Shudh sona kitne carat ka hota hai

  1. Shudh Sona or Ginni ka Sona kiske Prateek h
  2. Difference Between 22k, 23k And 24k Gold, And Why We Cant Fashion Jewellery Out Of 24k Gold
  3. पूजा स्थान घर में कहाँ होना चाहिए
  4. Gold खरीदने से पहले जान लें उसकी शुद्धता के नियम क्या है 18 22 और 24 कैरेट सोने में अंतर कैसे करें पहचान
  5. धनतेरस पर असली सोने की पहचान कैसे करें ?
  6. Shudh Sona or Ginni ka Sona kiske Prateek h
  7. Difference Between 22k, 23k And 24k Gold, And Why We Cant Fashion Jewellery Out Of 24k Gold
  8. धनतेरस पर असली सोने की पहचान कैसे करें ?
  9. पूजा स्थान घर में कहाँ होना चाहिए
  10. Gold खरीदने से पहले जान लें उसकी शुद्धता के नियम क्या है 18 22 और 24 कैरेट सोने में अंतर कैसे करें पहचान


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Shudh Sona or Ginni ka Sona kiske Prateek h

Paat 'Ginni ka sona' ke anusaar, shudh sona aadharsh ka prateek hai aur ginni ka sona vyahavariktha ka prateek hai. Shudh sona 24 carat ka hota hai jisme koi milavat nahi hoti hai. Ginni ka sona 22 carat ka hota hai jisme sone ki takath badhane ke liye tamba milaya hota hai. Hum ise gehne banathe hai. In respect to the chapter 'Ginni ka sona', pure gold refers to idealism and alloys of gold refer to practicality. Pure gold, also known as 24 carat gold, does not contain any other materials. Alloys of gold, also known as 22 carat gold, contains copper which is added to increase its strength. We use it to make jewellery/ornaments.

Difference Between 22k, 23k And 24k Gold, And Why We Cant Fashion Jewellery Out Of 24k Gold

22 कैरेट, 23 कैरेट और 24 कैरेट सोने में क्या होता है फर्क, और हम क्यों 24 कैरेट सोने से नहीं बनवा सकते जूलरी, जानिए Gold Quality : सोने की खरीदारी करते वक्त हमें ये तो पता होता है कि हमारा लिया हुआ गोल्ड 22 कैरेट का है या फिर 24 कैरेट का लेकिन हम से ये चंद लोगों को ही पता होगा कि 22 कैरेट 23 कैरेट या 24 कैरेट के बीच महत्वपूर्ण अंतर क्या है. यहां जानिए. सोना खरीदते वक्त सबसे पहले आपको 22 और 24 कैरेट सोने के बीच का फर्क मालूम होना चाहिए. असल में कैरेट से ही गोल्ड की प्योरिटी की पहचान होती है. जितना अधिक कैरेट का गोल्ड होगा उतना ही प्योर होगा. गोल्ड को 0 से 24 के पैमाने पर मापा जाता है. इसमें 24 कैरेट का गोल्ड सबसे ज्यादा शुद्ध माना जाता है. ये भी पढ़ें : 24 कैरेट और 22 कैरेट गोल्ड के बीच अंतर • ​24 कैरेट सोना 99.9 परसेंट प्योरिटी को दर्शाता है इसीलिए इसे सबसे शुद्ध सोना कहा जाता है. वहीं 22 कैरेट गोल्ड 91 परसेंट शुद्ध होता है. इसमें 9 परसेंट भाग अन्य धातुओं के होता है. जैसे जिंक और तांबा भी 22 कैरेट गोल्ड में मिलाया जाता है. • 24 कैरेट गोल्ड किसी भी तरह की ज्वेलरी बनाने के लिए बहुत नरम होते हैं, इसलिए आभूषणों के लिए तो नहीं पर इन्वेस्टमेंट के उद्देश्य से 24 कैरेट गोल्ड लिया जा सकता है. वहीं अन्य धातुओं के कारण 22 कैरेट गोल्ड कठोर और ज्यादा टिकाऊ होता है. • 24 कैरेट गोल्ड चूंकि ज्यादा शुद्ध और प्योर है इसलिए स्वाभाविक रूप से थोड़ा ज्यादा महंगा है, वहीं 22 कैरेट गोल्ड 24 कैरेट की तुलना में थोड़ा सस्ता है. • 24 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी की तरह तरह की डिजाइन बनवाने के लिए उपयुक्त नहीं है इसलिए इन्वेस्टमेंट के उद्देश्य से 24 कैरेट गोल्ड खरीदा जा सकता है वहीं 22 कैरेट के आभूषण बनवाए जा ...

पूजा स्थान घर में कहाँ होना चाहिए

आइये जानते हैं पूजा स्थान घर में कहाँ होना चाहिएवास्तु के अनुसार पूजा स्थान ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा (North-East Direction) में होना चाहिए। इस दिशा में पूजा घर होने से घर में तथा उसमे रहने वाले लोगो पर सकारात्मक ऊर्जा (positive Energy) का संचार हमेशा बना रहता है। वस्तुतः देवी देवताओ की कृपा के लिए घर में पूजा स्थान वास्तु दोष से पूर्णतः मुक्त होना चाहिए अर्थात वास्तुशास्त्र के अनुसार ही घर में पूजा स्थान होना चाहिए। पूजा स्थान यदि वास्तु विपरीत हो तो पूजा करते समय मन भी एकाग्र नहीं हो पाता और पूजा से पूर्णतः लाभ नहीं मिल पाता है। सच तो यह है कि घर में मंदिर होने से सकारात्मक ऊर्जा उस घर में तथा उस घर में रहने वालो पर हमेशा बनी रहती है। यह भारतीय संस्कृति का सकारात्मक स्वरूप ही है कि घर कैसा भी हो छोटा हो अथवा बड़ा, अपना हो या किराये का, लेकिन हर घर में मंदिर अवश्य होता है क्योकि यही एक स्थान है जहाँ बड़ा से बड़ा व्यक्ति भी नतमस्तक होता है तथा चुपके से ही सही अपने गलतियों का एहसास करता है और पुनः ऐसी गलती नहीं करने का भरोसा भी दिलाता है अतः वास्तव में पूजा का स्थान घर में उसी स्थान में होना चाहिए जो वास्तु सम्मत हो। परन्तु कई बार अनजाने में अथवा अज्ञानवश पूजा स्थान का चयन गलत दिशा में हो जाता है परिणामस्वरूप जातक को उस पूजा का सकारात्मक फल नहीं मिल पाता है। जरूर पढ़े ! “पूजा करते समय तिलक किस उंगली से करना चाहिए” घर में पूजा/मंदिर का स्थान ईशान कोण में ही क्यों ? घर में पूजा का स्थान ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। वास्तुशास्त्र में पूजा घर के लिए सबसे उपयुक्त स्थान ईशान कोण को ही बताया गया है क्योकि इसी दिशा में ईश अर्थात भगवान का वास होता है तथा ईशान ...

Gold खरीदने से पहले जान लें उसकी शुद्धता के नियम क्या है 18 22 और 24 कैरेट सोने में अंतर कैसे करें पहचान

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सोने का वजन या शुद्धता कैरेट में मापी जाती है। कैरेट जितना अधिक होता है, सोने की शुद्धता उतनी ही अधिक होती है। सोने की शुद्धता का असर सोने के बिस्कुट, सिक्के, और आभूषण आदि बनाते समय होता है। 24K, 22K और 18K सोने के बीच बहुत बारीक अंतर हैं। लेकिन इसे समझना किसी सामान्य व्यक्ति के लिए आसान नहीं होता। 24K सोना 24 कैरेट सोना 100 प्रतिशत शुद्ध सोना है। यह पूरी तरह शुद्ध होता है और इसमें कोई अन्य मिलावट नहीं होती है। स्थानीय बाजार में इसे 99.9 प्रतिशत शुद्ध सोने के रूप में जाना जाता है। इसका रंग अलग से चमकता है। इसकी शाइनिंग से ही पता चल जाता है कि ये 24 कैरेट है। यह सोना 22 या 18 कैरेट सोने से ज्यादा महंगा होता है। यह नरम और लचीला होता है और इसीलिए गहने बनाने में इसका उपयोग नहीं किया जाता। 24K सोने का उपयोग सिक्के, बार बनाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स और चिकित्सा उपकरणों में भी किया जाता है। सोने की छड़ें, सिक्के, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और चिकित्सा उपकरण बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। 22 कैरेट सोना 22 कैरेट सोना ज्यादातर आभूषण बनाने में प्रयोग किया जाता है। 22K सोने में, धातु का 22 भाग सोना होता है और बाकी दो में चांदी, जस्ता, निकल और अन्य मिश्र धातुएं होती हैं। मात्रा के हिसाब से मापें तो इसे 91.67 प्रतिशत शुद्ध सोना भी कहा जाता है। मिश्र धातुओं को मिलाने से सोने की बनावट सख्त हो जाती है और इसलिए गहने टिकाऊ हो जाते हैं। दैनिक उपयोग के लिए आपको ऐसे जेवर की जरूरत होती है जो टिकाऊ और मजबूत हो। इसके लिए इसमें तांबे, जस्ते और चांदी जैसी मिश्र धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है। इनकी उपस्थिति के कारण 22 कैरेट सोना ज्वैलरी के लिए आदर...

धनतेरस पर असली सोने की पहचान कैसे करें ?

असली सोने की पहचान कैसे करें– धनतेरस पर सोना खरीदने से पहले पीतल की पहचान सोने की पहचान कैसे की जाती है असली सोने की पहचान कैसे करें सोने और पीतल के बीच में क्या अंतर होता है। धनतेरस का अवसरहो और लोग Shopping न करें ये कैसे हो सकता है! धनतेरस पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है! ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी भी धनतेरस के मौके पर खरीदे गए Gold पर अपनी विशेष कृपा रखती हैं! GOLD अगर आप भी इस धनतेरस पर Sona Kharidne करने जा रही/रहें हैं तो इन बातों का जरूर ख्याल रखें! Festival के सीजन में सोने की भारी मांग होती है और इसी दौरान आप नकली सोना खरीदकर ठगी के शिकार भी हो सकते हैं! असली सोने की पहचान कैसे करें – सबसे अहम् बात तो यही है कि आपको हमेशा HALLMARK वाला सोना खरीदना चाहिए! आपको बता दें कि सोने में इन दिनों सिल्वर, COPPER और जिंक की भारी मिलावट की कई घटनाएं सामने आई हैं! सोना सिर्फ धनतेरस के लिए ही शुभ नहीं होता बल्कि FUTURE के लिए भी एक बेहतर INVESTMENT माना जाता है! ऐसे में अगर आप नकली सोने के शिकार हो जाते हैं तो आपकी INVESTMENT को भी भारी LOSS हो जाता है! गाहरवारजी.कॉम के अनुसार आज हम आपको बता रहे है कि छोटी-छोटी Tricks के जरिये आप खुद असली सोने की पहचान कैसे करें … GOLD सोने की पहचान घर पर कैसे करे सोने की पहचान कैसे की जाती है सोने और पीतल के बीच का अंतर सोना शुद्धता परीक्षण मशीन सोना पहचानने के तरीके सोना परखने वाला पत्थर का नाम सोना गलाने की विधि सोना खरीदने से पहले पीतल की पहचान पीतल और सोने की पहचान गोल्ड की पहचान कैसे करें खाद्य रसद विभाग राशन कार्ड सूची असली चांदी की पहचान Sone Me Milawat Sone Ki Pehchan Kaise Kare in Hindi Sona Parakhne Wala Pathar Ka Naam 5.3 कौन-स...

Shudh Sona or Ginni ka Sona kiske Prateek h

Paat 'Ginni ka sona' ke anusaar, shudh sona aadharsh ka prateek hai aur ginni ka sona vyahavariktha ka prateek hai. Shudh sona 24 carat ka hota hai jisme koi milavat nahi hoti hai. Ginni ka sona 22 carat ka hota hai jisme sone ki takath badhane ke liye tamba milaya hota hai. Hum ise gehne banathe hai. In respect to the chapter 'Ginni ka sona', pure gold refers to idealism and alloys of gold refer to practicality. Pure gold, also known as 24 carat gold, does not contain any other materials. Alloys of gold, also known as 22 carat gold, contains copper which is added to increase its strength. We use it to make jewellery/ornaments.

Difference Between 22k, 23k And 24k Gold, And Why We Cant Fashion Jewellery Out Of 24k Gold

22 कैरेट, 23 कैरेट और 24 कैरेट सोने में क्या होता है फर्क, और हम क्यों 24 कैरेट सोने से नहीं बनवा सकते जूलरी, जानिए Gold Quality : सोने की खरीदारी करते वक्त हमें ये तो पता होता है कि हमारा लिया हुआ गोल्ड 22 कैरेट का है या फिर 24 कैरेट का लेकिन हम से ये चंद लोगों को ही पता होगा कि 22 कैरेट 23 कैरेट या 24 कैरेट के बीच महत्वपूर्ण अंतर क्या है. यहां जानिए. सोना खरीदते वक्त सबसे पहले आपको 22 और 24 कैरेट सोने के बीच का फर्क मालूम होना चाहिए. असल में कैरेट से ही गोल्ड की प्योरिटी की पहचान होती है. जितना अधिक कैरेट का गोल्ड होगा उतना ही प्योर होगा. गोल्ड को 0 से 24 के पैमाने पर मापा जाता है. इसमें 24 कैरेट का गोल्ड सबसे ज्यादा शुद्ध माना जाता है. ये भी पढ़ें : 24 कैरेट और 22 कैरेट गोल्ड के बीच अंतर • ​24 कैरेट सोना 99.9 परसेंट प्योरिटी को दर्शाता है इसीलिए इसे सबसे शुद्ध सोना कहा जाता है. वहीं 22 कैरेट गोल्ड 91 परसेंट शुद्ध होता है. इसमें 9 परसेंट भाग अन्य धातुओं के होता है. जैसे जिंक और तांबा भी 22 कैरेट गोल्ड में मिलाया जाता है. • 24 कैरेट गोल्ड किसी भी तरह की ज्वेलरी बनाने के लिए बहुत नरम होते हैं, इसलिए आभूषणों के लिए तो नहीं पर इन्वेस्टमेंट के उद्देश्य से 24 कैरेट गोल्ड लिया जा सकता है. वहीं अन्य धातुओं के कारण 22 कैरेट गोल्ड कठोर और ज्यादा टिकाऊ होता है. • 24 कैरेट गोल्ड चूंकि ज्यादा शुद्ध और प्योर है इसलिए स्वाभाविक रूप से थोड़ा ज्यादा महंगा है, वहीं 22 कैरेट गोल्ड 24 कैरेट की तुलना में थोड़ा सस्ता है. • 24 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी की तरह तरह की डिजाइन बनवाने के लिए उपयुक्त नहीं है इसलिए इन्वेस्टमेंट के उद्देश्य से 24 कैरेट गोल्ड खरीदा जा सकता है वहीं 22 कैरेट के आभूषण बनवाए जा ...

धनतेरस पर असली सोने की पहचान कैसे करें ?

असली सोने की पहचान कैसे करें– धनतेरस पर सोना खरीदने से पहले पीतल की पहचान सोने की पहचान कैसे की जाती है असली सोने की पहचान कैसे करें सोने और पीतल के बीच में क्या अंतर होता है। धनतेरस का अवसरहो और लोग Shopping न करें ये कैसे हो सकता है! धनतेरस पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है! ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी भी धनतेरस के मौके पर खरीदे गए Gold पर अपनी विशेष कृपा रखती हैं! GOLD अगर आप भी इस धनतेरस पर Sona Kharidne करने जा रही/रहें हैं तो इन बातों का जरूर ख्याल रखें! Festival के सीजन में सोने की भारी मांग होती है और इसी दौरान आप नकली सोना खरीदकर ठगी के शिकार भी हो सकते हैं! असली सोने की पहचान कैसे करें – सबसे अहम् बात तो यही है कि आपको हमेशा HALLMARK वाला सोना खरीदना चाहिए! आपको बता दें कि सोने में इन दिनों सिल्वर, COPPER और जिंक की भारी मिलावट की कई घटनाएं सामने आई हैं! सोना सिर्फ धनतेरस के लिए ही शुभ नहीं होता बल्कि FUTURE के लिए भी एक बेहतर INVESTMENT माना जाता है! ऐसे में अगर आप नकली सोने के शिकार हो जाते हैं तो आपकी INVESTMENT को भी भारी LOSS हो जाता है! गाहरवारजी.कॉम के अनुसार आज हम आपको बता रहे है कि छोटी-छोटी Tricks के जरिये आप खुद असली सोने की पहचान कैसे करें … GOLD सोने की पहचान घर पर कैसे करे सोने की पहचान कैसे की जाती है सोने और पीतल के बीच का अंतर सोना शुद्धता परीक्षण मशीन सोना पहचानने के तरीके सोना परखने वाला पत्थर का नाम सोना गलाने की विधि सोना खरीदने से पहले पीतल की पहचान पीतल और सोने की पहचान गोल्ड की पहचान कैसे करें खाद्य रसद विभाग राशन कार्ड सूची असली चांदी की पहचान Sone Me Milawat Sone Ki Pehchan Kaise Kare in Hindi Sona Parakhne Wala Pathar Ka Naam 5.3 कौन-स...

पूजा स्थान घर में कहाँ होना चाहिए

आइये जानते हैं पूजा स्थान घर में कहाँ होना चाहिएवास्तु के अनुसार पूजा स्थान ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा (North-East Direction) में होना चाहिए। इस दिशा में पूजा घर होने से घर में तथा उसमे रहने वाले लोगो पर सकारात्मक ऊर्जा (positive Energy) का संचार हमेशा बना रहता है। वस्तुतः देवी देवताओ की कृपा के लिए घर में पूजा स्थान वास्तु दोष से पूर्णतः मुक्त होना चाहिए अर्थात वास्तुशास्त्र के अनुसार ही घर में पूजा स्थान होना चाहिए। पूजा स्थान यदि वास्तु विपरीत हो तो पूजा करते समय मन भी एकाग्र नहीं हो पाता और पूजा से पूर्णतः लाभ नहीं मिल पाता है। सच तो यह है कि घर में मंदिर होने से सकारात्मक ऊर्जा उस घर में तथा उस घर में रहने वालो पर हमेशा बनी रहती है। यह भारतीय संस्कृति का सकारात्मक स्वरूप ही है कि घर कैसा भी हो छोटा हो अथवा बड़ा, अपना हो या किराये का, लेकिन हर घर में मंदिर अवश्य होता है क्योकि यही एक स्थान है जहाँ बड़ा से बड़ा व्यक्ति भी नतमस्तक होता है तथा चुपके से ही सही अपने गलतियों का एहसास करता है और पुनः ऐसी गलती नहीं करने का भरोसा भी दिलाता है अतः वास्तव में पूजा का स्थान घर में उसी स्थान में होना चाहिए जो वास्तु सम्मत हो। परन्तु कई बार अनजाने में अथवा अज्ञानवश पूजा स्थान का चयन गलत दिशा में हो जाता है परिणामस्वरूप जातक को उस पूजा का सकारात्मक फल नहीं मिल पाता है। जरूर पढ़े ! “पूजा करते समय तिलक किस उंगली से करना चाहिए” घर में पूजा/मंदिर का स्थान ईशान कोण में ही क्यों ? घर में पूजा का स्थान ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। वास्तुशास्त्र में पूजा घर के लिए सबसे उपयुक्त स्थान ईशान कोण को ही बताया गया है क्योकि इसी दिशा में ईश अर्थात भगवान का वास होता है तथा ईशान ...

Gold खरीदने से पहले जान लें उसकी शुद्धता के नियम क्या है 18 22 और 24 कैरेट सोने में अंतर कैसे करें पहचान

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सोने का वजन या शुद्धता कैरेट में मापी जाती है। कैरेट जितना अधिक होता है, सोने की शुद्धता उतनी ही अधिक होती है। सोने की शुद्धता का असर सोने के बिस्कुट, सिक्के, और आभूषण आदि बनाते समय होता है। 24K, 22K और 18K सोने के बीच बहुत बारीक अंतर हैं। लेकिन इसे समझना किसी सामान्य व्यक्ति के लिए आसान नहीं होता। 24K सोना 24 कैरेट सोना 100 प्रतिशत शुद्ध सोना है। यह पूरी तरह शुद्ध होता है और इसमें कोई अन्य मिलावट नहीं होती है। स्थानीय बाजार में इसे 99.9 प्रतिशत शुद्ध सोने के रूप में जाना जाता है। इसका रंग अलग से चमकता है। इसकी शाइनिंग से ही पता चल जाता है कि ये 24 कैरेट है। यह सोना 22 या 18 कैरेट सोने से ज्यादा महंगा होता है। यह नरम और लचीला होता है और इसीलिए गहने बनाने में इसका उपयोग नहीं किया जाता। 24K सोने का उपयोग सिक्के, बार बनाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स और चिकित्सा उपकरणों में भी किया जाता है। सोने की छड़ें, सिक्के, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और चिकित्सा उपकरण बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। 22 कैरेट सोना 22 कैरेट सोना ज्यादातर आभूषण बनाने में प्रयोग किया जाता है। 22K सोने में, धातु का 22 भाग सोना होता है और बाकी दो में चांदी, जस्ता, निकल और अन्य मिश्र धातुएं होती हैं। मात्रा के हिसाब से मापें तो इसे 91.67 प्रतिशत शुद्ध सोना भी कहा जाता है। मिश्र धातुओं को मिलाने से सोने की बनावट सख्त हो जाती है और इसलिए गहने टिकाऊ हो जाते हैं। दैनिक उपयोग के लिए आपको ऐसे जेवर की जरूरत होती है जो टिकाऊ और मजबूत हो। इसके लिए इसमें तांबे, जस्ते और चांदी जैसी मिश्र धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है। इनकी उपस्थिति के कारण 22 कैरेट सोना ज्वैलरी के लिए आदर...