सप्तपुरी के नाम

  1. द्वारका
  2. सप्त पुरी की खोज: भारत के सात पवित्र शहर
  3. इक्यावन शक्ति पीठ, बारह ज्योतिर्लिंग, सात सप्तपुरी और चार धाम। इक्यावन शक्ति पीठों के राज्यवार नाम बताएँगे।
  4. 150 'ख' अक्षर से हिन्दू लड़कियों के नाम अर्थ सहित
  5. सप्तपुरी तीर्थ की सम्पूर्ण जानकारी
  6. सप्तपुरी हिन्दुओं के सात मोक्ष स्तम्भ
  7. 209+ Flowers name in Hindi
  8. सप्तपुरी में अयोध्या: परम पावन मुक्ति स्थल


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द्वारका

अनुक्रम • 1 विवरण • 2 निकटवर्ती तीर्थ • 3 शारदा मठ • 4 चक्र तीर्थ • 5 कैलाश कुण्ड • 6 गोपी तालाब • 7 बेट द्वारका • 8 रणछोड़ जी मंदिर • 9 शंख तालाब • 10 इन्हें भी देखें • 11 बाहरी कड़ियां • 12 सन्दर्भ विवरण [ ] द्वारका एक अति-महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थल है। धुनिक द्वारका एक शहर है। कस्बे के एक हिस्से के चारों ओर चहारदीवारी खिंची है इसके भीतर ही सारे बड़े-बड़े काफी समय से जाने-माने शोधकर्ताओं ने श्रीकृष्ण मथुरा में उत्पन्न हुए, पर राज उन्होने द्वारका में किया। यहीं बैठकर उन्होने सारे देश की बागडोर अपने हाथ में संभाली। पांड़वों को सहारा दिया। धर्म की जीत कराई और, शिशुपाल और दुर्योधन जैसे अधर्मी राजाओं को मिटाया। द्वारका उस जमाने में राजधानी बन गई थीं। बड़े-बड़े राजा यहां आते थे और बहुत-से मामले में भगवान श्रीकृष्ण की सलाह लेते थे। इस जगह का धार्मिक महत्व तो है ही, रहस्य भी कम नहीं है। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण की मृत्यु के साथ उनकी बसाई हुई यह नगरी समुद्र में डूब गई। आज भी यहां उस नगरी के अवशेष मौजूद हैं। द हिन्दू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1963 में सबसे पहले द्वारका नगरी का ऐस्कवेशन डेक्कन कॉलेज पुणे, डिपार्टमेंट ऑफ़ आर्कियोलॉजी और गुजरात सरकार ने मिलकर किया था. इस दौरान करीब 3 हजार साल पुराने बर्तन मिले थे। इसके तकरीबन एक दशक बाद आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया कि अंडर वॉटर आर्कियोलॉजी विंग को समंदर में कुछ ताम्बे के सिक्के और ग्रेनाइट स्ट्रक्चर भी मिले निकटवर्ती तीर्थ [ ] गोमती द्वारका द्वारका के दक्षिण में एक लम्बा ताल है। इसे 'गोमती तालाब' कहते है। इसके नाम पर ही द्वारका को गोमती द्वारका कहते है। निष्पाप कुण्ड इस गोमती तालाब के ऊपर नौ घाट है। इनमें सरकारी घाट के पास एक कुण्...

सप्त पुरी की खोज: भारत के सात पवित्र शहर

काफी लोगो को यह नहीं पता है की सप्तपुरी, जिन्हें सात पवित्र शहरों के नाम से भी जाना जाता है, हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र और श्रद्धालु तीर्थस्थलो में से एक हैं। ऐसा माना जाता है की इन शहरों को देवताओं से आशीर्वाद मिला है और इनका दावा है कि जो भी इन शहरों के दर्शन करता है, उसे आध्यात्मिक ज्ञान मिलता है। हर शहर अपने अनूठे महत्व और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है, जिसमें प्राचीन मंदिर, पवित्र नदियां और अन्य पवित्र स्थल शामिल होते हैं जो हर साल लाखों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। आप चाहे एक भक्तिमय हिंदू हों या सिर्फ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जानने के लिए उत्सुक हों, प्तपुरी का दौरा एक ऐसी अनुभव है जिसे आपको अपनी ज़िन्दगी में एक बार ज़रूर करना चाहिए। निष्कर्ष 1. अयोध्या अयोध्या शहर हिंदू धर्म में सप्त पुरियों में से एक है। हिंदू पौराणिक कहानियों की माने तो, अयोध्या को हिंदू धर्म के सबसे पूजनीय देवताओं में से एक भगवान राम का जन्मस्थान माना जाता है। यह शहर उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से में सरयू नदी के किनारे स्थित है। अयोध्या हिंदुओं के लिए शांतिपूर्ण और महत्वपूर्ण तीर्थस्थान है। आपको शहर में राम जन्मभूमि मंदिर के साथ – साथ कई मंदिर और पवित्र स्थल मिलेंगे, जो हिंदुओं के लिए तीर्थ यात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थान हैं। अगर आप किस मंदिर के इतिहास पर ध्यान दे तो आपको पता चलेगा की यह मंदिर 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। राम जन्मभूमि मंदिर के अलावा, अयोध्या में और भी महत्वपूर्ण मंदिर भी हैं। इनमें एक हनुमान गढ़ी मंदिर है जो श्री हनुमान को समर्पित है इसके अलावा भगवान शिव को समर्पित नागेश्वरनाथ मंदिर है, और कनक भवन मंदिर है जो भगवान राम और उनकी पत्नी सीता क...

इक्यावन शक्ति पीठ, बारह ज्योतिर्लिंग, सात सप्तपुरी और चार धाम। इक्यावन शक्ति पीठों के राज्यवार नाम बताएँगे।

हमारा देश भारत में यूँ तो अनेकों तीर्थ है पर इनमें जो सबसे प्रमुख माने जाते है वो है इक्यावन शक्ति पीठ, बारह ज्योतिर्लिंग, सात सप्तपुरी और चार धाम। आज हम अपनी इस पोस्ट में आपको इन सभी जगहों के बारे में जानकारी देंगे तथा इक्यावन शक्ति पीठों के राज्यवार नाम बताएँगे। 12 ज्योतिर्लिंग : धरती पर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग माने गए हैं।  हिंदू धार्मिक पुराणों के अनुसार इन्हीं 12 जगहों पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए। • सोमनाथ यह शिवलिंग गुजरात के सौराष्ट्र में स्थापित है। • श्री शैल मल्लिकार्जुन मद्रास में कृष्णा नदी के किनारे पर्वत पर स्थापित है श्री शैल मल्लिकार्जुन शिवलिंग। 3. महाकाल उज्जैन में स्थापित महाकालेश्वर शिवलिंग, जहां शिवजी ने दैत्यों का नाश किया था। 4. ओंकारेश्वर ममलेश्वर मध्यप्रदेश के धार्मिक स्थल ओंकारेश्वर में नर्मदा तट पर पर्वतराज विंध्य की कठोर तपस्या से खुश होकर वरदान देने यहां प्रकट हुए थे शिवजी। जहां ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापित हो गया। 5. नागेश्वर गुजरात के दारूका वन के निकट स्थापित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग। 6. बैद्यनाथ झारखंड के देवघर में बैद्यनाथ धाम में स्थापित शिवलिंग। 7. भीमशंकर महाराष्ट्र की भीमा नदी के किनारे स्थापित भीमशंकर ज्योतिर्लिंग। 8. त्र्यंम्बकेश्वर नासिक (महाराष्ट्र) से 25 किलोमीटर दूर त्र्यंम्बकेश्वर में स्थापित ज्योतिर्लिंग। 9. घुष्मेश्वर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एलोरा गुफा के समीप वेसल गांव में स्थापित घुष्मेश्वर ज्योतिर्लिंग। 10. केदारनाथ हिमालय का दुर्गम केदारनाथ ज्योतिर्लिंग। उत्तराखंड में स्थित है। 11. विश्वनाथ बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग। 12. रामेश्वरम्‌ त्रिचनापल्ली (मद...

150 'ख' अक्षर से हिन्दू लड़कियों के नाम अर्थ सहित

घर में बेटी का आगमन मतलब खुशियों का ओवरडोज। जब भी घर में बेटी आती है, तब वह अकेले नहीं आती, बल्कि अपने साथ बहुत सी हंसी, बहुत सी मुस्कुराहट और बहुत सी उम्मीदें लेकर आती है और धीरे-धीरे वह घर की धुरी बन जाती है। ऐसी प्यारी सी बच्ची का नाम भी सबसे प्यारा और अनोखा होना चाहिए। हम जानते हैं, कि आप अपनी लाडली के लिए सबसे खास नाम चुनना चाहते हैं, और आप इसके लिए प्रयास भी कर रहे होंगे। पर अब आप बिलकुल सही जगह पर आ चुके हैं, और अब आपकी तलाश को जल्द ही मंजिल मिल जाएगी। इस लेख में हमने हिन्दू लड़कियों के लिए ‘ख’ अक्षर से शुरू होने वाले नामों का संग्रह प्रस्तुत किया है। ये नाम हिन्दू लड़कियों के लिए हैं और अर्थ के महत्व को ध्यान में रखते हुए हमने इनके अर्थ भी दिये हैं। तो अगर आप भी अपनी नन्ही परी के लिए ‘ख’ अक्षर से अनोखे नामों की तलाश कर रहे हैं, तो आपकी तलाश बस पूरी होने ही वाली है। अब आप अपनी बच्ची के लिए ऐसा नाम चुनें, कि जो भी सुने तो तारीफ करने से खुद को रोक न पाए, और हाँ, नाम का चुनाव करते समय उनके अर्थ और उच्चारण पर गौर करना न भूलें। ‘ख’ अक्षर से नाम नाम का अर्थ धर्म खनक मीठी आवाज, गहनों की आवाज हिन्दू खिया नौका, नाव हिन्दू खैव्या फूल, भाग्यशाली हिन्दू ख्यात प्रसिद्ध, लोगों के बीच पहचानी जाने वाली हिन्दू ख्यातिका प्रसिद्धि प्राप्त स्त्री, लोकप्रिय हिन्दू ख्याति प्रसिद्धि, विख्यात हिन्दू खिरा उम्मीद की एक किरण हिन्दू खेवना लालसा, मन्नत हिन्दू खुशालिनी खुशी, चंचल हिन्दू खूबी विशेषता, खासियत हिन्दू खनिजा धरती, भूमि हिन्दू खुची खुशी, आनंद हिन्दू ख्वाहिश इच्छा, मनोकामना हिन्दू खंक मीठी ध्वनि हिन्दू खनिका आदर्श व्यक्तित्व, प्रभावशाली हिन्दू खुशलीन खुशी में मगन हिन्दू खनिश सुंदर, प्यार...

सप्तपुरी तीर्थ की सम्पूर्ण जानकारी

सप्तपुरी तीर्थ के नाम की सम्पूर्ण जानकारी और इतिहास | Sapt Puri Tirth name Information in Hindi | हिन्दू धर्म के 7 पवित्र शहर कोनसे हैं | भारत की 7 पुरियों (सप्तपूरी) मोक्ष पुरियां कोनसी हैं हिन्दू हमेशा से ही प्रकृति की पूजा करते आयें हैं| हिन्दू धर्म का मानना है जो आपको हर पल जीवन जीने में मदद करता है वही भगवान् है| मनुष्य के जीवन को सरल और आसन यह प्रकृति ही बनाती है| इस संसार की प्रत्येक वास्तु और जीव इस प्रकृति में एक सामंजस्य बनाकर रखते हैं| आइये विस्तार से चर्चा करते हैं, हिन्दू धर्म के 7 पवित्र शहर के नाम कोनसे हैं| इन 7 शहरों को 7 पुरियां (सप्तपुरी) और मोक्ष पूरी के नाम से भी जाना जाता है| सप्तपुरी तीर्थों के नाम Sapt Puri Tirth Name Information in Hindi हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार हरिद्वार, मथुरा, अयोध्या, कांची, द्वारका, काशी(बनारस), तथा अवंतिका यह सात शहर सप्तपुरी तीर्थ के नाम से जाने जाते हैं| 1. हरिद्वार मायापुरी, हरिद्वार, कनखल, ज्वालापुर और भीमगोंडा इन पांच पवित्र स्थानों को मिलकर हरिद्वार कहा जाता है| हरिद्वार वर्तमान में उत्तराखंड में स्तिथ है| गंगा नदी ऋषिकेश के पहाड़ी इलाकों से निकलकर पहली बार समतल धरातल पर हरिद्वार में ही अवतरित होती है| हरिद्वार को भारत की अध्यात्मिक राजधानी भी कहलाता है| यह शहर हिन्दुओं की पवित्र यात्रा चार धाम का द्वार भी कहा जाता है| हरिद्वार से ही चार धाम की पवित्र यात्रा शुरू होती हैं| इसके अलावा हरिद्वार को ही हिमालय का भी प्रवेश द्वार माना जाता है| हरिद्वार के पवित्र धार्मिक स्थल • ब्रह्मकुंड (हर की पैड़ी) • गऊघाट • कुशावर्त घाट • नीलधारा • बिल्वकेश्वर • कनखल • दक्षेस्वर महादेव • सतीकुंड • भीमगोडा • चंडीदेवी (मनसादेवी यात्रा मार...

सप्तपुरी हिन्दुओं के सात मोक्ष स्तम्भ

• • • 1469 • 159 • शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक 15 • जन- 40000 ईसापूर्व से 10000 ईसापूर्व तक 1 • सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व 13 • ठहरावः 2000 ईसापूर्व से 600 ईसापूर्व तक 5 • धर्म का उदयः 600 ईसापूर्व से 300 ईस्वी तक 6 • छोटे राज्य 300 ईस्वी से 1000 ईस्वी तक 4 • मघ्यकाल के पहले : 1000 ईस्वी से 1450 ईस्वी तक 3 • मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक 17 • उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक 67 • आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक 28 • 740 • ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि 54 • ध्वनि 2- भाषायें 59 • गंध- ख़ुशबू व इत्र 14 • स्पर्शः रचना व कपड़े 29 • स्वाद- खाद्य का इतिहास 65 • द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना 26 • द्रिश्य 2- अभिनय कला 51 • द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य 70 • विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान) 227 • विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा 145 • 570 • म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण 22 • हथियार व खिलौने 52 • य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला 57 • संचार एवं संचार यन्त्र 54 • घर- आन्तरिक साज सज्जा, कुर्सियाँ तथा दरियाँ 17 • वास्तुकला 1 वाह्य भवन 73 • वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली 25 • नगरीकरण- शहर व शक्ति 175 • सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी) 38 • सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान 57 • 559 • 177 • पर्वत, चोटी व पठार 13 • मरुस्थल 7 • नदियाँ 18 • समुद्र 22 • समुद्री संसाधन 9 • जंगल 19 • भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर) 26 • खनिज 18 • खदान 5 • जलवायु व ऋतु 40 • 229 • शारीरिक 16 • व्यवहारिक 26 • निवास स्थान 16 • कोशिका के आधार पर 9 • डीएनए 10 • स्तनधारी 40 • पंछीयाँ 46 • तितलियाँ व कीड़े 21 • रेंगने वाले जीव 20 • मछलियाँ व उभयचर 25 • 153 • शारीरिक 10 • व्यवहार...

209+ Flowers name in Hindi

Flowers name in Hindi : दोस्तों दुनिया में ऐसे कई सारे फूल हैं। जिनके नाम और उनका फोटो अधिकतर लोगो को पता नहीं होता है या इसके अलावा अगर आप अपने primary section में पढ़ रहे बच्चों को फूलों से सम्बंधित ज्ञान हिंदी और अंग्रेजी दोनों में देना चाहते हैं, तो निश्चित रूप से इस लेख को पूरा पढ़ें। और अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें। ताकि यह दूसरों की मदद कर सके तो चलिए शुरू करते हैं। इस पोस्ट में आप जानेंगे फूलों के नाम, Flowers name in hindi and english, All flower names List, Phoolon ke naam, Beautiful flowers images, Types of flowers, Flowers name in english. हमारे देश में फूलों के कई प्रकार पाए जाते हैं । बगीचे में या घर के आसपास में लगे हुए पेड़ पौधों पर लगे हुए फूल बहुत सुंदर दिखते हैं | इन फूलों को देखकर हर किसी का मन आकर्षित हो जाता हैं। फूल सभी को पसंद होते हैं इसके पीछे कारण हैं इसकी खूबसूरती और सुगंध। समकालिक फूल जैसे गुलाब, कमल, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा ,कार्नेशन, कनेर, गेंदा,चमेली आदि के बढ़ते उत्पादन के कारण गुलदस्ते और उपहारों के स्वरूप देने में इनका उपयोग में होता है। फूलो का इस्तेमाल वर्षो से औषधि के रूप में किया जाता रहा हैं। Page Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • हिंदी में फूलों के नाम Flowers name in hindi – 1 गुलाब Rose 2 कमल Lotus 3 गेंदा Yellow Marigold 4 रजनीगंधा Mexican Tuberose 5 चमेली Jasmine 6 कनेर Oleander 7 सूरजमुखी Sunflower 8 चेरी का फूल Cherry Blossom 9 गुलबहार Daisy 10 लिली Lily 11 मॉर्निंग ग्लोरी Morning Glory 12 स्नोड्राप Snow Drop 13 क्रोकस Crocus 14 कैलेंडुला Calendula Flower 15 पेटूनिया Petuniya 16 गुलदाउदी का फूल Chry...

सप्तपुरी में अयोध्या: परम पावन मुक्ति स्थल

सप्तपुरियों में अयोध्या में राम, मथुरा में कृष्ण, वाराणसी में शिव, द्बारका में कृष्ण, उज्जयिनी में शिव, हरिद्बार में भगवान विष्णु, कांचीपुरम saptapuree mein ayodhya: param paavan mukti sthal सप्तपुरियों में अयोध्या में राम, मथुरा में कृष्ण, वाराणसी में शिव, द्बारका में कृष्ण, उज्जयिनी में शिव, हरिद्बार में भगवान विष्णु, कांचीपुरम में माता पार्वती शामिल हैं। प्राचीन सांस्कृतिक सप्त पुरियों में अयोध्या का स्थान प्रथम है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भी पूर्ववर्ती सूर्यवंशी राजाओं की यह राजधानी रही है। इक्ष्वाकु से श्रीरामचंद्र तक सभी चक्रवर्ती नरेशों ने अयोध्या के राजसिंहासन को विभूषित किया। राम की अवतार- भूमि होकर अयोध्या साकेत ‘ बन गई। रामचंद्रजी के साथ अयोध्या के पशु – पक्षी तक उनके दिव्यधाम चले गए जिससे प्रथम बार त्रेतायुग में ही अयोध्या नगरी उजड़ गई। श्रीराम के ज्येष्ठ पुत्र कुश ने इसे पुनः बसाया। अयोध्या में श्रीरामनवमी पर सबसे बड़ा मेला लगता है। दूसरा मेला 8-9 दिन तक श्रावण शुक्ल पक्ष में झूले का होता है। कार्तिक पूर्णिमा पर भी सरयू – स्नान करने यात्री आते हैं। मथुरा के समान अयोध्या भी आक्रमणकारियों का बार बार शिकार होती रही है। अयोध्या में प्राचीनता के नाम पर केवल भूमि तथा सरयू नदी शेष बची है। राम – लक्ष्मण की जन्मभूमि होने के अतिरिक्त अयोध्या ऋषभदेव अजित, अभिनंदन, सुमति अनंत और अचल की भी जन्मभूमि है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार अयोध्या पवित्र नदी सरयू के दक्षिण तट पर बसी हुई है। Advertisment ब्रह्माजी का ब्रह्मकुंड.. देवी सीता का सीताकुंड सर्वप्रथम ब्रह्माजी ने अयोध्या की यात्रा की थी और अपने नाम से एक कुंड बनाया था, जो आज भी ब्रह्मकुंड नाम से प्रसिद्ध है। भगवत...