। हम निश्चित ही लिंक को हटा लेंगे। यह पोस्ट Shiv Chalisa Hindi Pdf आपको जरूर पसंद आयी होगी तो आप इसे अपने मित्रों को भी शेयर करें। Categories Tags

शिव चालीसा हिंदी PDF Download

शिव चालीसा संपूर्ण हिंदी लिरिक्स PDF | Shiv Chalisa Hindi Lyrics PDF Download PDF Name शिव चालीसा हिंदी PDF Download | Shiv Chalisa Hindi Lyrics No. Of Pages 13 PDF Size 0.46 MB PDF Language Hindi Catagory Religion & Spirituality Source Agragami.in Download Link Given here अगर आप शिव चालीसा का संपूर्ण हिंदी लिरिक्स डाउनलोड करना चाहते हैं वह एकदम सही पेज पर आए हैं, यहां पर शिव चालीसा का संपूर्ण लिरिक्स पीडीएफ का डायरेक्ट डाउनलोड लिंक दिया गया है। If you are searching for Shiv Chalisa Hindi Lyrics PDF, then you have came to the right place, direct Download link of Full Shiv Chalisa Hindi Lyrics PDF is given here. Table of Contents • • • • • • शिव चालीसा क्या है | What is Shiv Chalisa in Hindi PDF नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके साथ शिव चालीसा का संपूर्ण हिंदी पाठ पीडीएफ / Full Shiv Chalisa Hindi Lyrics PDF शेयर करने वाले हैं। लेकिन उससे पहले शिव चालीसा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें आपको जरूर जानना चाहिए। शिव चालीसा महादेव शिव शंभू को समर्पित एक अत्याधिक लाभकारी एवं अलौकिक साधना बानी है, जिसका नियमित रूप से पाठ और जप करने से कहीं तरह के पार्थिव एवं आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है। भगवान शिव महादेव हमारे सर्व शक्तिशाली “त्रिदेव” में से एक है, जिसको समग्र देवकूल का आदि या प्राचीन देव भी माना जाता है। जैसे ऋषि ब्रह्मदेव को समग्र सृष्टि का रचनाकार, भगवान विष्णु को सृष्टि का पालन करता माना जाता है, वैसे ही महादेव को सृष्टि का संघार करता माना जाता है। शिव चालीसा हिंदी लिरिक्स – Shiv Chalisa Hindi PDF अगर आपके जीवन में वैवाहिक चीजों से लेकर कोई समस्या या परेशानी आ रही है, तो आपको जरूर...

शिव चालीसा हिंदी में, अर्थ

By Aug 8, 2020 शिवचालीसा (शाब्दिकरूपसेशिवपरचालीसचौपाई) एकभक्तिपूर्णस्तोत्रहैजोहिंदूदेवता, भगवानशिवकोसमर्पितहै।शिवपुराणकेअनुसार, इसमें 40 (चालिस) चौपाई (छंद) शामिलहैंऔरशिवयाशिवकेउपासकोंद्वाराप्रतिदिनयामहाशिवरात्रिजैसेविशेषत्योहारोंपरगाएजातेहैं। शिवचालीसा ॥दोहा॥ जयगणेशगिरिजासुवन, मंगलमूलसुजान। कहतअयोध्यादासतुम, देहुअभयवरदान॥ हेगिरिजापुत्रभगवानश्रीगणेशआपकीजयहो।आपमंगलकारीहैं, विद्वताकेदाताहैं, अयोध्यादासकीप्रार्थनाहैप्रभुकिआपऐसावरदानदेंजिससेसारेभयसमाप्तहोजांए। ॥चौपाई॥ जयगिरिजापतिदीनदयाला।सदाकरतसन्तनप्रतिपाला॥ भालचन्द्रमासोहतनीके।काननकुण्डलनागफनीके॥ हेगिरिजापतिहे, दीनहीनपरदयाबरसानेवालेभगवानशिवआपकीजयहो, आपसदासंतोकेप्रतिपालकरहेहैं।आपकेमस्तकपरछोटासाचंद्रमाशोभायमानहै, आपनेकानोंमेंनागफनीकेकुंडलडालरखेंहैं। अंगगौरशिरगंगबहाये।मुण्डमालतनक्षारलगाए॥ वस्त्रखालबाघम्बरसोहे।छविकोदेखिनागमनमोहे॥ आपकीजटाओंसेहीगंगाबहतीहै, आपकेगलेमेंमुंडमाल (मानाजाताहैभगवानशिवकेगलेमेंजोमालाहैउसकेसभीशीषदेवीसतीकेहैं, देवीसतीका 108वांजन्मराजादक्षप्रजापतिकीपुत्रीकेरुपमेंहुआथा।जबदेवीसतीकेपिताप्रजापतिनेभगवानशिवकाअपमानकियातोउन्होंनेयज्ञकेहवनकुंडमेंकुदकरअपनीजानदेदीतबभगवानशिवकीमुंडमालापूर्णहुई।इसकेबादसतीनेपार्वतीकेरुपमेंजन्मलियावअमरहुई) है।बाघकीखालकेवस्त्रभीआपकेतनपरजंचरहेहैं।आपकीछविकोदेखकरनागभीआकर्षितहोतेहैं। मैनामातुकीहवेदुलारी।बामअंगसोहतछविन्यारी॥ करत्रिशूलसोहतछविभारी।करतसदाशत्रुनक्षयकारी॥ मातामैनावंतीकीदुलारीअर्थातमातापार्वतीजीआपकेबांयेअंगमेंहैं, उनकीछविभीअलगसेमनकोहर्षितकरतीहै, तात्पर्यहैकिआपकीपत्नीकेरुपमेंमातापार्वतीभीपूजनीयहैं।आपकेहाथोंमेंत्रिशूलआपकीछविकोऔरभीआकर्षकबनाताहै।आपनेहमेशाशत्रुओंकानाशकियाहै। नन्दिगणेशसोहैतहँक...