Shri bhairav chalisa

  1. Shri Bhairav Aarti: श्री भैरव जी की आरती व चालीसा पाठ
  2. Bhairav Chalisa in English
  3. Bhairav Chalisa
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  5. Shri Bhairav Chalisa (श्री भैरव चालीसा)
  6. श्री भैरव चालीसा
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Shri Bhairav Aarti: श्री भैरव जी की आरती व चालीसा पाठ

( श्री भैरव देव जी की आरती विडियो ) जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा जय काली और गौर देवी कृत सेवा ।। जय भैरव तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक जय भैरव वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ।। जय भैरव तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे ।। जय भैरव तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी ।। जय भैरव पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत । जय भैरव बत्कुनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे ।। जय भैरव *जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा जय काली और गौरा करत तेरी सेवा जय भैरव देवा ….. तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक । भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक ॥ जय भैरव देवा… वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी । महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ॥ जय भैरव देवा… तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे । चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे ॥ जय भैरव देवा… तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी । कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी ॥ जय भैरव देवा… पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत । बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत ॥ जय भैरव देवा… बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे । कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे ॥ जय भैरव देवा… 2. श्री भैरव आरती MP3 Song आइए दोस्तों अब श्री भैरव आरती का MP3 सॉन्ग सुनते हैं। श्री भैरव आरती का MP3 सॉन्ग सुनने के लिए निश्चय क्लिक करें :- 3. श्री भैरव देव जी की आरती – English में Jai Bhairav Deva, Prabhu Jai Bhairav Deva. Jai Kali Aur Gaura devi Karat Seva॥ Jai Bhairav Deva… Tumhi Aap Uddharak, Dukh Sindhu Taarak. Bhakto Ke Sukh Karak, Bheeshan V...

Bhairav Chalisa in English

WhatsApp Telegram Facebook Twitter LinkedIn Bhairav Chalisa is a 40 verse prayer to Lord Kaal Bhairav, who is a fearsome avatar of Lord Shiva, and the Kotwal of the Varanasi. Get Shri Kaal Bhairav Chalisa in English Lyrics Pdf here and chant it with devotion for the grace of Lord Kaal Bhairav. Bhairav Chalisa in English Doha Shri ganapati, guru, gauri pada । prema sahita dhari matha ।। Chalisa vandan karaun । shri shiv bhairavanath ।। Shri bhairav sankat haran । mangal karan kripal ।। Shyam varan vikaral vapu । lochan lal vishala ।। Chaupai Jayati jayati shri kali ke lala । jayati jayati kashi kutavala ।। Jayati ‘batuk bhairav’ bhaya hari । jayati ‘kal bhairav’ balkari ।। Jayati ‘nath bhairav’ vikhyata । jayati ‘sarva bhairav’ sukhadata ।। Bhairav ruup kiyo shiv dharan । bhav ke bhar utaran karan ।। Bhairav rav suni hvai bhay duuri । sab vidhi hoya kamana puri ।। Shesh mahesh adi guna gayo । kashi kotaval kahalayo ।। Jata jut sir chandra virajat । bala, mukut, bijayath sajat ।। Kati karadhani ghuungharu bajat । darshan karat sakal bhay bhajat ।। Jivan dan das ko dinhyo । kinhyo kripa nath tab chinhyo ।। Vasi rasana bani sarad kali । dinhyo var rakhyo mam lali ।। Dhanya dhanya bhairav bhay bhanjan । jai manaranjan khal dal bhanjana ।। Kar trishul damaru shuchi koda । kripa kataksh suyash nahin thoda ।। Jo bhairav nirbhay gun gavat । ashtasiddhi nav nidhi phal pavat ।। Roop vishal kathin dukh mochan । krodh karal lal duhun lochan ।। Aginat bhut pret sang dolat । bam bam bam ...

Bhairav Chalisa

जय जय श्री काली के लाला। जयति जयति काशी- कुतवाला॥ जयति बटुक- भैरव भय हारी। जयति काल- भैरव बलकारी॥ जयति नाथ- भैरव विख्याता। जयति सर्व- भैरव सुखदाता॥ भैरव रूप कियो शिव धारण। भव के भार उतारण कारण॥ भैरव रव सुनि हवै भय दूरी। सब विधि होय कामना पूरी॥ शेष महेश आदि गुण गायो। काशी- कोतवाल कहलायो॥ जटा जूट शिर चंद्र विराजत। बाला मुकुट बिजायठ साजत॥ कटि करधनी घुंघरू बाजत। दर्शन करत सकल भय भाजत॥ जीवन दान दास को दीन्ह्यो। कीन्ह्यो कृपा नाथ तब चीन्ह्यो॥ वसि रसना बनि सारद- काली। दीन्ह्यो वर राख्यो मम लाली॥ धन्य धन्य भैरव भय भंजन। जय मनरंजन खल दल भंजन॥ कर त्रिशूल डमरू शुचि कोड़ा। कृपा कटाक्ष सुयश नहिं थोडा॥ जो भैरव निर्भय गुण गावत। अष्टसिद्धि नव निधि फल पावत॥ रूप विशाल कठिन दुख मोचन। क्रोध कराल लाल दुहुं लोचन॥ अगणित भूत प्रेत संग डोलत। बम बम बम शिव बम बम बोलत॥ रुद्रकाय काली के लाला। महा कालहू के हो काला॥ बटुक नाथ हो काल गंभीरा। श्‍वेत रक्त अरु श्याम शरीरा॥ करत नीनहूं रूप प्रकाशा। भरत सुभक्तन कहं शुभ आशा॥ रत्‍न जड़ित कंचन सिंहासन। व्याघ्र चर्म शुचि नर्म सुआनन॥ तुमहि जाइ काशिहिं जन ध्यावहिं। विश्वनाथ कहं दर्शन पावहिं॥ जय प्रभु संहारक सुनन्द जय। जय उन्नत हर उमा नन्द जय॥ भीम त्रिलोचन स्वान साथ जय। वैजनाथ श्री जगतनाथ जय॥ महा भीम भीषण शरीर जय। रुद्र त्रयम्बक धीर वीर जय॥ अश्‍वनाथ जय प्रेतनाथ जय। स्वानारुढ़ सयचंद्र नाथ जय॥ निमिष दिगंबर चक्रनाथ जय। गहत अनाथन नाथ हाथ जय॥ त्रेशलेश भूतेश चंद्र जय। क्रोध वत्स अमरेश नन्द जय॥ श्री वामन नकुलेश चण्ड जय। कृत्याऊ कीरति प्रचण्ड जय॥ रुद्र बटुक क्रोधेश कालधर। चक्र तुण्ड दश पाणिव्याल धर॥ करि मद पान शम्भु गुणगावत। चौंसठ योगिन संग नचावत॥ करत कृपा जन पर बहु ढंगा। काश...

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॥ दोहा ॥ श्री भैरव सङ्कट हरन, मंगल करन कृपालु । करहु दया जि दास पे, निशिदिन दीनदयालु ॥ ॥ चौपाई ॥ जय डमरूधर नयन विशाला । श्याम वर्ण, वपु महा कराला ॥१॥ जय त्रिशूलधर जय डमरूधर । काशी कोतवाल, संकटहर ॥२॥ जय गिरिजासुत परमकृपाला । संकटहरण हरहु भ्रमजाला ॥३॥ जयति अष्टरूप तुम्हरे सब गायें । सकल एक ते एक सिवाये ॥५॥ शिवस्वरूप जटाजूट पर मुकुट सुहावै । भालचन्द्र अति शोभा पावै ॥७॥ कटि करधनी घुँघरू बाजै । दर्शन करत सकल भय भाजै ॥८॥ कर त्रिशूल डमरू अति सुन्दर । मोरपंख को चंवर मनोहर ॥९॥ खप्पर खड्ग लिये बलवाना । रूप चतुर्भुज नाथ बखाना ॥१०॥ वाहन श्वान सदा सुखरासी । तुम अनन्त प्रभु तुम अविनाशी ॥११॥ जय जय जय भैरव भय भंजन । जय कृपालु भक्तन मनरंजन ॥१२॥ नयन विशाल लाल अति भारी । रक्तवर्ण तुम अहहु पुरारी ॥१३॥ बं बं बं बोलत दिनराती । एकरूप तुम शम्भु कहाये । दूजे भैरव रूप बनाये ॥१५॥ सेवक तुमहिं तुमहिं प्रभु स्वामी । सब जग के तुम अन्तर्यामी ॥१६॥ रक्तवर्ण वपु अहहि तुम्हारा । श्यामवर्ण कहुं होई प्रचारा ॥१७॥ श्वेतवर्ण पुनि कहा बखानी । तीनि वर्ण तुम्हरे गुणखानी ॥१८॥ तीनि नयन प्रभु परम सुहावहिं । सुरनर मुनि सब ध्यान लगावहिं ॥१९॥ व्याघ्र चर्मधर तुम जग स्वामी । प्रेतनाथ तुम पूर्ण अकामी ॥२०॥ चक्रनाथ नकुलेश प्रचण्डा । निमिष दिगम्बर कीरति चण्डा ॥२१॥ क्रोधवत्स भूतेश कालधर । चक्रतुण्ड दशबाहु व्यालधर ॥२२॥ अहहिं कोटि प्रभु नाम तुम्हारे । जयत सदा मेटत दुःख भारे ॥२३॥ चौंसठ योगिनी नाचहिं संगा । क्रोधवान तुम अति रणरंगा ॥२४॥ भूतनाथ तुम परम पुनीता । तुम भविष्य तुम अहहू अतीता ॥२५॥ वर्तमान तुम्हरो शुचि रूपा । कालजयी तुम परम अनूपा ॥२६॥ ऐलादी को संकट टार्यो । साद भक्त को कारज सारयो ॥२७॥ कालीपुत्र कहावहु नाथा । तव चरणन नावहुं न...

Shri Bhairav Chalisa (श्री भैरव चालीसा)

||Doha|| Shri ganapati guru gauri pad prem sahit dhari maath || Chalisa vandan karaun shri shiv bhairavanaath || Shri bhairav sankat haran mangal karan krpaal || Shyaam varan vikaraal vapu lochan laal vishaal || Jay jay shri kaalee ke laala | Jayati jayati kaashi- kutavala || Jayati batuk- bhairav bhay hari | Jayati kaal- bhairav balakaaree || Jayati naath- bhairav vikhyaata | Jayati sarv- bhairav sukhadata || Bhairav roop kiyo shiv dhaaran | Bhav ke bhaar utaaran kaaran || Bhairav rav suni havai bhay doori | Sab vidhi hoy kaamana puri || Shesh mahesh aadi gun gaayo | Kaashi- kotavaal kahalaayo || Jata joot shir chandr viraajat | Baala mukut bijaayath saajat || Kati karadhani ghoongharu baajat | Darshan karat sakal bhay bhaajat || Jeevan daan daas ko deenhyo | Keenhyo krpa naath tab cheenhyo || Vasi rasana bani saarad- kaali | Deenhyo var raakhyo mam laali || Dhany dhany bhairav bhay bhanjan | Jay manaranjan khal dal bhanjan || Kar trishool damaru shuchi koda | Krpa kataaksh suyash nahin thoda || Jo bhairav nirbhay gun gaavat | Ashtasiddhi nav nidhi phal paavat || Roop vishaal kathin du:kh mochan | Krodh karaal laal duhun lochan || Aganit bhoot pret sang dolat | Bam bam bam shiv bam bam bolat || Rudrakaay kaalee ke laala | Maha kaalahu ke ho kaala || Batuk naath ho kaal ganbhera | Sh‍vet rakt aru shyaam sharera || Krat‍na jadit kanchan sinhaasan | Vyaaghr charm shuchi narm suaanan || Tumahi jai kaashihin jan dhyaavahin | Vishvanaath kahan darshan paavahin || Jay prabhu san...

श्री भैरव चालीसा

Bhairav Chalisa PDF Bhairav Chalisa in Hindi Lyrics ॥ दोहा ॥ श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वंदन करो श्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल । श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल ॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय श्री काली के लाला । जयति जयति काशी-कुतवाला ॥ जयति बटुक-भैरव भय हारी । जयति काल-भैरव बलकारी ॥ जयति नाथ-भैरव विख्याता । जयति सर्व-भैरव सुखदाता ॥ भैरव रूप कियो शिव धारण । भव के भार उतारण कारण ॥ भैरव रव सुनि हवै भय दूरी । सब विधि होय कामना पूरी ॥ शेष महेश आदि गुण गायो । काशी-कोतवाल कहलायो ॥ जटा जूट शिर चंद्र विराजत । बाला मुकुट बिजायठ साजत ॥ कटि करधनी घुंघरू बाजत । दर्शन करत सकल भय भाजत ॥ जीवन दान दास को दीन्ह्यो । कीन्ह्यो कृपा नाथ तब चीन्ह्यो ॥ वसि रसना बनि सारद-काली । दीन्ह्यो वर राख्यो मम लाली ॥ धन्य धन्य भैरव भय भंजन । जय मनरंजन खल दल भंजन ॥ कर त्रिशूल डमरू शुचि कोड़ा । कृपा कटाक्ष सुयश नहिं थोडा ॥ जो भैरव निर्भय गुण गावत । अष्टसिद्धि नव निधि फल पावत ॥ रूप विशाल कठिन दुख मोचन । क्रोध कराल लाल दुहुं लोचन ॥ अगणित भूत प्रेत संग डोलत । बम बम बम शिव बम बम बोलत ॥ रुद्रकाय काली के लाला । महा कालहू के हो काला ॥ बटुक नाथ हो काल गंभीरा । श्‍वेत रक्त अरु श्याम शरीरा ॥ करत नीनहूं रूप प्रकाशा । भरत सुभक्तन कहं शुभ आशा ॥ रत्‍न जड़ित कंचन सिंहासन । व्याघ्र चर्म शुचि नर्म सुआनन ॥ तुमहि जाइ काशिहिं जन ध्यावहिं । विश्वनाथ कहं दर्शन पावहिं ॥ जय प्रभु संहारक सुनन्द जय । जय उन्नत हर उमा नन्द जय ॥ भीम त्रिलोचन स्वान साथ जय । वैजनाथ श्री जगतनाथ जय ॥ महा भीम भीषण शरीर जय । रुद्र त्रयम्बक धीर वीर जय ॥ अश्‍वनाथ जय प्रेतनाथ जय । स्वानारुढ़ सयचंद्र नाथ जय ॥ निमिष दिगंबर चक...

Shri Bhairav Chalisa

श्री भैरव चालीसा दोहा श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ। चालीसा वंदन करो श्री शिव भैरवनाथ॥ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल। श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल॥ जय जय श्री काली के लाला। जयति जयति काशी- कुतवाला॥ जयति बटुक- भैरव भय हारी। जयति काल- भैरव बलकारी॥ जयति नाथ- भैरव विख्याता। जयति सर्व- भैरव सुखदाता॥ भैरव रूप कियो शिव धारण। भव के भार उतारण कारण॥ भैरव रव सुनि हवै भय दूरी। सब विधि होय कामना पूरी॥ शेष महेश आदि गुण गायो। काशी- कोतवाल कहलायो॥ जटा जूट शिर चंद्र विराजत। बाला मुकुट बिजायठ साजत॥ कटि करधनी घुंघरू बाजत। दर्शन करत सकल भय भाजत॥ जीवन दान दास को दीन्ह्यो। कीन्ह्यो कृपा नाथ तब चीन्ह्यो॥ वसि रसना बनि सारद- काली। दीन्ह्यो वर राख्यो मम लाली॥ धन्य धन्य भैरव भय भंजन। जय मनरंजन खल दल भंजन॥ कर त्रिशूल डमरू शुचि कोड़ा। कृपा कटाक्ष सुयश नहिं थोडा॥ जो भैरव निर्भय गुण गावत। अष्टसिद्धि नव निधि फल पावत॥ रूप विशाल कठिन दुख मोचन। क्रोध कराल लाल दुहुं लोचन॥ अगणित भूत प्रेत संग डोलत। बम बम बम शिव बम बम बोलत॥ रुद्रकाय काली के लाला। महा कालहू के हो काला॥ बटुक नाथ हो काल गंभीरा। श्‍वेत रक्त अरु श्याम शरीरा॥ करत नीनहूं रूप प्रकाशा। भरत सुभक्तन कहं शुभ आशा॥ रत्‍न जड़ित कंचन सिंहासन। व्याघ्र चर्म शुचि नर्म सुआनन॥ तुमहि जाइ काशिहिं जन ध्यावहिं। विश्वनाथ कहं दर्शन पावहिं॥ जय प्रभु संहारक सुनन्द जय। जय उन्नत हर उमा नन्द जय॥ भीम त्रिलोचन स्वान साथ जय। वैजनाथ श्री जगतनाथ जय॥ महा भीम भीषण शरीर जय। रुद्र त्रयम्बक धीर वीर जय॥ अश्‍वनाथ जय प्रेतनाथ जय। स्वानारुढ़ सयचंद्र नाथ जय॥ निमिष दिगंबर चक्रनाथ जय। गहत अनाथन नाथ हाथ जय॥ त्रेशलेश भूतेश चंद्र जय। क्रोध वत्स अमरेश नन्द जय॥ श्री वामन न...