सनातन धर्म का इतिहास

  1. सनातन धर्म का इतिहास बताएं? » Sanatan Dharm Ka Itihas Bataye
  2. सनातन धर्म का जन्म कब हुआ था? – ElegantAnswer.com
  3. हिन्दू धर्म का इतिहास
  4. Sanatan Dharm in Hindi


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सनातन धर्म का इतिहास बताएं? » Sanatan Dharm Ka Itihas Bataye

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। जय राम जी की जहां तक सनातन धर्म की बात है पहले यह समझ लीजिए सनातन धर्म कहते किसे जो आदि से अंत तक चलता रहे उसे ही सनातन कहते हैं जिसका कभी पता जब सृष्टि की रचना हुई और सृष्टि पर अग्निदेव आयु दे वरुण देव 4 देवता जो है सूर्य देव इस पृथ्वी पर मनुष्य की रक्षा हेतु रह गए सभी देवता अपने अपने स्थान को जाने लगे तो इन चारों देशों ने पूछा कि हमारा अधिपति क्या रहेगा तो भगवान ने कहा कि जब तक इस सृष्टि पर लोग रहेंगे सोच की आराधना अवश्य करेंगे इसलिए चाहे वह भारत के हिंदू हो या विश्व का कोई भी देश हो सूरज को नमन सूरज को आह्लादित सभी करते हैं पवन देव पवन देव की आराधना कोई भी व्यक्ति किसी भी भाषा का हो किसी भी मजहब का हो किसी भी देश का हो वरुण देवता को स्वच्छ रखने के लिए अथक प्रयास करते हैं और जल की क्या महत्व है समझते हैं अपने भारतीय संस्कृति में तो जो है वरुण देवता की प्रधानता इतनी है कि कोई भी हो कलर्स का पूजन अवश्य होता है तो वरुण देव को इस प्रकार से आज भी पसंद किया जाता है किसी भी पूजा में दीपक अवश्य जलाया जाता है तो सूरज को इस प्रकार से प्रसन्न किया जाता है पवन देव को आज भी किसी न किसी पूजा में ध्वजा जरूर होगा लगाया जाता है अब जितने भी मंदिर या कोई भी आप उत्तर देखेंगे तो उसमें ध्वज पताका अवश्य दुआ करते हैं तो यह गुरु यह पवन देव का प्रमाण है और उनको प्रसन्नता देते हैं इसी तरह से अग्नि देव सूर्य देव पवन देव और वरुण देव सब क्या महत्व कहीं न कहीं है सनातन धर्म है रहेगा और उसके जितने भी वेद वेदांत हैं सबको अक्षण कीर्तिमान स्थापित है इस सृष्टि में हम हो आप हो ना हो लेकिन इ...

सनातन धर्म का जन्म कब हुआ था? – ElegantAnswer.com

सनातन धर्म का जन्म कब हुआ था? इसे सुनेंरोकेंपौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिन्दू धर्म 90 हजार वर्ष पुराना बताया जाता है । हिन्दू धर्म में सबसे पहले 9057 ईसा पूर्व, स्वायंभुव मनु हुए, 6673 ईसा पूर्व में वैवस्वत मनु हुए, भगवान श्रीराम का जन्म 5114 ईसा पूर्व और श्रीकृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व बताया जाता हैं । प्राचीन भारत कब से कब तक माना जाता है? इसे सुनेंरोकेंमानव के उदय से लेकर दसवीं सदी तक के भारत का इतिहास, प्राचीन भारत का इतिहास कहलाता है। सनातन धर्म की उत्पत्ति कब और कैसे हुई? इसे सुनेंरोकेंसनातन धर्म जिसे हिन्दू धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहा जाता है और यह १९६०८५३११० साल का इतिहास हैं। भारत (और आधुनिक पाकिस्तानी क्षेत्र) की सिन्धु घाटी सभ्यता में हिन्दू धर्म के कई चिह्न मिलते हैं। इनमें एक अज्ञात मातृदेवी की मूर्तियाँ, शिव पशुपति जैसे देवता की मुद्राएँ, लिंग, पीपल की पूजा, इत्यादि प्रमुख हैं। अफगानिस्तान पुराना नाम क्या था? इसे सुनेंरोकें17वीं सदी तक अफगानिस्तान नाम का कोई राष्ट्र नहीं था। अफगानिस्तान नाम का विशेष-प्रचलन अहमद शाह दुर्रानी के शासन-काल (1747-1773) में ही हुआ। इसके पूर्व अफगानिस्तान को आर्याना, आर्यानुम्र वीजू, पख्तिया, खुरासान, पश्तूनख्वाह और रोह आदि नामों से पुकारा जाता था जिसमें गांधार, कम्बोज, कुंभा, वर्णु, सुवास्तु आदि क्षेत्र थे। हिन्दू धर्म का सबसे प्राचीन धर्मशास्त्र कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंपहले चार वेद रचे गए, जिनमें ऋग्वेद प्रथम था। उसके बाद उपनिषद जैसे ग्रन्थ आए। हिन्दू मान्यता के अनुसार वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थ अनादि, नित्य हैं, ईश्वर की कृपा से अलग-अलग मन्त्रद्रष्टा ऋषियों को अलग-अलग ग्रन्थों का ज्ञान प्राप्त हुआ जिन्होंने फिर उन्हें लिपिबद्ध किय...

हिन्दू धर्म का इतिहास

हिंदू धर्म की उत्पत्ति पूर्व आर्यों की अवधारणा में है जो 4500 ई.पू. धार्मिक साहित्य अनुसार हिंदू समुदाय की कुछ और भी धारणाएँ हैं। हिंदू समुदाय के इतिहास ग्रंथ पढ़ें तो ऋषि-मुनियों की परम्परा के पूर्व हालांकि इतिहासकारों की मानें तो हिन्दू समुदाय का प्रारम्भ सिन्धु घाटी की सभ्यता (5000 वर्ष पूर्व) समानांतर/उपरांत से माना जाता है, वहीं ग्रंथों में लिखित दस्तावेज़ इससे कहीं आगे की बात करते हैं। परन्त कोई भी तथ्य सत्यता पर आधारित नहीं माने जाते है इसके साथ ही अनेक साक्ष्य कभी कभी इतिहासवेत्ताओं के पसीेने छुड़ा देते हैं। उदाहरणार्थ सन् 2019 में प्राप्त श्रीराम के 6000 वर्ष प्राचीन भित्तिचित्र जो ईराक में मिले इतिहासकारों के अनुसार दिये गए मत निम्न हैं हालांकि इनमें बहुंत मतभेद होते रहते हैं। अनुक्रम • 1 पहला चरण • 2 दूसरा चरण • 3 तीसरा चरण • 4 चौथा चरण • 5 पांचवां चरण • 6 छठी चरण • 7 सातवें चरण • 8 पहला चरण • 9 दूसरा चरण • 10 तीसरा चरण • 11 चौथा चरण • 12 पांचवां चरण • 13 छठी चरण • 14 सातवें चरण • 15 इन्हें भी देखें • 16 सन्दर्भ • 17 बाहरी कड़ियाँ पहला चरण [ ] लगभग ५००० साल पहले, सन्दर्भ त्रुटि: उद्घाटन टैग खराब है या उसका नाम खराब है. जो ईंट शहरों की विशेषता है, जो लगभग एक हजार वर्षों से सन्दर्भ त्रुटि: उद्घाटन टैग खराब है या उसका नाम खराब है. समतल इन शहरों में, हम उन चित्रों के साथ मिट्टी की जवानों को खोजते हैं जो वर्तमान हिंदू प्रकृति की बहुत अधिक हिस्सा हैं जैसे पाइपल वृक्ष, बैल, सन्दर्भ त्रुटि: उद्घाटन टैग खराब है या उसका नाम खराब है. दूसरा चरण [ ] ३५०० साल पहले, सन्दर्भ त्रुटि: उद्घाटन टैग खराब है या उसका नाम खराब है. कुछ हिंदुत्व के अधिवक्ताओं पूरी तरह असहमत हैं और जो...

Sanatan Dharm in Hindi

श्रीमद् भागवत गीता श्री कृष्ण के जन्म से पहले नहीं थी तो कृष्ण भक्ति सनातन नहीं है। देवी पुराण के अनुसार शक्ति ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश को बनाया तो यहां भी ब्रह्मा, विष्णु और महेश की भक्ति सनातन नहीं है। गणेश पूजा भी सनातन नहीं है क्योंकि गणेश जन्म से पूर्व गणेश का कोई अस्तित्व नहीं था। फिर सनातन क्या है जिसका हम जयघोष करते हैं। • • • 12.1. Related सनातन की परिभाषा | Sanatan Kya Hai? सनातन सत्य है। जो लगातार है निरंतर है जो कभी खत्म होने वाला नहीं है वही सनातन है। प्रश्न यह है की लगातार या निरंतर क्या है? लगातार प्राकृति है,अस्तित्व है जो लगातार और निरंतर है। प्राकृति में जो अहमवृति है वह है लगातार। प्रकृति का अस्तित्व आदि से है और निरंतर है। अस्तित्व का मतलब ही प्रकृति है। इसके रूप समय के अनुसार बदलते रहते हैं लेकिन उसकी मौजूदगी हमेशा बनी रहती है। अस्तित्व को कुछ पाना होता है, उसे किसी की खोज रहती है उसे किसी को पाना है या यूं कहे तो समय के प्रारंभ से ही उसे कुछ चाहिए होता है। जिसके लिए वो अशांत है, बेचैन है और प्यासी है और यही बेचैनी अहम वृत्ति है। तो कहा जाएगा कि धर्म उसी के लिए है और किसी के लिए नहीं। धर्म का मतलब वह सब कुछ है जो अहमवृती को शांति तक ले जाए। समय का कोई भी क्षण हो वर्तमान, भूत या भविष्य उन सब चरणों में एक की मौजूदगी अवश्य रहती है और वह है अहम वृति की। जैसे उसकी मौजूदगी निरंतर है वैसे ही उसका धर्म निरंतर है। तुम वह करो जो तुम्हें शांति तक ले जाए वहीं सनातन धर्म हैं। जो अपरिवर्तनशील है वही सनातन है। सनातन का अर्थ क्या है? हम लोगों ने उन सब चीजों को सनातन बना दिया जो सनातन है ही नहीं। आचार, विचार, व्यवहार की बातों को हम ने सनातन मान लिया, जो सनातन नहीं है...