श्री राम शरणम् अमृतवाणी

  1. चैत्र नवरात्र में श्री राम शरणम् में हुए 17 करोड़ 52 लाख राम नाम के जाप
  2. नववर्ष पर राम शरणम आश्रम में किया अमृतवाणी का पाठ
  3. श्री राम शरणम् आश्रम में अमृतवाणी सत्संग और श्रीमद भागवद गीता पाठ
  4. Shree Ram Sharnam
  5. Ram Amritwani Lyrics in Hindi + English
  6. श्री राम अमृतवाणी लिरिक्स
  7. Ram Amritvani Lyrics in Hindi


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चैत्र नवरात्र में श्री राम शरणम् में हुए 17 करोड़ 52 लाख राम नाम के जाप

जिले के आध्यात्मिक केंद्र श्री राम शरणम् में गुरुवार को नवरात्रि की मौन साधना का समापन अमृतवाणी, संकीर्तन के साथ किया गया। शहर के कॉलेज रोड स्थित श्री राम शरणम् में बड़ी संख्या में साधक पहुंचे। चैत्र नवरात्रि की मौन साधना में 120 महिलाएं व 84 पुरुष सहित कुल 204 साधकों ने 9 दिनों तक सत्संग भवन में रहकर साधना की। जिले में करीब 25 वर्षों से चल रही रामशरणम समिति में करीब साढ़े तीन लाख से अधिक दीक्षार्थी साधक है। इस दौरान सारी सांसारिक वस्तुओं का त्याग करते हुए मौन रखकर आराधना की गई। जिले के साथ ही जम्मू, दिल्ली, मुंबई, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, आगरा, भोपाल, होशंगाबाद से भी करीब 75 साधक मौन साधना के लिए झाबुआ पहुंचे। नवरात्रि के प्रतिदिन 2200 मानव घंटे जाप साधकों द्वारा किए गए। इस दौरान करीब दो करोड़ 20 लाख राम-नाम के जाप प्रतिदिन हुए। इनके साथ ही रात्रि में जिले के मेघनगर, झायडा, पारा, राणापुर, कालीदेवी, रतलाम, राजगढ़, दत्तीगांव, पेटलावद, कल्याणपुरा, गुजरात, राजस्थान के साधक भी सम्मिलित हुए। इस प्रकार नवरात्र में कुल 17 करोड़ 52 लाख रामनाम का जाप किया गया। मौन साधना की शुरुआत 22 मार्च सुबह 5 बजे से आरंभ हुई जो 30 मार्च सुबह 5 बजे तक चली। इसके साथ ही रामनवमी के अवसर पर सुबह 10:45 बजे से 12 बजे तक अमृतवाणी, संकीर्तन पुष्पांजलि कर कार्यक्रम का समापन किया गया। हम बहुत अकेले क्यों हो जाते हैं श्री राम शरणम् समिति अध्यक्ष हेमेंद्र पटेल ने बताया कि चैत्र नवरात्रि की मौन साधना अपने मन की गहरी सतहों को टटोलने के लिए की जाती है। श्री राम शरणम् समिति नई दिल्ली द्वार संचालित स्वामी सत्यानंद जी महाराज, प्रेम जी महाराज और ब्रह्मलीन डॉ. विश्वामित्रजी महाराज के नियमानुसार साधना का महत्व बताया ...

नववर्ष पर राम शरणम आश्रम में किया अमृतवाणी का पाठ

नववर्ष के उपलक्ष में श्री राम शरणम आश्रम में विशेष अमृतवाणी सत्संग करवाया गया। सत्संग के प्रारंभ में श्री अमृतवाणी का पाठ किया गया। बाद में भजन गायकों ने अपनी मधुर आवाज में भजन 'आनंद ही आनंद बरस रहा बलिहारी ऐसे सतगुर से', धन भाग हमारे आज हुए मुबारक दिन खुशियां दा आया है। चारे पासे देखो छाई खुशहाली है गुरां दा दर्शन पाया है' ने माहौल को भक्तिमय कर दिया। इससे पहले नितिन वर्मा ने भजन अरदास करदे हां, झोली सब की भर दे,सबना नू सुखी कर दे. पेश किया। नन्ही बच्ची परी जिदल ने भजन 'जहां ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा, जहां नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूंगा..' पेश किया। इसी तरह निधि गोयल ने 'जब संत सहारा बन जाए,फिर काहे मन घबराए.' भजन पेश कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बाद में गोहाना से कृष्ण जी महाराज का पावन संदेश आश्रम में बड़ी स्क्रीन पर दिखाया गया। कृष्ण जी महाराज ने कहा कि हमारे सामने दो रास्ते हैं। कुसंग, संयम, आलस्य और संशत्मक बुद्धि मनुष्य को गिराते हैं और संयम, कर्तव्य, पालन, परोपकार,शुभ आचार-विचार और राम नाम से प्रीति जीवन को ऊंचा उठाते हैं। आश्रम के मुख्य सेवक प्रदीप बजाज ने कहा के बाबा ब्रह्मानंद ने इस आश्रम के लिए जो सपना देखा था, उसे पूरा करके दिखाना है। आश्रम के सेवा कार्यों में सहयोगी मनदीप धवन, संजय अरोड़ा, रामपाल गुप्ता, करण गोयल,नरेश बजाज, प्रवीण सिगला, विजय चावला,अशोक बावा व कुल भूषण सूद का भी आभार व्यक्त किया। सबके साथ मिलकर के संकल्प लिया कि आने वाले वर्ष 2021में मिलकर शहर और समाज में सेवा कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेना है।

श्री राम शरणम् आश्रम में अमृतवाणी सत्संग और श्रीमद भागवद गीता पाठ

संत शिरोमणि स्वामी श्री सत्यानंद महाराज और परम पूजनीय भक्त श्री हंसराज जी महाराज की कृपा से अमृतवाणी सत्संग एवं श्रीमद भागवद गीता पाठ की पूर्णाहुति श्री राम शरणम् आश्रम अर्बन इस्टेट में 18वां अध्याय पढ़कर की गई। सत्संग श्री हनुमान चालीसा का पाठ करके शुरू किया गया उपरांत अमृतवाणी पाठ करके पांच मिनट के मौन भाव से संगत ने परमेश्वर के श्री चरणों में प्रार्थना की कि हे प्रभु आपकी कृपा और आशीर्वाद हमेशा हमारे ऊपर रहे और हमें सेवा, दान सिमरन व सत्संग करने की शक्ति देना। श्री राम शरणम् गोहाना फगवाड़ा के परम सेवक राम कृष्ण सूद ने कहा कि श्री मद भागवद गीता हिंदुओं का उत्तम ग्रंथ है। ये एक चिंतामणि र| है और इसमें ज्ञान, कर्म व भक्ति का एक अनूठा संगठन है। भगवान श्री कृष्ण जी ने ज्ञान के सागर को गीता गागर से भर दिया है। राम कृष्ण सूद ने भगवान श्री कृष्ण जी के श्री चरणों में पुष्प अर्पित करके सारी संगत के लिए कृपा मांगी और पूर्णाहुति पर संगत को बधाई दी। इस मौके सेवकों ने भगवान श्री कृष्ण और प्रभु श्री राम जी की धुनों से व भजनों से संगत को निहाल किया। अंत में बताया कि भगवान श्री कृष्ण जी ने गीता में जो अर्जुन को उपदेश दिया वे उपदेश हम सभी के लिए है और हमें निष्काम भावना से शुभ कर्म करते हुए गीता के पाठ पर अमल करना है। ताकि भगवान श्री कृष्ण जी की कृपा और आशीर्वाद हम सब पर रहे।

Shree Ram Sharnam

No. Bhajan Sung by Duration 1 ... मधुरमिलनमिलेतेराराम राममुझेमधुरमिलनमिलेतेरा राममुझेमधुरमिलनमिलेतेरा॥ मनमुखमायामुखबनमोही , भरममेंभटकाबहुतेरा॥१॥ अशरण - शरणकीचरणशरणमें , निशदिनबनेबसेरा॥२॥ गाऊँमैंरामराममधुरधुन , सबदिनसांझसबेरा॥३॥ तेरेमेलमेंमिलहोजायें , ' मैं ' तेरा ' तू ' मेरा॥४॥ Sh. Arvind Ji 09:20 2 अबमुझेरामभरोसातेरा अबमुझेरामभरोसातेरा॥ मधुरमहारसनामपानकर, मुदितहुआमनमेरा॥१॥ दीपकनामजगाजबभीतर, मिटाअज्ञानअन्धेरा॥२॥ निशानिराशादूरहुईसब, आईशांतसबेरा॥३॥ Smt. Savitri Saavneri 04:33 3 वन्देरामंसच्चिदानन्दम् वन्देरामंसच्चिदानन्दम्॥ परमपावनंप्रियतमरूपम्। परमेशंशुभशक्तिस्वरूपम्। सर्वाधारंमहासुखकन्दम्॥१॥ शरणागतजनपालकशरणम्। विघ्नहरंसुखशांतिकरणम्। परंपदंमंगलअरविन्दम्॥२॥ Sh. Rajendra Kachru and Smt. Prem Nijhavan 05:22 4 आरती Sh. Pankaj Ji 07:33 5 रामरामकहिये, सदासुखीरहिये Param Pujya Shree Maharaj Ji 0 1:27 Copyright © Shree Ram Sharnam, International Spiritual Centre, 8A, Ring Road, Lajpat Nagar - IV, New Delhi - 110 024, INDIA

Ram Amritwani Lyrics in Hindi + English

राम अमृतवाणी • रामामृत पद पावन वाणी, राम नाम धुन सुधा सामानी, पावन पाथ राम गन ग्राम, राम राम जप राम ही राम परम सत्य परम विज्ञान, ज्योति स्वरूप राम भगवान, परमानंद, सर्वशक्तिमान, राम परम है राम महान अमृतवाणी नाम उच्चाहरान, राम राम सुख सिद्धिकारण, अमृतवानी अमृत श्री नाम, राम राम मुद मंगल धाम अमृतरूप राम-गुण गान, अमृत-कथन राम व्याख्यान, अमृत-वचन राम की चर्चा, सुधा सम गीत राम की अर्चा अमृत मनन राम का जाप, राम राम प्रभु राम अलाप, अमृत चिंतन राम का ध्यान, राम शब्द में सूचि समाधन अमृत रसना वही कहवा, राम-राम, जहां नाम सुहावे, अमृत कर्म नाम कमानी, राम-राम परम सुखदायी अमृत राम-नाम जो ही ध्यावे, अमृत पद सो ही जन पावे, राम-नाम अमृत-रास सार, देता परम आनन्द अपार राम-राम जप हे माणा, अमृत वाणी मान, राम-नाम मे राम को, सदा विराजित जान राम-नाम मद-मंगलकारी, विध्ण हरे सब पातक हारी, राम नाम शुभ-शकुण महान, स्वस्ती शांति शिवकर कल्याण राम-राम श्री राम-विचार, मानी उत्तम मंगलाचार, राम-राम मन मुख से गाना, मानो मधुर मनोरथ पाना 0 राम-नाम जो जन मन लावे, उसमे शुभ सभी बस जावे, जहां हो राम-नाम धुन-नाद, भागे वहा से विषम विषाद राम-नाम मन-तप्त बुझावे, सुधा रस सीच शांति ले आवे, राम-राम जपिये कर भाव, सुविधा सुविध बने बनाव राम-नाम सिमरो सदा, अतिशय मंगल मूल, विषम विकट संकट हरन, कारक सब अनुकूल जपना राम-राम है सुकृत, राम-नाम है नाशक दुष्कृत, सिमरे राम-राम ही जो जन, उसका हो शुचित्र तन-मन जिसमे राम-नाम शुभ जागे, उस के पाप-ताप सब भागे, मन से राम-नाम जो उच्चारे, उस के भागे भ्रम भय सारे जिस मन बस जाए राम सुनाम, होवे वह जन पूर्णकाम, चित में राम-राम जो सिमरे, निश्चय भव सागर से तारे राम-सिमरन होव साहै, राम-सिमरन है सुखदायी,...

श्री राम अमृतवाणी लिरिक्स

श्री राम अमृतवाणी लिरिक्स (Ram Amritvani Lyrics) रामामृत पद पावन वाणी, राम नाम धुन सुधा सामानी, पावन पाथ राम गन ग्राम, राम राम जप राम ही राम । 1 । परम सत्य परम विज्ञान, ज्योति स्वरूप राम भगवान, परमानंद, सर्वशक्तिमान, राम परम है राम महान । 2 । अमृत ​​वाणी नाम उच्चाहरान, राम राम सुख सिद्धिकारण, अमृतवानी अमृत श्री नाम, राम राम मुद मंगल धाम । 3 । अमृत ​​राम-नाम जो ही ध्यावे, अमृत पद सो ही जन पावे, राम-नाम अमृत-रास सार, देता परम आनन्द अपार । 7 । राम-राम जप हे माणा, अमृत वाणी मान, राम-नाम मे राम को, सदा विराजित जान । 8 । राम-नाम मद-मंगलकारी, विध्ण हरे सब पातक हारी, राम नाम शुभ-शकुण महान, स्वस्ती शांति शिवकर कल्याण । 9 । राम-राम श्री राम-विचार, मानी उत्तम मंगलाचार, राम-राम मन मुख से गाना, मानो मधुर मनोरथ पाना । 10 । !! श्री राम अमृतवाणी लिरिक्स !! !! Ram Amritvani Lyrics !! राम-नाम जो जन मन लावे, उसमे शुभ सभी बस जावे, जहां हो राम-नाम धुन-नाद, भागे वहा से विषम विषाद । 11 । राम-नाम मन-तप्त बुझावे, सुधा रस सीच शांति ले आवे, राम-राम जपिये कर भाव, सुविधा सुविध बने बनाव । 12 । राम-नाम सिमरो सदा, अतिशय मंगल मूल, विषम विकट संकट हरन, कारक सब अनुकूल । 13 । जपना राम-राम है सुकृत, राम-नाम है नाशक दुष्कृत, सिमरे राम-राम ही जो जन, उसका हो शुचित्र तन-मन । 14 । जिसमे राम-नाम शुभ जागे, उस के पाप-ताप सब भागे, मन से राम-नाम जो उच्चारे, उस के भागे भ्रम भय सारे । 15 । जिस मन बस जाए राम सुनाम, होवे वह जन पूर्णकाम, चित में राम-राम जो सिमरे, निश्चय भव सागर से तारे । 16 । राम-सिमरन होव साहै, राम-सिमरन है सुखदायी, राम सिमरन सब से ऊंचा, राम शक्ति सुख ज्ञान समूचा । 17 । राम-राम हे सिमर मन, राम-राम श्री राम,...

Ram Amritvani Lyrics in Hindi

WhatsApp Telegram Facebook Twitter LinkedIn Ram Amritvani is a devotional prayer to Lord Ram. Its rendition by Anuradha Paudwal is very famous. Get Full Ram Amritvani Lyrics in Hindi Pdf here and chant it with devotion for the grace of lord Ram. Ram Amritvani Lyrics in Hindi – श्री राम अमृतवाणी रामामृत पद पावन वाणी राम नाम धुन सुधा सामानी । पावन पाथ राम गन ग्राम राम राम जप राम ही राम । 1 । परम सत्य परम विज्ञान ज्योति स्वरूप राम भगवान परमानंद सर्वशक्तिमान राम परम है राम महान । 2 । अमृत ​​वाणी नाम उच्चाहरान राम राम सुख सिद्धिकारण । अमृतवानी अमृत श्री नाम राम राम मुद मंगल धाम । 3 । अमृतरूप राम-गुण गान अमृत-कथन राम व्याख्यान । अमृत-वचन राम की चर्चा सुधा सम गीत राम की अर्चा । 4 । अमृत ​​मनन राम का जाप राम राम प्रभु राम अलाप । अमृत ​​चिंतन राम का ध्यान राम शब्द में सूचि समाधन । 5 । अमृत ​​रसना वही कहवा राम-राम जहां नाम सुहावे । अमृत ​​कर्म नाम कमानी राम-राम परम सुखदायी । 6 । अमृत ​​राम-नाम जो ही ध्यावे अमृत पद सो ही जन पावे । राम-नाम अमृत-रास सार देता परम आनन्द अपार । 7 । राम-राम जप हे माणा अमृत वाणी मान । राम-नाम मे राम को सदा विराजित जान । 8 । राम-नाम मद-मंगलकारी विध्ण हरे सब पातक हारी । राम नाम शुभ-शकुण महान स्वस्ती शांति शिवकर कल्याण । 9 । राम-राम श्री राम-विचार मानी उत्तम मंगलाचार । राम-राम मन मुख से गाना मानो मधुर मनोरथ पाना । 10 । राम-नाम जो जन मन लावे उसमे शुभ सभी बस जावे । जहां हो राम-नाम धुन-नाद भागे वहा से विषम विषाद । 11 । राम-नाम मन-तप्त बुझावे सुधा रस सीच शांति ले आवे । राम-राम जपिये कर भाव सुविधा सुविध बने बनाव । 12 । राम-नाम सिमरो सदा अतिशय मंगल मूल । विषम विकट स...