श्रीराम सुपर 111 गेहूं बीज price

  1. गेहूं की किस्म एचडी 3226 से पाएं अधिक उपज, ये है बुवाई का सही तरीका
  2. श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज से उत्तर प्रदेश के किसानों की गेहूँ उत्पादकता बढ़ी
  3. श्रीराम सुपर 111 गेहूं ने दिलाया पुरस्कार
  4. श्री राम सुपर 111 गेहूं की जानकारी (Wheat Shri Ram 111 Variety Detail
  5. [ हाइब्रिड मक्का की वैरायटी 2023 ] जानिए टॉप 10 मक्का की उन्नत किस्में
  6. महामारी के समय बीकानेरवासियों के लिए मददगार साबित होगी 'बीकानेर फाउण्डेशन' की पहल : सिद्धीकुमारी
  7. Gehun Ki Kheti
  8. श्रीराम सुपर 111 गेहूं ने दिलाया पुरस्कार
  9. श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज से उत्तर प्रदेश के किसानों की गेहूँ उत्पादकता बढ़ी
  10. Gehun Ki Kheti


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गेहूं की किस्म एचडी 3226 से पाएं अधिक उपज, ये है बुवाई का सही तरीका

• Home • गेहूं की किस्म एचडी 3226 से पाएं अधिक उपज, ये है बुवाई का सही तरीका गेहूं की एचडी 3226 नई और बेहद उन्नत किस्म है. इसे पूसा यशस्वी के नाम से भी जाना जाता है. इस किस्म को नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने अथक मेहनत के बाद विकसित किया था. तो आइये जानते हैं इस किस्म की बुवाई का सही तरीका- गेहूं की फसल के लिए रोग प्रतिरोधक यह गेहूं के गुण आमतौर पर गेहूं की अन्य किस्मों में 10 से 12 प्रतिशत तक प्रोटीन की मात्रा होती है. जबकि एचडी 3226 में प्रोटीन की उच्च मात्रा 12.8 प्रतिशत होती है. इसके अलावा इसमें जस्ता उच्च मात्रा में पाया जाता है. यह किस्म रोटी, पाव रोटी के लिए उपयुक्त है. इसका बीज आकार में बड़ा और चमकदार होता है. गेहूं की फसल की कब करें बुवाई कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस किस्म की समय पर बुवाई करना चाहिए. इसकी बुवाई का सही समय है 5 नवंबर से 25 तक. बुवाई के लिए एक हेक्टेयर में 100 किलो ग्राम बीज की आवश्यकता पड़ती है. गेहूं की फसल के लिए उर्वरक और खाद इस किस्म की गुणवत्ता पूर्ण और अधिक पैदावार के लिए उर्वरकों और खाद का पर्याप्त मात्रा में उपयोग करना चाहिए. इसमें प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन 150 किलो, फास्फोरस 80 किलो और पोटाश 60 किलो डालना चाहिए. गेहूं की बुवाई के समय फास्फोरस और पोटाश की पूरी खुराक डाल दें. वहीं नाइट्रोजन को 1/3 भाग में बांटकर पहली खुराक बुवाई के समय, दूसरी खुराक पहली सिंचाई के समय और तीसरी खुराक दूसरी सिंचाई के समय डालें. गेहूं की फसल कब करें सिंचाई गेहूं की इस किस्म में 5-6 सिंचाई की आवश्यकता होती है. पहली सिंचाई बुवाई के 21 दिनों बाद करना चाहिए. इसके बाद जरुरत के मुताबिक सिंचाई करते रहें. गेहूं की फसल पैदावार गेहूं की यह ...

श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज से उत्तर प्रदेश के किसानों की गेहूँ उत्पादकता बढ़ी

लखनऊ (लाइवभारत24)। उत्तर प्रदेश के किसानों ने श्रीराम सुपर 252 और श्रीराम सुपर 303 गेहूँ बीज की उत्पादकता पर खुशी जाहिर की है। श्रीराम फार्म सोल्यूशन्स ने किसानों की फसल उत्पादकता बढ़ाने में मदद करने के लिए ये आधुनिक अनुसंधान-उन्मुख उत्पाद विकसित किए हैं।श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज के लॉन्च के बाद इनकी लोकप्रियता बहुत अधिक बढ़ गई है और उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के किसान गेहूँ की इन किस्मों को खूब पसंद कर रहे हैं। श्रीराम फर्टिलाइजर्स एण्ड कैमिकल्स के विश्व-विख्यात वैज्ञानिकों ने इन किस्मों को विकसित किया।श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज इनकी अनुकूलन क्षमता और उत्पादकता के चलते ये, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखण्ड एवं तराई क्षेत्रों में गेहूँ किसानों की पहली पसंद बन गए हैं।श्रीराम सुपर 252 गेहूँ बीज की फसल में ज्यादा बालियाँ व दाने बड़े और सुनहरे होते हैं और मजबूत कल्लों के कारण गिरने की शिकायत भी नहीं रहती। श्रीराम सुपर 252 जल्दी और देर से बुवाई के लिए भी उपयुक्त है।पूर्वांचल में धान की फसल कटने पर गेहूँ की देर से बुवाई होती हे, इस कारण इस क्षेत्र के किसानों की प्रति एकड़ गेहूँ की उपज देश के अन्य प्रांतों की अपेक्षा बहुत कम हैद्य श्रीराम सुपर 303 गेहूँ की किस्म कम अवधि में भरपूर उत्पादन देने के साथ बीमारियों के प्रति भीसहनशील हे। श्रीराम सुपर303 गेहूँ किस्म के दाने मोटे,चमकदार और ज्यादा वजन के कारण बाजार भाव भी अधिक मिलता हे।अयोध्या के किसान सुनील कुमार ने 1 एकड़ में श्रीराम सुपर 252 बोया था और साथ ही 1 एकड़ में अन्य किस्म की बुवाई भी की थीद्य वे श्रीराम सुपर 252 की बेहतर परफॉरमेंस से काफी प्रभावित हुए है द्य उनका कहना है कि श्रीराम सुपर 252 में कल्लो की संख्या भी ...

श्रीराम सुपर 111 गेहूं ने दिलाया पुरस्कार

5 जुलाई 2021, इंदौर । श्रीराम सुपर 111 गेहूं ने दिलाया पुरस्कार – डीसीएम श्रीराम लि. का सुपर 111 गेहूं बीज चर्चा में है, क्योंकि इस बीज की उत्पादकता ने न केवल किसानों के बीच प्रसिद्धि पाई है, बल्कि गेहूं की अन्य किस्मों से सर्वाधिक उत्पादन देकर किसानों को पुरस्कार भी दिलाया है। सुपर 111 गेहूं का सर्वाधिक उत्पादन करने वाले महाराष्ट्र के 7 किसानों को गत दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे द्वारा राज्य, संभाग और जिला स्तरीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। उक्त जानकारी देते हुए कम्पनी के एडिशनल जनरल मैनेजर श्री अभय कुमार कटारे ने कृषक जगत को बताया कि महाराष्ट्र के कृषि विभाग द्वारा रबी फसल उत्पादन प्रतियोगिता 2020 आयोजित की गई थी, जिसमें सुपर 111 गेहूं उत्पादक किसान श्री सुहास वसंतराव बर्वे को सर्वाधिक 90.71 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन करने पर राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार दिया गया, जबकि श्री अप्पा साहेब नामदेव आरोटे को 90 क्विंटल/हेक्टेयर के लिए राज्य स्तरीय द्वितीय पुरस्कार मिला। इसी तरह संभाग स्तर पर श्री भगवान विठोबा थेटे को 78.4 क्विंटल /हेक्टेयर उत्पादन के लिए प्रथम पुरस्कार तथा श्री पंडित भास्कर जाधव को 70.12 क्विंटल/हेक्टेयर और श्री चंद्रकांत सम्पत पेखले को 70.9 क्विंटल/हेक्टेयर गेहूं उत्पादन के लिए संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार दिया गया। जिला स्तरीय तृतीय पुरस्कार के लिए श्री आत्माराम नेनुजी पेखाड़े को गेहूं उत्पादन 68.58 क्विंटल /हेक्टेयर और श्री पांडुरंग भोये को 46.8 क्विंटल/हेक्टेयर गेहूं उत्पादन के लिए पुरस्कृत किया गया। सम्बंधित खबर: • आज का गेहूँ मंडी रेट (15 जून 2023 के अनुसार) • सरकार ने बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए गेहूं पर भी स्टॉक… • आज का ...

श्री राम सुपर 111 गेहूं की जानकारी (Wheat Shri Ram 111 Variety Detail

Wheat Shri Ram 111 Variety मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा बोई जाने वाली किस्म है इसका उत्पादन अन्य किस्मो की तुलना में 5-6 क्विंटल प्रति एकड़ अधिक श्रीराम फार्म सोल्यूशन्स ने किसानों की फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिए आधुनिक एवं अनुसंधान-उन्मुख प्रोडक्ट विकसित किए हैं। प्रदेश के किसानों ने बताया कि श्रीराम फार्म सोल्यूशन्स की ओर से पेश किए गए श्रीराम सुपर 111 सीड( Wheat Shri Ram 111 Variety Detail ) से उनकी गेहूँ उत्पादकता बढ़ी है श्री राम सुपर 111 गेहूं की खासियत गेहूँ की अन्य किस्मों की तुलना में बेहतरीन उत्पदकता के चलते श्रीराम सुपर 111 गेहूँ बीज ( Wheat Shri Ram 111 Variety Detail ) किसानों में बेहद लोकप्रिय है। इसका दाना बड़ा एवं चमकदार होता है। इससे चारा भी ज़्यादा मिलता है, साथ ही इस गेहूँ से बहुत अच्छी गुणवत्ता वाली चपाती बनती है। अपनी इन्हीं विशेषताओं के चलते श्रीराम सुपर 111 गेहूँ बीज राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात के किसानों की पहली पसंद बन गया है। श्री राम जो 111 अगेती एवं पछेती बुवाई के लिए उपयुक्त है। इसकी बुवाई 20 अक्टूबर से 10 नवंबर के लिए उपर्युक्त हैं। सिंचाई व्यवस्था– यह किस्म से 3-4 पानी में आदर्श परिणाम। फसल पकने की अवधि– यह गेहूं लगभग 105 दिन में पक कर तैयार हो जाता है। इस किस्म का दाना कठोर एवं चमकदार होता है। उत्पादन क्षमता– श्री राम सुपर 111 का ( Wheat Shri Ram 111 Variety Detail ) उत्पादन 26 क्विंटल प्रति एकड़, यानी 80 से 85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर (लगभग 5 बीघा) के हिसाब से उत्पादन मिलता है। Wheat Shri Ram 111 Variety मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा बोई जाने वाली किस्म है इसका उत्पादन अन्य किस्मो की तुलना में 5-6 क्विंटल प्रति एकड़ अधिक Wheat मध्यप्...

[ हाइब्रिड मक्का की वैरायटी 2023 ] जानिए टॉप 10 मक्का की उन्नत किस्में

मक्का की नई किस्म | मक्का की किस्मों की सूची | अमेरिकन मक्का का बीज | मक्का की उन्नत किस्में | हाइब्रिड मक्का की वैरायटी | Makka ki unnat kisme – top 10 varieties of maize मक्का कितने प्रकार का होता है? कौन सा मक्का लगाना चाहिए? पायनियर मक्का की वैरायटी आज के समय जागरूक किसान खेती में उन्नत बीजों का ही प्रयोग करते है, बाजार में मक्का की कई उन्नत किस्म के बीज आते है – जिनमें पायनियर, UPL, एडवांटा, बायर, सिजेंता आदि के बीज किसानों मे विश्वास बना रखे है | मक्का एक प्रमुख खाद्य अनाज फसल है, जो ज्यादातर पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में होती है | देश मे मक्का की खेती आंध्र प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक आदि राज्यों में की जाती है | 2.2 मक्का की उन्नत किस्में कौन कौन सी है? टॉप हाइब्रिड मक्का की वैरायटी 2023 – मक्का की उन्नत किस्में वैराइटी की विशेषता और सम्बधित जानकारी पायनियर P3355 पायनियर कम्पनी का मक्का बीज 3355 अधिक उपज और अधिक लाभ के सभी कारको पर सही सबित होता जा रहा है | इस किस्म के पोधे प्रति एकड़ क्षेत्र के मुकाबले अधिक और मजबूत होते है, जिससे उत्पादन में 10 से 20 % अधिक उपज मिलती है | यह ज्यादातर रबी के सीजन में लगाई जाती है | सेजेन्ता NK 30 + उन्नत किस्मो में यह किस्म भी किसानों मे पहली पसंद बनी हुई है, जो 115 -120 दिन में पककर तैयार हो जाती है | प्रति एकड़ उत्पादन की बात करें तो 30 से 35 क्विंटल / एकड़ तक देती है | जमीन में जड़ों का फैलाव अधिक होता है जिससे पौधा कटाई तक मजबूती से खड़ा रहता है | पूसा मक्का विवेक QPM 9 यह वैराइटी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है | पैदावार 55 से 60 क्विंटल / हेक्टेयर होती है | 80 से 100 दिन फ...

महामारी के समय बीकानेरवासियों के लिए मददगार साबित होगी 'बीकानेर फाउण्डेशन' की पहल : सिद्धीकुमारी

बीकानेर, 1 जून (सीके न्यूज/छोटीकाशी)। राजस्थान में बीकानेर फाउंडेशन द्वारा तैयार करवाए गए 'बीकानेर फाउण्डेशन' मोबाइल एप्प का ऑनलाइन लोकार्पण मंगलवार को किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ पं नथमल पुरोहित ने स्वस्तिवाचन तथा आशीर्वचन के साथ किया गया। बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र विधायक सिद्धि कुमारी ने बीकानेर फाउण्डेशन की पहल की सराहना की तथा कहा कि महामारी के समय यह बीकानेर वासियों के लिए मददगार साबित होगा। कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में मोबाइल एप्प बेहद उपयोगी रहेगा। उन्होंने इसकी विभिन्न सेवाओं की जानकारी दी तथा कहा कि इससे मरीजों को राहत मिल सकेगी। फाउंडेशन के सचिव कमल कल्ला ने बताया कि इस मोबाइल एप्प को गूगल प्ले स्टोर से इंस्टॉल किया जा सकता है। इससे कोई भी व्यक्ति चिकित्सकीय, नर्सिंग एवं फ ार्मा परामर्श, एम्बुलेंस सेवा, ब्लड.प्लाज्मा, सेनेटाइजेशन सेवा आदि के बारे में घर बैठे सूचना प्राप्त कर सकेगा। सचिव कल्ला ने कहा कि रोगग्रस्त होने के साथ ही कई तरह की मानसिक एवं शारीरिक परेशानियां भी आती हैं। इस एप्प के माध्यम से उन परेशानियों को बांटना चाहते हैं, उनकी तकलीफ को कम करना चाहते हैं। मोबाइल एप्प के लोकार्पण के साथ ही बीकानेर फ ाउंडेशन तथा इंडिया बुल्स के संयुक्त तत्वावधान में आरंभ किए गए नि:शुल्क दवा वितरण कार्यक्रम के वाहनों को जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया तथा सचिव वीरेंद्र किराडू ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साजिद सुलेमानी तथा भुवनेश पुरोहित ने इंडिया बुल्स के डायरेक्टर ऐश्वर्य सिंह का आभार व्यक्त किया। इस दौरान राजेश दुजारी, दिनेश जोशी, देवेंद्र बिस्सा, जतिन व्यास, रविन्द्र आचार्य, सुमनेश रंगा, बसंत सोनी, अभिषेक जोशी ...

Gehun Ki Kheti

Gehu ki kheti तापमान (Temperature For Wheat) • Gehu Ki Kheti गेहूं की फसल बुआई के समय तापमान 18 से 22 डिग्री सेल्सियस (18 to 22 °C) और फसल कटाई के समय 20 से 26 डिग्री सल्सियस (20 to 26 °C) होना चाहिए| मिट्टी (Soil For Wheat Farming) • गेहूं की फसल बुआई के लिए बलुई दोमट मिट्टी या चिकनी दोमट मिट्टी का ही चयन करना चाहिए| जिस खेत का चयन करें उसमें जल निकास की उचित व्यवस्था हो| फसल के लिए चयन की गयी मिट्टी का पी.एच. मान 6 से 8 के बीच में अनुकूल होता है| गेहूं की खेती की विधि बुआई समय 10 अक्टूबर से 15 दिसम्बर के बीच तापमान तापमान 18 से 22 डिग्री सेल्सियस मिट्टी बलुई दोमट मिट्टी या चिकनी दोमट मिट्टी बीज की मात्रा 35 से 40 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ गेहूं की सिंचाई 5 से 6 सिंचाई की आवश्यकता गेहूं की कटाई 160 से 200 दिन जुताई • गेहूं(Gehun) की फसल बुआई से 15 दिन पहले 1 एकड़ खेत में 8 टन सड़ी हुई गोबर की खाद डालकर खेत की एक जुताई करके सिंचाई कर दें| इसके बाद खेत की 2 या दिन बार जुताई कर बिजाई कर दें| Gehu Ki Kheti गेहूं के बीज की मात्रा(Gehun Ki Kheti) गेहूं की एक एकड़ फसल तैयार करनें के लिए 35 से 40 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है| अगर आप बीज घर पर तैयार करते है तो बुआई से कुछ समय पहले बीज पर सुखा कीटनाशक मिला दें ताकि दीमक या अन्य कीड़े बीज को नष्ट ना कर दे| गेहूं की किस्म (Gehu ki variety) Pusa Tejas (HI8759) • गेहूं के इस किस्म के बीज की अवधि 115 से 125 दिन की होती है| यह गेरुआ, करनाल बंट और खिरने की समस्या के प्रति अवरोधी किस्म है| इसमें 3 से 5 सिंचाई करनी होती है| इसकी पैदावार 65 से 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है| पूसा मंगल (HI 8713) • गेहूं के इस किस्म के बीज की अवधि 120 से 125...

श्रीराम सुपर 111 गेहूं ने दिलाया पुरस्कार

5 जुलाई 2021, इंदौर । श्रीराम सुपर 111 गेहूं ने दिलाया पुरस्कार – डीसीएम श्रीराम लि. का सुपर 111 गेहूं बीज चर्चा में है, क्योंकि इस बीज की उत्पादकता ने न केवल किसानों के बीच प्रसिद्धि पाई है, बल्कि गेहूं की अन्य किस्मों से सर्वाधिक उत्पादन देकर किसानों को पुरस्कार भी दिलाया है। सुपर 111 गेहूं का सर्वाधिक उत्पादन करने वाले महाराष्ट्र के 7 किसानों को गत दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे द्वारा राज्य, संभाग और जिला स्तरीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। उक्त जानकारी देते हुए कम्पनी के एडिशनल जनरल मैनेजर श्री अभय कुमार कटारे ने कृषक जगत को बताया कि महाराष्ट्र के कृषि विभाग द्वारा रबी फसल उत्पादन प्रतियोगिता 2020 आयोजित की गई थी, जिसमें सुपर 111 गेहूं उत्पादक किसान श्री सुहास वसंतराव बर्वे को सर्वाधिक 90.71 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन करने पर राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार दिया गया, जबकि श्री अप्पा साहेब नामदेव आरोटे को 90 क्विंटल/हेक्टेयर के लिए राज्य स्तरीय द्वितीय पुरस्कार मिला। इसी तरह संभाग स्तर पर श्री भगवान विठोबा थेटे को 78.4 क्विंटल /हेक्टेयर उत्पादन के लिए प्रथम पुरस्कार तथा श्री पंडित भास्कर जाधव को 70.12 क्विंटल/हेक्टेयर और श्री चंद्रकांत सम्पत पेखले को 70.9 क्विंटल/हेक्टेयर गेहूं उत्पादन के लिए संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार दिया गया। जिला स्तरीय तृतीय पुरस्कार के लिए श्री आत्माराम नेनुजी पेखाड़े को गेहूं उत्पादन 68.58 क्विंटल /हेक्टेयर और श्री पांडुरंग भोये को 46.8 क्विंटल/हेक्टेयर गेहूं उत्पादन के लिए पुरस्कृत किया गया। सम्बंधित खबर: • आज का गेहूँ मंडी रेट (15 जून 2023 के अनुसार) • सरकार ने बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए गेहूं पर भी स्टॉक… • आज का ...

श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज से उत्तर प्रदेश के किसानों की गेहूँ उत्पादकता बढ़ी

लखनऊ (लाइवभारत24)। उत्तर प्रदेश के किसानों ने श्रीराम सुपर 252 और श्रीराम सुपर 303 गेहूँ बीज की उत्पादकता पर खुशी जाहिर की है। श्रीराम फार्म सोल्यूशन्स ने किसानों की फसल उत्पादकता बढ़ाने में मदद करने के लिए ये आधुनिक अनुसंधान-उन्मुख उत्पाद विकसित किए हैं।श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज के लॉन्च के बाद इनकी लोकप्रियता बहुत अधिक बढ़ गई है और उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के किसान गेहूँ की इन किस्मों को खूब पसंद कर रहे हैं। श्रीराम फर्टिलाइजर्स एण्ड कैमिकल्स के विश्व-विख्यात वैज्ञानिकों ने इन किस्मों को विकसित किया।श्रीराम सुपर 252 और 303 गेहूँ बीज इनकी अनुकूलन क्षमता और उत्पादकता के चलते ये, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखण्ड एवं तराई क्षेत्रों में गेहूँ किसानों की पहली पसंद बन गए हैं।श्रीराम सुपर 252 गेहूँ बीज की फसल में ज्यादा बालियाँ व दाने बड़े और सुनहरे होते हैं और मजबूत कल्लों के कारण गिरने की शिकायत भी नहीं रहती। श्रीराम सुपर 252 जल्दी और देर से बुवाई के लिए भी उपयुक्त है।पूर्वांचल में धान की फसल कटने पर गेहूँ की देर से बुवाई होती हे, इस कारण इस क्षेत्र के किसानों की प्रति एकड़ गेहूँ की उपज देश के अन्य प्रांतों की अपेक्षा बहुत कम हैद्य श्रीराम सुपर 303 गेहूँ की किस्म कम अवधि में भरपूर उत्पादन देने के साथ बीमारियों के प्रति भीसहनशील हे। श्रीराम सुपर303 गेहूँ किस्म के दाने मोटे,चमकदार और ज्यादा वजन के कारण बाजार भाव भी अधिक मिलता हे।अयोध्या के किसान सुनील कुमार ने 1 एकड़ में श्रीराम सुपर 252 बोया था और साथ ही 1 एकड़ में अन्य किस्म की बुवाई भी की थीद्य वे श्रीराम सुपर 252 की बेहतर परफॉरमेंस से काफी प्रभावित हुए है द्य उनका कहना है कि श्रीराम सुपर 252 में कल्लो की संख्या भी ...

Gehun Ki Kheti

Gehu ki kheti तापमान (Temperature For Wheat) • Gehu Ki Kheti गेहूं की फसल बुआई के समय तापमान 18 से 22 डिग्री सेल्सियस (18 to 22 °C) और फसल कटाई के समय 20 से 26 डिग्री सल्सियस (20 to 26 °C) होना चाहिए| मिट्टी (Soil For Wheat Farming) • गेहूं की फसल बुआई के लिए बलुई दोमट मिट्टी या चिकनी दोमट मिट्टी का ही चयन करना चाहिए| जिस खेत का चयन करें उसमें जल निकास की उचित व्यवस्था हो| फसल के लिए चयन की गयी मिट्टी का पी.एच. मान 6 से 8 के बीच में अनुकूल होता है| गेहूं की खेती की विधि बुआई समय 10 अक्टूबर से 15 दिसम्बर के बीच तापमान तापमान 18 से 22 डिग्री सेल्सियस मिट्टी बलुई दोमट मिट्टी या चिकनी दोमट मिट्टी बीज की मात्रा 35 से 40 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ गेहूं की सिंचाई 5 से 6 सिंचाई की आवश्यकता गेहूं की कटाई 160 से 200 दिन जुताई • गेहूं(Gehun) की फसल बुआई से 15 दिन पहले 1 एकड़ खेत में 8 टन सड़ी हुई गोबर की खाद डालकर खेत की एक जुताई करके सिंचाई कर दें| इसके बाद खेत की 2 या दिन बार जुताई कर बिजाई कर दें| Gehu Ki Kheti गेहूं के बीज की मात्रा(Gehun Ki Kheti) गेहूं की एक एकड़ फसल तैयार करनें के लिए 35 से 40 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है| अगर आप बीज घर पर तैयार करते है तो बुआई से कुछ समय पहले बीज पर सुखा कीटनाशक मिला दें ताकि दीमक या अन्य कीड़े बीज को नष्ट ना कर दे| गेहूं की किस्म (Gehu ki variety) Pusa Tejas (HI8759) • गेहूं के इस किस्म के बीज की अवधि 115 से 125 दिन की होती है| यह गेरुआ, करनाल बंट और खिरने की समस्या के प्रति अवरोधी किस्म है| इसमें 3 से 5 सिंचाई करनी होती है| इसकी पैदावार 65 से 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है| पूसा मंगल (HI 8713) • गेहूं के इस किस्म के बीज की अवधि 120 से 125...