शस्त्र लाइसेंस नियम 2022

  1. PHQ gave instructions to file case in arms license fraud
  2. Rajneta » आपको भी आत्मरक्षा के लिये चाहिये हथियार का लाइसेंस, जानिए लाइसेंस बनवाने की पूरी प्रक्रिया और नियम
  3. License For Gun: उम्र से लेकर गोलियों के हिसाब तक जानें भारत में कैसे मिलता है गन के लिए लाइसेंस
  4. ये हैं शस्त्र का लाइसेंस बनाने के नियम
  5. योगी सरकार ने नए शस्त्र लाइसेंस पर हटाई रोक, फायरिंग टेस्ट भी खत्म
  6. हाइकोर्ट की सख्ती के बाद शस्त्र लाइसेंस के नए नियम होंगे लागू, अब देना होगा टेस्ट
  7. बन्दूक का लाइसेंस कैसे बनाया जाता है banduk ka licence


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PHQ gave instructions to file case in arms license fraud

सतना. जिले में हुए शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े की जांच में एसटीएफ भोपाल को लगभग 110 शस्त्र लाइसेंसों में गड़बड़ी मिली है। लाइसेंस फर्जीवाड़े की सूची में कई सफेदपोशों के नाम भी शामिल हैं। पीएचक्यू (पुलिस मुख्यालय) ने इसे प्रदेश का सबसे बड़ा शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़ा माना है। मामले में एसटीएफ को आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। प्राथमिक जांच में एसटीएफ जबलपुर ने 270 के लगभग लाइसेंसों में गड़बड़ी पाई थी।

Rajneta » आपको भी आत्मरक्षा के लिये चाहिये हथियार का लाइसेंस, जानिए लाइसेंस बनवाने की पूरी प्रक्रिया और नियम

Arms License Complete Process and Rules : आपने कई बार देखा होगा लोग आत्मरक्षा के लिये हथियार रखते है, आपको बता दे कि दबंग लोग या अमीर लोग स्टेट्स सिंबल के तौर पे हथियार रख रहे है। तो कुछ लोगो के लिये वाकई में आत्मरक्षा के लिये हथियार कि जरुरत होती है। हाल हि में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को आर्म्स लाइसेंस जारी किया गया है। अब वह अपनी आत्मरक्षा के लिए हथियार रख सकती है। ये वही नूपुर शर्मा हैं, जो पहले बीजेपी की प्रवक्ता थीं। एक विवादित टिप्पणी के चलते पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उसके खिलाफ कई राज्यों में मामले दर्ज हैं। ऐसे में कई लोग जानना चाहते हैं कि शस्त्र लाइसेंस कैसे लिया जा सकता है? हथियार हासिल करने की कानूनी प्रक्रिया क्या है? तो हम आपको इससे जुड़ी अहम जानकारी विस्तार से बताने जा रहे हैं। लाइसेंस कौन जारी करता है शस्त्र अधिनियम, 1959 में संशोधन शस्त्र (संशोधन) अधिनियम, 2019 के अनुसार राज्य सरकारों के गृह विभाग को किसी भी शस्त्र का लाइसेंस जारी करने का अधिकार है। अलग-अलग राज्यों में डीएम यानी जिलाधिकारी, जिला कलेक्टर, कमिश्नर या इस रैंक के अन्य अधिकारी लाइसेंस जारी करते हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में पुलिस थाना और स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) अहम भूमिका निभाते हैं। शस्त्र अधिनियम, 1959 शस्त्र अधिनियम, 1959 भारत में हथियारों और गोला-बारूद आदि के उपयोग को नियंत्रित करने के उद्देश्य से भारत की संसद द्वारा पारित किया गया था। ताकि उनसे अवैध हथियार और हिंसा को रोका जा सके। इसी आर्म्स एक्ट की धारा 13(2) के तहत नए शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने का प्रावधान है. आर्म्स एक्ट, 1959 में भी साल 2016 और 2019 में अहम संशोधन किए गए हैं। आवेदन पत्र का प्रा...

License For Gun: उम्र से लेकर गोलियों के हिसाब तक जानें भारत में कैसे मिलता है गन के लिए लाइसेंस

भारत में पिस्तौल रखना इतना भी आसान नहीं है. इसके लिए कई नियम और कानून बनाए गए हैं. देश में लाइसेंस हासिल करने के लिए किसी भी भारतीय नागरिक की उम्र 21 साल या इससे ज्यादा होनी चाहिए. आर्म्स एक्ट, 1959 के तहत आत्मरक्षा के लिए ज़िला प्रशासन से कोई भी ज़रूरतमंद व्यक्ति लाइसेंस लेकर हथियार खरीद सकता है. क्या-क्या होती हैं लाइसेंस रखें की शर्त? यदि आप पर कोई गंभीर आपराधिक मामला दर्ज है तो लाइसेंस नही दिया जाएगा. गन लाइसेंस हासिल करने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना ज़रूरी है. लाइसेंस लेने के लिए सबसे बड़ी शर्त ये है कि आपको कारण बताना होता है कि आपको गन की आवश्यकता क्यों है. साथ ही ये ही बताना होगा कि आपको किससे और क्यों जान का खतरा. खिलाड़ी भी लेते हैं लाइसेंस? नियमों के मुताबिक खिलाड़ी भी निशानेबाजी के लिए हथियार का लाइसेंस लेते हैं. दरअसल, गन लाइसेंस जारी करने का अधिकार राज्य सरकारों के गृह विभाग के पास होता है. अलग-अलग राज्‍यों में डीएम यानी जिलाधिकारी, जिला कलक्टर, कमिश्नर या इस रैंक के अन्य अधिकारी लाइसेंस जारी करते हैं. लेकिन इस प्रक्रिया में पुलिस थाना और लोकल इंफॉर्मेशन यूनिट का सबसे अहम रोल होता है. आवेदन का होता है एक फॉर्मेट गन लाइसेंस हासिल करने के लिए सबसे पहले एक तय फॉर्मेट में आवेदन करना होता है. देश के कई राज्यों में ये प्रक्रिया ऑनलाइन भी है. लाइसेंस का आवेदन करते वक़्त आपको बताना होता है कि किस तरह का हथियार अपने लाइसेंस पर लेना चाहते हैं. मसलन पिस्टल, रिवॉल्वर जैसे छोटे हथियार या फिर राइफल, एकनाली या दोनाली जैसी बड़ी बंदूक लेनी है. वो हथियार जो प्रोहिबिटेड हैं उनको लाइसेंस पर नही चढ़ाया जा सकता इसमें 38 बोर, 9 एमएम, 303 जैसे हथियार शामिल हैं. कैसे क...

ये हैं शस्त्र का लाइसेंस बनाने के नियम

ये हैं शस्त्र का लाइसेंस बनाने के नियम एक हादसे में पोंटी चड्ढा के दोनों हाथ बेकार हो गए थे, वो हथियार नहीं चला सकता था, लेकिन हैरत की बात ये है कि यूपी में उसे हथियार के तीन लाइसेंस जारी कर दिए गए। रामपुर में तो एक ही दिन में पॉन्टी और उसके भाई हरदीप को हथियारों के चार लाइसेंस दे दिए गए। खुलासा हुआ तो प्रशासन ने पोंटी चड्ढा के नाम से जारी होने वाले लाइसेंसों पर जांच बैठा दी है। मुरादाबाद और रामपुर डीएम से रिपोर्ट मांगी जा रही है। शस्त्र का लाइसेंस बनाना आसान काम नहीं है। ये हैं लाइसेंस बनाने के नियम... आवेदक का चरित्र वेरीफिकेशन भी पुलिस व खुफिया विभाग से कराया जाता है। आवेदक को मुख्य चिकित्साधिकारी की ओर से फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होता है। स्वस्थ होने पर ही यह लाइसेंस दिया जा सकता है। यदि आवेदक का कोई अंग भंग है या फिर दृष्टि दोष है तो लाइसेंस नहीं दिया जा सकता। संबंधित तहसील की फाइल पर आवेदक के फार्म पर हल्का लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार और एसडीएम की रिपोर्ट ली जाती है। एसपी और एसडीएम आवेदक की पत्रावली संपूर्ण होने के बाद आवेदक की फाइल को अलग-अलग कर जिलाधिकारी को भेजते हैं। संपूर्ण पत्रावली पूरी होने के बाद जिलाधिकारी अपने विवेकानुसार शस्त्र लाइसेंस जारी कर देते हैं। आवेदक फीस जमा करने के बाद शस्त्र लाइसेंस खरीदकर उसको अपने जारी किए लाइसेंस पर शस्त्र की इंट्री कराता है। यह है लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया ---------------- शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण हर तीन साल बाद कराया जाता है। नवीनीकरण के लिए आवेदक को फीस जमा करनी होती है और फिर संबंधित थाना और एसडीएम की रिपोर्ट तलब की जाती है। रिपोर्ट आने के बाद लाइसेंस का नवीनीकरण कराया जाता है। पोंटी को कैसे जारी हुए लाइसेंस, बैठी जांच...

योगी सरकार ने नए शस्त्र लाइसेंस पर हटाई रोक, फायरिंग टेस्ट भी खत्म

यूपी में योगी सरकार ने नए शस्त्र लाइसेंसबनवाने पर लगी रोके हटाने का फैसला किया है. यही नहीं अब शस्त्र लाइसेंस लेने के नियम भी बहुत आसान कर दिए गए हैं. हथियार लेने से पहले अब फायरिंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा. साल भर में शस्त्र लाइसेंस धारक एक समय में 100 कारतूस और एक वर्ष में अधिकतम 200 कारतूस खरीद सकता है. प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि पूर्व में लगी रोक को हटाते हुए आयुध नियमावली 2016 के अनुसार नए लाइसेंस जारी करने के आदेश सभी जिलाधिकारियों को दे दिए गए हैं. द्वितीय शस्त्र और तृतीय शस्त्र व रायफल के लिए नए लाइसेंस की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि कुछ श्रेणी के आवेदकों जैसे अपराध पीड़ित, विरासतन, व्यापारी, उद्यमी, बैंक, संस्थागत, वित्तीय संस्थाएं, प्रवर्तन कार्य में लगे कर्मियों, सैनिक, अर्धसैनिक, पुलिस बल के कर्मी, विधायक, सांसद, राज्य स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के निशानेबाजों को वरीयता दी जाएगी. बैंको की सुरक्षा के लिए जारी किया जाने वाला लाइसेंस बैंक प्रबंधक के स्थान पर असलहा रखने वाले व्यक्ति के नाम जारी किया जाएगा. प्रमुख सचिव गृह के मुताबिक नए आदेश के तहत लाइसेंसी असलहे से हर्ष फायरिंग करने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा. आयुध व गोला बारूद खरीदने के लिए आधार कार्ड, वोटर कार्ड व पासपोर्ट में से किसी एक की फोटोकॉपी देनी पड़ेगी. आयुध व गोला बारूद बेचने वाले को ये दस्तावेज सुरक्षित रखने होंगे. एसडीएम व सीओ नियमित अंतराल पर इसका औचक निरीक्षण करेंगे. साथ ही क्रय-विक्रय व सेफ कस्टडी में रखे शस्त्रों के दुरुपयोग को रोकने का काम भी देखेंगे. अगर लाइसेंस धारक ने लाइसेंस जारी होने के दो साल के अंदर असलहा नहीं खरीदा तो उसका लाइसेंस निरस्त क...

हाइकोर्ट की सख्ती के बाद शस्त्र लाइसेंस के नए नियम होंगे लागू, अब देना होगा टेस्ट

हाइकोर्ट की सख्ती के बाद अब शस्त्र लाइसेंस के नियमों में आई सख्ती। उत्तर प्रदेश में अब शस्त्र लाइसेंस के नए नियम होंगे लागू। वर्तमान समय में शस्त्र लाइसेंस और शस्त्र रखना केवल आत्म रक्षा का साधन न रहकर स्टेटस सिंबल और प्रदर्शन का जरिया भी बन गया है। 13 नवंबर को जितेंद्र सिंह बनाम यूपी के वाद में हाईकोर्ट ने दिए निर्देश अब जिस शस्त्र के लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा रहा हो उसे चलाना आना भी अनिवार्य होना चाहिए और साथ ही एक ही व्यक्ति को 3 शस्त्रों के लाइसेंस जारी करने को लेकर भी नियमावली में सुधार के निर्देश दिए थे। हाइकोर्ट के निर्देशों के मद्देनजर प्रदेश में बनाए गए नए शस्त्र नियम। नए नियमों के लागू होने के बाद अब आवेदक की परीक्षा ली जाएगी। एसपी, एसएसपी अफसर के स्तर से आवेदक की शस्त्र परीक्षा होगी। वहीं शस्त्र चलाने की परीक्षा पास करने पर ही जारी होगा शस्त्र लाइसेंस। इस टेस्ट में इस्तेमाल होने वाली कारतूस का खर्च भी आवेदक को ही वहन करना होगा। पहले से जारी लाइसेंस के रिनिवल पर भी अब टेस्ट पास करना अनिवार्य होगा। अन्यथा की स्थिति में लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। लाइसेंसधारी के 65 वर्ष से अधिक आयु का होने पर रिनिवल के समय मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट लगाना भी अनिवार्य होगा। मेडिकल सर्टिफिकेट से तय होगा कि शस्त्रधारी हथियार चलाने में सक्षम है भी अथवा नहीं। नए आवेदकों को बैंक से कोई लोन न होने का नो ड्यूज सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा। आवेदक का बायोमेट्रिक होगा, जिसके साथ आधार कार्ड देना भी आवश्यक होगा। लाइसेंस के रिनिवल में भी ये नियम लागू किए जाएंगे। साथ ही किसी अपराध के दौरान बैक डेटिंग से असलहे जमा कराने को रोकने के लिए यह भी अनिवार्य कर दिया गया है कि जिस तारीख को मालखाने, निज...

बन्दूक का लाइसेंस कैसे बनाया जाता है banduk ka licence

शस्त्र लाइसेंस उत्तर प्रदेश 2022 नियमावली pdf: आम नागरिकों के लिए 3 प्रकार के बंदूकों के लिए लाइसेन्स बनाते है । पहला शॉर्टगन, हैंडगन, एंव स्पोर्टिंग गन साथ ही एक व्यक्ति द्वारा अधिक से अधिक 3 बंदूकों का लाइसेन्स लिया जा सकता है । लेकिन यह अभी तह नहीं किया गया कि कौन से बंदूक का लाइसेन्स दिया जाएगा । तो आप इन 3 तरह के बंदूकों से कोई भी 3 बंदूक ले सकते है । जैसे - तीनों हैंडगन ले सकते है, दो हैंडगन एंव एक शॉर्टगन ले सकते है इत्यादि । बंदूक लाइसेन्स मिलने की अभी तक कोई समय सीमा निश्चित नहीं किया गया है क्योकि लाइसेन्स लेना जटिल प्रक्रिया है यह सभी हथियारो के लिए अलग अलग होता है लेकिन जो पहले लाइसेन्स ले चुके है वह बताते है एक महीने के भीतर लाइसेन्स मिल जाता है साथ ही कुछ लोगो को लाइसेन्स मिलने मे एक साला का भी समय लग जाता है शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण उत्तर प्रदेश