सरस्वती पूजा कितने तारीख का है

  1. saraswati puja 2021 date shubh muhurat puja vidhi
  2. गूगल 2022 में सरस्वती पूजा कब है? – Expert
  3. 2022 में वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा कब है? Saraswati Puja 2022 »
  4. सती पूजा 2021 में कब है? – ElegantAnswer.com
  5. Saraswati Puja 2022: वसंत पंचमी पर होती है सरस्वती पूजा, जानें तारीख, मुहूर्त, मंत्र एवं महत्व
  6. Ganesh Jayanti 2022: फरवरी में है गणेश जयंती, सरस्वती पूजा और सूर्य जयंती, नोट कर लें तारीख
  7. सरस्वती पूजा 2023: तिथि और अनुष्ठान
  8. Saraswati Puja 2022


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saraswati puja 2021 date shubh muhurat puja vidhi

नई दिल्ली: बसंत पंचमी का त्योहार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है और बसंत पंचमी (Basant Panchmi) के दिन से ही बसंत ऋतु (Spring Season) की शुरुआत मानी जाती है. बसंत पंचमी के दिन विद्या बुद्धि की देवी मां सरस्वती ( Goddess Saraswati) की पूजा अर्चना की जाती है. हिंदू धर्म में सरस्वती पूजा का विशेष महत्व है. बसंत पंचमी को ज्ञान पंचमी या श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल यानी 2021 में सरस्वती पूजा का त्योहार 16 फरवरी दिन मंगलवार को मनाया जाएगा. सरस्वती पूजा की तारीख- 16 फरवरी 2021 दिन मंगलवार पंचमी तिथि प्रारंभ- 16 फरवरी सुबह 3.36 बजे से पंचमी तिथि समाप्त- 17 फरवरी सुबह 5.46 बजे तक सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त- 16 फरवरी को सुबह 6.59 बजे से लेकर दोपहर 12.35 तक सरस्वती पूजा का कुल समय- 5 घंटे 37 मिनट ये भी पढ़ें- क्या है बसंत पंचमी का महत्व और क्यों होती है सरस्वती पूजा बसंत पंचमी के दिन क्यों होती है सरस्वती पूजा? पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माघ मास (Magh Maas) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि जिसे बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है के दिन ही ब्रह्माजी (Lord Brahma) के मुख से प्रकट हुईं थीं देवी सरस्वती. यही कारण है कि हर साल बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का जन्मदिन मानकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता (Worship Goddess Saraswati) की पूजा करने से वह प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. ये भी पढ़ें- ऋतुराज बसंत के आगमन पर मनायी जाती है बसंत पंचमी सरस्वती पूजा का महत्व सरस्वती पूजा के दिन को बेहद शुभ माना जाता है और इस दिन को कोई नई कला, संगीत सीखने या शिक्षा प्राप्त करने के लिए श्...

गूगल 2022 में सरस्वती पूजा कब है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • गूगल 2022 में सरस्वती पूजा कब है? Basant Panchami 2022: बसंत पंचमी को मां सरस्वती के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. इस बार ये पर्व 5 फरवरी दिन शनिवार को मनाया जाएगा. बसंत पंचमी का तारीख क्या है? बसंत पंचमी सरस्वती पूजा का मुहूर्त शुभ योग 5 फरवरी 2022 पंचमी तिथि का आरंभ 5 फरवरी सुबह 3 बजकर 48 मिनट पर। पंचमी तिथि समाप्त 6 फरवरी सुबह 3 बजकर 47 मिनट पर। पूजा 2022 में कितने तारीख का है? Chhath Puja 2022: साल 2022 में छठ पर्व का आरंभ 30 अक्टूबर से होगा. आइए जानते हैं छठ पर्व की तिथि और पूजन सामग्री के बारे में . Chath Pujan Samgari: हिंदू धर्म में सभी पर्वों का अपना महत्व है. ऐसे ही छठ पर्व का भी अपना खास महत्व है. सरस्वती माता का कौन सा दिन होता है? हर साल माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन ज्ञान, वाणी और संगीत की देवी माता सरस्वती प्रकट हुई थीं. READ: आधार कार्ड नंबर से पैन कार्ड नंबर कैसे पता करें? सरस्वती जी के पति का नाम क्या है? सरस्वती पुराण में कहा गया है कि ब्रम्हा और सरस्वती ने 100 साल तक जंगल में पति-पत्नी के रूप में बिताया। इस दौरान ब्रम्हा और सरस्वती में प्रेम बना रहा। इन दोनों का एक पुत्र भी हुआ। इस पुत्र को स्वयंभू मनु के नाम से जाना गया। सरस्वती पूजा कितने बजे से है? पंडित मिथिलेश झा के अनुसार बसंत पंचमी की शुरुआत शनिवार को 7:30 बजे सुबह के बाद से होगा। 7.30 बजे के बाद मां सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त है। सरस्वती पूजा का मंत्र क्या है? सरस्वती पूजा मंत्र ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी। मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा।। सरस्वती पूजा के दिन ...

2022 में वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा कब है? Saraswati Puja 2022 »

Saraswati Puja 2022 : वसंत पंचमी के दिन जिन हिन्दू देवी को मुख्य रूप से पूजा जाता है वो माता सरस्वती है, जिन्हें की “ज्ञान की देवी” माना जाता है। माना जाता है कि माता सरस्वती का वास विज्ञान, कला और रचना के सभी क्षेत्रों में होता है। और इसी कारण से स्कूली बच्चे नई कक्षा में जाने से पहले, इन्हें अपने उपयोग में लाने वाला सारा सामान, जैसे की पेंसिलें, पेन, किताबें तथा अन्य सामान भेंटस्वरुप चढ़ाते हैं, ताकि उन्हें माता सरस्वती का आशीर्वाद मिल सके। आइए जानते हैं कि 2022 में बसंत पंचमी कब है, बसंत पंचमी 2022 की तारीख व मुहूर्त तथा सरस्वती पूजा कब मनाई जाती है? Table of Contents • • • • • • • • • 2022 में बसंत पंचमी कब है? बसंत पंचमी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। 2022 में यह 05 फरवरी दिन शनिवार को मनाया जाएगा। इसी दिन से भारत में वसंत ऋतु का आरम्भ होता है। इस दिन सरस्वती पूजा भी की जाती है। बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के मध्य भाग से पहले की जाती है। इस समय को पूर्वाह्न भी कहा जाता है। यदि पंचमी तिथि, दिन के मध्य के बाद शुरू हो रही है तो ऐसी स्थिति में वसंत पंचमी की पूजा अगले दिन की जाएगी। हालाँकि यह पूजा अगले दिन उसी स्थिति में होगी जब तिथि का प्रारंभ पहले दिन के मध्य से पहले नहीं हो रहा हो; यानि कि पंचमी तिथि पूर्वाह्नव्यापिनी न हो। बाक़ी सभी परिस्थितियों में पूजा पहले दिन ही होगी। इसी वजह से कभी-कभी पंचांग के अनुसार बसन्त पंचमी चतुर्थी तिथि को भी पड़ जाती है। यूँ तो बसंत पंचमी या श्रीपंचमी के अतिरिक्त नवरात्रि और दीवाली के दिन भी माँ सरस्वती की आराधना की जाती है, लेकिन माघ शुक्ल पंचमी के दिन माँ सरस्वती की पूजा को अत्यन्त पुण्यदायी माना गया है। आइ...

सती पूजा 2021 में कब है? – ElegantAnswer.com

सती पूजा 2021 में कब है? इसे सुनेंरोकेंसरस्वती पूजा 2021 की तिथि इस साल माघ शुक्ल पंचमी तिथि 16 फरवरी को प्रात: 03:36 बजे से शुरू हो रही है। यह अगले दिन 17 फरवरी को प्रात: 05:46 बजे तक रहेगी। सरस्वती माता का दिन कौन सा होता है? इसे सुनेंरोकेंपौराणिक मान्यताओं के अनुसार माघ मास (Magh Maas) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि जिसे बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है के दिन ही ब्रह्माजी (Lord Brahma) के मुख से प्रकट हुईं थीं देवी सरस्वती. यही कारण है कि हर साल बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का जन्मदिन मानकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है. घर में सरस्वती पूजा कैसे करें? इसे सुनेंरोकेंवसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा करने के लिए सबसे पहले सरस्वती माता की प्रतिमा अथवा तस्वीर को सामने रखना चाहिए। इसके बाद कलश स्थापित करके गणेशजी तथा नवग्रह की विधिवत पूजा करनी चाहिए। माता सरस्वती की पूजा करें। सरस्वती माता की पूजा करते समय उन्हें सबसे पहले आचमन एवं स्नान कराएं, इसके बाद माता को केसरिया फूल एवं माला चढ़ाएं। 2021 में सिर पंचमी कितना तारीख का है? इसे सुनेंरोकेंहिन्‍दू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का त्‍योहार हर साल माघ मास शुक्‍ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक बसंत पंचमी हर साल जनवरी या फरवरी महीने में पड़ती है. इस बार बसंत पंचमी 16 फरवरी 2021 को है. 2021 में सिर पंचमी कितने तारीख को है? इसे सुनेंरोकेंवसंत पंचमी 2021 मुहूर्त माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 16 फरवरी को तड़के 03 बजकर 36 मिनट पर हो रहा है, जो 17 फरवरी दिन बुधवार को सुबह 05 बजकर 46 मिनट तक है। ऐसे में वसंत पंचमी का त्योहार 16 फरवरी को ही मनाया जाएगा। माता सरस्वती की उत्पत्ति कैसे हुई? इसे सुनेंर...

Saraswati Puja 2022: वसंत पंचमी पर होती है सरस्वती पूजा, जानें तारीख, मुहूर्त, मंत्र एवं महत्व

Saraswati Puja 2022: हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी ति​थि को वसंत पंचमी (Basant Panchami) मनाते हैं. वसंत पंचमी के दिन ही सरस्वती पूजा होती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, वसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान, वाणी, कला एवं संगीत की देवी मां सरस्वती की उत्पत्ति हुई थी. ब्रह्म देव ने जब सृष्टि की रचना की तो, चारों ओर सन्नाटा पसरा था. तब उनको वाणी एवं कला की देवी की कमी महसूस हुई, फिर उन्होंने माता सरस्वती का आह्वान किया. वसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती कमल पर विराजमान होकर हाथों में वीणा-पुस्तक धारण किए हुए प्रकट हुई थीं. तब से हर साल वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा की जाने लगी. आइए जानते हैं कि इस वर्ष सरस्वती पूजा कब (Saraswati Puja Date) है और मुहूर्त (Muhurat) क्या है? सरस्वती पूजा 2022 मुहूर्त हिन्दू कैलेंडर के अनुसार माघ शुक्ल पंचमी ति​थि 05 फरवरी को प्रात: 03 बजकर 47 मिनट से शुरू हो रही है, यह 06 फरवरी को प्रात: 03 बजकर 46 मिनट तक है. वसंत पंचमी की उदयाति​थि 05 फरवरी दिन शनिवार को प्राप्त हो रही है. इस वर्ष वसंत पंचमी 05 फरवरी को है और सरस्वती पूजा भी इस दिन शुभ मुहूर्त में मनाई जाएगी. यह भी पढ़ें: इस वर्ष वसंत पंचमी के दिन सिद्ध योग शाम 05:42 बजे तक है, फिर साध्य योग प्रारंभ हो जाएगा. ऐसे में सरस्वती पूजा सिद्ध योग में मनाई जाएगी. सरस्वती पूजा को रवि योग शाम 04 बजकर 09 मिनट से अगले दिन प्रातकाल तक रहेगी. 05 फरवरी को सरस्वती पूजा का मुहूर्त प्रात: 07 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. इस मुहूर्त में आप स्कूल या घर में मां सरस्वती की पूजा कर सकते हैं. सरस्वती पूजा पर विद्या आरंभ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सरस्वती पूजा के दिन बच्चों की विद्या आरंभ कराने से उनका मानसिक...

Ganesh Jayanti 2022: फरवरी में है गणेश जयंती, सरस्वती पूजा और सूर्य जयंती, नोट कर लें तारीख

Ganesh Jayanti 2022: साल 2022 का दूसरा माह फरवरी प्रारंभ होने वाला है. इसमें तीन देवी-देवताओं का जन्मोत्सव है. शिव और शक्ति के पुत्र विघ्नहर्ता गणेश जी (Lord Ganesha) की जयंती, ज्ञान की देवी सरस्वती का प्रकाट्य दिवस (Saraswati Puja) और सूर्य देव की जयंती (Surya Jayanti) इस माह में है. आप इस माह इनकी पूजा करके उनसे ज्ञान, बल, बुद्धि, धन, धान्य, आरोग्य एवं संतान प्राप्ति का आशीर्वाद पा सकते हैं. गणेश जयंती, सरस्वती पूजा और सूर्य जयंती या रथ सप्तमी माघ मास के शुक्ल पक्ष में हैं. माघ मास का शुक्ल पक्ष धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. आइए जानते हैं कि गणेश जयंती, सरस्वती पूजा और सूर्य जयंती कब है? गणेश जयंती 2022 ति​थि एवं मुहूर्त पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था, इसलिए हर साल इस तिथि को गणेश जयंती मनाते हैं. इस साल माघ शुक्ल चतुर्थी तिथि 04 फरवरी को सुबह 04:38 बजे प्रारंभ होकर अगले दिन 05 फरवरी को सुबह 03:47 बजे तक मान्य होगी. ऐसे में गणेश जयंती 04 फरवरी को है. शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. इस दिन माघ विनायक चतुर्थी है. गणेश जयंती पर गणेश जी की पूजा का मुहूर्त दिन में 11:30 बजे से दोपहर 01:41 बजे के मध्य है. यह भी पढ़ें: सरस्वती पूजा 2022 तिथि एवं मुहूर्त हिन्दू कैलेंडर के आधार पर माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ज्ञान, वाणी और कला की देवी मां सरस्वती का प्रकाट्य हुआ था. इस वजह से हर साल माघ शुक्ल पंचमी को सरस्वती पूजा या वसंत पंचमी मनाते हैं. इस वर्ष सरस्वती पूजा 05 फरवरी ​शनिवार को हैं. पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 05 फरवरी को प्रात: 03:47 से शुरु हो रही है, जो 06 फरवरी ...

सरस्वती पूजा 2023: तिथि और अनुष्ठान

नवरात्रि में देवी सरस्वती की पूजा : महत्व, वसंत पंचमी, तिथियां और पूजा विधि सरस्वती शिक्षा, संगीत, कला और ज्ञान की हिंदू देवी हैं। सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती तीन देवियां हैं, जिन्हें त्रिमूर्ति भी कहते हैं। यह त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश को ब्रह्मांड के निर्माण, रखरखाव और विनाश (पुनर्जन्म) में सहायता करती है। देवी भागवत के अनुसार देवी सरस्वती भगवान ब्रह्मा की पत्नी हैं। वह भगवान ब्रह्मा के घर ब्रह्मपुरा में रहती हैं। देवी सरस्वती (saraswati puja) को ब्रह्मांड के निर्माता भगवान ब्रह्मा ने बनाया था। नतीजतन, उन्हें भगवान ब्रह्मा की बेटी के रूप में भी जाना जाता है। देवी सरस्वती के कई अन्य नाम हैं, जिनमें देवी सावित्री और देवी गायत्री शामिल हैं। नवरात्रि 2023 सरस्वती पूजा तिथि सरस्वती पूजा – पहला दिन 19 अक्टूबर 2023, गुरुवार पंचमी सरस्वती पूजा – दूसरा दिन 20 अक्टूबर 2023, शुक्रवार षष्ठी सरस्वती पूजा – तीसरा दिन 21 अक्टूबर 2023, शनिवार सप्तमी सरस्वती पूजा – चौथा दिन 22 अक्टूबर 2023, रविवार अष्टमी सरस्वती विसर्जन सरस्वती पूजा – पांचवा दिन 23 अक्टूबर 2023, सोमवार दशमी सरस्वती पूजा और वसंत पंचमी वसंत पंचमी एक हिंदू त्योहार है जो देवी सरस्वती के जन्म की याद में मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में, वसंत पंचमी को श्री पंचमी और सरस्वती पूजा के रूप में भी जाना जाता है। नवरात्रि सरस्वती पूजा शरद नवरात्रि उत्सव के दौरान भी की जाती है, जो दक्षिण भारत में अधिक आम है। वसंत पंचमी (Saraswati Puja) का महत्व वसंत पंचमी का त्योहार देवी सरस्वती के जन्म की याद में मनाया जाता है। सरस्वती जयंती वसंत पंचमी के दिन को दिया गया नाम है। विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा के लिए वसंत पंचमी महत्वपू...

Saraswati Puja 2022

Saraswati Puja 2023 | सरस्वती पूजा कब और कैसे करना चाहिए। सरस्वती हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। सरस्वती ब्रह्मा की मानसपुत्री हैं जो विद्या की देवी के रूप में लोकविश्रुत हैं। सरस्वती माता विभिन्न नामों से भी जानीं जाती हैं यथा – श्वेतपद्मासना, शारदा,वाणी, वाग्देवी, भारती, वागेश्वरी श्वेत वस्त्रधारिणी, इत्यादि कहा जाता है कि माता की उपासना करने से मूर्ख भी विद्वान् बन जाते हैं। प्रत्येक वर्ष माघ शुक्ल पंचमी को सरस्वती पूजा मनाने की परम्परा वर्षों से चली आ रही है। सरस्वती पूजन 2023 कब करें ? | Saraswati Puja 2023 हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को माता सरस्वती देवी की पूजा की जाती है। इस वर्ष सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) 26 जनवरी , बृहस्पतिवार को मनाया जा रहा है। 25 जनवरी 2023 को 12 बजकर 37 मिनट से पंचमी तिथि शुरू हो रही है और 26 जनवरी प्रातः 10 बजकर 31 मिनट पर समाप्त हो रही है। चूँकि 26 तारीख को सूर्योदय के समय पंचमी तिथि है इसलिए सरस्वती पूजा 26 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। सरस्वती पूजा मुहूर्त 2023 26 जनवरी 2023 वसंत पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त = 07:12 – 08:30 मुहूर्त की अवधि = 1 घंटे 18 मिनट पंचमी तिथि = 25 जनवरी 2023, बुधवार को 12:37 बजे प्रारंभ होगी। पंचमी तिथि = 26 जनवरी 2023, गुरुवार को 10:31 बजे समाप्त होगी। सरस्वती पूजा का महत्त्व – Importance of Saraswati Puja हिन्दू समाज में माता सरस्वती साहित्य, संगीत, कला तथा विद्या की देवी के रुप में प्रतिष्ठित हैं। यह पर्व बिहार राज्य तथा उत्तर प्रदेश में बड़े ही धुमधाम से मनाया जाता है। यही नहीं बिहार प्रान्त के निवासी जहां भी रहते हैं सरस्वती पूजन अवश्य ही करते हैं। इस पर्व को मनाने का मुख...