सम्राट अशोक का सही इतिहास

  1. अशोक का धम्म
  2. सम्राट अशोक की जीवनी
  3. सम्राट अशोक का जीवन परिचय, इतिहास
  4. सम्राट अशोक का सही इतिहास Hindi में
  5. अशोक
  6. सम्राट अशोक का इतिहास
  7. सम्राट अशोक की कुछ रहस्यमयी बातें जिसे आप शायद ही जानते हैं.
  8. सम्राट अशोक का इतिहास
  9. सम्राट अशोक की कुछ रहस्यमयी बातें जिसे आप शायद ही जानते हैं.
  10. सम्राट अशोक का जीवन परिचय, इतिहास


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अशोक का धम्म

अशोक मौर्य वंश के सबसे महान राजाओं में से एक था। अशोक 273 ईसा पूर्व में सिंहासन पर चढ़ा और खुद को एक शक्तिशाली विजेता साबित किया। प्राचीन भारत के इतिहास में, अशोक के शासनकाल को उसकी आक्रामक साम्राज्यवाद के साथ-साथ धर्म की अपनी नीति के रूप में चिह्नित किया गया है। अशोक का व्यक्तिगत धर्म और उसके बाद की धार्मिक नीति, उम्र के धार्मिक रुझानों में एक झलक प्रदान करती है। हालाँकि, अशोक को भारत के इतिहास में राजा के रूप में जाना जाता है, जो पराक्रमी वनवासी से दृढ़ अहिंसक बौद्ध था। लेकिन विद्वानों ने अशोक की व्यक्तिगत धार्मिक आस्था, बौद्ध धर्म में उसके रूपांतरण की तारीख और वास्तविक कारणों के बारे में विचरण किया, जिसने उसे बौद्ध धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया। आधुनिक और शास्त्रीय दोनों व्याख्याकार अशोक के व्यक्तिगत धर्म के बारे में असहमत हैं। इसके अलावा बौद्ध ग्रंथ भी अशोक के व्यक्तिगत धर्म के बारे में कुछ अन्य सिद्धांत प्रदान करते हैं। पूर्व में कुछ विद्वानों ने कहा था कि अशोक एक ब्राह्मणवादी या जैनवादी था और बौद्ध नहीं था। अशोक को “ब्राह्मण भट्टो” या ब्राह्मणवाद के अनुयायी के रूप में उल्लेख किया गया था। कल्हण के अनुसार, अशोक भगवान शिव का अनुयायी और उपासक था। बाद में सीलोनियन क्रोनिकल्स ने दर्शाया कि मूल रूप से अशोक एक ब्राह्मणवादी थे, लेकिन बाद में बौद्ध बन गए और बौद्ध समुदायों या समागमों का दौरा किया। अशोक के समय में, ब्राह्मणवाद, अजिविकवाद, जैन धर्म और बौद्ध धर्म के बीच सांप्रदायिक प्रतिद्वंद्वियों ने समाज और राष्ट्रीय अखंडता की नींव को कमजोर कर दिया। इसके बाद अशोक ने राष्ट्रीय अखंडता को बहाल करने के लिए सभी धार्मिक पंथों के प्रति झुकाव का अभ्यास किया। इसके अलावा, उनकी रूढ़िवादि...

सम्राट अशोक की जीवनी

अशोक को हम सभी मौर्य काल के महान सम्राट अशोक के तौर पर याद करते हैं। वह सम्राट बिंदुसार के बेटे थे। उनका जन्म सम्राट की पत्नियों में से एक धर्मा के गर्भ से हुआ था। यह माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने सम्राट अशोक के जन्म से बहुत पहले ही उनके बारे में भविष्यवाणी कर दी थी। ‘गिफ्ट ऑफ डस्ट’ कहानी में उन्होंने इसका जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि पाटलिपुत्र में एक राजा होगा, जो चार में से एक महाद्वीप पर शासन करेगा और जंबूद्वीप में मेरे प्रवचनों को प्रचारित करेगा। पूरी दुनिया में बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करेगा। सम्राट अशोक ने ऐसा ही किया जैसा भगवान बुद्ध ने कहा था। अशोक शब्द का अर्थ है- ‘शोकरहित,’ जो हर तरह के शोक से मुक्त हो। उन्हें ‘देवनामप्रिय’ जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है भगवान के प्रिय। इसके अलावा उन्हें ‘प्रियदर्शी’ के तौर पर जाना जाता है, जिसका अर्थ है हर एक को बराबरी से पसंद करने वाले। सम्राट अशोक को भारत के इतिहास के साथ-साथ दुनियाभर में दो वजहों से जाना जाता है। पहला, कलिंग युद्ध के लिए और दूसरा, भारत और दुनिया में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए। उन्होंने भारत पर 273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक राज किया। उन्होंने भारत, दक्षिण एशिया के बड़े हिस्सों के साथ ही पर्शिया पर भी एकछत्र राज किया। शुरुआती दिनों में अशोक बेहद क्रूर थे। यह भी माना जाता है कि सिंहासन हासिल करने के लिए उन्होंने अपने सौतेले भाइयों की हत्या भी की थी। इसी का परिणाम है कि उन्हें चंड अशोक भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है क्रूर अशोक। उन्होंने अपने पड़ोसी राज्यों में अतिक्रमण करने का कोई मौका नहीं गंवाया। लेकिन कलिंग युद्ध और उसमें मिली जीत को सम्राट अशोक की आखिरी जीत माना जाता है...

सम्राट अशोक का जीवन परिचय, इतिहास

सम्राट अशोक का जीवन परिचय, जीवनी, जन्म, परिवार, साम्राज्य, रानियां, कलिंग का युद्ध, बौद्ध धर्म (Samrat Ashok Biography In Hindi, Wiki, सम्राट अशोक विश्व प्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के एक महान सम्राट थे, बौद्ध धर्म को संरक्षण देने वाले प्रतापी राजा अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिया अशोक था जिसका अर्थ होता है देवताओं का प्रिय। उनका राज्य उत्तर में हिंदूकुश, तक्षशिला की श्रेणियों से लेकर गोदावरी नदी, स्वर्ण गिरी पहाड़ी के दक्षिण तथा मैसूर तक एवं पूर्व में बंगाल पाटलिपुत्र से पश्चिम में अफगानिस्तान, ईरान, बलूचिस्तान तक पहुंच गया था। उन्हें चक्रवर्ती सम्राट अशोक भी कहा जाता है जिसका अर्थ है सम्राटों का सम्राट और यह स्थान भारत में केवल सम्राट अशोक को ही मिला है। इसके साथ ही उन्हें अपने विस्तृत साम्राज्य के बेहतर व कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भी जाना जाता है। आज की अपने लेख सम्राट अशोक का जीवन परिचय (Samrat Ashok Biography In Hindi) के जरिए हम देखेंगे कि कैसे एक राजा जो कि अपनी क्रूरता के लिए जाना जाता था उसने यह शांति का मार्ग अपनाया और एक बेहतर एवं कुशल शासन की नींव रखी। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • सम्राट अशोक का जीवन परिचय नाम (Full Name) सम्राट अशोक प्रसिद्ध (Famous for) एक महान राजा के रूप में उपनाम(Other Name) सम्राट अशोक, अशोक दी ग्रेट, चंद्रशोक, देवनाम्प्रिया, प्रियदर्शी उपाधि (Degree) चक्रवर्ती सम्राट जन्म (Date Of Birth) 304 ईसा पूर्व जन्म स्थान (Birth Place) पाटलिपुत्र शासनकाल (Reign time) 269 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक रचनाएं (Creations) अशोक स्तंभ और अशोक चिन्ह वैवाहिक स्थिति (Marrital Status) विवाहित मृत्यु की तारीख (D...

सम्राट अशोक का सही इतिहास Hindi में

सम्राट अशोक का सही इतिहास | सम्राट अशोक की जीवनी:- मौर्य काल के बारे में मेगस्थनीज ने लिखा है कि भारतवर्ष के लोग कभी झूठ नहीं बोलते, मकानों में ताले नहीं लगाते और न्यायालयों में बहुत कम जाते हैं। निश्चित प्राचीन भारत के इतिहास में मौर्य काल स्वर्ण युग था। तब पाटलिपुत्र दुनिया के गिने – चुने प्राचीन नगरों में एक था। 1. जो जीता वह सिकंदर है ! जो सिकंदर को जिताया वह सिल्यूकस है!! और जो सिल्यूकस को भी जीता वह मौर्य है !!! पाटलिपुत्र के मध्य में मौर्यों का राजप्रासाद स्थित था। स्ट्रैबो ने लिखा है कि पाटलिपुत्र का राजभवन एशिया के प्रसिद्ध सूसा तथा एकबटना के राजभवन से कहीं अधिक शानदार था। जो लोग मौर्य कला पर ईरानी कला के प्रभाव के पक्षपाती हैं, उन्हें इसका जवाब खोजना चाहिए। मेगस्थनीज ने लिखा है कि मौर्यों के शाही महल के स्तंभों पर सोने की बेलें चढ़ी थीं …. चाँदी के पक्षियों को उन पर सजाया गया था। सोने – चाँदी से शाही महल सुसज्जित था। कोई पाँच सौ साल बाद आए चीनी यात्री फाहियान ने जब पाटलिपुत्र स्थित राजभवन को देखा, तब दंग रह गया, लिखा कि शहर के बीच शाही महल और उसके हाॅल पहले की तरह अब भी खड़े हैं। वह दाँतों तले ऊँगली दबाकर आश्चर्य व्यक्त किया कि ऐसा निर्माण – कार्य मानव – शक्ति के बूते की बात नहीं है। 3. सतयुग की अवधारणा क्या है? यहीं कि तब लोग सत्य बोलते थे। झूठ नहीं बोलते थे। चोरी- डकैती नहीं थी। घर में ताले नहीं लगते थे। लोग ईमानदार थे। आपस में भाई – चारे का नाता था। परस्पर झगड़ा – झंझट कम था। शांति थी। यदि प्राचीन भारत में ऐसी स्थिति की कोई कमोबेश झलक मिलती है तो वह मौर्य काल में मिलती है। मौर्य काल के बारे में मेगस्थनीज ने लिखा है कि भारत के लोग कभी झूठ नहीं बोलते, मकानों में...

अशोक

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सम्राट अशोक का इतिहास

अशोक इतिहास जीवन परिचय Samrat Ashok History In Hindi Biography story : मौर्य सम्राट अशोक अपने पिता के शासनकाल में प्रांतीय उपरत्या (प्रशासक) था. इससे उसे शासन करने का अनुभव मिला. मौर्य सम्राज्य के इतिहास के संबंध में सर्वाधिक अभिलेखीय प्रमाण सम्राट अशोक के ही काल में प्राप्त होते है. सम्राट अशोक के अभिलेखों में उसका नाम देवानां प्रियदर्शी राजा एवं अशोक लिखा हुआ है. अशोका सीरियल के जरिये इस महान राजा के जीवन को फिल्माया जा चूका है. कलिंग विजय के नरसंहार को देखकर अशोक ने कभी युद्ध न करने का फैसला किया था. सम्राट अशोक पहला शासक था जिसने अपने अभिलेखों के माध्यम से राज्य की प्रजा को संदेश पहुचाने का कार्य किया. अशोक 269 ई.पू. में मौर्य सम्राट बना था, तत्पश्चात अपने तीस वर्ष के शासनकाल में उसने लगभग सम्पूर्ण भारतवर्ष को अपने अधीन कर लिया था. मगध के पडौस में कलिंग का शक्तिशाली राज्य था, जिसे अशोक जितना चाहता था. इस कारण अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया. Telegram Group सम्राट अशोक के अभिलेख सम्पूर्ण भारतवर्ष के विभिन्न भागों में पाये जाते है, अशोक के अधिकतर अभिलेख प्राकृत भाषा में है, जो उस समय आम लोगों की भाषा थी. उत्तर पश्चिम में कुछ अभिलेख यूनानी भाषा में है, अधिकतर अभिलेख ब्राह्मी लिपि में है.लेकिन अन्य लिपियों में भी कुछ अभिलेख प्राप्त होते है. सम्राट अशोक की धार्मिक नीति ( samrat Ashoka religious policy) सम्राट अशोक स्वयं बौद्ध धर्म का अनुयायी था, परन्तु उसने सभी धर्मों के प्रति उदार नीति अपना रखी थी. उसने अच्छे आचरण पर बल दिया एवं पशु वध को दंडनीय घोषित कर दिया था. सम्राट अशोक का एक विशाल सम्राज्य था. इस सम्राज्य में विभिन्न सम्प्रदाय के लोग रहते थे. इन लोगों के बिच सद्भाव एवं ...

सम्राट अशोक की कुछ रहस्यमयी बातें जिसे आप शायद ही जानते हैं.

304 ईसापूर्व से 232 ईसापूर्व तक अखंड भारत के राजा रह चुके सम्राट अशोक के बारे में कई ऐसी जानकारियाँ आज भी लोगों को ज्ञात नहीं हैं, जो रहस्य से भरी हैं. अखंड भारत की स्थापना करने वाले प्रथम सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के पौत्र और सम्राट बिंदुसार के दुसरे पुत्र अशोक ही मौर्य वंश के आखरी शासक हुए. इतिहास की बात करे तो गुप्तवंश या जिसे मौर्यवंश भी कहते हैं भारत का सबसे बड़ा साम्राज्य हुआ. मौर्यवंश के दौरान ही भारत अपने स्वर्णिम दौर में था और जब सम्राट अशोक ने राज्य संभाला तो भारत उस वक्त दुनिया का सबसे समृद्ध देश हुआ करता था. सम्राट बिन्दुसार और रानी सुभ्द्रांगी के पुत्र अशोक को अपने सम्राट बनने के मार्ग में खुद के भाइयों से कई युद्ध करने पड़े थे, लेकिन सम्राट अशोक के शासन ने ही भारत को विश्वशक्ति के रूप में प्रस्तुत कर दिया था. सम्राट अशोक को देवनाप्रिय भी कहा जाता था. इस शब्द का सही अर्थ देवों का अप्रिय होने वाला होता हैं. सम्राट अशोक को पुरे भारतीय इतिहास में सबसे हिंसक राजा माना जाता हैं इसलिए उन्हें देवनाप्रिय कहा जाने लगा. लेकिन कलिंग में हुए सबसे क्रूर युद्ध के बाद सम्राट अशोक ने अहिंसा की ओर कदम बढ़ा कर बौद्ध धर्म के अनुयायी बन गए थे. अपने शासन काल में सम्राट अशोक ने ऐसे कई नए कार्य किये जो काफी रहस्यमयी रहे, जिसकी जानकारी बहुत कम लोगों को ही हैं. आईएं जानते हैं सम्राट अशोक के कुछ रहस्य- 1. नौ रत्न- कहते हैं कि सम्राट अशोक ने ही अपनी सभा में नौ रत्न रखने की परंपरा की शुरुआत की थी, जिसका पालन आगे कई राजा भी करने लगे. सबसे प्रसिद्ध मुग़ल राजा अकबर ने सम्राट अशोक की कई नीतियों को अपने शासनकाल में अपनाया था. नौ रत्न की इस परंपरा में रहने वाले लोग कई तरह के विचारक और विद्वान हुआ क...

सम्राट अशोक का इतिहास

अशोक इतिहास जीवन परिचय Samrat Ashok History In Hindi Biography story : मौर्य सम्राट अशोक अपने पिता के शासनकाल में प्रांतीय उपरत्या (प्रशासक) था. इससे उसे शासन करने का अनुभव मिला. मौर्य सम्राज्य के इतिहास के संबंध में सर्वाधिक अभिलेखीय प्रमाण सम्राट अशोक के ही काल में प्राप्त होते है. सम्राट अशोक के अभिलेखों में उसका नाम देवानां प्रियदर्शी राजा एवं अशोक लिखा हुआ है. अशोका सीरियल के जरिये इस महान राजा के जीवन को फिल्माया जा चूका है. कलिंग विजय के नरसंहार को देखकर अशोक ने कभी युद्ध न करने का फैसला किया था. सम्राट अशोक पहला शासक था जिसने अपने अभिलेखों के माध्यम से राज्य की प्रजा को संदेश पहुचाने का कार्य किया. अशोक 269 ई.पू. में मौर्य सम्राट बना था, तत्पश्चात अपने तीस वर्ष के शासनकाल में उसने लगभग सम्पूर्ण भारतवर्ष को अपने अधीन कर लिया था. मगध के पडौस में कलिंग का शक्तिशाली राज्य था, जिसे अशोक जितना चाहता था. इस कारण अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया. Telegram Group सम्राट अशोक के अभिलेख सम्पूर्ण भारतवर्ष के विभिन्न भागों में पाये जाते है, अशोक के अधिकतर अभिलेख प्राकृत भाषा में है, जो उस समय आम लोगों की भाषा थी. उत्तर पश्चिम में कुछ अभिलेख यूनानी भाषा में है, अधिकतर अभिलेख ब्राह्मी लिपि में है.लेकिन अन्य लिपियों में भी कुछ अभिलेख प्राप्त होते है. सम्राट अशोक की धार्मिक नीति ( samrat Ashoka religious policy) सम्राट अशोक स्वयं बौद्ध धर्म का अनुयायी था, परन्तु उसने सभी धर्मों के प्रति उदार नीति अपना रखी थी. उसने अच्छे आचरण पर बल दिया एवं पशु वध को दंडनीय घोषित कर दिया था. सम्राट अशोक का एक विशाल सम्राज्य था. इस सम्राज्य में विभिन्न सम्प्रदाय के लोग रहते थे. इन लोगों के बिच सद्भाव एवं ...

सम्राट अशोक की कुछ रहस्यमयी बातें जिसे आप शायद ही जानते हैं.

304 ईसापूर्व से 232 ईसापूर्व तक अखंड भारत के राजा रह चुके सम्राट अशोक के बारे में कई ऐसी जानकारियाँ आज भी लोगों को ज्ञात नहीं हैं, जो रहस्य से भरी हैं. अखंड भारत की स्थापना करने वाले प्रथम सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के पौत्र और सम्राट बिंदुसार के दुसरे पुत्र अशोक ही मौर्य वंश के आखरी शासक हुए. इतिहास की बात करे तो गुप्तवंश या जिसे मौर्यवंश भी कहते हैं भारत का सबसे बड़ा साम्राज्य हुआ. मौर्यवंश के दौरान ही भारत अपने स्वर्णिम दौर में था और जब सम्राट अशोक ने राज्य संभाला तो भारत उस वक्त दुनिया का सबसे समृद्ध देश हुआ करता था. सम्राट बिन्दुसार और रानी सुभ्द्रांगी के पुत्र अशोक को अपने सम्राट बनने के मार्ग में खुद के भाइयों से कई युद्ध करने पड़े थे, लेकिन सम्राट अशोक के शासन ने ही भारत को विश्वशक्ति के रूप में प्रस्तुत कर दिया था. सम्राट अशोक को देवनाप्रिय भी कहा जाता था. इस शब्द का सही अर्थ देवों का अप्रिय होने वाला होता हैं. सम्राट अशोक को पुरे भारतीय इतिहास में सबसे हिंसक राजा माना जाता हैं इसलिए उन्हें देवनाप्रिय कहा जाने लगा. लेकिन कलिंग में हुए सबसे क्रूर युद्ध के बाद सम्राट अशोक ने अहिंसा की ओर कदम बढ़ा कर बौद्ध धर्म के अनुयायी बन गए थे. अपने शासन काल में सम्राट अशोक ने ऐसे कई नए कार्य किये जो काफी रहस्यमयी रहे, जिसकी जानकारी बहुत कम लोगों को ही हैं. आईएं जानते हैं सम्राट अशोक के कुछ रहस्य- 1. नौ रत्न- कहते हैं कि सम्राट अशोक ने ही अपनी सभा में नौ रत्न रखने की परंपरा की शुरुआत की थी, जिसका पालन आगे कई राजा भी करने लगे. सबसे प्रसिद्ध मुग़ल राजा अकबर ने सम्राट अशोक की कई नीतियों को अपने शासनकाल में अपनाया था. नौ रत्न की इस परंपरा में रहने वाले लोग कई तरह के विचारक और विद्वान हुआ क...

सम्राट अशोक का जीवन परिचय, इतिहास

सम्राट अशोक का जीवन परिचय, जीवनी, जन्म, परिवार, साम्राज्य, रानियां, कलिंग का युद्ध, बौद्ध धर्म (Samrat Ashok Biography In Hindi, Wiki, सम्राट अशोक विश्व प्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के एक महान सम्राट थे, बौद्ध धर्म को संरक्षण देने वाले प्रतापी राजा अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिया अशोक था जिसका अर्थ होता है देवताओं का प्रिय। उनका राज्य उत्तर में हिंदूकुश, तक्षशिला की श्रेणियों से लेकर गोदावरी नदी, स्वर्ण गिरी पहाड़ी के दक्षिण तथा मैसूर तक एवं पूर्व में बंगाल पाटलिपुत्र से पश्चिम में अफगानिस्तान, ईरान, बलूचिस्तान तक पहुंच गया था। उन्हें चक्रवर्ती सम्राट अशोक भी कहा जाता है जिसका अर्थ है सम्राटों का सम्राट और यह स्थान भारत में केवल सम्राट अशोक को ही मिला है। इसके साथ ही उन्हें अपने विस्तृत साम्राज्य के बेहतर व कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भी जाना जाता है। आज की अपने लेख सम्राट अशोक का जीवन परिचय (Samrat Ashok Biography In Hindi) के जरिए हम देखेंगे कि कैसे एक राजा जो कि अपनी क्रूरता के लिए जाना जाता था उसने यह शांति का मार्ग अपनाया और एक बेहतर एवं कुशल शासन की नींव रखी। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • सम्राट अशोक का जीवन परिचय नाम (Full Name) सम्राट अशोक प्रसिद्ध (Famous for) एक महान राजा के रूप में उपनाम(Other Name) सम्राट अशोक, अशोक दी ग्रेट, चंद्रशोक, देवनाम्प्रिया, प्रियदर्शी उपाधि (Degree) चक्रवर्ती सम्राट जन्म (Date Of Birth) 304 ईसा पूर्व जन्म स्थान (Birth Place) पाटलिपुत्र शासनकाल (Reign time) 269 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक रचनाएं (Creations) अशोक स्तंभ और अशोक चिन्ह वैवाहिक स्थिति (Marrital Status) विवाहित मृत्यु की तारीख (D...