Subhash chandra bose ka jeevan parichay

  1. जगदीश चन्द्र बोस का जीवन परिचय
  2. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय
  3. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय: मेरा अनुभव है कि हमेशा आशा की कोई न कोई किरण आती है, जो हमें जीवन से दूर भटकने नहीं देती » अपना रण
  4. Subhash Chandra Bosh Ka Jivan Parichay Kahani
  5. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन
  6. सुभाष चन्द्र बोस का जीवन परिचय, जयंती
  7. सुभाष चंद्र बोस जी का जीवन परिचय
  8. सुभाष चंद्र बोस की जीवनी


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जगदीश चन्द्र बोस का जीवन परिचय

भारत के महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस (SIR J.C. BOSE ) के बारे में भला कौन नहीं जनता। जगदीश चंद्र बोस साहब को जगदीश चन्द्र बसु भी कहते हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी जगदीश चन्द्र बसु असाधारण ब्यक्ति थे। जगदीश चंद्र बोस ने दुनियाँ को पहली वार बताया की पौधे में भी जान होती है। उन्हें भी दर्द का अहसास होता है। उन्होंने दुनियाँ को पहली बार सिद्ध करके दिखाया की पेड़-पौधे भी उत्तेजनाओं का अनुभव करते हैं। उन्हें भी सर्द-गर्म, प्रकाश और सुख दुख का अहसास होता है। पेड़-पौधे भी संगीत सुनकर झूमते हैं। उन्होंने दिखाया की जहर का प्रभाव केवल प्राणी मात्र पर ही नहीं बल्कि पेड़-पौधे में भी होता है। उन्होंने पेड़-पौधे की संवेदनशीलता प्रदर्शन के लिए क्रेस्कोग्राफ नामक एक यंत्र का आविष्कार किया। उनके प्रतिभा को देखते हुए महान नोबेल पुरस्कार वैज्ञानिक सर नेविल मोट ने कहा था। जगदीश चन्द्र बोस जीवन परिचय – DR JAGDISH CHANDRA BOSE BIOGRAPHY IN HINDI कुछ वैज्ञानिक रेडियो के वास्तविक आविष्कारक मार्कोनी को नहीं बल्कि सर जगदीशचंद्र बोस मानते हैं। अद्भुत प्रतिभा के धनी वसु साहब वनस्पति विज्ञान, जीव विज्ञान, भौतिकी और पुरातत्व विज्ञान में निपुण थे। मेधनाथ साहा तथा सतेन्द्र नाथ बोस जैसे महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु के शिष्य थे।आगे हम जानेंगे की जगदीश चन्द्र बोस का जन्म कब और कहाँ हुआ था। तो चलिये जानते हैं जगदीश चन्द्र बोस जीवन परिचय – Dr Jagdish Chandra Bose biography in Hindi पूरा नाम जगदीश चंद्र बोस जन्म तिथि 30 नवम्बर 1858 जन्मस्थान फरीदपुर, ढाका ब्रिटिश भारत पिता का नाम भगवान चन्द्र बोस माता का नाम बामा सुंदरी बोस पत्नी का नाम अबला बोस प्रसिद्धि एक वनस्पति वैज्ञानीक के रूप में डॉ. जगदीशचंद बसु का ज...

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय

इस आर्टिकल में हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जीवनी कहानी ( subhash chandra bose biography in hindi) को पूरे विस्तार से समझेंगे। अगर आप सुभाष चंद्र बोस की जीवनी की तलाश में है तो, आप बिल्कुल सही जगह पर आए है। क्योकी इस लेख में आपको सुभाष चंद्र बोस के जीवन से सम्बन्धित जितने भी महत्वपूर्ण प्रश्न है वो सभी विस्तार से मिल जायेंगे। जैसे की सुभाष चंद्र बोस का पूरा नाम, सुभाष चंद्र बोस का जन्म कब और कहां हुआ था, सुभाष चंद्र बोस के माता पिता का नाम और सुभाष चंद्र बोस के कुछ प्रसिध्द नारे आदि। ऐसे ही बहुत से सवालों के जवाब को इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे जिससे की आपको सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय अच्छे से समझ आ जाये। तो अगर आप subhash chandra bose ka jivan parichay बिल्कुल अच्छे से समझना चाहते है तो, आपको इस आर्टिकल को पुरा शुरू से अन्त तक पढ़ना होगा। चलिये अब हम पूरे विस्तारपूर्वक से सुभाष चंद्र बोस की जीवनी को समझते हैं। भारतीय इतिहास में सुभाषचन्द्र बोस एक महान् व्यक्ति एवं बहादुर स्वतन्त्रता सेनानी के रूप में विख्यात हैं। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनके द्वारा दिया गया नारा“तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूँगा” उनकी क्रान्तिकारी सोच को दर्शाता है। सुभाषचन्द्र बोस के अतिरिक्त भारतीय इतिहास में ऐसा कोई व्यक्तित्व नहीं हुआ, जो एक साथ महान् सेनापति, वीर सैनिक, राजनीति का अद्भुत खिलाड़ी और अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त पुरुषों, नेताओं के समकक्ष साधिकार बैठकर कूटनीति तथा चर्चा करने वाला हो। महात्मा गाँधी के नमक सत्याग्रह को 'नेपोलियन की पेरिस यात्रा' की संज्ञा देने वाले सुभाषचन्द्र बोस एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिनके पाँव लक्ष्य से कभी पीछे नह...

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय: मेरा अनुभव है कि हमेशा आशा की कोई न कोई किरण आती है, जो हमें जीवन से दूर भटकने नहीं देती » अपना रण

By Mar 22, 2022 स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता और भारत के वीर सपूत सुभाषचंद्र बोस, जिनके अंदर अपने वतन के लिए, अपने वतन के लोगों के लिए जितना आदर था उतना ही द्वेष और क्रोध उन गोरों के लिए था, जिसने भारत देश पर अपना शासन बैठा रखा था। नेताजी के कांग्रेस में रहते हुए और बाद में जापान जाने के बाद भी नेताजी हमेशा अंग्रेज़ो के दांत खट्टे करने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे। शायद यही कारण है कि उन्हें अंग्रेजी हुकूमत ज्यादातर कारावास में ही देखना पसंद करती थी ताकि वे चैन से अपना शासन चला संके। पर, नेताजी तो नेताजी हैं उन्हें कब कौन रोक पाया है और खास कर तब, जब उनके अंदर अपने वतन के लिए देशभक्ति का खून दौर रहा हो। नेताजी भारत माता के उन वीरसपूतो में से एक हैं, जिनके लिए अपने देश मे गुमनामी रूप में जीना अभिमान और गर्व की बात थी पर अंग्रेज़ी हुकूमत उन्हें सांप की तरह डंक मारती थी। ऐसे वीरसपूतो का कर्ज जो भारत पर है, वो शायद ही कभी चुकाया जा सके। ऐसे में नेताजी के जन्मदिन के 125वी एनीवर्सरी पर भारत के प्रधानमंत्री ने उन्हें याद करते हुए इंडिया गेट पर विशाल प्रतिमा लगाने की बात कही। और आगे कहा कि “जिन्होंने भारत की धरती पर पहली आज़ाद सरकार को स्थापित किया था, हमारे उन नेताजी की भव्य प्रतिमा आज डिजिटल स्वरूप में इंडिया गेट के समीप स्थापित हो रहा है। जल्द ही इस होलोग्राम प्रतिमा के स्थान पर ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा भी लगेगी।” हम आपको बता दें कि ग्रेनाइट की इस प्रतिमा का आयाम 28 फ़ीट लंबा और 6 फ़ीट चौड़ा होगा। और प्रतिमा को उसी स्थान पर स्थापित किया जाएगा जहाँ 1968 तक जार्ज पंचम की प्रतिमा स्थापित थी। नेताजी जी के जन्म दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का शुभारंभ भी एक साल पहले 23 जनवरी को क...

Subhash Chandra Bosh Ka Jivan Parichay Kahani

Subhash Chandra bosh Ka Jivan Parichay In Hindi, सुभाषचंद्र बोस भारत देश के महान स्वतंत्रता संग्रामी थे, उन्होंने देश को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए बहुत कठिन प्रयास किये. उड़ीसा के बंगाली परिवार में जन्मे सुभाषचंद्र बोस एक संपन्न परिवार से थे, लेकिन उन्हे अपने देश से बहुत प्यार था और उन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी देश के नाम कर दी थी. अमृत संदेश भारत की जनता के हृदय सम्राट नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दिया था जोमहात्मा गांधीके साथ देश को स्वतंत्रता दिलाने प्रयासरत थे, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस भारत के एक क्रन्तिकारी व्यक्ति थे, पुरे भारत में नेता के name सेमहसूर थे, जो भारत को आजादी दिलाने के लिए कई संघर्ष का सामना किया था,नेता सुभाष चन्द्र बोस का जीवन में अनेक संघर्ष को देखते हुए आज भी लाखो लोगो के दिल में याद है जो बहुत साहसीव्यक्ति थे (Subhash Chandra Boss Biography Story in Hindi) " तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा" सुभाष चंद्र बोस( Subhash Chandra Bose) का जन्म 22 जनवरी 1897 ईसवीं को कटक (उड़ीसा) में हुआ था, इनके पिता का नाम बाबू जानकी नाथ बोस था, सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रीय नेता 5 वर्ष की आयु में मिशनरी स्कूल में प्रविष्ट हुए, सुभाष चंद्र बोस मेधावी छात्र थे, NetajiSubhas Chandra Bose Initial Life सुभाषचंद्र जी का जन्म कटक, उड़ीसा के बंगाली परिवार में हुआ था , उनके 7 भाई और 6 बहनें थी. अपनी माता पिता की वे 9 वीं संतान थे, नेता जी अपने भाई शरदचन्द्र के बहुत करीब थे. उनके पिता जानकीनाथ कटक के महशूर और सफल वकील थे, जिन्हें राय बहादुर नाम की उपाधि दी गई थी. नेता जी को बचपन से ही पढाई में बहुत रूचि थी, वे बहुत मेहनती और अपने टीचर के प्रिय थे. लेकिन नेता जी को खेल कूद में क...

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा में कटक के एक संपन्न बंगाली परिवार में हुआ था। बोस के पिता का नाम 'जानकीनाथ बोस' और माँ का नाम 'प्रभावती' था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वक़ील थे। प्रभावती और जानकीनाथ बोस की कुल मिलाकर 14 संतानें थी, जिसमें 6 बेटियाँ और 8 बेटे थे। सुभाष चंद्र उनकी नौवीं संतान और पाँचवें बेटे थे। अपने सभी भाइयों में से सुभाष को सबसे अधिक लगाव शरदचंद्र से था। नेताजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कटक के रेवेंशॉव कॉलेजिएट स्कूल में हुई। तत्पश्चात् उनकी शिक्षा कलकत्ता के प्रेज़िडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज से हुई, और बाद में भारतीय प्रशासनिक सेवा (इण्डियन सिविल सर्विस) की तैयारी के लिए उनके माता-पिता ने बोस को इंग्लैंड के केंब्रिज विश्वविद्यालय भेज दिया। अँग्रेज़ी शासन काल में भारतीयों के लिए सिविल सर्विस में जाना बहुत कठिन था किंतु उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया। 1921 में भारत में बढ़ती राजनीतिक गतिविधियों का समाचार पाकर बोस ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली और शीघ्र भारत लौट आए। सिविल सर्विस छोड़ने के बाद वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ जुड़ गए। सुभाष चंद्र बोस महात्मा गांधी के अहिंसा के विचारों से सहमत नहीं थे। वास्तव में महात्मा गांधी उदार दल का नेतृत्व करते थे, वहीं सुभाष चंद्र बोस जोशीले क्रांतिकारी दल के प्रिय थे। महात्मा गाँधी और सुभाष चंद्र बोस के विचार भिन्न-भिन्न थे लेकिन वे यह अच्छी तरह जानते थे कि महात्मा गाँधी और उनका मक़सद एक है, यानी देश की आज़ादी। सबसे पहले गाँधीजी को राष्ट्रपिता कह कर नेताजी ने ही संबोधित किया था। 1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद उन्होंने ...

सुभाष चन्द्र बोस का जीवन परिचय, जयंती

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सुभाष चंद्र बोस जी का जीवन परिचय

पूरा नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस जन्म 23 जनवरी 1897 जन्म स्थान कटक, उड़ीसा माता का नाम प्रभावती पिता का नाम जानकीनाथ बोस पत्नी एमिली (1937) बेटी अनिता बोस नागरिकता भारतीय मृत्यु 18 अगस्त,1945 जापान में सुभाष चंद्र बोस का प्रारंभिक जीवन - नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक (उड़ीसा) में जानकीनाथ बोस और प्रभाती देवी के यहां हुआ था। सुभाष आठ भाइयों और छह बहनों के बीच नौवीं संतान थे। उनके पिता, जानकीनाथ बोस, कटक में एक संपन्न और सफल वकील थे और उन्हें ''राय बहादुर'' की उपाधि मिली। बाद में वह बंगाल विधान परिषद के सदस्य बने। सुभाष चंद्र बोस एक प्रतिभाशाली छात्र थे। उन्होंने बी.ए. कोलकाता में प्रेसिडेंसी कॉलेज से दर्शनशास्त्र में किया था। वे स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से गहरे प्रभावित और एक छात्र के रूप में देशभक्ति के लिए जाने जाते थे, एक ऐसी घटना में जहां बोस ने अपने नस्लवादी टिप्पणी के लिए अपने प्रोफेसर (ई.एफ. ओटेन) की पिटाई की, उस घटना ने सरकार की नजर में विद्रोही भारतीय के रूप में कुख्यात किया। उनके पिता चाहते थे कि नेताजी एक सिविल सेवक बने और इसलिए उन्हें बर्लिन प्रवास के दौरान उनकी मुलाकात एमिली से हुई और वह एमिली शेंकल से प्यार कर बैठे जो ऑस्ट्रियाई मूल की थी। बोस और एमिली की शादी 1937 में एक गुप्त हिंदू समारोह में हुई थी और एमिली ने 1942 में एक बेटी अनीता को जन्म दिया अपनी बेटी का जन्म के कुछ समय बाद बॉस 1943 में जर्मनी से वापस भारत आ गए। सुभाष चंद्र बोस का राजनीतिक जीवन (Political Life of Subhash Chandra Bose) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ जुड़ाव - प्रारंभ में सुभाष चंद्र बोस ने कोलकाता में कांग्रेश के सक्रिय सदस्य सुभाष चंद्र बोस ने कोलकाता के छात्रो...

सुभाष चंद्र बोस की जीवनी

जन्म: 23 जनवरी 1897 मृत्यु: 18 अगस्त 1945 उपलब्धियां– सुभाष चन्द्र बोस ने ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा’ और ‘जय हिन्द’ जैसे प्रसिद्द नारे दिए, भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की, 1938 और 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, 1939 में फॉरवर्ड ब्लाक का गठन किया, अंग्रेजों को देश से निकालने के लिए ‘आजाद हिन्द फ़ौज’ की स्थापना की सुभाष चंद्र बोस को ‘नेता जी’ भी बुलाया जाता है। वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रख्यात नेता थे| हालाँकि देश की आज़ादी में योगदान का ज्यादा श्रेय महात्मा गाँधी और नेहरु को दिया जाता है मगर सुभाष चन्द्र बोस का योगदान भी किसी से कम नहीं था| प्रारंभिक जीवन उनका जन्म जनवरी 23 सन 1897 में उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था। उनके पिता जानकी नाथ बोस प्रख्यात वकील थे। उनकी माता प्रभावती देवी सती और धार्मिक महिला थीं। प्रभावती और जानकी नाथ की 14 संतानें थीं जिसमें छह बेटियां और आठ बेटे थे। सुभाष उनमें से नवें स्थान पर थे। सुभाष बचपन से ही पढ़ने में होनहार थे। उन्होंने दसवीं की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था और स्नातक में भी वो प्रथम आए थे। कलकत्ता के स्कॉटिश चर्च कॉलेज से उन्होंने दर्शनशास्त्र में स्तानक की डिग्री हासिल की थी। उसी दौरान सेना में भर्ती हो रही थी। उन्होंने भी सेना में भर्ती होने का प्रयास किया परंतु आंखें खराब होने के कारण उनको अयोग्य घोषित कर दिया गया। वे स्वामी विवेकानंद के अनुनायक थे। अपने परिवार की इच्छा के अनुसार वर्ष 1919 में वे भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी के लिए इंग्लैंड पढ़ने गये। कैरियर भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए उन्होंने 1920 में आवेदन किया और इस परीक्षा में उनको न सिर्फ सफलता मिली बल्कि उन्होंने चैथा स्थान भी...