श्री स्वामी समर्थ मंत्र जप लाभ

  1. सत्यनारायण व्रत में क्या खाना चाहिए
  2. श्री स्वामी समर्थ मंत्र जप लाभ
  3. ‎श्री स्वामी समर्थ मंत्र जप
  4. MH Shobha shrei swami samarth mantra jap labh
  5. स्वामी समर्थ तारक मंत्र फायदे क्या है
  6. श्री स्वामी समर्थ जप कसा करावा जपाचे महत्व
  7. शिव पूजा का सही समय, विधि मंत्र, नियम, तथा लाभ
  8. श्री स्वामी समर्थ तारक मंत्र


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सत्यनारायण व्रत में क्या खाना चाहिए

सत्यनारायण व्रत में क्या खाना चाहिए | सत्यनारायण कथा का महत्व –हिंदू सनातन धर्म में वैसे तो काफी व्रत आदि किए जाते हैं. लेकिन सत्यनारायण व्रत का कुछ विशेष ही महत्व हैं. सत्यनारायण व्रत करना फलदायी माना जाता हैं. इस दिन भगवान विष्णु के अवतार सत्यनारायण की पूजा अर्चना की जाती हैं. तथा भगवान सत्यनारायण के नाम से व्रत आदि किया जाता हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की सत्यनारायण व्रत में क्या खाना चाहिए. इसके अलावा सत्यनारायण कथा का महत्व भी बताने वाले हैं. साथ-साथ इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. इसलिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • सत्यनारायण व्रत में क्या खाना चाहिए सत्यनारायण व्रत में आप निम्नलिखित वस्तु का सेवन कर सकते हैं: • आप सभी प्रकार के फल खा सकते है. • साबूदाना की खिचड़ी बनाकर खा सकते हैं. • इसके अलावा चीनी, आलू, कुट्टू, शकरकंद, जैतून, नारियल, दूध, सभी प्रकार के मेवें बादाम आदि का सेवन कर सकते हैं. • तथा नमक में सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं. • इस दिन आप किसी भी व्यंजन में कालीमिर्च तथा अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं. पूजा करते समय हाथ जल जाना | घर के मंदिर में आग लगाना शुभ या अशुभ सत्यनारायण कथा का महत्व स्कंद पुराण के अनुसार भगवान सत्यनारायण भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं. इसलिए जो व्यक्ति सत्यनारायण की कथा करवाता है और सत्यनारायण की कथा सुनता है. उस व्यक्ति के ऊपर भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती हैं. ऐसा माना जाता है की सत्यनारायण की कथा करवाने से घर में सुख-शांति बनी रहती हैं...

श्री स्वामी समर्थ मंत्र जप लाभ

मंत्र जाप से हमारे मन और मस्तिष्क को शांति मिलती हैं. यह सभी हमारे मंत्र की शक्ति हैं. लेकिन आज हम श्री स्वामी समर्थ के मंत्र जाप के लाभ बताने वाले हैं. इसलिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से श्री स्वामी समर्थ मंत्र जप लाभ तथा श्री स्वामी समर्थ विचार के बारे में बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. श्री स्वामी समर्थ मंत्र जप लाभ श्री स्वामी समर्थ मंत्र के कुछ लाभ हमने नीचे बताए हैं. • श्री स्वामी समर्थ के मंत्रों का जप करने से मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता हैं. मनुष्य को काफी सारी बीमारियों से छुटकारा मिलता हैं. • इनके मंत्र जप से मनुष्य को मानसिक शांति मिलती हैं. तथा मनुष्य का दिमाग ठंडा और शांत रहता हैं. • जिन लोगो को अधिक गुस्सा आता है. उन लोगो को श्री स्वामी समर्थ के मंत्र का जाप नियमति रूप से करना चाहिए. • श्री स्वामी समर्थ के मंत्र का जप करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलती हैं. • इस मंत्र जाप से घर के बच्चो की पढाई में सुधार आता हैं. • इस मंत्र जाप से मनुष्य की जीवनशैली में परिवर्तन आता हैं. मनुष्य का जीवन सुखमय बनता हैं. • इस मंत्र जाप से हम अन्य लोगो से मिलने वाली निराशा तथा धोखे से बच सकते हैं. • इस मंत्र जाप से सभी संकटों से मुक्ति मिलती हैं. तथा जीवन की सभी परेशानी दूर होती हैं. • श्री स्वामी समर्थ के मंत्र बहुत ही प्रभावशाली माने जाते हैं. अगर मनुष्य अपने जीवन को सुखमय बनाना चाहता हैं. तो नियमति रूप से श्री स्वामी समर्थ मंत्र जप करे. भृगु संहिता के उपाय , मंत्र – भृगु संहिता की जानकारी श्री ...

‎श्री स्वामी समर्थ मंत्र जप

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MH Shobha shrei swami samarth mantra jap labh

श्री स्वामी समर्थ मंत्र जप लाभ ‘श्री स्वामी समर्थ’ चा अर्थ षडाक्षरी स्वामी नाम ‘श्री स्वामी समर्थ’ हे महाराजांचे नाव नाही, तर ब्रह्माण्डगस्तीय अद्वैत प्रकृती पुरुषात्मक तारक बीज मंत्र आहे. ॐ नमः शिवाय, दूं दूर्गायै नमः, श्री गुरुदेव दत्त हे ज्याप्रकारे षडाक्षरी तारक मंत्र आहेत, अगदी त्याचप्रमाणे समानार्थी ‘श्री स्वामी समर्थ’ हाही सद्गुरु अनुग्रहीत तारक मंत्र आहे. श्री म्हणजे स्वयं श्रीपादविराजित सद्गुरु भगवान दत्तात्रेय स्वामी महाराज. स्वामी शब्दाची फोड केल्यास ‘स्वाः + मी’ अशी होते. स्वाः म्हणजे भस्म करणे अथवा आत्म समर्पित करणे असा त्याचा अर्थ आहे आणि मी म्हणजे माझे अज्ञान, अहं भाव, रिपु गण व ईर्ष्या. अर्थात स्वामी म्हणजे माझा मी पणा स्वाः करा. श्री स्वयं श्रीपदाविराजीत सद्गुरु भगवान दत्तात्रेय स्वामी महाराज…! स्वामी – स्वाः + मी स्वाः म्हणजे भस्म करणे अथवा आत्म समर्पित करणे असा आहे. मी म्हणजे माझे अज्ञान, अहं भाव, रिपु गण व ईच्छ्या…! अर्थात स्वामी म्हणजे माझा मी पणा स्वाः करा समर्थ समर्थ म्हणजे संसाररुपी भवसागर सहज तारुण येण्यासाठी माझे स्वयंभु शिवत्व जागृत करा…! त्यायोगे ‘श्री स्वामी समर्थ’ म्हणजे श्रीपदविराजित भगवान दत्तात्रेय स्वामी महाराज माझे मीपण भस्म करुन स्वयंभु शिव तत्व सद्गुरुकृपे अंकित करा. श्रीस्वामी समर्थ मंत्र जपाचे फायदे | श्री स्वामी समर्थ विचार – जर आपण मंत्राचा उच्चार केल्याने आपल्या शरीरात एक नवीन ऊर्जा संचारते. व्यक्तीला आरोग्य लाभ मिळतो. आणि व्यक्ती मानसिक विकारांपासून दूर होते. श्री स्वामी समर्थ मंत्राचे काही फायदे आम्ही खाली दिले आहेत. • श्री स्वामी समर्थांच्या मंत्रांचा जप केल्याने व्यक्तीचे आरोग्य चांगले राहते. माणसाची अनेक आजारांपासून सुटका होते...

स्वामी समर्थ तारक मंत्र फायदे क्या है

स्वामी समर्थ तारक मंत्र फायदे क्या है –स्वामी समर्थ के बारे में आज के समय में सभी लोग जानते हैं. शायद ही कुछ लोग होगे जिनको स्वामी समर्थ के बारे में जानकारी नहीं होगी. स्वामी समर्थ को दतात्रेय भगवान का अवतार माना जाता हैं. इन्होने अपने समय में काफी लोगो को प्रेरणा और शिक्षा दी. स्वामी समर्थ के सुविचार आज के समय भी बहुत प्रचलित हैं. ऐसा माना जाता है की जो लोग स्वामी समर्थ के सुविचार सुनकर उनके रास्ते पर चलते हैं. उनका जीवन सुखमय और आसान बन जाता हैं. जितना ही उनके सुविचार से लोगो के जीवन में परिवर्तन होता हैं. उतना ही उनका तारक मंत्र भी प्रभावशाली माना जाता हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से स्वामी समर्थ तारक मंत्र फायदे बताने वाले हैं. साथ-साथ हम आपको तारक मंत्र भी बताएगे. इसलिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. स्वामी समर्थ तारक मंत्र फायदे स्वामी समर्थ तारक मंत्र को बहुत ही प्रभावशाली और कारगर माना जाता हैं. ऐसा माना जाता है की जो जातक स्वामी समर्थ मंत्र का श्रद्धा और विश्वास पूर्वक जाप करता हैं. उनकी सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती हैं. स्वामी समर्थ तारक मंत्र का जाप करने से असंभव कार्य भी संभव हो जाता हैं. ऐसा भी माना जाता है की स्वामी समर्थ तारक मंत्र में इतनी शक्ति है की जो व्यक्ति इस मंत्र जाप करता है. उसके आसपास भी नकारात्मक ऊर्जा हटकर सकारात्मक ऊर्जा भ्रमण करने लगती हैं. यह मंत्र मनुष्य को सभी प्रकार की चिंता से मुक्ति दिलाता हैं. तथा मनुष्य के मन का बोझ हल्का करता हैं. अगर आपके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या है, कोई भी समस्या का निवारण नहीं हो रहा हैं, आप कोई कार्य आसानी से पार पाडना चा...

श्री स्वामी समर्थ जप कसा करावा जपाचे महत्व

आज आपण श्री स्वामी समर्थ जपाचे महत्व आणि स्वामी जप कसा करावा जप करण्याच्या सोप्या पद्धती कोणत्या आहेत हे जाणून घेणार आहोत श्री स्वामी समर्थ महाराजांचा श्री स्वामी समर्थ मंत्र हाच एक गुरुमंत्र आहे हा मंत्र कोणीही कधीही म्हणु शकतो दररोज किमान अकरा माळ हा दिव्य मंत्र जप करावा हा मंत्र जाप केल्याने मानसिक शांतता लाभून आपल्या सर्व मनोकामना पूर्ण होतात असे आजपर्यंतच्या लाखो भाविक भक्तांचे आणि सेवेकऱ्यांचे अनुभव आहेत त्यामुळे आपल्याला वेळ मिळत नाही म्हणूनच बरेच भाविक इच्छा असूनही जप करू शकत नाहीत तर हातात जपमाळ घेऊनच जप करावा लागतो आणि एका स्थानावर बसून असे करण्यासाठी आपल्याला वेळ देखील मिळत नाही अशा भाविकांनी जसा वेळ मिळेल तसे उठता-बसता हिंडत फिरत काम करत असताना देखील अथवा सकाळी कामावर जात असताना किंवा परत येत असताना हा मंत्र म्हणजे श्री स्वामी समर्थ यांचे नामस्मरण आपल्या मुखात चालू ठेवावे जेणेकरून आपल्याकडून जप पूर्ण होतो तसेच वेळ मिळत नसेल तर 21 मिनिटे वेळ लावून श्री स्वामी समर्थ हा जप केल्यास अकरा माळी हा जप होतो असा अंदाज देखील आहे त्यामुळे या पद्धतीने देखील आपण सेवा करू शकतो त्यामुळे हातात माळ घेऊन जप केल्यास अधिक उत्तमच राहील ज्यांना शक्य नाही त्यांनी वरीलप्रमाणे सेवा चुकू नये म्हणून अशा पद्धतीने सेवा करावी पण सेवा चुकवू नये हे महत्त्वाचा आहे तसेच महिलांनी घरात स्वयंपाक करत असताना श्री स्वामी समर्थ हा जप म्हणत म्हणत स्वयंपाक करावा जेणेकरून स्वयंपाक अधिक रुचकर होईल तसेच त्या अन्नावर स्वामी जपाचे संस्कार होतील आणि जर का ते अन्न लहान मुलांना तसेच व्यसनी लोकांच्या पोटात गेले तर नक्कीच त्यांच्या सवयींमध्ये बदल होऊन ते देखील श्री स्वामी समर्थ जप करण्यासाठी त्यांचे मन तयार होऊ ला...

शिव पूजा का सही समय, विधि मंत्र, नियम, तथा लाभ

भगवान शिव की पूजा करने से मनुष्य की सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं. लेकिन अगर शिवजी की पूजा सही समय पर की जाए. तो भक्त को और अधिक लाभ होता हैं. शिव पूजा का सही समय जानने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से शिव पूजा का सही समय तथा शिव पूजा विधि मंत्र बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. • शिव पूजा करने के लिए सबसे पहले अपने बाएं हाथ में जल लेकर अपने दाए हाथ से पूजन सामग्री पर जल का छिडकाव करके पूजन सामग्री को पवित्र करे. • पूजन सामग्री को पवित्र करने के दौरान “ ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्था गतोपिवा या स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्रामायंतर : शुचि : ” इस मंत्र का जाप करे. • इसके पश्चात शिवजी को घी का दीपक लगाए. तथा कुमकुम, रोली, अक्षत, पुष्प आदि सामग्री से पूजा करे. • अब शिवजी की प्रतिमा के सामने जल भरा हुआ कलश स्थापित करे. • इसके पश्चात “ ओम नम : शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए. शिवजी का आहवान करे. • शिवलिंग पर कच्चे दूध तथा जल से अभिषेक करे. • इसके पश्चात धुप दीप आदि जलाए. और भगवान शिव से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करे. • पूजा पूर्ण हो जाने के बाद शिव चालीसा, शिव आरती अवश्य करे. तथा पुष्पांजलि अर्पित करे. इस प्रकार विधि और मंत्र सहित शिवजी की पूजा करने से शिवजी के आशीर्वाद हमेशा के लिए भक्त पर बने रहते हैं. भोग लगाने की विधि / भोग लगाने का मंत्र शिव पूजा नियम शिव पूजा करने से पहले कुछ नियम आपको ध्यान में रखने होगे. जिसके बारे में हमने आपको नीचे जानकारी प्रदान की है. • शिव पूजा हमेशा पवित्र मन से करनी चाहिए. तथा हो सके तो बीना सिले हुए वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए. • शिव...

श्री स्वामी समर्थ तारक मंत्र

Swami Samarth Tarak Mantra (श्री स्वामी समर्थ तारक मंत्र) is very popular in Maharashtra. The natives of Maharashtra worship Shri Swami Samarth as an incarnation. By chanting his Tarak Mantra, people give themselves patience, strength, and confidence that the power of Swami Samarth ji is always with them. In this article, we will give you information about Swami Samarth Tarak Mantra along with its meaning. निशंक होई रे मना,निर्भय होई रे मना। प्रचंड स्वामीबळ पाठीशी, नित्य आहे रे मना। अतर्क्य अवधूत हे स्मर्तुगामी, अशक्य ही शक्य करतील स्वामी।।१।। जिथे स्वामीचरण तिथे न्युन्य काय, स्वये भक्त प्रारब्ध घडवी ही माय। आज्ञेवीना काळ ही ना नेई त्याला, परलोकी ही ना भीती तयाला अशक्य ही शक्य करतील स्वामी।।२।। उगाची भितोसी भय हे पळु दे, वसे अंतरी ही स्वामीशक्ति कळु दे। जगी जन्म मृत्यु असे खेळ ज्यांचा, नको घाबरू तू असे बाळ त्यांचा अशक्य ही शक्य करतील स्वामी।।३।। खरा होई जागा श्रद्धेसहित, कसा होसी त्याविण तू स्वामिभक्त। आठव! कितीदा दिली त्यांनीच साथ, नको डगमगु स्वामी देतील हात अशक्य ही शक्य करतील स्वामी।।४।। विभूति नमननाम ध्यानार्दी तीर्थ, स्वामीच या पंचामृतात। हे तीर्थ घेइ आठवी रे प्रचिती, ना सोडती तया, जया स्वामी घेती हाती ।।५।। अशक्य ही शक्य करतील स्वामी अशक्य ही शक्य करतील स्वामी Swami Samarth Tarak Mantra Lyrics In English nishank ho nirbhay ho manaan re prachand swamibal pathishi re nishank ho nirbhay ho manaan re prachand swamibal pathishi re atarky avadhut he smarangami ashakya hi shakya kartil swami ashakya hi shakya kartil swami ashakya hi shakya kartil swami jithe swami paay, tit...