समस्त

  1. समास
  2. Samas class 10th ( हिंदी व्याकरण ) समास किसे कहते हैं और उसके भेद what is samas in hindi
  3. RBSE Class 10 Hindi व्याकरण समास – RBSE Guide
  4. मतदाता में कौन सा समास है?
  5. Class 7 Hindi Vyakaran Chapter 25 Samaas Vigrah (For CBSE 2023


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समास

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Samas class 10th ( हिंदी व्याकरण ) समास किसे कहते हैं और उसके भेद what is samas in hindi

what is samas in hindi : समास क्या है ( samas in hindi ) ( what is samas in hindi समास क्या है ? परिभाषा — दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मिलने पर जो एक नया स्वतंत्र पद बनता है, उसे समस्तपद तथा इस प्रक्रिया को समास कहते हैं। समास होने पर बीच की विभक्तियों, शब्दों तथा ‘और’ आदि अव्ययों का लोप हो जाता है। समास की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं – 1. समास में दो पदों का योग होता है। 2. दो पद मिलकर एक पद का रूप धारण कर लेते हैं। 3.दो पदों के बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। 4. दो पदों में कभी पहला पद प्रधान और कभी दूसरा पद प्रधान होता है। कभी दोनों पद प्रधान होते हैं। 5. समास होने पर संधि भी हो सकती है, किन्तु ऐसा अनिवार्य नहीं है। समास तथा संधि में अन्तर समास तथा संधि में अन्तर —समास में दो पदों का योग होता है और संधि में दो वर्णों का। ये दोनों वर्ण भिन्न-भिन्न पदों के होते हैं। अतः, संधि होने पर दो वर्गों के संयोग से दोनों पद भी मिल जाते हैं । इस प्रकार समास वाले पदों में संधि और संधि वाले पदों में समास हो सकता है। जैसे—’पीताम्बर’ में दो पद हैं ‘पीत’ और ‘अम्बर’। संधि करने पर ‘पीत + अम्बर = पीताम्बर’ और समास करने पर ‘पीत है जो . अम्बर’ = ‘पीताम्बर’ होगा। विशेष — संधि केवल तत्सम शब्दों में होती है, परन्तु समास हिन्दी शब्दों में भी होता है। अतः हिन्दी शब्दों में समासः करते समय संधि की आवश्यकता नहीं पड़ती। संधि में वर्णों को तोड़ने की क्रिया को ‘विच्छेद’ कहते हैं और समास में पदों के तोड़ने की क्रिया को ‘विग्रह’ कहते हैं। समस्तपद —दो या दो से अधिक मिले हुए पदों को समस्तपद कहते हैं। यथा – राजमार्ग दशानन राजपुत्र यथाशक्ति समासविग्रह –दो या दो से अधिक मिले हुए पदों को पृथक् करना समास-विग्रह ...

RBSE Class 10 Hindi व्याकरण समास – RBSE Guide

Rajasthan Board RBSE Class 10 Hindi व्याकरण समास ‘समास’ का अर्थ है-शब्दों को पास-पास बिठाना, जिससे कम शब्दों प्रयोग करके अधिक अर्थ प्राप्त किया जा सके। ऐसा करने के लिए पदों में प्रयुक्त परसर्ग चिह्न हटा लिये जाते हैं तथा विग्रह करते समय उन्हीं परसर्ग चिहनों को पुनः लगा लिया जाता है। जैसे-‘पाठ के लिए शाला’ इस पद से परसर्ग चिहन के लिए हटा लेने पर ‘पाठशाला’ शेष बचता है। इसे समस्त पद कहते हैं। विग्रह करते समय इस समस्त पद में पुनः परसर्ग चिह्न लगा देते हैं। संक्षिप्तता की दृष्टि से ‘समास’ अत्यन्त उपयोगी है। “दो या दो से अधिक शब्दों के विभक्ति चिह्नों आदि का लोप करके शब्दों के मेल से बना हुआ पद ‘समस्त पद’ कहलाता है। “विभक्ति विहीन दो या दो से अधिक शब्दों के सार्थक योग को समास समास युक्त पद को समस्त पद’ कहते हैं। विग्रह करने पर समस्त पद के दो या दो से अधिक शब्द बन जाते हैं। इनमें विभक्ति-चिह्न लगाकर अर्थ ग्रहण किया जाता है। जैसे समास के भेद समास के निम्नलिखित भेद हैं (1) अव्ययीभाव समास, (2) तत्पुरुष समास, (3) कर्मधारय समास, (4) द्विगु समास, (5) द्वन्द्व समास, (6) बहुव्रीहि समास। (1) अव्ययीभाव समास जिस समस्त पद का पहला पद अव्यय हो तो जिससे समस्त पद भी अव्यय बन जाए, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं जैसे (2) तत्पुरुष समास तत्पुरुष समास में द्वितीय पद प्रधान होता है। तत्पुरुष समास के उपभेद, पूर्वपद में लगे हुए कारक चिह्नों के नाम से किये जाते हैं। जैसे-कर्म के कारक चिह्न ‘को’ का लोप करने से बने समास को कर्म तत्पुरुष कहा जाता है। कर्म तत्पुरुष (को) अपादान तत्पुरुष (‘से’ अलग होने के अर्थ में का लोप) (3) कर्मधारय समास इसे समास में भी दूसरा पद (उत्तर पद) प्रधान होता है, किन्तु पहला पद (पूर्वप...

मतदाता में कौन सा समास है?

मतदाता शब्द में समास ( Matdaata Mein Kaun sa Samas Hai) मतदाता में प्रयुक्त समास का नाम क्या है? मतदाता में सम्बन्ध तत्पुरुष समास है। Matdaata Mein Kaun sa Samas Hai? Matadaata Shabd mein sambandh Tatpurush Samas Hai. मतदाता का समास विग्रह क्या है? मतदाता का समास मत का दाता Matdaata ka Samas Vigrah kya hai? Mat ka daata मत का दाता का समस्त पद है? मतदाता विषय सूची • • • • • • • तत्पुरुष की परिभाषा तत्पुरुष समास उसे कहा जाता है, जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है। ऐसे सभी वाक्य जिसमें प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है। इस तरह के शब्द तत्पुरुष समास के अंतर्गत आते है। इनका उच्चारण करते समय विभक्ति का लोप हो जाता है। तत्पुरुष समास की पहचान इसने आने वाले शब्दों कारक चिन्हों को, से, के लिए, से और का/के/की आदि का लोप होता है। तत्पुरुष समास में कौन सा पद प्रधान होता है? तत्पुरुष समास में उत्तरपद प्रधान होता है और प्रथम पद गौण होता है। इसमें लिए गए शब्दों में उत्तर पद की प्रधानता होती है व इनका मुख्य अर्थ होता है। वह सभी शब्द जिसमे समास करते वक़्त विभक्ति का लोप होता है। तत्पुरुष समास के बारे में विस्तार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें कुछ अन्य उदहारण • मूर्तिकार – मूर्ति बनाने वाला। • कालजयी – काल को जीतने वाला। • राजद्रोही – राजा के साथ धोखा करने वाला । • आत्मघाती – स्वयं की मारने वाला। • मांसाहारी – मांस का सेवन करने वाला। • परलोकगमन: अन्य लोक में चले जाना। • शरणागत: शरण में आया हुआ। • आशातीत: जो आशा को लाँघकर गया हो। • गगनचुम्बी: गगन को चूमने वाला अर्थात ज्यादा ऊंचाई पर होना। • रथचालक: रथ को चलाने वाला। तत्पुरुष समास का विग्रह समस्त पद विग्रह शोकाकुल शौक से आकुल वाल्...

Class 7 Hindi Vyakaran Chapter 25 Samaas Vigrah (For CBSE 2023

Class 7 Hindi Grammar Chapter 25 समास (Samaas). Learn here about Samaas and Samaas ke Bhed with Samaas Vichchhed updated for academic session 2023-2024. These contents of Class 7 Hindi Vyakaran are useful not only for CBSE board but for the State boards also. Practice here, examples and explanations of each topic related to Sammas in standard seven Hindi Vyakaran to score well in school exams. उपर्युक्त वाक्यों से स्पष्ट होता है कि यहाँ दो या दो से अधिक पद बिना कारक-चिह्नों के ही आपस में जुड़ गए हैं। समस्त-पद समास रचना में दो या दो से अधिक पद होते हैं। पहले पद को “पूर्व पद” कहते हैं और दूसरे पद को “उत्तर पद” कहते हैं। इन दोनों पदों के मेल से एक नया शब्द बनता है जिसे “समस्त पद” कहते हैं। कुछ लोग संधि और समास को एक ही मान लेते हैं, लेकिन यह गलत है। संधि और समास में निम्नलिखित अंतर हैं: • 1. संधि का अर्थ है- मेल, जबकि समास...

Samas(Compound)

Samas(Compound)(समास) समास(Compound) की परिभाषा- अनेक शब्दों को संक्षिप्त करके नए शब्द बनाने की प्रक्रिया समास कहलाती है। दूसरे अर्थ में- कम-से-कम शब्दों में अधिक-से-अधिक अर्थ प्रकट करना 'समास' कहलाता है। अथवा, दो या अधिक शब्दों (पदों) का परस्पर संबद्ध बतानेवाले शब्दों अथवा प्रत्ययों का लोप होने पर उन दो या अधिक शब्दों से जो एक स्वतन्त्र शब्द बनता है, उस शब्द को सामासिक शब्द कहते है और उन दो या अधिक शब्दों का जो संयोग होता है, वह समास कहलाता है। • समास में कम-से-कम दो पदों का योग होता है। • वे दो या अधिक पद एक पद हो जाते है: 'एकपदीभावः समासः'। • समास में समस्त होनेवाले पदों का विभक्ति-प्रत्यय लुप्त हो जाता है। • समस्त पदों के बीच सन्धि की स्थिति होने पर सन्धि अवश्य होती है। यह नियम संस्कृत तत्सम में अत्यावश्यक है। • समास की प्रक्रिया से बनने वाले शब्द को समस्तपद कहते हैं; जैसे- देशभक्ति, मुरलीधर, राम-लक्ष्मण, चौराहा, महात्मा तथा रसोईघर आदि। • समस्तपद का विग्रह करके उसे पुनः पहले वाली स्थिति में लाने की प्रक्रिया को समास-विग्रह कहते हैं; जैसे- देश के लिए भक्ति; मुरली को धारण किया है जिसने; राम और लक्ष्मण; चार राहों का समूह; महान है जो आत्मा; रसोई के लिए घर आदि। • समस्तपद में मुख्यतः दो पद होते हैं- पूर्वपद तथा उत्तरपद। पहले वाले पद को पूर्वपद कहा जाता है तथा बाद वाले पद को उत्तरपद; जैसे- पूजाघर(समस्तपद) - पूजा(पूर्वपद) + घर(उत्तरपद) - पूजा के लिए घर (समास-विग्रह) राजपुत्र(समस्तपद) - राजा(पूर्वपद) + पुत्र(उत्तरपद) - राजा का पुत्र (समास-विग्रह) समास के भेद समास के मुख्य सात भेद है:- (1)तत्पुरुष समास ( Determinative Compound) (2)कर्मधारय समास (Appositional Compound) (3)द्विगु ...