सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम

  1. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र
  2. सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्रम्: दुर्गा सप्तशती
  3. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
  4. नवरात्रि में करें परम कल्याणकारी सिद्ध कुंचिका स्तोत्रम का पाठ, जानें विधि
  5. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र साधना
  6. सभी तालों की एक कुंजी सिद्ध कुंजिका स्तोत्र
  7. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र
  8. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के गुप्त रहस्य


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सिद्ध कुंजिका स्तोत्र

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सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्रम्: दुर्गा सप्तशती

Read in English ॥ दुर्गा सप्तशती: सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम् ॥ शिव उवाच: शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् । येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत ॥1॥ न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् । न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम् ॥2॥ कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् । अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥3॥ गोपनीयं प्रयत्‍‌नेनस्वयोनिरिव पार्वति । मारणं मोहनं वश्यंस्तम्भनोच्चाटनादिकम् । पाठमात्रेण संसिद्ध्येत्कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥4॥ ॥ अथ मन्त्रः ॥ ॐ ऐं ह्रीं क्लींचामुण्डायै विच्चे ॥ ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालयज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वलहं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ॥ इति मन्त्रः ॥ नमस्ते रूद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि । नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥1॥ नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि । जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरूष्व मे ॥2॥ ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका । क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥3॥ चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी । विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि ॥4॥ धां धीं धूं धूर्जटेः पत्‍‌नी वां वीं वूं वागधीश्‍वरी । क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥5॥ हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी । भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः ॥6॥ अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं । धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥7॥ पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा । सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥8॥ इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रंमन्त्रजागर्तिहेतवे । अभक्ते नैव दातव्यंगोपि...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र लिरिक्स Siddha Kunjika Stotram सिद्ध कुंजिका स्तोत्र लिरिक्स (हिन्दी) सिद्ध कुंजिका स्तोत्र, ।शिव उवाच। शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्। येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत॥१॥ न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्। न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम्॥२॥ कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्। अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम्॥३॥ गोपनीयं प्रयत्‍‌नेन स्वयोनिरिव पार्वति। मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्। पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्॥४॥ ॥अथ मन्त्रः॥ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥ ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा॥ ॥इति मन्त्रः॥ नमस्ते रूद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि। नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि॥१॥ नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि। जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरूष्व मे॥२॥ हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी। भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः॥६॥ अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं। धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥७॥ पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा। सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे॥८॥ इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे। अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति॥ यस्तु कुञ्जिकाया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत्। न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा॥ इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे कुञ्जिकास्तोत्रं सम्पूर्णम्। ॥ॐ तत्सत्॥ प्रेषक मालचन्द जी शर्मा। 9166267551 Download PDF (सिद्ध कुंजिक...

नवरात्रि में करें परम कल्याणकारी सिद्ध कुंचिका स्तोत्रम का पाठ, जानें विधि

Navratri 2023 Path: नवरात्रि के दिनों में दुर्गा सप्तशती, राम रक्षा स्त्रोत का पाठ तथा मंत्र करने से मां अम्बे प्रसन्न होती हैं। एक ऐसा ही पाठ भी है जो दुर्गा सप्तशती के पाठ समान ही बेहद प्रभावशाली है। इस पाठ का नाम सिद्ध कुंचिका स्तोत्रम है।अगर आप पर समय का अभाव बना हुआ है। तो नवरात्रि के नौ दिनों में आप सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। इससे व्रत और पूजा का अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। लेकिन अस पाठ को की कुछ विधि होती है। जिसका अवश्य ही पालन करें। आज आपको सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और उसके लाभ के बारे में बताएंगे। ऐसे करें सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ देवी दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का खास ध्यान रखें। जब भी आप इस पाठ को करें, तो पहले स्नान कर साफ वस्त्र धारण कर लें। रात के वक्त इस पाठ को करना अधिक फलदायी माना जाता है। पाठ करने के लिए मां दुर्गा के पास घी का दीपक जलाएं। घी के दीए को मातारानी की तस्वीर के दाईं ओर रखें। अगर सरसों के तेल का दीपक जला रही हो, तो उसे मां के बाईं ओर रखें। कुश के आसन पर पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठें। विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए अगर आप सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर दिन में एक बार पाठ करें। नवरात्रि के 9 दिनों तक इसी तरह इसका पालन करें तभी आपको पूर्ण फल प्रदान होगा। इसके अलावा अगर मनचाहा फल पाने के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर रहे हैं। तो फिर ब्रह्मचर्य का भी पालन करें। मां दुर्गा की पूजा-अर्चना में पवित्रता बेहद ही मायने रखती है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र:- ।।शिव उवाच।। शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्। येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजाप: भवेत्।।1।। न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र साधना

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सभी तालों की एक कुंजी सिद्ध कुंजिका स्तोत्र

सभी तालों की एक कुंजी सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। Siddha Kunjika Stotra, a key to all locks : सभी तालों की एक कुंजी सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। दुर्गा सप्तशती का यह स्तोत्र चमत्कारिक और तत्काल फल देने वाला है। यह जीवन में सफलता की कुंजी है। सबसे बड़ी बात, यह प्रयोग में अत्यंत सरल है। भगवान शंकर ने खुद कहा कि इसका पाठ करने के लिए कवच, अर्गला, कीलक, रहस्य, सूक्त, ध्यान, न्यास, अर्चन आदि की जरूरत नहीं है। केवल सिद्ध कुंजिका का पाठ करें और दुर्गा पाठ का फल प्राप्त करें। उन्होंने इसके फल की भी जानकारी दी है। कहा- इसके पाठ मात्र से मारण, मोहन, वशीकरण, स्तंभन और उच्चाटन संभव है। बीज मंत्रों से युक्त यह स्तोत्र सभी भौतिक और आध्यात्मिक लक्ष्यों की प्राप्ति करा देता है। इसके बीज मंत्र उच्चारण में सरल हैं। इसलिए कम पढ़े-लिखे लोगों के लिए भी पाठ करना संभव है। इसमें स्वर और व्यंजन की ध्वनि है। शीघ्र फल देने वाला चमत्कारिक स्तोत्र दुर्गा सप्तशती में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र अत्यंत चमत्कारिक है। इसका तीव्र प्रभाव होता है। इसके पाठ मात्र से संपूर्ण दुर्गा सप्तशती पाठ का फल मिल जाता है। यह स्तोत्र किसी भी प्रकार के अभाव, रोग, कष्ट, दुख, दारिद्रय को दूर करने वाला है। इससे सिर्फ बाहरी नहीं बल्कि आंतरिक शत्रुओं का नाश भी संभव है। इसलिए इससे भौतिक और आध्यात्मिक दोनों लक्ष्यों की प्राप्ति होती है। इसका पाठ प्रतिदिन करना कल्याणकारी होता है। इसे नवरात्र में अवश्य करना चाहिए। लक्ष्य प्राप्ति के लिए इसका अनुष्ठान करना चाहिए। इससे कभी भी किसी भी मनोकामना की पूर्ति संभव है। मेरा अनुभव है कि मनोकामना की गंभीरता के आधार पर इसकी आवृत्ति और अवधि तय होती है। फिर भी सामान्य रूप से इसकी आवृत्ति व अवधि की जानकारी ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र | Siddha Kunjika Stotram PDF Sanskrit सिद्ध कुंजिका स्तोत्र | Siddha Kunjika Stotram Sanskrit PDF Download Download PDF of सिद्ध कुंजिका स्तोत्र | Siddha Kunjika Stotram in Sanskrit from the link available below in the article, Sanskrit सिद्ध कुंजिका स्तोत्र | Siddha Kunjika Stotram PDF free or read online using the direct link given at the bottom of content. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। इस स्तोत्र का पाठ मनुष्य के जीवन में आ रही समस्या और विघ्नों को दूर करने वाला है। मां दुर्गा के इस पाठ का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र- सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। ये सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है। Siddha Kunjika Stotram PDF | सिद्ध कुंजिका स्तोत्र || शिव उवाच || शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्। येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजाप: भवेत्।।1।। न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्। न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम्।।2।। कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्। अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम्।।3।। गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति। मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्। पाठमात्रेण संसिद्ध् येत् कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।।4।। || अथ मंत्र || ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के गुप्त रहस्य

• सिद्ध कुंजिका स्तोत्र रुद्रयामल तंत्र से निकला हुआ है। • रुद्रयामल तंत्र भगवान शिव का गुप्त तंत्रात्मक ग्रंथ है।🤫 • भगवान शिव ने पार्वती को सिद्ध कुंजिका स्तोत्र गुप्त तरीके से बताया था। • सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पाठ के बिना दुर्गा सप्तशती का पाठ निष्फल माना जाता है। • सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के पाठ करने से संपूर्ण दुर्गा सप्तशती पाठ का फल मिल जाता है। • भगवान शिव ने पार्वती को कुंजिका स्तोत्र बताते समय यह भी कहा था कि यह स्तोत्र किसी भी अभक्त को नहीं देना चाहिए। • सिद्ध कुंजिका स्तोत्र मंत्र, तंत्र, औषधि आदि सब से परे है एवं सबकी कुंजिका (चाबी) है। • प्रतिदिन सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से सभी प्रकार के मंत्र सिद्ध हो जाते हैं। • नवरात्रि पर्व में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। • सिद्ध कुंजिका स्तोत्र देवताओं के लिए भी बहुत दुर्लभ है। • सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के पाठ करने से सभी प्रकार की विघ्न-बाधाएं दूर होने लगती हैं। • मेघनाद ने लक्ष्मण पर विजय प्राप्त करने के लिए इस स्तोत्र का गुप्तपाठ किया था। • सिद्ध कुंजिका स्तोत्र बीज मंत्रों से बना हुआ है, जिनका अर्थ निकालना मानव के बस में नहीं है। • सिद्ध कुंजिका स्तोत्र से बहुत चमत्कारिक लाभ होते हैं।😳 • मात्र कुंजिका स्तोत्र के पाठ करने से अन्य सभी प्रकार के मंत्र अपने आप सिद्ध हो जाते हैं। • भिन्न प्रकार की तांत्रिक साधना में भी सिद्ध कुंजिका स्तोत्र बहुत प्रभावी है। • सभी प्रकार की विघ्न बाधाएं सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के पाठ करने से शीघ्र समाप्त होने लगती हैं। • कुंजिका स्तोत्र पाठ करने से संपूर्ण चंडी पाठ का फल मिल जाता है।