श्री शुक्त का पाठ

  1. श्री सूक्तम पाठ
  2. Shri Suktam Paath:दिवाली पर करें श्री सूक्त पाठ,घर में बरसेगी माता लक्ष्मी की कृपा
  3. "संपुटित श्री सूक्त" पढ़ें
  4. Shree Suktam Path Vidhi
  5. श्री सूक्त का पाठ, Shri Sukt ka path,
  6. Shri Sukt Ka Paath
  7. श्री सूक्त का ऐसे करें तांत्रिक प्रयोग .. – धर्म चक्र 24×7
  8. श्रीसूक्त 16 मंत्र


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श्री सूक्तम पाठ

श्री सूक्तम पाठ | Sri Suktam Path PDF Hindi श्री सूक्तम पाठ | Sri Suktam Path Hindi PDF Download Download PDF of श्री सूक्तम पाठ | Sri Suktam Path in Hindi from the link available below in the article, Hindi श्री सूक्तम पाठ | Sri Suktam Path PDF free or read online using the direct link given at the bottom of content. श्री सूक्तम पाठ | Sri Suktam Path Hindi श्री सूक्तम पाठ | Sri Suktam Path हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप श्री सूक्तम पाठ | Sri Suktam Path हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं श्री सूक्तम पाठ | Sri Suktam Path के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक। ऋग्वेद के अनुसार, श्री सूक्तम जिसे लक्ष्मी सूक्तम के नाम से भी जाना जाता है, एक भक्ति भजन है जो देवी लक्ष्मी को समर्पित है। माँ लक्ष्मी धन, समृद्धि और बहुतायत की देवी हैं और श्री सूक्तम का पाठ माँ लक्ष्मी का आह्वान और पूजा करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि श्री यंत्र के सामने श्री सूक्त का पाठ करने वाले को कभी भी दरिद्रता नहीं आती है। इस सूक्तम के पंद्रह छंदों के अक्षर, शब्दांश और शब्द सामूहिक रूप से लक्ष्मी के ध्वनि शरीर का निर्माण करते हैं जो इस भजन की अधिष्ठात्री देवी हैं। माता लक्ष्मी (त्रिदेवी के सदस्यों में से एक) को श्री के रूप में भी जाना जाता है जिसका अर्थ है शुभ गुणों का अवतार। श्री सूक्तम पाठ करने से उपासकों को समृद्धि, अच्छाई, स्वास्थ्य, धन और कल्याण का आशीर्वाद मिलता है। सूक्तम का पाठ सहित तरीके से करने पर व्यक्ति को श्री, तेज, आयु, स्वास्थ्य से युक्त होकर शोभायमा...

Shri Suktam Paath:दिवाली पर करें श्री सूक्त पाठ,घर में बरसेगी माता लक्ष्मी की कृपा

Shri Suktam Paath: दिवाली का त्योहार आज है। इस दिन हर घर में गणेश लक्ष्मी जी का पूजन होता है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री सूक्त पाठ करना शुभ माना गया है। हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन, समृद्धि, आनंद और वैभव की देवी माना जाता हैं। श्री सूक्त का पाठ करने से महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसे मां लक्ष्मी की अराधना करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। श्री यंत्र के सामने श्री सूक्त का पाठ किया जाता है। इस मंत्र में श्री सूक्त के पंद्रह छंदों में अक्षर, शब्दांश और शब्दों के उच्चारण से अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी के ध्वनि शरीर का निर्माण किया जाता है। श्रीसूक्त ऋग्वेद के पांचवें मण्डल के अन्त में होता है। सुक्त में मंत्रों की संख्या पन्द्रह है। सोलहवें मंत्र में फलश्रुति है। बाद में ग्यारह मंत्र परिशिष्ट के रूप में उपलब्ध होते हैं। इनको लक्ष्मीसूक्त के नाम से स्मरण किया जाता है। आदिवाली पर आप भी श्री सूक्त का पाठ कर सकते है। पढ़िए सम्पूर्ण श्री सूक्त यहां।

"संपुटित श्री सूक्त" पढ़ें

संपुटित श्री सूक्त पढ़ें ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः। ॐ दुर्गे स्मृता हरसिभीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्ण रजतस्रजां। दारिद्र्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता। ॐ दुर्गे स्मृता हरसिभीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभं ददासि। ॐ श्रीं ह्रीं ॐ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीं। यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहं॥ दारिद्र्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता। ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः। ॐ दुर्गे स्मृता हरसीभीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। ॐ अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनाद प्रबोधिनीं। श्रियं देवी मुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषतां॥ दारिद्र्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता। ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः। ॐ दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। ॐ कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीं। पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहो पह्वये श्रियं॥ दारिद्र्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता। ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः। ॐ दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। ॐ चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियम लोके देवजुष्टामुदारां। तां पद्मिनीमीं शरणमहं प्रपद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे॥ दारिद्र्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकार...

Shree Suktam Path Vidhi

श्री सूक्तम् – देवी लक्ष्मी जी की आराधना के लिए उनको समर्पित संस्कृत में लिखा मंत्र है जिसे हम श्री सूक्त पाठ भी कहते है या लक्ष्मी सूक्त भी कहते है | यह सूक्त ऋग्वेद से लिया गया है | जो जातक जीवन में हर तरह से सुख भोगना चाहते है – जीवन से गरीबी दूर करना चाहते है | एश्वर्य प्राप्त करना चाहते है उन्हें Shree Suktam Path Vidhi को केवल अपने कानों से सुने और माँ लक्ष्मी का मनन करें | श्री सूक्त पाठ माँ लक्ष्मी जी को अति प्रिय है इसलिए मन में माँ लक्ष्मी जी के प्रति पूर्ण श्रद्धा रखते हुए इस पाठ(स्त्रोत) को करें | Shree Suktam Path Vidhi श्री लक्ष्मीसूक्तम्‌ पाठ हरिः ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम् । चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥1॥ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् । यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ॥2॥ अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रबोधिनीम् । श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम् ॥3॥ कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् । पद्मे स्थितां पद्मवर्णां तामिहोपह्वये श्रियम् ॥4॥ प्रभासां यशसा लोके देवजुष्टामुदाराम् । पद्मिनीमीं शरणमहं प्रपद्येऽलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ॥5॥ आदित्यवर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽथ बिल्वः । तस्य फलानि तपसानुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः ॥6॥ उपैतु मां देवसखः कीर्तिश्च मणिना सह । प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन् कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ॥7॥ क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् । अभूतिमसमृद्धिं च सर्वां निर्णुद गृहात् ॥8॥ गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम् । ईश्वरींग् सर्वभूतानां तामिहोपह्वये श्रियम् ॥9॥ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि । पशूनां रूपमन...

श्री सूक्त का पाठ, Shri Sukt ka path,

हे माँ लक्ष्मी आप अपने भक्तो की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने की कृपा करें , उन्हें धन, यश, सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य और कार्यो में श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। हे माँ आपकी सदा जी जय हो। श्री सूक्त Shri Sukt ऋग्वेद से लिया गया है। शास्त्रो के अनुसार नित्य श्री सूक्त Shri Sukt का पाठ करने वाले जातक को इस संसार में समस्त सुखो की प्राप्ति होती है उसे धन यश की कोई भी कमी नहीं होती है । श्री सूक्त का पाठ Shri Sukt ka path करने वाला जातक को जन्म जन्मान्तर तक भी धन का अभाव नहीं होता है । श्री सूक्तम shri suktam की रचना संस्कृत में हुई है लेकिन आज चूँकि संस्कृत भाषा का चलन नहीं रह गया है अतः अशुद्धियों से बचने के लिए इसका हिंदी में पाठ भी कर सकते है । प्रश्न आपकी श्रद्धा आपके भाव का है । श्री सूक्त का पाठ shri sukt ka path नित्य करना चाहिए । नवरात्री, navratri दीपावली एवं प्रत्येक शुक्रवार को तो इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है । जानिए, श्री सूक्त का पाठ, Shri Sukt ka path, श्री सूक्त का मन्त्र, Shri Sukt ka mantr, श्री सूक्त रहस्य, Shri Sukt rahasy, ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्त्रजाम्। चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह॥ (1) हे जातवेद अग्निदेव आप मुझे सुवर्ण के समान पीतवर्ण वाली तथा किंचित हरितवर्ण वाली तथा हरिणी रूपधारिणी स्वर्ण मिश्रित रजत की माला धारण करने वाली , चाँदी के समान श्वेत पुष्पों की माला धारण करने वाली , चंद्रमा की तरह प्रकाशमान तथा चंद्रमा की तरह संसार को प्रसन्न करने वाली अथवा चंचला के सामान रूपवाली ये हिरण्मय ही जिसका शरीर है ऐसे गुणों से युक्त लक्ष्मी जी को मेरे लिए बुलाइये। ( इस मन्त्र के प्रभाव से स्वर्ण रजत की प्राप्ति होती है। ) ॐ तां म आ वह जातवेदो लक...

Shri Sukt Ka Paath

संस्कृत साहित्य में, सूक्त या सूक्तम एक भक्ति भजन या स्तुति का गीत है। विभिन्न हिंदू देवी-देवताओं की स्तुति में संस्कृत साहित्य में कई सूक्तम हैं। प्रत्येक सूक्तम एक ही देवता या देवी की स्तुति करता है। ( shree sukt path ) जैसा कि पुरुष सूक्तम पुरुष की स्तुति में ( shree sukt ) एक वैदिक भक्ति भजन है, ब्राह्मण के रूप में (दिव्या: पुरुष: अमृतः), श्री सूक्तम " श्री" देवी महालक्ष्मी , ब्रह्मांड की मूल देवी, आदि शक्ति की स्तुति में एक भजन है| श्री सूक्त का पाठ ( Shri Sukt Ka Paath ) देवी लक्ष्मी द्वारा स्वयं इंद्र को प्रकट किया गया है। श्री, देवी लक्ष्मी भगवान इंद्र को भी श्री सूक्तम प्रदान करने के तरीकों और साधनों को महत्व के साथ समझाती हैं। ( shri sukt ) देवी लक्ष्मी की पूजा के दौरान अक्सर श्री सूक्तम ( shri suktam ka paath in hindi ) का पाठ किया जाता है। Shri Sukt Ka Paath श्री सूक्त का पाठ Maa Lakshmi Shri Suktam Ka Paath In Hindi हरिः ॐ ॥ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्। चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥1॥ अर्थ - हरि ॐ, मेरे लिए उस लक्ष्मी का आवाहन करो, जो सुनहरी रंग की, सुंदर और सोने और चांदी की मालाओं से विभूषित है। जो स्वर्ण आभा वाले चंद्रमा के समान है, जो लक्ष्मी है, जो श्री का अवतार है; हे जातवेदो, कृपया मेरे लिए उस लक्ष्मी का आह्वान करें। (सोना सूर्य या तापस की अग्नि का प्रतिनिधित्व करता है; चांदी चंद्रमा या शुद्ध सत्त्व के आनंद और सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करती है।) तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम्। यसयां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम्॥2॥ अर्थ - हरिओम, मेरे लिए उस लक्ष्मी का आह्वान करें, जो दूर नहीं जाती, (श्री अचल, सर्वव्यापी और सभी सौंदर्य का ...

श्री सूक्त का ऐसे करें तांत्रिक प्रयोग .. – धर्म चक्र 24×7

• मां लक्ष्मी की अनुकम्पा के बगैर दुनिया का कोई लौकिक कारोबार सम्भव नहीं है. इनकी उपासना की अनेको विधियाँ हैं लेकिन सर्वश्रेष्ठ विधि वैदिक सूक्त से उनकी पूजा का ही है. वैदिक मन्त्रों में ऋषियों के तप का बल है इसलिए इनसे देवी जल्द प्रसन्न होती हैं . ऋग्वेद के दो सूक्त श्री सूक्त और पुरुष सूक्त सर्व प्रसिद्ध हैं जिनका उपयोग सभी बड़े अनुष्ठानों में होता है . भगवान लक्ष्मी पति विष्णु का अभिषेक और पूजन बगैर पुरुष सूक्त के सम्भव नहीं है उसी तरह लक्ष्मी पूजन बगैर श्री सूक्त के सम्भव नहीं है . ऐसा शास्त्रों का कहना है कि श्री सूक्त से छह महीने यदि देवी लक्ष्मी की विधि पूर्व पूजा कर ली जाय तो वे उसके घर में सदैव के लिए स्थिर हो जाती हैं . श्री सूक्त से देवी लक्ष्मी पूजा की विधि का पूर्ण वर्णन किया जा रहा है … • • • विनियोगः- ॐ हिरण्य – वर्णामित्यादि-पञ्चदशर्चस्य श्रीसूक्तस्याद्यायाः ऋचः श्री ऋषिः तां म आवहेति चतुर्दशानामृचां आनन्द-कर्दम-चिक्लीत-इन्दिरा-सुताश्चत्वारः ऋचयः, आद्य-मन्त्र-त्रयाणां अनुष्टुप् छन्दः, कांसोऽस्मीत्यस्याः चतुर्थ्या वृहती छन्दः, पञ्चम-षष्ठयोः त्रिष्टुप् छन्दः, ततोऽष्टावनुष्टुभः, अन्त्या प्रस्तार-पंक्तिः छन्दः । श्रीरग्निश्च देवते । हिरण्य-वर्णां बीजं । “तां म आवह जातवेद” शक्तिः । कीर्तिसमृद्धिं ददातु मे” कीलकम् । मम श्रीमहालक्ष्मी-प्रसाद-सिद्धयर्थे जपे विनियोगः । ऋष्यादि-न्यासः- श्री-आनन्द-कर्दम-चिक्लीत-इन्दिरा-सुतेभ्यः ऋषिभ्यो नमः-शिरसि । अनुष्टुप्-बृहती-त्रिष्टुप्-प्रस्तार-पंक्ति-छन्दोभ्यो नमः-मुखे । श्रीरग्निश्च देवताभ्यां नमः – हृदि । हिरण्य-वर्णां बीजाय नमः गुह्ये । “तां म आवह जातवेद” शक्तये नमः – पादयो । कीर्तिसमृद्धिं ददातु मे” कीलकाय नमः नाभौ । मम श्रीम...

श्रीसूक्त 16 मंत्र

श्रीसूक्त 16 मंत्र | Sri Suktam 16 Mantra PDF Hindi श्रीसूक्त 16 मंत्र | Sri Suktam 16 Mantra Hindi PDF Download Download PDF of श्रीसूक्त 16 मंत्र | Sri Suktam 16 Mantra in Hindi from the link available below in the article, Hindi श्रीसूक्त 16 मंत्र | Sri Suktam 16 Mantra PDF free or read online using the direct link given at the bottom of content. श्रीसूक्त 16 मंत्र | Sri Suktam 16 Mantra Hindi श्रीसूक्त 16 मंत्र | Sri Suktam 16 Mantra हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप श्रीसूक्त 16 मंत्र | Sri Suktam 16 Mantra हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं श्रीसूक्त 16 मंत्र | Sri Suktam 16 Mantra के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक। धन की अधिष्ठात्री देवी मां लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्ति के लिए ऋग्वेद में वर्णित श्रीसूक्त का पाठ एक ऐसी साधना है जो कभी बेकार नहीं जाती है। मां लक्ष्मी की आराधना करके शांति एवं समृद्धि का स्वयं अनुभव कर सकते हैं। श्रीसूक्त में सोलह मंत्र हैं। इस सूक्त का पाठ अगर पूरी श्रद्धा से किया जाए तो मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं और साधक को धन-संपत्ति प्रदान करती हैं। श्री सूक्त में लक्ष्मी के स्वरूपों का विवरण कुछ इस प्रकार मिलता है:-‘धनमग्नि, धनम वायु, धनम सूर्यो धनम वसु:’ अर्थात प्रकृति ही लक्ष्मी है और प्रकृति की रक्षा करके मनुष्य स्वयं के लिये ही नहीं, अपितु नि:स्वार्थ होकर पूरे समाज के लिये लक्ष्मी का सृजन कर सकता है। श्रीसूक्त 16 मंत्र | Sri Suktam 16 Mantra Lyrics in Hindi with Meaning 1- ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम् । च...