श्राद्ध की तिथियां

  1. 20 सितंबर से शुरू होगा पितृ पक्ष, जानिए श्राद्ध की तिथियां
  2. 2019 श्राद्ध विशेष
  3. श्राद्ध कब से है?
  4. पितृ पक्ष 2022: आज से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष, नोट कर लें श्राद्ध की तिथियां, विधि और सामग्री
  5. Pitru Paksha 2022 After 12 Years This Inauspicious Yog Is Going To Be Made In Shradh Paksha Know Which Date Will Be Right For Tarpan
  6. Pitru Paksha 2023: कब है पितृ पक्ष तिथि व श्राद्ध 2023


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20 सितंबर से शुरू होगा पितृ पक्ष, जानिए श्राद्ध की तिथियां

• 5 hours ago • 7 hours ago • 8 hours ago • 8 hours ago • 11 hours ago • 11 hours ago • 11 hours ago • 11 hours ago • 11 hours ago • 13 hours ago • 14 hours ago • 14 hours ago • 15 hours ago • 17 hours ago • 18 hours ago • 19 hours ago • 22 hours ago • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • 38.8°C शास्त्रों की बात , जानें धर्म के साथ हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व बताया गया है। हमारे जो पूर्वज अपनी देह का त्याग कर चले जाते हैं , पितृ पक्ष में उनकी आत्मा की शांत के लिए तर्पण किया जाता है। इसे श्राद्ध भी कहा जाता है। श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा पूर्वक भी होता है। यानी पूरी श्रद्धा से किया जाने वाला कार्य। वायु पुराण और वराह पुराण में श्राद्ध कर्म के बारे में विस्तार से बताया गया है। पितृ पक्ष के महत्व के बारे में पुराणों में वर्णन मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है। जन्म कुंडली में पितृ दोष होने से व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को अशुभ फल देने वाला दोष माना गया है। जिन लोगों की कुंडली में यह दोष पाया जाता है, उन्हें हर कार्य में बाधा का सामना पड़ता है। मान सम्मान में भी कभी बनी रहती है। जमा पूंजी नष्ट हो जाती है, रोग आदि भी घेर लेते हैं। पितृ पक्ष यानी श्राद्ध पक्ष को हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। पितृ पक्ष में पितरों को याद कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। पितृ पक्ष में विधि पूर्वक पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने से जीवन...

2019 श्राद्ध विशेष

पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है. हिंदू धर्म में इस माह का काफी महत्व है. ऐसा कहा जाता है कि अगर घर के पितृ नाराज हो जाएं तो घर की खुशहाली खत्म हो जाती है. इसीलिए पितृ पक्ष को मनाने और उनकी शांति के लिए इस माह में श्राद्ध किया जाता है. श्राद्ध माह में पिंड दान और तर्पण कर पितृ की शांति की कामना की जाती है. आइये आपको बताते हैं कि कब से शुरू हो रहे हैं इस बार पितृ पक्ष, क्या है श्राद्धा की तिथियां, क्या है पितृ पक्ष का महत्व. 2019 में पितृ पक्ष कब से हो रहे हैं शुरू- हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार पितृ पक्ष अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ते हैं. पितृ पक्ष की शुरूआत हर साल पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर अमावस्या पर ये खत्म होते हैं. पितृ पक्ष इस बार 15 दिनों के होंगे. इस वर्ष 2019 में पितृ पक्ष 13 सितंबर से शुरू होकर 28 सितंबर को खत्म होंगे. पितृ पक्ष में नए कपड़ों व आयोजनों की मनाही होती हैं. हिंदू धर्म में इन 15 दिन किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। Book Now: पितृ पक्ष का महत्‍व - पौराणिक ग्रंथों में वर्णित किया गया है कि देवपूजा से पहले जातक को अपने पूर्वजों की पूजा करनी चाहिये, पितरों के प्रसन्न होने पर देवता भी प्रसन्न होते हैं, यही कारण है कि भारतीय संस्कृति में जीवित रहते हुए घर के बड़े बुजूर्गों का सम्मान और मृत्योपरांत श्राद्ध कर्म किये जाते हैं, इसके पिछे यह मान्यता भी है कि यदि विधिनुसार पितरों का तर्पण न किया जाये तो उन्हें मुक्ति नहीं मिलती और उनकी आत्मा मृत्यु लोक में भटकती रहती है, पितृ पक्ष को मनाने का ज्योतिषीय कारण भी है, ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष काफी अहम माना जाता है, जब जातक सफलता के बिल्कुल नज़दीक पंहुचकर ...

श्राद्ध कब से है?

महत्वपूर्ण जानकारी • पितृ पक्ष 2023 • श्राद्ध प्रारंभ तिथि: शुक्रवार, 29 सितंबर 2023 • श्राद्ध समाप्ति तिथि: शनिवार, 14 अक्टूबर 2023 हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है। श्राद्धों के दिनों में हिन्दू धर्म में अपने पूर्वजों को याद किया जाता है और उनका अभार प्रकट किया जाता है। हिन्दू धर्म में यदि पितृ तृप्त होगें तो वह अपने परिवार आर्शीवाद देते है, जिससे परिवार में सुख, ऐश्वर्य और सुख शांति बनी रहती है। हिन्दू धर्म में अपने पूर्वजों का श्राद्ध संस्कार व पिंड दान अवश्य करना चाहिए। पितृ पक्ष में प्रियजनों का श्राद्ध और तर्पण करने की परंपरा है। पितृ पक्ष में श्राद्ध करने की भी परंपरा है। श्राद्ध का अर्थ श्रद्धा से है. पितृ पक्ष जब आरंभ होते हैं तो पितरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है. पितृ पक्ष में पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। मान्यता हिंदू धर्म के अनुसार, किसी के पूर्वज की तीन पूर्ववर्ती पीढ़ियों की आत्माएं पितृलोक में निवास करती हैं, जो स्वर्ग और पृथ्वी के बीच का क्षेत्र है। यह क्षेत्र मृत्यु के देवता यम द्वारा शासित है, जो एक मरते हुए व्यक्ति की आत्मा को पृथ्वी से पितृलोक में ले जाता है। जब अगली पीढ़ी का व्यक्ति मर जाता है, तो पहली पीढ़ी स्वर्ग में चली जाती है और भगवान के साथ मिल जाती है, इसलिए श्राद्ध का प्रसाद नहीं दिया जाता है। इस प्रकार, पितृलोक में केवल तीन पीढ़ियों को श्राद्ध संस्कार दिया जाता है, जिसमें यम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पवित्र हिंदू महाकाव्यों के अनुसार, पितृ पक्ष की शुरुआत में, सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है। इस क्षण के साथ, यह माना जाता है कि आत्माएं पितृलोक को छोड़ देती हैं और एक महीने तक अपने वंशजों के घरों में रह...

पितृ पक्ष 2022: आज से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष, नोट कर लें श्राद्ध की तिथियां, विधि और सामग्री

• • Faith Hindi • Pitru Paksha 2022 Dates: आज से शुरू हो रहा है पितृपक्ष, नोट कर लें श्राद्ध की तिथियां, विधि और सामग्री Pitru Paksha 2022 Dates: आज से शुरू हो रहा है पितृपक्ष, नोट कर लें श्राद्ध की तिथियां, विधि और सामग्री Pitru Paksha 2022: पितृपक्ष में विधि-विधान से करें पूर्वजों का तर्पण, मिलेगा आशीर्वाद और पूर्ण होंगे सभी कार्य. आइए जानते हैं श्राद्ध की तिथि और उसकी विधि. Pitru Paksha 2022: हिंदू धर्म में पितृपक्ष के 15 दिन बेहद ही महत्वपूर्ण होते हैं और कहा जाता है कि इस दौरान पितर धरती पर आते हैं. इसलिए पूरे विधान-विधान के साथ उनका तर्पण किया जाता है ताकि वह प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं. ( Pitru Paksha 2022 Date) यदि पितर नाराज हो जाएं तो आपको कई परेशानियां का सामना करना पड़ सकता है. इस साल पितृ पक्ष आज यानि 10 सितंबर से शुरू हो रहे हैं और 25 सितंबर अमावस्या के दिन समाप्त होंगे. Also Read: • • • पितृ पक्ष की तिथियां • पूर्णिमा श्राद्ध – 10 सितंबर, शनिवार • द्वितीया श्राद्ध -11 सितंबर, रविवार • तृतीया श्राद्ध – 12 सितंबर, सोमवार • चतुर्थी श्राद्ध – 13 सितंबर, मंगलवार • पंचमी श्राद्ध – 14 सितंबर, बुधवार • षष्ठी श्राद्ध – 15 सितंबर, बृहस्पतिवार • सप्तमी श्राद्ध -16 सितंबर, शुक्रवार • अष्टमी श्राद्ध -18 सितंबर, शनिवार • नवमी श्राद्ध – 19 सितंबर, रविवार • दशमी श्राद्ध – 20 सितंबर, सोमवार • एकादशी श्राद्ध – 21 सितंबर, मंगलवार • द्वादशी/संन्यासियों का श्राद्ध – 22 सितंबर, बुधवार • त्रयोदशी श्राद्ध – 23 सितंबर, बृहस्पतिवार • चतुर्दशी श्राद्ध – 24 सितंबर, शुक्रवार • अमावस्या श्राद्ध, सर्वपितृ अमावस्या – 25 सितंबर, शनिवार श्राद्ध की विधि पितृ पक्ष में पूर्वजों का श्राद्...

Pitru Paksha 2022 After 12 Years This Inauspicious Yog Is Going To Be Made In Shradh Paksha Know Which Date Will Be Right For Tarpan

Shradh Paksha 2022: 12 साल बाद श्राद्ध पक्ष में बनने जा रहा है ये अशुभ संयोग, जानें तर्पण के लिए कौन सी तिथि रहेगी सही Shradh Paksha 2022: हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष का खास महत्व है. पितृ पक्ष के दौरान 15 दिन पितरों के तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध के लिए शुभ होता है. इस बार श्राद्ध पक्ष में अशुभ संयोग बन रहा है. Shradh Paksha 2022 Inauspicious Yog: हिंदू पंचांग के अनुसार श्राद्ध पक्ष 10 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर 2022 तक रहने वाला है. भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तिथि तक की अवधि पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के रूप में जानी जाती है. इस दौरान पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, और श्राद्ध किए जाते हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके. ज्योतिष शास्त्र (Aatrology) की मान्यता के अनुसार, श्राद्ध की तिथियों (Shradh Dates 2022) का कम होना शुभ होता है, जबकि इसकी तिथियों में बढ़ोतरी होना शुभ नहीं होता है. दरअसल इस बार पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2022) में 10 सितंबर के दिन पूर्णिमा और प्रतिपदा का श्राद्ध एकसाथ किया जाएगा. पंचांग भेद होने की वजह से 16 सितंबर को सप्तमी श्राद्ध होगा. वहीं अष्टमी का श्राद्ध 18 सितंबर को किया जाएगा. बता दें कि तिथि क्षय होने की वजह से 17 सितंबर कोई श्राद्ध नहीं किया जाएगा. कुतप काल में श्राद्ध होता है सबसे शुभ श्राद्ध की तिथियां | Pitru Paksha Shradh Dates 2022 10 सितंबर शनिवार - पूर्णिमा का श्राद्ध, प्रतिपदा का श्राद्ध 11 सितंबर रविवार - द्वितीया का श्राद्ध 12 सितंबर सोमवार - तृतीया का श्राद्ध 13 सितंबर मंगलवार - चतुर्थी का श्राद्ध 14 सितंबर बुधवार - पंचमी का श्राद्ध 15 सितंबर गुरुवार - षष्ठी का श्राद्ध 16 सितंबर शुक्रवार - सप्तमी का श्राद...

Pitru Paksha 2023: कब है पितृ पक्ष तिथि व श्राद्ध 2023

पितृ पक्ष या श्राद्ध को सनातन धर्म में महत्वपूर्ण माना गया है जो सोलह दिनों की अवधि होती है। पितृ पक्ष निरंतर 16 दिनों तक चलते है और यह एक ऐसी अवधि होती है जब हिंदू समुदाय के लोग अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं और उनसे प्रार्थनाऐं करते हैं। साधारण शब्दों में पितृ अर्थात हमारे पूर्वज, जो अब हमारे साथ, हमारे बीच में नहीं हैं, उनका तर्पण एवं श्राद्ध करने का समय। इस माध्यम से अपने पूर्वजों को याद करना और उनके प्रति श्रद्धा प्रकट की जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष का आरम्भ प्रति वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में होता है और इसका अंत आश्विन अमावस्या पर होता है। श्राद्ध कर्म की पूरी अवधि पूर्वजों को समर्पित होती है। श्राद्ध पक्ष की शुरुआत गणेश चतुर्थी के अगले दिन पहली पूर्णिमा से होती है और पेद्दला अमावस्या पर समाप्ति होती है। पितृ पक्ष 2023 की तिथि एवं मुहूर्त पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां • पूर्णिमा श्राद्ध: 29 सितम्बर 2023, शुक्रवार, भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा • प्रतिपदा श्राद्ध: 29 सितम्बर 2023, शुक्रवार, आश्विन, कृष्ण प्रतिपदा • द्वितीया श्राद्ध: 30 सितम्बर 2023, शनिवार, आश्विन, कृष्ण द्वितीया • तृतीया श्राद्ध: 01 अक्टूबर 2023, रविवार, आश्विन, कृष्ण तृतीया • चतुर्थी श्राद्ध: 02 अक्टूबर 2023, सोमवार, आश्विन, कृष्ण चतुर्थी • पञ्चमी श्राद्ध: 03 अक्टूबर 2023, मंगलवार,आश्विन, कृष्ण पञ्चमी • षष्ठी श्राद्ध: 04 अक्टूबर 2023, बुधवार, आश्विन, कृष्ण षष्ठी • सप्तमी श्राद्ध:05 अक्टूबर 2023, बृहस्पतिवार, आश्विन, कृष्ण सप्तमी • अष्टमी श्राद्ध: 06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार, आश्विन, कृष्ण अष्टमी • नवमी श्राद्ध: 07 अक्टूबर 2023, शनिवार, आश्विन, कृष्ण नवमी • दशमी श्राद्ध:...