शुभ मुहूर्त 2023

  1. देखें उपनयन मुहूर्त 2023 (Upanayan Muhurat 2023) सूची!
  2. मुहूर्त 2023: शुभ मुहूर्त तिथि और समय
  3. Yogini Ekadashi 2023: 14 जून को रखा जाएगा योगिनी एकादशी का व्रत, जानें
  4. nirjala ekadashi 2023 Date Time puja vidhi shubh muhurat vrat katha paran time in hindi। Nirjala Ekadashi 2023: निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा और पारण का समय
  5. Aaj Ka Panchang 14 June:बुधवार का पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
  6. Raksha Bandhan 2023 Date, Raksha Bandhan Will Be Celebrated 2 Days This Year, Raksha Bandhan Kab Hai
  7. जानें वर्ष 2023 में गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहर्त
  8. yogini ekadashi 2023 date shubh muhurat pujan vidhi importance Auspicious Yoga And Upay ekadashi kab hai । Yogini Ekadashi 2023 Date: योगिनी एकादशी पर बना गजकेसरी
  9. Vivah Muhurat 2023:साल 2023 में विवाह के 59 शुभ मुहूर्त, जानें पूरी जानकारी यहां


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देखें उपनयन मुहूर्त 2023 (Upanayan Muhurat 2023) सूची!

एस्ट्रोसेज के इस लेखा में हम आपको उपनयन मुहूर्त 2023 (Upanayan Muhurat 2023), जिसे जनेऊ संस्कार 2023 या यज्ञोपवीत संस्कार 2023 के नाम से भी जाना जाता है, के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। इसमें आप हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र समारोह जनेऊ संस्कार 2023 के महत्व व जनेऊ पहनने के विभिन्न तरीकों के बारे में जानेंगे। इसके अलावा आपको उत्तर और दक्षिण भारत में धागा संस्कार या जनेऊ संस्कार कैसे किया जाता है, जैसे कई दिलचस्प विषयों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी। जानने के लिए यह लेख अंत तक ज़रूर पढ़ें। उपनयन संस्कार क्या है? हिन्दू धर्म में जनेऊ धारण करना हमेशा से ही एक पवित्र परंपरा रही है। शादी से पहले उपनयन संस्कार को सबसे महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक माना जाता है। यह प्राचीन सनातन धर्म में वर्णित दसवां संस्कार है। सनातन धर्म में विशेष रूप से ब्राह्मण समुदाय में, उपनयन या जनेऊ संस्कार एक विशेष समारोह रहा है। इस समारोह में लड़के को एक पवित्र सफेद धागा (जनेऊ या यज्ञोपवीत) पहनाया जाता है, जो उसके जीवन में एक नए अध्याय अर्थात युवावस्था की शुरुआत का संकेत देता है। यही वजह है कि इस संस्कार को उचित अनुष्ठानों के साथ और शुभ तिथियों और मुहूर्त पर करना अनिवार्य बताया गया है। पौराणिक काल से ही ब्राह्मण और क्षत्रिय जैसी विभिन्न जातियां इस संस्कार को करती आई हैं। इसलिए उपनयन मुहूर्त 2023 (Upanayan Muhurat 2023) देखना और भी ज़रूरी हो जाता है। उपनयन मुहूर्त 2023 (Upanayan Muhurat 2023)- इस संस्कार के अंतर्गत शादी से पहले लड़के के लिए एक सूत्रण समारोह आयोजित किया जाता है। जिसमें दूल्हे को धागे की तीन किस्में दी जाती हैं, जो कि बेहद पवित्र होती हैं। तीनों धागों में से प्रत्येक धागा तीन अल...

मुहूर्त 2023: शुभ मुहूर्त तिथि और समय

मुहूर्त 2023, एस्ट्रोकैंप के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम आपको आने वाले साल की शुभ तिथियों एवं शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, जो किसी नए या मांगलिक कार्य को शुरू करने के लिए बेहद ज़रूरी मानी जाती है। इसके अलावा, हम आपको विभिन्न तरह के मुहूर्त, उनका महत्व और इनकी गणना करते समय बरती जानी वाली सावधानियों से भी रूबरू कराएंगे इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी वैदिक ज्योतिष के अनुसार, क्या है मुहूर्त? वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मुहूर्त एक ऐसी अवधि है जिसे किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य को करने के लिए शुभ माना जाता है। इन कार्यों में शादी-विवाह, सगाई, नामकरण, गृह प्रवेश, मुंडन आदि शामिल हैं। साथ ही संपत्ति और वाहन की खरीदारी या नए घर की नींव रखने जैसे कार्यों को भी शुभ मुहूर्त देखने के बाद ही किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुहूर्त की गणना कैसे की जाती है? असल में ज्योतिषियों द्वारा ग्रहों की चाल और स्थिति के आधार पर मुहूर्त की गणना की जाती है। Read In English: Muhurat 2023 किसी भी कार्य के लिए शुभ मुहूर्त निकालते समय बहुत सी बातों पर गौर किया जाता है ताकि गलती की संभावना कम से कम हो, इसलिए आपको हमेशा अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है। शुभ मुहूर्त, ग्रहों एवं नक्षत्रों का ऐसा संयोग है, जो हर तरह की नकारात्मकता को दूर करके सकारात्मकता को बढ़ाता है। ये बात सच है कि हम अपने जन्म के समय को नहीं बदल सकते, लेकिन किसी कार्य को कौन से समय पर करना चाहिए, इस बात को हम तय कर सकते हैं। यही वजह है कि प्रत्येक कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखना चाहिए, ...

Yogini Ekadashi 2023: 14 जून को रखा जाएगा योगिनी एकादशी का व्रत, जानें

Yogini Ekadashi 2023: हिन्दू धर्म के अनुसार, हर साल आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी का व्रत रख जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस व्रत को लेकर मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से घर में सुख, समृद्धि, शांति और खुशहाली आती है. इसके साथ ही सौभाग्य बढ़ता है. क्या है इस त्योहार को लेकर मान्यता इस त्योहार को लेकर मान्यता है कि इस व्रत को करने से घर में खुशहाली बनी रहती है. इसके साथ ही समृद्धि, शांति का माहौल बना रहता है. इस व्रत को करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.योगिनी एकादशी व्रत के लाभ (Yogini Ekadashi Benefits) योगिनी एकादशी का व्रत करने से 80 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है. इस व्रत को लेकर मन्यता है कि यह एकादशी सभी पाप से मुक्ति दिलाती है. इस व्रत के पुण्य प्रभाव से मृत्यु बाद विष्णु कृपा से व्यक्ति को मोक्ष मिल जाता है. बीमार व्यक्ति की बीमरी खत्म हो जाती है. ये है योगिनी एकादशी की तिथि (Yogini Ekadashi 2023) एकादशी एकादशी 14जून की सुबह 09:28 मिनट पर शुरु होगा, जो 15जून की सुबह 08:28 मिनट पर समाप्त होगा. उदया तिथि के अनुसार यह व्रत 14जून, बुधवार के दिन रखा जाएगा. इस दिन केवल जल ग्रहण करना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इसके साथ ही दान-दक्षिणा करने के साथ ही विष्णु और शिव जी की उपासना करनी चाहिए. योगिनी एकादशी व्रत का पारण (Yogini Ekadashi 2023 Parana Time ) योगिनी एकादशी का पारण 15 जून को सुबह 05:23 बजे से सुबह 08:10 बजे के बीच कर सकते हैं. योगिनी एकादशी व्रत की कथा इस व्रत को लेकर काफी मशहूर कहानी है. स्वर्ग के अलकापुरी में कुबेर नाम का एक राजा रहता था. वह शिव भक्त...

nirjala ekadashi 2023 Date Time puja vidhi shubh muhurat vrat katha paran time in hindi। Nirjala Ekadashi 2023: निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा और पारण का समय

Nirjala Ekadashi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस एकादशी को सभी सर्वश्रेष्ठ एकादशी कहा जाता है। एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ बिना जल पिएं व्रत रखने का विधान है। पंचांग के अनुसार, निर्जला एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। जानिए निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा के बारे में। निर्जला एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi 2023 Shubh Muhurat) शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि प्रारंभ- 30 मई 2023, मंगलवार को दोपहर 1 बजकर 9 मिनट से आरंभ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की समाप्ति- 31 मई को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट पर निर्जला एकादशी 2023 तिथि- उदया तिथि के आधार पर निर्जला एकादशी का व्रत 31 मई को रखा जाएगा। निर्जला एकादशी 2023 पूजा विधि (Nirjala Ekadashi 2023 Puja Vidhi) निर्जला एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करके साथ-सुथरे वस्त्र पहन लें। इसके बाद विष्णु जी का ध्यान करके व्रत का संकल्प ले लें। फिर पूजा आरंभ करें। एक लकड़ी के चौकी में पीला रंग का कपड़ा बिछाकर विष्णु जी की मूर्ति या फिर तस्वीर रख दें। इसके बाद पंचामृत, गंगाजल से अभिषेक कर लें। इसके बाद पीले रंग के फूल, माला, पीला चंदन, अक्षत आदि चढ़ा दें। इसके बाद भोग में मिठाई, केला या अन्य फल चढ़ाएं। इसके साथ ही तुलसी की पत्तियां चढ़ाएं और फिर जल चढ़ाएं। जल चढ़ाने के बाद घी का दीपक और धूप जला लें। फिर एकादशी व्रत कथा कहें। इसके साथ ही विष्णु मंत्र और चालीसा का पाठ कर लें। अंत में आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें। इसके बाद दिनभर व्रत रहने के बाद द्वितीया तिथि को शुभ मुहूर्त में व्रत खोल ल...

Aaj Ka Panchang 14 June:बुधवार का पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

Aaj Ka Panchang 14 June: बुधवार का पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय विस्तार 14 June 2023 का दैनिक पंचांग / Aaj Ka Panchang: बुधवार, 14 जून 2023 को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि रहेगी। इस एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। वहीं अतिगंदा योग और अश्विनी नक्षत्र का संयोग रहेगा। दिन के शुभ मुहूर्त की बात करें बुधवार होने की वजह से कोई भी अभिजीत मुहूर्त नहीं रहेगा। राहुकाल दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से दोपहर 02 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते हैं। आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय। तिथि एकादशी 08:50 तक नक्षत्र अश्विनी 13:42 तक प्रथम करण द्वितिय करण बालवा कौवाला 08:50 तक 20:40 तक पक्ष कृष्ण वार बुधवार योग अतिगंदा 26:58 तक सूर्योदय 05:26 सूर्यास्त 19:14 चंद्रमा मेष राहुकाल 12:21 − 14:04 विक्रमी संवत् 2080 शक सम्वत 1944 मास आषाढ़ शुभ मुहूर्त अभिजीत 11:53 − 12:48 पंचांग के पांच अंग तिथि हिन्दू काल गणना के अनुसार 'चन्द्र रेखांक' को 'सूर्य रेखांक' से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के ना - प्...

Raksha Bandhan 2023 Date, Raksha Bandhan Will Be Celebrated 2 Days This Year, Raksha Bandhan Kab Hai

Raksha Bandhan 2023: सालभर में कई तीज-त्योहार पड़ते हैं. इन्हीं में से एक है रक्षाबंधन. बहन और भाई के प्रेम के इस पर्व को बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर प्रेम का धागा यानी राखी (Rakhi) बांधती हैं और भाई से रक्षा का वचन लेती हैं. इस दिन से कई पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हैं और इसकी विशेष धार्मिक मान्यता भी है. पंचांग के अनुसार, इस साल रक्षा बंधन एक नहीं बल्कि 2 दिनों का माना जा रहा है. जानिए इसका क्या कारण है और किस दिन राखी बांधी जा सकेगी. रक्षाबंधन 2023 की तारीख | Raksha Bandhan 2023 Date इस साल रक्षा बंधन की 2 तारीखें निकल रही हैं. रक्षाबंधन साल 2023 में 30 अगस्त, बुधवार और 31 अगस्त, गुरुवार के दिन बताया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 30 अगस्त के दिन सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 31 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर हो जाएगा. इस चलते रक्षाबंधन की 2 तिथियां बताई जा रही हैं. लेकिन, शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन मनाने और राखी बांधने का उपयुक्त समय दोपहर का बताया जाता है. रक्षाबंधन के दिन यदि भद्रा का साया (Bhadra ka saya) लग जाए तो दोपहर की बजाय राखी शाम के समय प्रदोष काल में बांधी जाती है. भद्रा काल इस साल 30 अगस्त की शाम तक रहने वाला है. ऐसे में रक्षा बंधन 30 अगस्त के दिन ही मनाया जाएगा लेकिन भद्रा के चलते रात के समय राखी बांधने का शुभ मुहूर्त पड़ रहा है. यह शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात 9 बजकर 1 मिनट से 9 बजकर 5 मिनट तक है. क्या है भद्रा धार्मिक मान्यतानुसार भद्राकाल (Bhadrakaal) को अशुभ समय माना जाता है. भद्रा का साया होने पर राखी का उत्सव नहीं मनाया जाता है...

जानें वर्ष 2023 में गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहर्त

अपने घर में प्रवेश करने से पहले प्रत्येक व्यक्ति गृह प्रवेश समारोह आयोजित करना चाहता है। नए घर में ग्रह प्रवेश करना किसी भी व्यक्ति के जीवन में बहुत ही मूल्यवान पल होता है। जिसके लिए गृह प्रवेश मुहूर्त देखना अत्यंत ही आव्यशक होता है। शुभ मुहूर्त का महत्व गृह प्रवेश के दिन मुहूर्त देखना इसलिए आव्यशक होता है ताकि नए घर में किसी तरह की विपदा या समस्या ना आए। जब आप ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार उपयुक्त समय पर नये घर के प्रवेश करेंगे। तब आपको उसका सकारात्मक और अनुकूल फल मिलेगा। नए घर में प्रवेश करने से पहले उस घर में विधि-विधान से पूजा आदि का कार्य करवाया जाता है। इससे नए जीवन पर किसी तरह की कोई मुसीबत नहीं आएगी। कैसे पता करें शुभ मुहूर्त ? शुभ लग्न और तिथि में नये घर में प्रवेश करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। ज्योतिष शास्त्र में तिथियों, लग्न और नक्षत्र के आधार पर गृह प्रवेश मुहूर्त की गणना की जाती है। गृह प्रवेश एक निश्चित लग्न में होता हैं। इस शुभ मुहूर्त की गणना जातक के जन्म नक्षत्र और सूर्य ग्रह की स्थिति के आधार पर की जाती है। उदाहरण : यदि सूर्य आपकी राशि से पांचवें या नौवें भाव में स्थित है, तो गृह प्रवेश के लिए यह उपयुक्त समय है। वहीं यदि सूर्य आपकी राशि से छठे या आठवें घर में स्थित है, तो यह गृह प्रवेश के लिए अत्यधिक शुभ और लाभकारी समय है। तो आइये जानते हैं इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से वर्ष 2023 में गृह प्रवेश मुहूर्त तिथि और गृह प्रवेश मुहूर्त समय। जानें गृह प्रवेश मुहूर्त समय के बारे के वैदिक ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार गृह प्रवेश के लिए ये माह सबसे अधिक शुभ माने जाते हैं – माघ, फाल्गुन, वैशाख और ज्येष्ठ। चातुर्मास यानि कि आषाढ़, श्रावण, भाद्...

yogini ekadashi 2023 date shubh muhurat pujan vidhi importance Auspicious Yoga And Upay ekadashi kab hai । Yogini Ekadashi 2023 Date: योगिनी एकादशी पर बना गजकेसरी

Yogini Ekadashi 2023 Shubh Muhurat Puja Vidhi: आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। आज योगिनी एकादशी पर काफी शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिषचार्यों के अनुसार, योगिनी एकादशी पर गजकेसरी से लेकर बुधादित्य योग बन रहा है। माना जाता है कि इस योग में भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति हो सकती है। इसके साथ ही हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। जानिए योगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त, शुभ संयोग और पूजा विधि। योगिनी एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त (Yogini Ekadashi 2023 Shubh Muhurat) आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि आरंभ- 13 जून, मंगलवार, सुबह 09 बजकर 28 मिनट तक आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि का समापन- 14 जून, बुधवार, सुबह 08 बजकर 48 मिनट तक योगिनी एकादशी पूजा मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 23 मिनट से सुबह 08 बजकर 52 मिनट तक इसके साथ ही सुबह 10 बजकर 37 मिनट से दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक योगिनी एकादशी 2023 पर बन रहे शुभ संयोग (Yogini Ekadashi 2023 Auspicious Yoga) वैदिक पंचांग के अनुसार, सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य और चंद्रमा और गुरु की युति से गजकेसरी योग बन रहा है। दोनों की योग काफी शुभ माने जाते है। गजकेसरी योग बनने से पूजा, दान-पुण्य करने का विशेष फल प्राप्त होताा है। योगिनी एकादशी 2023 पूजा विधि (Yogini Ekadashi 2023 Puja Vidhi) योगिनी योगिनी एकादशी 2023 उपाय (Yogini Ekadashi 2023 Upay) • एकादशी के दिन पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही घी का दीपक जलाने से कर्ज से मुक्ति मिल जाती है। • भगवान विष्णु का शंख से अभिषेक करना लाभकारी होगा। ऐसा करने से वह सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं। • अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्...

Vivah Muhurat 2023:साल 2023 में विवाह के 59 शुभ मुहूर्त, जानें पूरी जानकारी यहां

Vivah Muhurat 2023: साल 2023 में विवाह के 59 शुभ मुहूर्त, जानें पूरी जानकारी यहां लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह आदि शुभ कार्यों के लिए शुक्र का उदय होना जरूरी है। साल 2022 में विवाह के मात्र 12 मुहूर्त शेष हैं, जिसमें नवंबर माह में तीन और दिसम्बर माह में 9 शुभ मुहूर्त हैं। आइए जानते हैं अगले साल यानी साल 2023 में विवाह के कितने शुभ मुहूर्त हैं। विस्तार Vivah Muhurat 2023: हिन्दू विवाह में तारीख तय करते समय विवाह मुहूर्त एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसा माना जाता है कि अशुभ विवाह मुहूर्त में किए गए विवाह का अक्सर जोड़े पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शादी विवाह को शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है । यह परंपरा हमारे हिंदी रीती रिवाज में बहुत ही शुभ माना गया है। विवाह से पहले वर वधु की कुंडलियों को देखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल में कुल 4 अबूझ मुहूर्त होते हैं। इनमें आखा तीज, , देवउठनी एकादशी, बसंत पंचमी और भड़मी नवमी। यानी इन चार मौकों पर मुहूर्त न होते हुए भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि किए जा सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह आदि शुभ कार्यों के लिए शुक्र का उदय होना जरूरी है। साल 2022 में विवाह के मात्र 12 मुहूर्त शेष हैं, जिसमें नवंबर माह में तीन और दिसम्बर माह में 9 शुभ मुहूर्त हैं। आइए जानते हैं अगले साल यानी साल 2023 में विवाह के कितने शुभ मुहूर्त हैं। साल 2023 में विवाह के शुभ मुहूर्त जनवरी 2023- 15, 16, 18, 19, 25, 26, 27, 30, 31 फरवरी 2023- 6, 7, 8, 9 10, 12, 13, 14, 15, 17, 22 23, 28 मई 2023- 4, 6, 8, 9, 10, 11, 15, 16, 20, 21, 22, 27, 29, 30 जून 2023- 1, 3, 5, 6, 7, 11, 12, 23, 24, 26, 27 नवंबर 2023- 23, 24, 2...