श्री शिवाय नमस्ते

  1. श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे क्या है?
  2. श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ
  3. ॐ श्री शिवाय नमस्तुभ्यं शिव पर समर्पित वेबसाइट
  4. Shri Shivaya Namastubhyam Mp3 Download (30.59 Mb)
  5. ये हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ व फायदे : अभी जान लीजिये!
  6. श्री शिवाय नमस्तुभयम 108 बार भजन लिरिक्स
  7. श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र


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श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे क्या है?

दोस्तों, भारतीय संस्कृति में पुराणों, वेदों और महा पुराणों, का सर्वाधिक महत्व रहा है। इसी के साथ महाकाव्य और ऐसे ही विशेष रचनाओं की मदद से लोग आज भी अज्ञान रूपी अंधेरे में ज्ञान रूपी प्रकाश से अपना मार्ग खोजने की कोशिश करते हैं। ऐसे ही एक पुराण का नाम शिव महापुराण है, जिसके एक मंत्र श्री शिवाय नमस्तुभ्यं को महामृत्युंजय मंत्र से भी उंचा माना जाता है। यदि आप नही जानते है कि यह मंत्र क्या है और इसके जाप करने से क्या फायदे होते हैं तो आप चिंता मत करिए, क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र कहां से लिया गया है, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे क्या है , श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप कैसे किया जाता है, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ क्या है। आज से लेख को पढने के पश्चात आप यह समझ पाएंगे कि श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र इतना महत्वपूर्ण क्यों है। तो चलिए जानते हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र कहां से लिया गया है ? दोस्तों, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र शिव महापुराण से लिया गया है। इसे शिवपुराण के नाम से भी जाना जाता है। शिव पुराण मूल रूप से भगवान शिव को समर्पित है। इसमें भगवान शिव की महिमा का विस्तार से गुणगान किया गया है। जो भी व्यक्ति शैव संप्रदाय से संबंध रखता है उसके लिए शिवपुराण सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसके बारे में सारी क्रियाविधि शिव पुराण में लिखी गई है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए एक महामंत्र या बीज मंत्र भी दिया गया है जिसे श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं, और लोगों की इच्छाएं पूर्ण करते हैं। भारतीय संस्कृति तथा पुराणों ...

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप करने से क्या फायदा होता है? श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् मंत्र जापने से शिव जी की कृपा, सद्बुद्धि का विकास, धन की प्राप्ति, अभीष्टों की सिद्धि, स्वास्थ्य, संतान इत्यादियों की प्राप्ति होती है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप कितनी बार करना चाहिए? श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् मंत्र का जाप हर दिन ११, १०८ या १००८ बार कर सकते हैं। Ganapathy Shiva Hanuman Devi Vishnu Sahasranama Mahabharatam Practical Wisdom Yoga Vasishta Vedas Rituals Rare Topics Devi Mahatmyam Glory of Venkatesha Shani Mahatmya Story of Sri Yantra Rudram Explained Atharva Sheersha Sri Suktam Kathopanishad Ramayana Mystique Mantra Shastra Bharat Matha Bhagavatam Astrology Temples Spiritual books Purana Stories Festivals Sages and Saints जय श्रीराम देवी भागवत विभिन्न विषय गणेश अथर्व शीर्ष जय हिंद मंदिर शनि माहात्म्य श्रीयà...

ॐ श्री शिवाय नमस्तुभ्यं शिव पर समर्पित वेबसाइट

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Shri Shivaya Namastubhyam Mp3 Download (30.59 Mb)

श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् Shri Shivay Namastubhyam Jyoti Vishwakarma 8349863999 108 मंत्र माला Download Mp3 Filesize: 143.7 Mb, Duration: 1:02:47 22M Views, 1 year ago ▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬ ॐ नमः शिवाय ▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् इस मंत्र से क्या फायदा है कर्ज मुक्ति के लिए यह उपाय देगा अद्भुत परिणाम साक्षात् महादेव के प्रतिरूप श्रीशिवमहापुराण के पावन मंत्र प्रसाद श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के 108 मंत्र माला जाप का आनंद लेवे पूज्य गुरुवर ने इस महान मंत्र की प्रतिष्ठा सहस्र महामृत्युंजय के सदृश प्रतिपादित की है नित्यप्रति पूर्ण श्रद्धा एवं दृढ़ विश्वास से महादेव के इस दिव्य मंत्र प्रसाद को ग्रहण करने से समस्त रोग शोक पीड़ा बाधा एवं विपत्ति का नाश होकर शिव चरणों में भक्ति दृढ़ होती प्रतिदिन निवास के देवस्थान श्रद्धापूर्वक श्रवण करे एवं जप कर अपने जीवन को सार्थक 07049323232 Song श्री शिवाय नमस्तुभ्यम् Shri Shivay Namastubhyam Singer Jyoti Vishwakarma 8349863999 Lyrics Traditional Music Suraj Mahanand Recordist Kalpesh Parmar Graphics Sushil

ये हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ व फायदे : अभी जान लीजिये!

Table of Contents • • • • • श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का हिंदी अर्थ इस मंत्र का साधारण सा अर्थ है कि “हे श्री शिव आपको मेरा नमस्कार है”। यहाँ शिवाय का अर्थ भगवान शिव से है तथा नमस्तुभ्यं का अर्थ नमस्कार से है। इससे मिल कर यह एक पूरा वाक्य बनता है कि “हे श्री शिव आपको मेरा नमस्कार है।” श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का हिंदी अर्थ श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप की विधि इस जाप का आरम्भ करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना है कि ऊन के बने आसन का उपयोग करें और इस आसन का ही हर बार आपको इस्तेमाल करना है इसे बार-बार परिवर्तित नहीं करना है। इस मंत्र का जाप प्रातः काल में किया जाना चाहिए साथ ही एक समय निश्चित कर लेना चाहिए और हर रोज़ उसी समय पर इस मंत्र का जाप करना चाहिए। 108 मोती की माला के साथ इस मंत्र का 108 बार जाप करने से लाभ प्राप्त होता है और ऐसा करना 1 लाख 8 हजारबार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के बराबर है। शंकर भगवान के फोटो को समीप रख कर यह जाप किया जाता है। और मंदिर में या घर में बने मंदिर के सामने बैठ कर भी यह जाप किया जाता है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे इस मंत्र का जाप करने से केवल मनोकामनाएं ही पूर्ण नहीं होती है अपितु इस मंत्र के जाप से बहुत सी बीमारियों में भी आराम मिलता है। ऐसी मान्यता भी है कि इस मंत्र के जाप से लकवे और बुखार के मरीज़ को भी फायदा पहुँचता है। यदि लकवे के मरीज को शिव जी पर चढ़ा हुआ सरसों का वह तेल लगाया जाए जिस के साथ काली मिर्ची, लोंग, कमलगट्टे, बेलपत्र, शनि पत्र का भी उपयोग किया गया हो तो इस तेल की मालिश से लकवे का इलाज सम्भव होता है। इस मंत्र को हजार श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप 108 बार इस वीडियो में आपको श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप 108 बार सुनने क...

श्री शिवाय नमस्तुभयम 108 बार भजन लिरिक्स

श्री शिवाय नमस्तुभयम 108 बार, इस महामंत्र को जपने से, मिट जाते है सारे गम, श्री श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं।। आत्मशांती बल देने वाला, श्री शिवाय नमस्तुभयं, तन मन पावन करने वाला, श्री शिवाय नमस्तुभयं, भव से पार लगाने वाला, श्री शिवाय नमस्तुभयं, संकट सबके हरने वाला, श्री शिवाय नमस्तुभयं, अकाल मृत्यू को हरने वाला, श्री शिवाय नमस्तुभयं, मोक्ष मुक्ति को देने वाला, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं।। चारों वेद पुरान भी बोले, श्री शिवाय नमस्तुभयं, ब्रह्म विष्णु नारद बोले, श्री शिवाय नमस्तुभयं, मुरलीधर की मुरली बोले, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं, गंगा रेवा शिप्रा बोले, श्री शिवाय नमस्तुभयं, पंडित प्रदीप मिश्रा जी बोले, श्री शिवाय नमस्तुभयं, शिव शक्ति परिवार भी बोले, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं।। जिसने ये ब्रम्हांड रचाया, श्री शिवाय नमस्तुभयं, जिसका कोई पार ना पाया, श्री शिवाय नमस्तुभयं, हर कण कण में शिव ही समाया, श्री शिवाय नमस्तुभयं, शिव ही शक्ति सब झुठी माया, श्री शिवाय नमस्तुभयम, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं।। श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री शिवाय नमस्तुभयं, श्री...

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र

मनुष्य इस धरती का सबसे जानदार और शानदार जीव है। मनुष्य औसतन इस धरती पर सत्तर साल जीता है। मनुष्य का जीवन अनमोल है। मनुष्य अपने जीवन काल में तरह-तरह की परेशानियों से गुजरता है जिसके वजह से वह अवसाद में चला जाता है और उसकी सारी खुशियाँ छीन जाती है। इसलिए मनुष्य को अवसाद से छुटकारा पाने के लिए श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र (Shree Shivay Namastubhyam Mantra in Hindi) का जाप करना होता है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र | Shree Shivay Namastubhyam Mantra in Hindi श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्रमात्रं जपेन्नरः दुःस्वप्नं न भवेत्तत्र सुस्वप्नमुपजायते ॐ नमः शिवाय श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ: हे शिव आप आडंबर नहीं है। हे शिव आप मृतकों की राख पहनते हैं क्योंकि व्यक्ति को मृत्यु के बाद लोगों द्वारा राम का नाम दिया जाता है, जिस शरीर पर राम नाम का राख़ लगता है, वह शरीर राम का हो जाता है। हे शिव आपको हमारा प्रणाम है। इस मंत्र का जाप करने से पहले स्नान करना होता है। इस मंत्र का जाप प्रातः काल में सूर्योदय के वक्त आसन पर बैठ कर करना होता हैं। इस मंत्र का जाप करते समय शिव का फोटो अपने सामने रखना होता है। इस मंत्र का जाप करते समय पद्मासन की मुद्रा में रहना होता है। इस मंत्र का जाप सप्ताह में मात्र एक दिन सोमवार के दिन करना होता है। इस मंत्र का जाप कम से कम सात बार करना होता है। - Advertisement - इसे भी पढ़े: इस मंत्र के जाप से द्वेष या क्रोध ख़त्म हो जाते है। इस मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति को सुख शांति धन समृद्धि का लाभ होता है। इस मंत्र के जाप से मनुष्य का अवसाद ख़त्म हो जाता है और मन प्रफुल्लित हो जाता है। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य को कार्य में सफलता हासिल होती है। यह मंत्र पुराने रोगों से मुक...