सीढ़ियों का वास्तु दोष कैसे दूर करें

  1. Stairs Vastu Tips:सीढ़ियों के नीचे रख दी अगर ये 4 चीजें तो घर में आ सकती है मुसीबत
  2. Jyotish Upay: How to remove Vastu defects of shop or office know easy solutions
  3. Vastu Shastra
  4. सीढ़ियों का वास्तु
  5. कैसे दूर करें सीढ़ियों का वास्तु दोष, अवश्य पढ़ें...
  6. सीढ़ियों की संख्या कैसे गिने: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियां कितनी होनी चाहिए
  7. सीढ़ियों के वास्तु उपाय


Download: सीढ़ियों का वास्तु दोष कैसे दूर करें
Size: 3.13 MB

Stairs Vastu Tips:सीढ़ियों के नीचे रख दी अगर ये 4 चीजें तो घर में आ सकती है मुसीबत

Do Not Put these Things Under StairCase as per Vastu: कई पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक घर में एक प्रकार की ऊर्जा होती है, और वास्तु यह निर्धारित करता है कि उस ऊर्जा को उस घर में रहने वाले परिवार के लिए सकारात्मक और संतोषजनक कैसे बनाया जाए। यदि आप एक स्वतंत्र घर बना रहे हैं या आपके फ्लैट के भीतर सीढ़ियां हैं, तो सीढ़ी से जुड़े वास्तु उपाय आपके घर में संतुलन ला सकते हैं। यदि आपकी सीढ़ियां वास्तु नियमों का पालन करती हैं तो यह आपके जीवन में प्रसिद्धि का कारण बन सकती हैं। दूसरी ओर, अगर ऐसा नहीं होता तो आपक्को असफल हो ने से कोई नहीं रोक सकता। कई बार लोग सीढ़ियों के नीचे ऐसी चीजें बनवा लेते हैं जिससे बहुत बड़ा वास्तु दोष बन जाता है। इससे लोगों को अपने जीवन में कई तरह की पेचीदगियों और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको बताएंगे कि हमें सीढ़ियों के नीचे कौन सी चीजें रखनी चाहिए और क्या नहीं। सीढ़ियों के नीचे पानी से जुड़ी चीज़ें हमें कभी भी सीढ़ियों के नीचे पानी से जुड़ी चीजें नहीं रखनी चाहिए। कई बार इस जगह पर वाशबेसिन बना देते हैं, लेकिन यह एक बहुत बड़ा वास्तु दोष पैदा करता है। हमें एक्वेरियम जैसी चीजें भी नहीं रखनी चाहिए क्योंकि ये भी पानी से जुड़ी होती हैं। सीढ़ियों के नीचे पानी से संबंधित सामान रखने से घर में धन का संचय नहीं होता है। परिश्रम से कमाया हुआ धन व्यर्थ के कार्यों में व्यर्थ जाता है। सीढ़ियों के नीचे अध्ययन कक्ष अक्सर लोग सीढ़ियों के नीचे बच्चों के पढ़ने की जगह या अपना कार्यस्थल बना लेते हैं, लेकिन ऐसा करने से बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता और आप भी पूरे ध्यान से अपना काम पूरा नहीं कर पाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियों के नीचे बैठकर कोई भी क...

Jyotish Upay: How to remove Vastu defects of shop or office know easy solutions

नई दिल्ली: Vastu Dosh Upay: आज के समय में लाखों करोड़ों लोग अपनी आजीविका के लिए शॉप, आफिस, शो रूम में काम करते है. कुछ लोग तो अच्छा मुनाफा कमाते है तो कही किसी न किसी परेशानी से जूझते रहते उनकी दुकान पर ग्राहक कम मुसीबत ज्यादा आती है. ऐसा नहीं की वे लोग मेहनत नहीं करते है. फिर भी ऐसा क्या होता है जो दुकान हर कोशिश की बाद भी नहीं चलती. ध्यान रहे कि आपके कार्य / व्यापार पर आपके पूरे परिवार का भविष्य निर्भर होता है. अतः यदि आपकी दुकान में वास्तु दोष है तो उसे अवश्य ही दूर करें. विशेषकर कार्यस्थल के लिए ही कुछ वास्तु सम्मत उपाय बताते हैं. इन उपायों से व्यापारिक प्रतिष्ठान के दोष का पता लगाकर उनका निवारण कर आप निश्चित रूप से लाभ प्राप्त कर पाएंगे. - मालिक या दुकानदार को उत्तर दिशा में मुंह करके बैठना चाहिए. क्योंकि उत्तर दिशा कुबेर भगवान की दिशा है. इसलिए इस दिशा में मुंह करके बैठने से व्यापर अवश्य ही लाभ होता है. साथ ही उत्तर दिशा कि तरफ मुंह करके बैठने से दिमाग एक्टिव रहता है. - ग्राहक से आपका प्रभाव ज्यादा पड़ता है. गल्ला या कैश बॉक्स और जरूरी कागजात, बैंक के चेक बुक, बिल आदि को दाहिनी और रखना लाभकारी रहता है. ऐसा करने से लाभ के साथ समाज में आपकी मान प्रतिष्ठा में भी बढ़ोत्तरी होती रहती है. - इस बात का हमेशा ध्यान रखे की कैश काउंटर, मालिक या मैनेजर के बैठने के स्थान के ऊपर किसी भी प्रकार की बीम नहीं होनी चाहिए. यदि है तो इसका उपाय उस पर टाइल्स, या फॉल सीलिंग लगवा कर कर सकते है. साथ ही एक बांसुरी को कलावा या लाल कपडे से बांध कर लटका दें. - दरवाजों की व्यवस्था इस प्रकार करे की जब भी कोई द्वार खोले तो वह अंदर की तरफ ही खुले. - दुकान के अंदर सामान को बेचने या दिखाने वाले सेल्समेन क...

Vastu Shastra

आपके घर में सीढ़ी तो अवश्य बनी होगी। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियों से तरक्की की ऊंचाई पर भी पहुंचा जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि घर की सीढ़ी वास्तु नियमों के अनुसार बनी हो। सीढ़ी में वास्तुदोष होने पर ‍तरक्की के बजाय नुकसान उठाना पड़ सकता है। वास्तुशास्त्र के नियम के अनुसार सीढ़ियों का निर्माण उत्तर से दक्षिण की ओर अथवा पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर करवाना चाहिए। जो लोग पूर्व दिशा की ओर से सीढ़ी बनवा रहे हों उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सीढ़ी पूर्व दिशा की दीवार से लगी हुई नहीं हो। पूर्वी दीवार से सीढ़ी की दूरी कम से कम 3 इंच होने पर घर वास्तुदोष से मुक्त होता है। FILE सीढ़ी के लिए नैऋत्य यानी दक्षिण दिशा उत्तम होती है। इस दिशा में सीढ़ी होने पर घर प्रगति की ओर अग्रसर रहता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में सी‍ढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए। इससे आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य की हानि, नौकरी एवं व्यवसाय में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दिशा में सीढ़ी का होना अवनति का प्रतीक माना गया है। दक्षिण पूर्व में सी‍ढ़ियों का होना भी वास्तु के अनुसार नुकसानदेय होता है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहता है। FILE जो लोग खुद ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं और किराएदारों को ऊपरी मंजिल पर रखते हैं उन्हें मुख्य द्वार के सामने सी‍ढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए। वास्तु‍ विज्ञान के अनुसार इससे किराएदार दिनोदिन उन्नति करते और मालिक की परेशानी बढ़ती रहती है। सी‍ढ़ियों के वास्तुदोष को दूर करने के उपा य 1. सी‍ढ़ियों के आरंभ और अंत में द्वार बनवाएं। 2. सीढ़ी के नीचे जूते-चप्पल एवं घर का बेकार सामान नहीं रखें। 3. ‍ मिट्टी के बर्तन में बरसात ...

सीढ़ियों का वास्तु

वास्तुअनुसार घर की सीड़ियाँ वास्तुशास्त्र में घर की सीढ़ियों का काफी महत्व बताया गया है कहा जाता है की वास्तुअनुसार घर की सीढ़ियां यदि सही दिशा में बानी हो तो इससे घर में सुख समृद्धि आती है भारतीय वास्तु विज्ञान के अनुसार घर की सीढ़ियों के लिए नैऋत्य यानी दक्षिण पश्चिम दिशा उत्तम होती है। इस दिशा में सीढ़ी होने पर घर प्रगति ओर अग्रसर रहता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व यानी ईशान कोण में सीढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए। इससे आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य की हानि, नौकरी एवं व्यवसाय में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दिशा में सीढ़ी का होना अवनति का प्रतीक माना गया है। दक्षिण पूर्व में सीढ़ियों का होना भी वास्तु के अनुसार नुकसानदेय होता है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य उतार-चढ़ाव बना रहता है। अगर आप मकान में घुमावदार सीढ़ियाँ बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपके लिए यह जान लेना आवश्यक है कि सीढ़ियों का घुमाव सदैव पूर्व से दक्षिण, दक्षिण से पश्चिम, पश्चिम से उत्तर और उत्तर से पूर्व की ओर रखें। चढ़ते समय सीढ़ियाँ हमेशा बाएँ से दाईं ओर मुड़नी चाहिए। सीढ़ियों की संख्या हमेशा विषम होनी चाहिए। जो लोग खुद ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं और किरायेदारों को ऊपरी मंजिल पर रखते हैं उन्हें मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए ऐसा करना आपके लिए मुस्किले खड़ी कर सकता है. सीढ़ियों के आरंभ और अंत में द्वार बनवाएं। सीढ़ी के नीचे जूते-चप्पल एवं घर का बेकार सामान नहीं रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियों के नीचे रसोईघर या फिर बाथरूम नहीं बना होना चाहिए। यह आपके घर की आर्थिक स्थिति को खराब कर सकता है. सीढ़ियों के नीचे फिश-एक्वेरियम या फिर कोई भी ऐसी वस्तु जो जल से संबंधित हो ...

कैसे दूर करें सीढ़ियों का वास्तु दोष, अवश्य पढ़ें...

वास्तुशास्त्र के नियम के अनुसार सीढ़ियों का निर्माण उत्तर से दक्षिण की ओर अथवा पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर करवाना चाहिए। जो लोग पूर्व दिशा की ओर से सीढ़ी बनवा रहे हों उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सीढ़ी पूर्व दिशा की दीवार से लगी हुई नहीं हो। पूर्वी दीवार से सीढ़ी की दूरी कम से कम 3 इंच होने पर घर वास्तुदोष से मुक्त होता है। Sun transit in Gemini sign June 2023 : सूर्यदेव 15 जून 2023 की शाम को 06:07 बजे मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में गोचर संक्रांति कहलाता है। ओड़िसा में मिथुन संक्रांति का महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य से अच्‍छी फसल के लिए बारिश की मनोकामना करते हैं। आओ जानते हैं कि कौनसी 4 राशियों की चमक जाएगी किस्मत। मिथुन संक्रांति 2023 सूर्य देव 15 जून 2023 को मिथुन में प्रवेश कर रहे हैं Sun Transit into Gemini जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है। 15 जून को सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए इसे मिथुन संक्रांति कहा जाएगा। 15 जून 2023 को मिथुन संक्रांति का समय शाम को 06 बजकर 29 मिनट पर है। इस समय सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और इस परिवर्तन का सारी राशियों पर असर होगा।

सीढ़ियों की संख्या कैसे गिने: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियां कितनी होनी चाहिए

Register Now NoBroker Forum: A Great Place to Discuss & Ask Questions About Anything Related to Real Estate - Residential and Commercial Rent, Home Rental Agreements, Movers and Packers Cost Estimates, Furniture Rentals, Home Cleaning & Painting Services, Sale Agreements and Legal Queries related to Buying and Selling of Homes. मैंने अपने घर का निर्माण शुरू होने से पहले एक वास्तु सलाहकार से बात की। उन्होंने मुझे बताया कि वास्तु सीढ़ियों के निर्माण के संबंध में कई नियम सुझाता है। उन्होंने मुझे यह भी बताया कि सीढ़ी वास्तु का पालन करने से घर में सकारात्मकता का प्रवाह आसान हो सकता है। यह छोटी या बड़ी दुर्घटना की किसी भी संभावना को कम करने में भी मदद करता है। मैंने उनसे पूछा कि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की सीढ़ियां कितनी होनी चाहिए। उन्होंने मेरे साथ जो जानकारी साझा की है, मैं उसे बताता हूं: वास्तु के अनुसार सीढ़ी की संख्या आपको हमेशा विषम संख्याएँ (odd numbers) चुननी चाहिए: सीढ़ी में सीढ़ियों की संख्या हमेशा विषम (21, 19, 17, या 15) होनी चाहिए। कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​है कि सीढ़ियों की संख्या ‘0’ के साथ समाप्त नहीं होनी चाहिए क्योंकि एक औसत व्यक्ति आमतौर पर सीढ़ियों की उड़ान भरते समय अपना दाहिना पैर सबसे पहले रखता है। व्यक्ति को अपना दाहिना पैर अंत में नीचे रखना चाहिए। यह तभी संभव है जब आपकी सीढ़ियों में विषम संख्या में सीढ़ियां हों। अब आप जानते हैं वास्तु के अनुसार सीढ़ियां कितनी होनी चाहिए। वास्तु के अनुसार सीढ़ी की दिशा घर के बाहर सीढ़ी के लिए वास्तु वास्तु के अनुसार बाहरी सीढ़ियों के मामले में सर्वोत्तम दिशाएं हैं: दक्षिण-पूर्व दिशा, पूर्व की ओर मुख करके। दक्षिण-पश्चिम...

सीढ़ियों के वास्तु उपाय

सीढ़ियों से जुड़े वास्तु उपाय सीढ़ियों की संख्या हमेशा विषम होनी चाहिए। भारतीय वास्तु विज्ञान के अनुसार घर की सीढ़ियों के लिए नैऋत्य यानी दक्षिण पश्चिम दिशा उत्तम होती है। इस दिशा में सीढ़ी होने पर घर प्रगति ओर अग्रसर रहता है। जो लोग खुद ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं और किरायेदारों को ऊपरी मंजिल पर रखते हैं उन्हें मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए। वास्तु विज्ञान के अनुसार इससे किरायेदार दिनोदिन उन्नति करते और मालिक मालिक की परेशानी बढ़ती रहती है। यदि सीढ़ियां घुमावदार बनानी हैं तो, उनका सदैव पूर्व से दक्षिण, दक्षिण से पश्चिम, पश्चिम से उत्तर और उत्तर से पूर्व की ओर रखना लाभप्रद रहता है। इसका मतलब है कि चढ़ते समय सीढ़ियां हमेशा दायीं ओर मुड़नी चाहिए। वास्तु के अनुसार घर की सीढ़ियों में फालतू सामान या जूते चप्पल न रखें। इससे घर में दोष नही आता है। वास्तु के अनुसार कभी भी घर की सीढ़ियों के नीचे फालतू सामान रखें तो घर की सीढियों के शुरू या अंत में कोई गेट बनवाएं। घर के अन्दर की सीढ़ियां मुख्यद्वार के ठीक सामने नहीं होनी चाहिए। यानी मुख्य द्वार खोलते ही सबसे पहले सीढ़ियां न हों। सीढ़ियां यदि घर के बाहर भी तो भी उन्हें प्रवेश द्वार के सामने से नहीं गुजरना चाहिए। सीढ़ी के लिए नैऋत्य यानी दक्षिण दिशा उत्तम होती है। इस दिशा में सीढ़ी होने पर घर प्रगति की ओर अग्रसर रहता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर—पूर्व यानी ईशान कोण में सीढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए। सीढ़ियों के आरंभ और अंत में द्वार बनवाएं। सीढ़ी के नीचे जूते, चप्पल एवं घर का बेकार सामान नहीं रखें। ” सीढ़ियों के वास्तु उपाय – seedhiyon ka vastu upaay – वास्तु उपाय – vastu upay