सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम

  1. सतत् कृषि
  2. प्रदूषण पर 50 हजार जुर्माना, सुपर एसएमएस के बिना कंबाइन हार्वेस्टर से धान काटने पर बड़ी कार्रवाई
  3. यहाँ पर कृषि यंत्रों की खरीद पर मिल रही है 50% सब्सिडी, जल्द करें आवेदन 50% Subsidy for Purchase of Agricultural Machinery
  4. जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने कंबाइन संचालकों को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अपने कंबाइन में सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम या स्ट्रा रीपर या स्ट्रा रेक एवं बेलर का उपयोग करने के लिए निर्देश दिया
  5. Last Date: सब्सिडी पर यह सभी कृषि यंत्र लेने के लिए अभी आवेदन करें
  6. e कृषि यंत्र अनुदान
  7. फार्म मशीनों पर सरकार दे रही है 50% बंपर सब्सिडी; 60,000 रुपये तक का अनुदान उपलब्ध
  8. कंबाइन हार्वेस्टर में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट है जरूरी


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सतत् कृषि

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प्रदूषण पर 50 हजार जुर्माना, सुपर एसएमएस के बिना कंबाइन हार्वेस्टर से धान काटने पर बड़ी कार्रवाई

सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़े एक कंबाइन हार्वेस्टर को लगाया 50000 रुपए का जुर्माना पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में लगाए गए हैं। उपायुक्त गिरीश दयालन ने कहा कि कृषि विभाग और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीमों द्वारा जाच करने पर खरड़ ब्लॉक के गांव घडूयां में सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (सुपर एसएमएस) का उपयोग किए बिना कंबाइन हार्वेस्टर का संचालन मिला और उल्लंघनकर्ता बलविंदर सिंह को पर्यावरण क्षतिपूर्ति को निर्धारित समयावधि में जमा करने के लिए कहा गया। उपायुक्त ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए जलते हुए ठूंठ पर पर्दा डालना आवश्यक है। कोरोना वायरस महामारी के बीचयह सभी अधिक प्रासंगिक हो जाता है, क्योंकि प्रदूषणकारी वायु गुणवत्ता लोगों को सह-रुग्णता के साथ उच्च जोखिम में डाल सकती है। उपायुक्त ने किसानों से आह्वान किया कि वे संचालकों को स्टबल बर्निंग से बचाने के लिए नई हाईटेक तकनीकों को अपनाकर स्टबल मैनेजमेंट प्रैक्टिस का सहारा लें। उपायुक्त ने जिले में सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम के कंबाइन हार्वेस्टर के उपयोग पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम, 1981 के तहत निर्देश जारी किए हैं कि पंजाब राज्य में कार्यात्मक सुपर स्ट्रॉ प्रबंधन प्रणाली के बिना किसी भी फसल काटने वाले गठबंधन को धान की कटाई करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। गठबंधन के साथ जुड़ा सुपर एसएमएस धान के पुआल को बहुत ही छोटे टुकड़ों में काटता है, जिससे खेतों में अन्य मशीनों को काम करना आसान हो जाता है।

यहाँ पर कृषि यंत्रों की खरीद पर मिल रही है 50% सब्सिडी, जल्द करें आवेदन 50% Subsidy for Purchase of Agricultural Machinery

50% Subsidy for Purchase of Agricultural Machinery : आधुनिक समय में खेती विज्ञान पर आधारित हो गई है. खेती को आसान बनाने कि लिए रोज नई- नई मशीनों का आविष्कारहो रहा है. इन मशीनों के उपयोग से समय की बचत होती है. साथ ही खेती पर लागत भी कम होती जा रही है. यही वजह है कि अलग- अलग राज्य सरकारें अपने- अपने प्रदेश में कृषि यंत्रोंकी खरीद पर 50% Subsidy for Purchase of Agricultural Machinery 50% Subsidy for Purchase of Agricultural Machinery 50% Subsidy for Purchase of Agricultural Machinery : कृषि जागरण के मुताबिक, इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत कृषि मशीनों की खरीद पर बंपर सब्सिडी देने का ऐलान किया है. दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सरकार का भी मानना है कि वर्तमान में खेती तकनीकी आधारित हो गई है. यदि किसान भाइयों को नई मशीनों की खरीद पर आर्थिक सहायता नहीं दी जाए, तो अन्य राज्यों के किसानों से पिछड़ जाएंगे. चूकि कृषि यंत्र बहुत ही महंगे आते हैं. सभी किसान इसे नहीं खरीद सकते हैं. यही वजह है कि एमपी सरकार कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी देने का फैसला किया. इन यंत्रों की खरीद पर 50 फीसदी मिलेगी सब्सिडी मध्य प्रदेश सरकार ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत कृषि ऊपकरणों और मशीनों की खरीद पर 30 से 50 फीसदी तक सब्सिडी दे रही है. इससे किसानों को सुपर सीडर, क्रॉप रीपर, हैप्पी सीडर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर, श्रू मास्टर, मल्चर और सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम की खरीद करने पर 40 से 60 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा. वहीं, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सब्सिडी का ऐलान करने पर किसानों के बीच खुशी की लहर है. किसानों ने उम्मीद जताई है कि इन यंत्रों के सहयोग से ख...

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने कंबाइन संचालकों को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अपने कंबाइन में सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम या स्ट्रा रीपर या स्ट्रा रेक एवं बेलर का उपयोग करने के लिए निर्देश दिया

बस्ती , जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने कंबाइन संचालकों को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अपने कंबाइन में सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम या स्ट्रा रीपर या स्ट्रा रेक एवं बेलर का उपयोग करने के लिए निर्देश दिया है। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कंबाइन संचालकों के साथ बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस व्यवस्था के बगैर कोई भी कंबाइन हार्वेस्टर से कटाई नहीं करेंगे। जिलाधिकारी ने लेखपाल तथा ग्राम सचिवों को निर्देशित किया है कि वह पराली न जलाने के लिए किसानों को प्रेरित करेंगे और इसके लिए प्रत्येक गांव में गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा तथा पराली जलाने से मिट्टी, जलवायु, एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाली हानियों से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि पराली जलाने पर माननीय सर्वाेच्च न्यायालय तथा राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा जुर्माना लगाए जाने के लिए निर्देशित किया है। इसमें 2 एकड़ से कम क्षेत्र पर रुपया 2500, दो से 5 एकड़ क्षेत्र के लिए रुपया 5000 तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रुपया 15000 तक पर्यावरण कंपनसेशन की वसूली के निर्देश हैं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि माननीय सर्वाेच्च न्यायालय तथा एनजीटी के आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। उन्होंने कंबाइन चालकों को बताया कि इन-सीटू योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 14 प्रकार के यंत्र अनुदान पर दिये जाते है, जिसके लिए आनलाइन आवेदन करना होता है। कंबाइन चालक अनुदान पर सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम या स्ट्रा रीपर प्राप्त कर सकते हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि पराली निकट के गौशाला या गौ सरक्षण केंद्र तक पहुंचाने की व्यवस्था ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा के अंतर्गत कराई जाएगी। इसे भूसे का उपयोग गौशाला में सुरक्षित पशुओं के लिए किया जाएगा। इस...

Last Date: सब्सिडी पर यह सभी कृषि यंत्र लेने के लिए अभी आवेदन करें

कृषि यंत्रो की खरीद पर अनुदान Subsidy हेतु आवेदन कृषि क्षेत्र में यंत्रो व मशीनों के उपयोग को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत कृषि यंत्रों व उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है, इसमें फसल बुआई से लेकर कटाई एवं फसल अवशेष प्रबंधन तक के कृषि यंत्र शामिल रहते हैं। इस कड़ी में बिहार सरकार द्वारा राज्य में कृषि यंत्रीकरण योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत इस वर्ष बिहार सरकार 9405.54 लाख रुपए की लागत से किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान देने जा रही है। योजना का लाभ लेने के लिए किसान 31 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। बिहार सरकार “कृषि यंत्रीकरण राज्य योजना वर्ष (2022-23)” में कुल 90 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दे रही है, जिसमें खेत की जुताई, बुआई, निकाई-गुड़ाई, सिंचाई, कटाई, दौनी इत्यादि तथा गन्ना एवं उद्यान से सम्बंधित कृषि यंत्र शामिल है। इच्छुक किसान 31 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं। किसान समाधान अपने पाठकों के लिए कृषि यंत्र के नाम एवं उस पर दी जाने वाली सब्सिडी की जानकारी लेकर आया है। सुपर सीडर ( ट्रैक्टर चलित ) 6 फीट सामान्य वर्ग: 75 प्रतिशत अधिकतम 1,42,000 रुपए अनुसूचित जाति/ जनजाति/ अत्यंत पिछड़ा वर्ग: 80 प्रतिशत अधिकतम 1,52,000 रुपए सुपर सीडर ( ट्रैक्टर चलित ) 7 फीट सामान्य वर्ग: 75 प्रतिशत अधिकतम 1,50,000 रुपए अनुसूचित जाति/ जनजाति/ अत्यंत पिछड़ा वर्ग: 80 प्रतिशत अधिकतम 1,60,000 रुपए सुपर सीडर ( ट्रैक्टर चलित ) 8 फीट सामान्य वर्ग: 75 प्रतिशत अधिकतम 1,57,000 रुपए अनुसूचित जाति/ जनजाति/ अत्यंत पिछड़ा वर्ग: 80 प्रतिशत अधिकतम 1,68,000 रुपए एसएमएस ( स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम ) सामान्य वर्ग: 75 प्रतिशत अधिकतम 82,000...

e कृषि यंत्र अनुदान

Important Instructions • Update your Password regularly • Never share your Password • Password must use a combination of these: • Atleast 1 upper case letter (A – Z) • Lower case letter (a – z) • Atleast 1 number (0 – 9) • Atleast 1 non-alphanumeric symbol (e.g.‘!@#$%^&*?_~’) • Length should be min. 8 Char. Postgraduate • Master of Global Business Important Instructions • Update your Password regularly • Never share your Password • Password must use a combination of these: • Atleast 1 upper case letter (A – Z) • Lower case letter (a – z) • Atleast 1 number (0 – 9) • Atleast 1 non-alphanumeric symbol (e.g.‘!@#$%^&*?_~’) • Length should be min. 8 Char.

फार्म मशीनों पर सरकार दे रही है 50% बंपर सब्सिडी; 60,000 रुपये तक का अनुदान उपलब्ध

Farm Machine Subsidy: खेती भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और देश ने हमेशा अपने कृषि क्षेत्र को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया है। खेती में नई मशीनों के आने से यह प्रक्रिया बहुत आसान और तेज हो गई है, जिससे किसानों के समय और ऊर्जा दोनों की बचत हुई है। हालांकि, इन मशीनों की लागत कई किसानों की खरीद से परे हो सकती है, जिससे उनकी नवीनतम तकनीक तक पहुंच बनाना मुश्किल हो जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी किसान इन मशीनों से लाभान्वित हो सकें, केंद्र और राज्य सरकारें कृषि उपकरणों पर सब्सिडी प्रदान करती रही हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाए हैं और किसानों को अपनी कृषि पद्धतियों में सुधार करने में मदद करने के लिए कृषि मशीनों पर बंपर सब्सिडी देने की घोषणा की है। ई-कृषि यंत्र अनुदान (E-Krishi Yantra Anudan Yojana) के तहत, मध्य प्रदेश सरकार विभिन्न कृषि उपकरणों जैसे सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, श्रू मास्टर, पैडी स्ट्रॉ चॉपर, श्रेडर, मल्चर, रोटरी स्लेशर, हाइड्रॉलिक हल, बेलिंग मशीन, क्रॉप रीपर, स्ट्रॉ रेक और रीपर कम बाइंडर पर सब्सिडी प्रदान कर रही है। कैसे करें आवेदन किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की वेबसाइट पर जाकर किसान अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं। ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत किसानों को सब्सिडी उपलब्ध है और सरकार खेती की मशीनों पर 30% से 50% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। किसानों को खरीदे गए प्रत्येक कृषि यंत्र पर लगभग 40,000 से 60,000 रुपये का अनुदान प्राप्त हो सकता है। खेती के उपकरणों पर सब्सिडी प्रदान करने के मध्य प्रदेश सरकार के फैसले से कई किसानों को लाभ होने की उम्मीद ह...

कंबाइन हार्वेस्टर में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट है जरूरी

जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की बैठक सोमवार को कलेक्ट्रेट में डीएम धर्मेंद्र कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें जिलाधिकारी ने गेहूं फसल की कटाई के बाद फसल अवशेष प्रबंधन पर काफी जोर दिया। उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि गेहूं फसल की हार्वेस्टिंग से लेकर फसल के अवशेष जलाने वाले लोगों की निगरानी कृषि विभाग को करनी है। इस बार वैसे हार्वेस्टरों से कही गेहूं के फसल की हार्वेस्टिंग करानी है जिसमें स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम या स्ट्रा रीपर लगा हो। डीएम ने कहा कि जिले में वैसे कम्बाइन हार्वेस्टर नहीं चलेंगे जिनमें उक्त सिस्टम नहीं लगा है। अगर कही भी विभागीय निर्देश के विपरीत हार्वेस्टिंग का काम चल रहा हो तो उसपर रोक लगाते हुए कार्रवाई की जिम्मेवारी जिला कृषि पदाधिकारी की होगी। जिला टास्क फोर्स की बैठक में जल जीवन हरियाली में शामिल किए गए कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गई। बीज उपलब्धता एवं वितरण, उर्वरक उपलब्धता एवं वितरण, कृषि यांत्रीकरण की प्रगति, पीएम किसान सम्मान निधि योजना की प्रगति, केसीसी की प्रगति, बागवानी योजनाओं की प्रगति, आत्मा योजनाओं की प्रगति, मिट्टी जांच की प्रगति, पौधा संरक्षण कार्य की प्रगति तथा भूमि संरक्षण के कार्यों की प्रगति की समीक्षा डीएम ने की। समीक्षा के बाद जिलाधिकारी ने बैठक में शामिल अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। इस बैठक डीएओ संजय नाथ तिवारी, डीसीओ समरेश कुमार, सहायक निदेशक अभियंत्रण मो. अकरम अंसारी, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण संतोष कुमार, सहायक निदेशक रसायन, सहायक निदेशक भूमि संरक्षण आदि शामिल थे। प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण एक्ट के तहत जरूरी है हार्वेस्टर में एसएमएस सिस्टम डीएम ने कहा कि जिले में स्वच्छ वातावर...