Surah ikhlas in hindi tarjuma

  1. नमाज़ की सूरह हिंदी में
  2. 112 हिन्दी में सूरह अल
  3. Surah e Falaq in Hindi
  4. Surah Ikhlas In Hindi Tarjuma


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नमाज़ की सूरह हिंदी में

Arabic Verse بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيم ①ِ الْحَمْدُ لِلَّـهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ ② الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ ③ مَالِكِ يَوْمِ الدِّينِ ④ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ ⑤ اهْدِنَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِيمَ ⑥ صِرَاطَ الَّذِينَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ الْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلَا الضَّالِّينَ ⑦ सुरः अल-फातिहा: बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम अल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन अर्रहमानिर्रहीम मालिकि यौमिद्दीन इय्या-क न बुदु व इय्या-क नस्तीइन इहदिनस्सिरातल्-मुस्तकीम सिरातल्लज़ी-न अन्अम्-त अलैहिम गैरिल्-मग़जूबि अलैहिम् व लज्जॉल्लीन ✦ तर्जुमा✦ अल्लाह के नाम से जो रहमान व रहीम है। तारीफ़ अल्लाह ही के लिये है जो तमाम क़ायनात का रब है। रहमान और रहीम है। रोज़े जज़ा का मालिक है। हम तेरी ही इबादत करते हैं, और तुझ ही से मदद मांगते है। हमें सीधा रास्ता दिखा। उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने इनाम फ़रमाया जो माअतूब नहीं हुए, जो भटके हुए नहीं है। ۞ Surah Al Falaq [113] Arabic Verse بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ ① مِن شَرِّ مَا خَلَقَ ② وَمِن شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ ③ ِوَمِن شَرِّ النَّفَّاثَاتِ فِي الْعُقَدِ ④ وَمِن شَرِّ حَاسِدٍ إِذَا حَسَدَِ ⑤ सुरः अल-फलक बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम कुल अऊजु बिरब्बिल फलक मिन शर रिमा ख़लक़ वामिन शर रिग़ासिकिन इज़ा वकब वमिन शर रिन नफ़फ़ासाति फ़िल उक़द वमिन शर रि हासिदिन इज़ा हसद ✦ तर्जुमा✦ अल्लाह के नाम से जो रहमान व रहीम है। (ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं सुबह के मालिक की हर चीज़ की बुराई से जो उसने पैदा की पनाह माँगता हूँ और अंधेरीरात की बुराई से जब उसका अंधेरा छा जाए और गन्डों पर फूँकने वाल...

112 हिन्दी में सूरह अल

यह सूरह मक्की है, इस में 4 आयतें हैं। इख्लास का अर्थ है अल्लाह की शुद्ध इबादत करना। इसी का दूसरा नाम तौहीद है, इस सूरह में तौहीद का वर्णन है। यह सूरह पारा नंबर 30 मे है। हजरत अब्दुल्लाह बिन मसूद की रवायत है कि कुरैश के लोगों ने रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से कहा कि अपने रब का नसब हमें बताएं इस पर यह सूरह नाजिल हुई। सहीह हदीस में है कि यह सूरह एक तिहाई कुरान के बराबर है। (सहीह बुख़ारी, सहीह मुस्लिम) Search for: AFFILIATE DISCLOSURE learnnooraniqaida.com is a participant in the Amazon Services LLC Associates Program, an affiliate advertising program designed to provide a means for sites to earn advertising fees by advertising and linking to Amazon.com. I may earn a small commission for my endorsement, recommendation, testimonial, and/or link to any products or services from this website. Channel “Islamic Apps of Jabir”

Surah e Falaq in Hindi

Surah e Falaq in Hindi Surah e Falaq in Hindi सूर ए फ़लक: बिसमिल्ला हिर रहमानिर रहीम • कुल अऊजु बिरब्बिल फलक । • मिन शररि मा खलक। • व मिन शररि गासिकिन इजा वकब। • व मिन शररिन नफ्फासाति फिल उकद। • व मिन शररि हासिदिन इज़ा हसद। तर्जुमाः शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से। ऐ रसूल कह दो कि मैं सुबह के मालिक की पनाह चाहता हूँ | उसकी बराई से जो उसने पैदा की है। और अँधेरी रात की बुराई से जब वो छाजाए और गंडों पर फूंकने वालियों की बराई से और हसद करने वालों की बराई से जब वह हसद करे। Read Also: • • • • ← Surah Ikhlas in Hindi | Surah e Tauheed | सूर ए तौहीद • →

Surah Ikhlas In Hindi Tarjuma

सूरह इख्लास के संक्षिप्त विषय यह सूरह मक्की है, इस में 4 आयतें हैं। • इख्लास का अर्थ है अल्लाह की शुद्ध इबादत (वंदना) करना| इसी का दूसरा नाम तौहीद (अद्वैत) है, इस सूरह में तौहीद का वर्णन है, इसी लिये इस का यह नाम है। [1] 1. यह सूरह मक्की सूरतों में से है। यद्यपि इस के उतरने से संबंधित रिवायत से लगता है कि यह सूरह मदीने में उस समय उतरी जब मदीने के यहूदियों ने आप से प्रश्न किया कि बताइये कि वह पालनहार कैसा है जिस ने आप को भेजा है। या यह कि “ नजरान” के ईसाईयों ने इसी प्रकार का प्रश्न किया कि वह कैसा है, और किस धातु का बना हुआ है। तो यह सूरह उतरी। परन्तु सब से पहले यह प्रश्न स्वयं मक्का वासियों ने ही किया था। इसलिये इसे मक्का में उतरने वाली आरम्भिक सूरतों में गणना किया जाता है। इस का नाम “ सूरह इख्लास” है। इख्लास का अर्थ है: अल्लाह पर ऐसे ईमान लाना कि उस के अस्तित्व और गुणों में किसी की साझेदारी की कोई आभा (झलक) न पाई जाये। और इसी को तौहीदे खालिस (निर्मल ऐकेश्वरवाद) कहते हैं। जहाँ तक अल्लाह को मानने की बात है तो संसार ने सदा उस को माना है परन्तु वास्तव में इस मानने में ऐसा मिश्रण भी किया है कि मानना और न मानना दोनों बराबर हो कर रह गये हैं। तौहीद को उजागर करने के लिये अल्लाह ने बराबर नबी भेजे परन्तु इन्सान बार बार इस तथ्य को खोता रहा। आदरणीय • इस की आयत 1, 2 में अल्लाह के सकारात्मक गुणों को और आयत 3,4 में नकारात्मक गुणों को बताया गया है ताकि धर्मों और जातियों में जिस राह से शिर्क आया है उसे रोका जा सके। हदीस में है कि अल्लाह ने कहा कि मनुष्य ने मुझे झुठला दिया। और यह उस के लिये योग्य नहीं था। ओर मझे गाली दी. और यह उस के लिये योग्य नहीं था। उस का मझे झुठलाना उस का यह कहना है कि ...