सिकल सेल एनीमिया

  1. Haemolytic Anaemia: हीमोलिटिक एनीमिया क्या है? जानें इसके कारण और उपाय
  2. Sickle cell disease
  3. सिकल सेल एनीमिया क्या है? कारण, लक्षण और इलाज
  4. सहजन की पत्ती के फायदे जानने के लिए पढ़ें
  5. what is sickle cell anemia and how to treat it
  6. मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में बढ़ रहे हैं सिकल सेल एनीमिया के मरीज, लेकिन प्रशासन गंभीर नहीं
  7. एनीमिया: क्या करें और क्या न करें, उपचार, कारण और जोखिम कारक


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Haemolytic Anaemia: हीमोलिटिक एनीमिया क्या है? जानें इसके कारण और उपाय

हीमोलिटिक एनीमिया एक प्रकार का एनीमिया होता है। इसमें ब्लड सेल्स काउंट में कमी आ जाती है, क्योंकि ब्लड सेल्स नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा हीमोलिटिक एनीमिया की स्थिति तब भी आती है जब ब्लड सेल्स का निर्माण बहुत कम होता है। हीमोलिटिक एनीमिया (Haemolytic Anemia) में प्लीहा यानी कि स्पलीन स्वस्थ रेड ब्लड सेल्स (RBC) को पकड़ कर नष्ट करने लगता है। हीमोलिटिक एनीमिया (Haemolytic Anemia) एक्सट्रिनसिक या इंट्रिंसिक हो सकता है। एक्सट्रिनसिक हीमोलिटिक एनीमिया में स्प्लीन रेड ब्लड सेल्स को पकड़ लेता है और नष्ट कर देता है। इसके अलावा ऑटोइम्यून रिएक्शन (Autoimmune reaction) के कारण भी एक्सट्रिनसिक हीमोलिटिक एनीमिया (Haemolytic Anemia) हो सकता है। इंट्रिंसिक हीमोलिटिक एनीमिया (Haemolytic Anemia) में शरीर के द्वारा बनाई गई रेड ब्लड सेल्स सही से काम नहीं करती हैं। रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells) का विनाश कुछ अन्य कारणों से भी हो सकता है : • संक्रमण (Infection) की वजह से • ट्यूमर (Tumor) होने पर • ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune Disorder) की परेशानी होने पर • दवाओं के साइड इफेक्ट्स (Medication side effects) के कारण • ल्यूकेमिया (Leukemia) की शिकायत होने पर • लिम्फोमा की समस्या होने पर कितना सामान्य है हीमोलिटिक एनीमिया (Haemolytic Anemia) होना? हीमोलिटिक एनीमिया कॉकेशियन की तुलना में अफ्रिकन-अमेरिकन को ज्यादा प्रभावित करता है, क्योंकि उनमें और पढ़ें : [mc4wp_form id=”183492″] लक्षण हीमोलिटिक एनीमिया के क्या लक्षण हैं? (Symptoms of Haemolytic Anemia) हीमोलिटिक एनीमिया होने के कई कारण हैं, इसलिए इसके लक्षण भी हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है। हीमोलिटिक एनीमिया (Haemolytic Anaemia) के सामान्य ल...

Sickle cell disease

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सिकल सेल एनीमिया क्या है? कारण, लक्षण और इलाज

सिकल सेल एनीमिया क्या है? What is sickle cell anemia? सिकल सेल एनीमिया विरासत में मिली रक्त विकार (blood disorder), सिकल सेल रोग का एक रूप है। सिकल सेल एनीमिया आपकी लाल रक्त कोशिकाओं (red blood cells) को प्रभावित करता है, उन्हें गोल लचीली डिस्क (round flexible disc) से कठोर और चिपचिपी सिकल कोशिकाओं (sticky sickle cells) में बदल देता है। सिकल कोशिकाएं लाल रक्त कोशिकाओं को अपना काम करने से रोकती हैं, जो आपके पूरे शरीर में ऑक्सीजन (oxygen in the body) ले जा रही है। सिकल सेल भी सामान्य लाल रक्त कोशिकाओं की तरह लंबे समय तक जीवित नहीं रहते हैं। नतीजतन, आपके पास पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं और आप एनीमिया विकसित करते हैं, वह स्थिति जो सिकल सेल एनीमिया को अपना नाम देती है। सिकल सेल एनीमिया – विशेष अतीत में, सिकल सेल एनीमिया के साथ पैदा हुए बच्चे शायद ही कभी वयस्क होते थे। अब, शुरुआती पहचान और नए उपचारों के लिए हमें शोधकर्ताओं और चिकित्सकों का धन्यवाद देना चाहिए. हालाँकि, सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित सभी लोगों में से लगभग आधे लोग 50 वर्ष की आयु तक जीवित रहते हैं। जिन लोगों को सिकल सेल एनीमिया है, वे अभी भी (उम्र भर) संभावित जानलेवा चिकित्सा जटिलताओं का सामना करते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के पास ऐसे उपचार हैं जो जटिलताओं के जोखिम को कम करते हैं और जब वे होते हैं तो लक्षणों को कम करते हैं। दुर्भाग्य से, दुनिया में ऐसे कई स्थान हैं जहां अभी भी सिकल सेल एनीमिया के लिए प्रभावी चिकित्सा उपचार तक लोगों की पहुंच नहीं है। सिकल सेल एनीमिया से कौन प्रभावित होता है? Who is affected by sickle cell anemia? सिकल सेल एनीमिया ज्यादातर उन लोगों को प्रभावित करता है जिनके...

सहजन की पत्ती के फायदे जानने के लिए पढ़ें

सहजन का पेड़ उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों का मूल है और यह सूखे का सामना कर सकता है। इस पेड़ के महत्वपूर्ण भाग इसकी फली, फूल और पत्तियाँ हैं, सहजन पारंपरिक औषधियों का एक प्रमुख तत्व है क्योंकि इसकी फली और पत्तियाँ दोनों ही कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए फायदेमंद हैं। सहजन के पत्ते और फली आमतौर पर दक्षिण भारतीय व्यंजनों में पाए जाते हैं। सहजन की फली का उपयोग कई व्यंजनों में किया जा सकता है, जैसे ड्रमस्टिक करी, सांभर और दाल। सहजन की पत्तियाँ कई हजारों वर्षों से अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। प्राकृतिक औषधियों के रूप में सहजन की पत्तियों के फायदे नवीनतम वैज्ञानिक अध्ययनों से भी सिद्ध हो चुके हैं। आइये जानते हैं सहजन की पत्ती के फायदे। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • सहजन की पत्ती के फायदे सहजन पत्ती के फायदे बहुत हैं और इस पौधे का उपयोग सुंदरता से लेकर विभिन्न बीमारियों को रोकने और उनका इलाज करने में मदद करता है। सहजन के पत्ते के फायदे कुछ इस प्रकार हैं: 1. कैंसर से लड़ता है सहजन के अर्क में ऐसे गुण होते हैं जो कैंसर के विकास को रोकने में सहायता कर सकते हैं। इसमें “नियाज़िमिसिन” नामक पदार्थ भी होता है जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को दबा देता है। 2. बैक्टीरिया से बचाव करता है चूंकि इसमें एंटीफंगल, रोगाणुरोधी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं, सहजन की पत्तियां उन संक्रमणों से लड़ती हैं जो विभिन्न प्रकार के रोगाणुओं के कारण होते हैं। ये ई. कोली, राइजोपस और साल्मोनेला हो सकते हैं। 3. घाव भरने में सहायक सहजन अर्क घाव भरने में सहायता करने और निशान का दिखना कम करने के लिए फायदेमंद है। 4. अस्थमा का इलाज कर सकता है सहजन अस्थमा के कुछ हमलों की कठोरता को कम करने और ब्रो...

what is sickle cell anemia and how to treat it

'आप एनीमिक हैं'. हो सकता है आपके डॉक्टर ने कभी न कभी आपसे ये कहा हो. हिंदुस्तान में एनीमिया एक बहुत ही आम कंडीशन है. आम भाषा में इसे कहते हैं खून की कमी. दरअसल ये खून की कमी नहीं होती है. ये खून में पाए जाने वाले रेड ब्लड सेल्स यानी RBC की कमी होती है. ये तो हुई बात एनीमिया की. एक और कंडीशन होती है जिसे कहते हैं सिकल सेल एनीमिया. ये एक तरह का एनीमिया है, जिसमें रेड ब्लड सेल्स दराती का शेप ले लेते हैं. महाराष्ट्रा, ओडिशा और मध्य प्रदेश में सबसे ज़्यादा इसके केसेज पाए जाते हैं. इंडिया की तीन प्रतिशत आदिवासी जनता इससे पीड़ित है और 23 प्रतिशत इस कंडीशन की कैरियर है. यानी उनके बच्चों को ये बीमारी हो सकती है. अव्वल तो सिकल सेल एनीमिया एक ऐसी बीमारी है, जिसका पता पैदा होने से पहले ही चल जाता है. पर ज़्यादातर लोगों को ये बात पता नहीं है. इसलिए वो इसका टेस्ट भी नहीं करवाते. खैर, इलाज से पहले डॉक्टर्स से जान लेते हैं सिकल सेल एनीमिया क्या होता है और किन लोगों को हो सकता है. सिकल सेल एनीमिया क्या होता है? ये हमें बताया डॉक्टर आरुषि अग्रवाल ने. डॉक्टर आरुषि अगरवाल, एसोसिएट कंसल्टेंट, हेमेटोलॉजी, एशियन हॉस्पिटल -सिकल सेल एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें रेड ब्लड सेल यानी RBC में डिफेक्ट होता है. -नॉर्मल रेड ब्लड सेल बहुत ही आराम से ब्लड वेसेल में बह सकता है. -लेकिन सिकल सेल एनीमिया में जब ये रेड ब्लड सेल किसी ब्लड वेसेल से निकलता है, ख़ासतौर पर कोई छोटी ब्लड वेसेल से. -जैसे कैपिलरी तो वहां पर ऑक्सीजन की मात्रा कम होने के कारण ये अपना आकार बदल लेता है. -ये सिकल यानी दराती का आकार ले लेता है. -जिसके कारण ये वहां फंस जाता है. -फिर उस ब्लड वेसेल को ब्लॉक कर देता है. -इसके कारण सिकल सेल एनीमिया ...

मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में बढ़ रहे हैं सिकल सेल एनीमिया के मरीज, लेकिन प्रशासन गंभीर नहीं

राजेन्द्र जोशी "मेरा बेटा पुलिस अफसर बनना चाहता था, बेटी शिक्षिका बनना चाहती थी। लेकिन, होनी को कौन टाल सकता है? उन्हें बचाने के लिये अपनी एक एकड़ सिंचित खेती बेच दी और डेढ़ एकड़ खेती आज भी गिरवी रखी हु्ई है। 9 से 10 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी मैं अपने दोनों बच्चों को मौत के मुंह से नहीं बचा पाया।" यह कहना है मध्य प्रदेश के बडवानी जिले के सेंधवा विकासखंड के ग्राम छोटी जुलवानिया निवासी संजय का, जिनके पुत्र-पुत्री दोनों सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित थे। हाल ही में अपने 8 वर्षीय पुत्र प्रशान्त को खो चुके 29 वर्षीय संजय बताते है कि एक साल पहले उन्होंने बेटी अर्चना को भी खो दिया। संजय ने बताया कि 5 साल की उम्र तक पता ही नहीं चल पाया कि बच्चों को आखिर बीमारी क्या है? 3 साल तक मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करवाने के बाद भी नकारात्मक पंरिणाम ने पूरे परिवार को तोड़ दिया था। पेशे से अस्थाई ड्राइवर संजय लॉक डाउन के बाद से नियमित कार्य नहीं कर पा रहे हैं। सिकल सेल एनीमिया वह बीमारी है जिससे पीड़ित व्यक्ति को मौत के बाद ही छुटकारा मिलता है। अगर पीड़ित शादीशुदा है तो उसकी संतान में भी उसका असर देखने को मिल सकता है। दिन प्रतिदिन मौत के नजदीक जाने वाली इस बीमारी के पीड़ितों को भी यह जानकारी नहीं है कि उन्हें यह बीमारी कैसे लगी। मध्य प्रदेश में यह बीमारी 22 जिलों में, अधिकांशतः आदिवासी समाज में फैली हुई है। ज्यादातर पीड़ितों को सरकारी इलाज और जांच सुविधा की जानकारी नहीं है। आधुनिक जांच मशीनें प्रदेश के चुनिन्दा जिला अस्पतालों में ही मौजूद है। मध्‍यप्रदेश के पिछड़े एवं आदिवासी बाहुल्य जिले बडवानी के दूरस्थ पाटी विकासखंड के ग्राम लिम्बी के मसान्या फल्या में रहने वाले किसान ...

एनीमिया: क्या करें और क्या न करें, उपचार, कारण और जोखिम कारक

एनीमिया एक रक्त विकार है जिसमें सामान्य स्तर से कम लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं या प्रत्येक लाल रक्त कोशिका में हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम होती है। किसी भी मामले में, शरीर के चारों ओर रक्त प्रवाह में कम मात्रा में ऑक्सीजन ले जाया जाता है। लाल रक्त कोशिकाएं (आरबीसी), हीमोग्लोबिन नामक एक विशेष प्रोटीन का उपयोग करके शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन ले जाती हैं। एनीमिया कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह शरीर की खराबी है। एनीमिया एक आम रक्त स्थिति है, खासकर महिलाओं में। यह देखा गया है कि मासिक धर्म वाली पांच में से एक महिला और सभी गर्भवती महिलाओं में से आधी एनीमिया से ग्रसित हैं। एनीमिक व्यक्तियों में आरबीसी हो सकते हैं जिनमें असामान्य आकार होता है या जो सामान्य दिखाई देता है, सामान्य से बड़ा या सामान्य से छोटा होता है। निर्धारित तारीख बुक करना हमारे विशेषज्ञ खोजें इस प्रकार का एनीमिया एक दुर्लभ विरासत में मिला विकार है जो अस्थि मज्जा को प्रभावित करता है। अस्थि मज्जा लाल रक्त कोशिकाओं सहित सभी प्रकार की रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने में विफल रहता है। इस रक्त विकार वाले बच्चे गंभीर जन्म दोषों से पीड़ित होते हैं और उनमें ल्यूकेमिया विकसित हो सकता है मेगालोब्लास्टिक एनीमिया (एमए) • खून बह रहा है • कम लाल रक्त कोशिका उत्पादन • शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का विनाश (ऑटोइम्यून डिसऑर्डर) • एनीमिया का सबसे आम प्रकार आयरन की कमी वाला एनीमिया है। यह शरीर में आयरन के निम्न स्तर के कारण होता है। • पोषण विटामिन बी12 से रहित होता है, या घातक रक्ताल्पता के मामले में शरीर विटामिन बी12 को अवशोषित करने में असमर्थ होता है। • खाद्य पदार्थों में फोलिक एसिड या फोलेट नहीं होता है, या शरीर फोलिक एसिड का ठीक स...