श्राद्ध 2022 तिथियां

  1. Pitra Paksha 2022: इस साल श्राद्ध कब से शुरू हैं ? जानें पितृ पक्ष का महत्व और तिथियां
  2. कब शुरू होंगे श्राद्ध पक्ष, जानिए पितृपक्ष की तिथियां
  3. Pitru Paksha 2022 Dates Pitru Paksha Ke Niyam And Mistakes
  4. Pitru Paksha 2022: कब से शुरू हो रहा पितृ पक्ष? जानिए श्राद्ध करने की सभी तिथियां
  5. Pitru Paksha 2022: आज से श्राद्ध शुरू, जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और तर्पण विधि


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Pitra Paksha 2022: इस साल श्राद्ध कब से शुरू हैं ? जानें पितृ पक्ष का महत्व और तिथियां

Pitru Paksha 2022: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. पितृ पक्ष में पितरों को याद कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है. माना जाता है कि पित पक्ष में विधि पूर्वक पितरों का श्राद्धा करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी परेशानियों को दूर किया जा सकता है. पितरों के निमित किए गए तर्पण से पितर तृप्त होकर वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि अगर पितरों का श्राद्ध न किया जाए,तो पितरों को पूर्ण रूप से मुक्ति नहीं मिलती और उनकी आत्मा भटकती रहती है. पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार पितृ पक्ष का आरंभ भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होता है. और अश्विन मास की अमावस्या पर समाप्त होता है. ये 16 दिन पितरों को समर्पित होते हैं. इस साल पितृ पक्ष का आरंभ 10 सिंतबर 2022 शनिवार से हो रहा है और 25 सितंबर 2022 को समापन होगा. 25 सिंतबर को अश्विन मास की अमावस्या तिथि है. श्राद्ध की तिथियां 2022 10 सितंबर 2022- पूर्णिमा श्राद्ध, भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा 10 सितंबर 2022- प्रतिपदा श्राद्ध, अश्विना, कृष्ण प्रतिपदा 11 सितंबर 2022- अश्विना, कृष्णा द्वितीया 12 सितंबर 2022 - अश्विना, कृष्ण तृतीया 13 सितंबर 2022 - अश्विना, कृष्ण चतुर्थी 14 सितंबर 2022 - अश्विना, कृष्ण पंचमी 15 सितंबर 2022 - अश्विना, कृष्ण षष्ठी 16 सितंबर 2022 - अश्विना, कृष्ण सप्तमी 18 सितंबर 2022 - अश्विना, कृष्ण अष्टमी 19 सितंबर 2022 - अश्विना, कृष्ण नवमी 20 सितंबर 2022 - अश्विना, कृष्ण दशमी 21 सितंबर 2022 - अश्विना, कृष्ण एकादशी 22 सितंबर 2022 - अश्विना, कृष्ण द्वादशी 23 सितंबर 2022 - अश्विना, कृष्...

कब शुरू होंगे श्राद्ध पक्ष, जानिए पितृपक्ष की तिथियां

Shradh paksha 2022 : पितृपक्ष को श्राद्धपक्ष भी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार पितृपक्ष का प्रारंभ भाद्रपद पूर्णिमा से प्रारंभ होता है और आश्विन मास की अमावस्या को समाप्त होता है। पितृ पक्ष 2022 प्रारंभ तिथि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार पितृपक्ष का प्रारंभ 10 सितंबर 2022 शनिवार से हो रहा है जो 25 सितंबर तक रहेगा। 25 सितंबर पितृ विसर्जन तिथि है।

Pitru Paksha 2022 Dates Pitru Paksha Ke Niyam And Mistakes

Pitru Paksha ke Niyam: हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 से शुरू होकर 25 सितंबर तक चलेंगे. इस दौरान पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है. पूरे साल में पितृ पक्ष (Pitru Paksha) ही एक ऐसा अवसर होती है, जब पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए खास कार्य किए जाते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में कुछ कार्य निषेध माने गए हैं. जिसे पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के दौरान करने से बचना चाहिए, नहीं को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. कहा जाता है कि पितृ दोष (Pitru Dosha) का कष्ट इंसान को पीढ़ी दर पीढ़ी झेलना पड़ता है. ऐसे में जानते हैं कि पितृ पक्ष के 15 दिनों में कौन-कौन से कार्य नहीं करने चाहिए. श्राद्ध पक्ष में ना करें ये काम | Do not do this work in Shradh Paksha -धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष (Pitru Paksha) दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए. दरअसल इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्य निषेध माने गए हैं. पितृ पक्ष का समय पितरों के प्रति सम्मान और आदर का वक्त होता है. ऐले में पितृ पक्ष के 15 दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि इस दौरान किए गए शुभ काम भी अशुभ फल प्रदान करते हैं. - पितृ पक्ष में सात्विक और सादा जीवन जीने की कोशिश करनी चाहिए. कहा जाता है कि इस दौरान लहसुन-प्‍याज, मांस-मदीरा का सेवन न करें. खासकर वैसे लोग जो पितृ पक्ष में तर्पण, पिंडदान या श्राद्ध करते हैं. - धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के 15 दिनों की अवधि में बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही इस दौरान श्राद्ध के निमित्त बनाए गए भोजन में मसूर, काली उड़द, चना, काला जीरा, काला नमक, काली सरसों और ...

Pitru Paksha 2022: कब से शुरू हो रहा पितृ पक्ष? जानिए श्राद्ध करने की सभी तिथियां

Pitru Paksha 2022: कब से शुरू हो रहा पितृ पक्ष? जानिए श्राद्ध करने की सभी तिथियां Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष यानी पितरों के श्राद्ध का महीना भी शुरू होने वाला है. अलग-अलग तिथियों पर पितृ देव की पूजा का विधान होता है. तो चलिए जानें कि श्राद्ध और तर्पण के दिन कब से लेकर कब तक हैं और किस दिन कौन सी तिथि होगी. डीएनए हिंदी: हिंदू पंचांग के मुताबिक भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष का महीना शुरू होता है. पितृ पक्ष आश्विन मास की अमावस्या पर खत्‍म होता है. 15 दिनों में पितरों का तर्पण और पूजन से पूरे कुल में सुख-शांति और बरकत आती है. इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर के शुरू हो रहे हैं. जानिए पितृ पक्ष की तारीख, महत्व के साथ महत्वपूर्ण तिथियां. पितृ पक्ष का महत्व पूर्णिमा से शुरू होकर अमावस्या तक चलने वाले इस दिन में अपने पूर्वजों को पूजा की जाती है और माना जाता है कि इन 15 दिन तक पितृदेव यानी हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं. इस अवधि में शुभ काम करना मना होता है लेकिन पितरों की पूजा जरूर करनी चाहिए. अगर पितरों की पूजा इन दिनों न की जाए तो वह नाराज हो जाते हैं और उनका श्राप पूरे कुल को मिलता है. पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए पितृ पक्ष में तर्पण, पिंडदान जरूर करना चाहिए. जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष होता है उन्‍हें इन दिनों में जरूर पितरों की पूजा कर आशीर्वाद लेना चाहिए. मान्यता है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध न करने से पितरों की आत्मा शांत नहीं होती है जिसका प्रभाव घर में मौजूद हर एक व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है. यह भी पढ़ें: पितृ पक्ष 2022 की प्रमुख तिथियां 10 सितंबर 2022- पूर्णिमा श्राद्ध भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा 11 सितंबर 2022-आश्विन, कृष्ण प्रतिपदा तिथि को प्रतिपदा...

Pitru Paksha 2022: आज से श्राद्ध शुरू, जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और तर्पण विधि

यह भी पढ़ें: क्या है मान्यता पितृपक्ष यानी श्राद्ध कर्म करके पितरों मृत्यु लोक से मुक्ति दिलाई जाती है और साथ ही उनका तपर्ण कर उनका सम्मान किया जाता हैऋ मान्यता है कि पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती हैण् पितृपक्ष में श्रद्धा पूर्वक अपने पूर्वजों को जल देने का विधान है. जानिए क्यों जरूरी है श्राद्ध किसी के मरने के बाद एक वर्ष का कार्यकाल प्रतीक्षा काल माना जाता है. बरसी तक श्राद्ध कर्म नहीं होते हैं. यानी परिजन की मृत्यु के पहले साल श्राद्ध नहीं किया जाता है. दूसरे साल से श्राद्ध कर्म हर साल करना चाहिए. ऐसा करके हम अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धावनत होते हैं. मान्यता है कि पितृपक्ष में हमारे पितृ घर के द्वार पर आते हैं. श्राद्ध कर्म तीन पीढ़ियों का होता है. इसमें मातृकुल और पितृकुल ;नाना और दादा दोनों शामिल होते हैं. तीन पीढ़ियों से अधिक का श्राद्ध कर्म नहीं होता है. तर्पण, दान, भोजन, तिलांजलि श्राद्ध में शामिल होता है. पितरों के नाम से भोजन निकाल कर उसे पहले गाय, कौआ, कुत्ते, चींटी और ब्राह्मण को खिलाया जाता है. यह भी पढ़ें: दोपहर में होता है तर्पण श्राद्ध और तर्पण 11ः30 बजे से दोपहर 2ः30 के बीच कर लेना चाहिए. आदर्श समय सुबह 11ः30 से 12ः30 तक होता है. सूर्य ढलने के बाद श्राद्ध नहीं किया जाता है. पितृ पक्ष में श्राद्ध 2022 की तिथियां 12 सितंबर तृतीया का श्राद्ध 13 सितंबर चतुर्थी का श्राद्ध 14 सितंबर पंचमी का श्राद्ध 15 सितंबर षष्ठी का श्राद्ध 16 सितंबर सप्तमी का श्राद्ध 18 सितंबर अष्टमी का श्राद्ध 19 सितंबर नवमी श्राद्ध 20 सितंबर दशमी का श्राद्ध 21 सितंबर एकादशी का श्राद्ध 22 सितंबर द्वादशीध्संन्यासियों का...