सरस्वती वंदना स्कूल प्रार्थना

  1. 20+ School Prayer in Hindi
  2. Aarti Maa Saraswati Vandana
  3. सरस्वती माँ के भजन वंदना प्रार्थना
  4. प्रसिद्ध स्कूल प्रार्थना
  5. Top 31+ Best Poem On School In Hindi
  6. 15+ स्कूल प्रार्थना हिंदी में
  7. माँ सरस्वती वंदना
  8. सरस्वती प्रार्थना


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20+ School Prayer in Hindi

School Prayer in Hindi : देश के हर विद्यालय सुबह सुबह प्रार्थना करवाई जाती है इसका एक मात्र मसकद है की छात्रो को भगवान के प्रति कृतज्ञ होना, प्राथना करने वालो को प्राथना करने के भगवन से लागव रहता है और एक नई उर्जा शक्ति मिलती है जिससे पढाई में मन लगता हैरें। प्राथना करने से ईश्वर के ऊपर हमारा विश्वास बना रहता है हम हमेशा सच्चाई और अच्छाई के रस्ते में चलते है इसलिए हर स्कुल में सुबह सुबह क्लास लगने से पहले प्राथना किया जाता है जिसमे स्कूल के छात्र से लेकर शिक्षकगण में सामिल होते है यहाँ इस लेख में हम आपके लिए 18+ School Prayer in Hindi लिखे है जो अधिक्तर स्कूलों सुनने को मिलता हैरें। तू हमें ज्ञान की रौशनी दे। हर बुराई से बचते रहें हम, चोट जितनी बड़ी जिन्दगी दे॥ बैर हो न किसी का किसी से, भावना मन में बदले की हो ना, हम चले नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना॥ हम न सोचें हमें क्या मिला है, हम ये सोचें किया क्‍या है अर्पण फूल खुशियों के बाँटे सभी में, सबका जीवन भी बन जाये मथुबन। अपनी करुणा का जल तू बहा दे, करदे पावन हर एक मन का कोना, हम चले नेक रस्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना॥ या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता [2] या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥ या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता। सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥ ॐ सहनाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवाव है। तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषाव है। असतो मा सदगमय ॥ तमसो मा ज्योतिर्गमय ॥ मृत्योर्मामृतम् गमय ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।। • तुम ही हो माता पिता तुम्ही हो [3] तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो , तुम्ही हो बंधू, सखा तु...

Aarti Maa Saraswati Vandana

त्योहार सरस्वती पूजा, वसंत पंचमी व केंद्रीय विद्यालयों, सरस्वती शिशु मंदिर, डी ए वी स्कूल मे गायी जाने वाली लोकप्रिय प्रार्थना। या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं, वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌। हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌, वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥२॥ हिन्दी भावार्थ: जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर शङ्कर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही सम्पूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें। शुक्लवर्ण वाली, सम्पूर्ण चराचर जगत्‌ में व्याप्त, आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार एवं चिन्तन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से भयदान देने वाली, अज्ञान के अँधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पद्मासन पर विराजमान्‌ बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलङ्कृत, भगवती शारदा की मैं वंदना करता हूँ।

सरस्वती माँ के भजन वंदना प्रार्थना

सरस्वती माँ का भजन बसंत पंचमी के दिन विशेष तौर पर गाया जाता है। स्कूल आदि में सरस्वती माता के गीत , सरस्वती माता के भजन या सरस्वती माता की वंदना करके माँ सरस्वती के आशीर्वाद की कामना की जाती है। ( इसे भी पढ़ें : यहाँ भजन , वंदना , प्रार्थना के बोल लिखे गए हैं। इन्हे पढ़ें गायें और आनंद उठायें। सरस्वती माँ का भजन Sarswati Maa Ka Bhajan सुमिरूँ गणेश शारदा माई , सरस्वती माई…. अब घर बैठे शारदा माई , सरस्वती माई हिरदै मेरे डार चाँदनी भूले-भूले अक्षर मैया दीजो री बताई ! नर सुमिरूँ नारायण सुमिरु , सुमिरूँ गंगे माई ! अपने गुरु चरनन सुमिरूँ , जिन के गुरु ने मोय विद्या रे पढ़ाई ! पांचो तो पंडन को सुमिरूँ , संकट भई सहाई ! भीमसेन अर्जुन कूं सुमिरूँ , सहसन मन की बने गदा रे उठाई ! एक दिन राजा नल ने सुमिरी , नल पे नल लगवाये ! गोपी चन्द्र भगत ने सुमिरी , गोरे से अंग में भूमि रमाई ! एक दिन रावण ने सुमिरी , लै गयौ सिया चुराई ! हनुमान ने ऐसी सुमिरी , सोने की लंका वाने पल में अब जराई ! तुलसीदास आस रघुवर की हरि चरनन बलिहारी राम लखन ने ऐसी सुमिरी , बीस भुजा दस शीश रे उड़ाई ! अब हट बैठ शारदा माई ……. सुमिरूँ गणेश शारदा माई , सरस्वती माई , अब घर बैठे शारदा माई ! ~~~~~~~ सरस्वती वंदना Sarasvati Vandana हे शारदा माँ , हे शारदा माँ , अज्ञानता से हमें तार दे माँ ! तू श्वेत वर्णी कमल पे विराजे , हाथों में वीणा मुकुट सर पे साजे ! हम हैं अकेले हम हैं अधूरे , तेरी शरण हम हमें तार दे माँ ! तू स्वर की देवी संगीत तुझमें , हर शब्द तेरा हरेक गीता तुझमें ! मन से हमारे मिटा दे अँधेरा , हमको उजालों का संसार दे माँ ! मुनियों ने समझी गुनियों ने जानी , वेदों की भाषा पुराणों की वाणी ! हम भी तो समझें हम भी तो जानें , विद्...

प्रसिद्ध स्कूल प्रार्थना

Read in English भारतीय स्कूलों में विद्यार्थी सुवह-सुवह पहुँचकर सबसे पहिले प्रभु से प्रार्थना करते है, उसके पश्चात ही पढ़ाई से जुड़ा कोई कार्य प्रारंभ करते हैं। इसे साधारण बोल-चाल की भाषा में प्रातः वंदना भी कहा जाता है। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले स्कूल में प्रतिदिन अलग-अलग प्राथनाएँ गाई जाती है, इन विद्यालयों में गाई जाने वाली सभी प्रेयर दिन वार के साथ दी गई हैं। ❀ [सोमवार प्रार्थना - बेसिक शिक्षा स्कूल, यूपी] ❀ [मंगलवार प्रार्थना - बेसिक शिक्षा स्कूल, यूपी] ❀ [बुधवार प्रार्थना - बेसिक शिक्षा स्कूल, यूपी] ❀ [गुरुवार / बृहस्पतिवार प्रार्थना - बेसिक शिक्षा स्कूल, यूपी] ❀ [शुक्रवार प्रार्थना - बेसिक शिक्षा स्कूल, यूपी] ❀ [शनिवार प्रार्थना - बेसिक शिक्षा स्कूल, यूपी] ❀ ❀ ❀ ❀ ❀ ❀ प्रार्थना एक धार्मिक क्रिया है। प्रार्थना के द्वारा विद्यार्थी अपने इच्छा पूर्ति की कोशिश करता है। सभी धर्मों के साथ ही विज्ञान ने भी प्रार्थना को स्वीकार किया है। प्रार्थना का अर्थ होता है परमात्मा का मनन और उनका अनुभव करना। इसे करने से विद्यार्थी मन शांत रहता है। क्रोध पर नियंत्रण रहता है। स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है और चेहरे पर खुशी की चमक रहती है। हिन्दू धर्म में पूजा पाठ का विशेष महत्व है। पूजा के माध्यम से लोग भगवान के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करते हैं और परिणामस्वरूप उनकी मनोकामना पूरी होती है। लोग दिन के अनुसार प्रत्येक भगवान की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पूजा भगवान के प्रति समर्पण दिखाने के लिए की जाती है और इसके बाद आरती की रस्म होती है।

Top 31+ Best Poem On School In Hindi

4/5 - (15 votes) Poem On School In Hindi:- विद्यालय को विद्या का मंदिर कहा जाता हैं। यही से विद्या ग्रहण करके हम अपने जीवन को उन्नति करते हैं। हर कोई विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करता है। सबकों अपना अपना विद्यालय पसंद होता हैं। स्कूल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसे हम विद्या और ज्ञान की उपलब्धि के लिए जाते हैं। यह हमें न केवल शिक्षा देता है बल्कि हमारे व्यक्तित्व को भी विकसित करता है। एक अच्छे स्कूल का महत्वपूर्ण तत्व है कि यह बच्चों को सबक सिखाता है, सही और गलत का फर्क समझाता है और उन्हें जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक गुणों का विकास करता है। एक अच्छे स्कूल की विशेषताओं में शामिल हैं अध्ययन की सुविधा, खेल-कूद के अवसर, विद्यार्थियों के सामाजिक और मानसिक विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रम और सुविधाएं, आदि। एक अच्छे स्कूल में शिक्षकों का भी बहुत महत्व होता है। वे बच्चों को स्कूल के नियमों और विशेषताओं के बारे में जागरूक करते हैं और उन्हें उनकी शिक्षा में सहायता करते हैं। स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ, विद्यार्थी भी विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से, वे न केवल अपनी कला और भावनात्मक विकास करते हैं बल्कि उन्हें सामाजिक जीवन में सक्षम बनाने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा, स्कूल में विद्यार्थी सीखते हैं कि संगठित रूप से अपना समय व्यवस्थित करना कैसे होता है जो उनके भविष्य में बहुत उपयोगी साबित होता है। स्कूल में नहीं सिर्फ शिक्षा दी जाती है, बल्कि वह भावनाओं, उत्साह, स्वास्थ्य और संबंधों का विकास भी सुनिश्चित करता है। इसलिए, स्कूल हमारे जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है जहां हम सीखते हैं और अपनी व्यक्तित्व विकास करते हैं। इसलिए, हमें स्कूल को एक म...

15+ स्कूल प्रार्थना हिंदी में

प्रार्थना से उनका विश्वास ईश्वर में बढ़ता है और वह हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलते हैं इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने स्कूल में बोली जाने वाली प्रार्थनाओं का संग्रह तैयार किया है। इस पोस्ट में हमने 15 से भी ज्यादा हिंदी में सुबह की स्कूल में बोली जाने वाली प्रार्थनाएं लिखी है यदि आपको अच्छी लगे तो अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें। विषय-सूची 1 • • • • • • • • • • • • • • New School Prayer in Hindi सरस्वती वंदना या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥ या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता। सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥ ॐ सहनाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवाव है। तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषाव है। असतो मा सदगमय ॥ तमसो मा ज्योतिर्गमय ॥ मृत्योर्मामृतम् गमय ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।। स्कूल प्रार्थना गीत माँ सरस्वती वरदान दो माँ सरस्वती वरदान दो माँ सरस्वती वरदान दो, मुझको नवल उत्थान दो। यह विश्व ही परिवार हो, सब के लिए सम प्यार हो। आदर्श, लक्ष्य महान हो। माँ सरस्वती………………………। मन, बुद्धि, हृदय पवित्र हो, मेरा महान चरित्र हो। विद्या विनय वरदान दो। माँ सरस्वती…………………………। माँ शारदे हँसासिनी, वागीश वीणा वादिनी। मुझको अगम स्वर ज्ञान दो। माँ सरस्वती, वरदान दो। मुझको नवल उत्थान दो। उत्थान दो। उत्थान दो…। प्रार्थना हिंदी में लिखी हुई ‘हे शारदे माँ’ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ हे शारदे माँ.. तू...

माँ सरस्वती वंदना

त्योहार सरस्वती पूजा, वसंत पंचमी व केंद्रीय विद्यालयों, सरस्वती शिशु मंदिर, डी ए वी स्कूल मे गायी जाने वाली लोकप्रिय प्रार्थना। या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना । या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥१॥ शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं, वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌ । हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌, वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌ ॥२॥ हिन्दी भावार्थ: जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर शङ्कर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही सम्पूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें। शुक्लवर्ण वाली, सम्पूर्ण चराचर जगत्‌ में व्याप्त, आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार एवं चिन्तन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से भयदान देने वाली, अज्ञान के अँधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पद्मासन पर विराजमान्‌ बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलङ्कृत, भगवती शारदा की मैं वंदना करता हूँ। जम्भ भक्ति एक ऐसा माध्यम है जिसपे आप लोग हिन्दू धर्म के भजन, जाम्भोजी के द्वारा बताये गये सभी प्रश्न उत्तर सभी एक साथ सुन और पढ़ सकते है. जम्भ भक्ति आपको भजन सुनने के लिए प्ले स्टोर पर एप्प देता है जिसे डाउनलोड करके आप भज...

सरस्वती प्रार्थना

माँ सरस्वती बहुत ही कोमल और सरल स्वाभाव की मानी जाती है जो की सफ़ेद रंग की साड़ी पहनती है और कमल के फूल के उपर विराजमान है। सरस्वती माँ के चार हाथों में से एक में पुस्तक तो एक में माला, एक में पानी का कमंडल और एक में वीणा होती है। इनके हाथों में पुस्तक वेदों को दर्शाती है। स्वान पक्षी इनके पैरों के पास होता है। यह एक पवित्र पक्षी है, जो दूध और पानी के मिश्रण से सिर्फ दूध पीता है। सरस्वती देवी को शारदे, पुस्तका धारणी, वीणापानी, भारती, विद्यादायनी, वर्धनायाकी, सावत्री एवं गायत्री नाम से भी जानते है। भारत में सरस्वती जी के मंदिर गोदावरी नदी के किनारे बसार में, तेलांगना में मेदक में है. सरस्वती जी के ब्राह्मणी के रूप में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में मंदिर है. केरल में सरस्वती जी का प्रसिध्य मंदिर दक्षिणा मूकाम्बिका है और तमिलनाडु में कूथानुर मंदिर है.