सूखी खांसी की आयुर्वेदिक दवा

  1. हिमालय कोफ्लेट सिरप के फायदे और नुकसान : Himalaya Koflet Syrup benefits and side effects in hindi
  2. सूखी खांसी से निजात दिलाने में कारगर हैं ये आयुर्वेदिक नुस्खे, जानिये
  3. सूखी खांसी: चिकित्सा उपचार और घरेलू उपचार
  4. पतंजलि तुलसी घनवटी के 11 फायदे
  5. खांसी ( Cough ) की 10 सबसे महत्वपूर्ण होम्योपैथिक दवा


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हिमालय कोफ्लेट सिरप के फायदे और नुकसान : Himalaya Koflet Syrup benefits and side effects in hindi

हिमालय कोफ्लेट सिरप की जानकारी - Himalaya Koflet Syrup information in hindi हिमालय कोफ्लेट सिरप (Himalaya Koflet Syrup) खांसी की कोफ्लेट की परिधीय एन्टिट्यूड (खांसी दबाने वाला) कार्रवाई ब्रोंकियल म्यूकोसल जलन और संबंधित ब्रोंकोस्पाम को कम करती है। इसके अलावा एंटी एलर्जिक, एंटीमाइक्रोबियल और इम्यून मोडिफाई करने वाले गुण खांसी से राहत प्रदान करते हैं। कोफलेट सिरप का प्रभाव श्वसन मार्ग को शांत करता है। यह भी पढ़े ► हिमालय कोफ्लेट सिरप के घटक तत्व - Himalaya Koflet Syrup Ingredients in Hindi हिमालय कोफ्लेट सिरप एक आयुर्वेदिक दवा है जिसमें कई औषधीय गुण वाले तत्वों का सम्मिश्रण होता है। हिमालय कोफ्लेट सिरप में शामिल जड़ी-बूटियाँ और घटक तत्व इस प्रकार से हैं - तुलसी (तुलसी) - पवित्र तुलसी ( मुलेठी (यष्टिमधु) - मुलेठी (यष्टिमधु) में कासरोधी, गर्भवती और प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुण होते हैं जो खांसी से राहत दिलाने में सहायक होते हैं। शहद (मधु) - अपने सूजनरोधी गुणों के कारण हिमालय कोफ्लेट सिरप के फायदे - Himalaya Koflet Syrup benefits in Hindi • खांसी का इलाज • श्वसन विकारों को समाप्त करने में सहायक • गले की जलन से राहत देता है। • गले की खराश दूर करता है। • श्वसन तंत्र संक्रमण से जुड़ी खांसी में उपयोगी • धूम्रपान करने वाले की खांसी में उपयोगी • क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के कारण खांसी में उपयोगी हिमालय कोफ्लेट सिरप के नुकसान - Himalaya Koflet Syrup Side Effects in Hindi हिमालय कोफ्लेट सिरप सिरप के दुष्प्रभाव का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन यदि किसी तरह की कोई दिक्कत हो तो वैसे कोफलेट को निर्धारित खुराक के अनुसार लिया जाए तो कोई दुष्प्रभाव होने की जानकारी नहीं है...

सूखी खांसी से निजात दिलाने में कारगर हैं ये आयुर्वेदिक नुस्खे, जानिये

मौसम में थोड़े से भी बदलाव के कारण खांसी, जुकाम और बुखार जैसी समस्याएं होने लगती हैं। खांसी के कारण गले में दर्द और सूजन भी हो जाती हैं। जिन लोगों को सूखी खांसी की परेशानी हो जाती है, उन्हें इससे जल्दी से आराम नहीं मिल पाता। यह परेशानी काफी समय तक बनी रहती है। कोरोनावायरस होने का सूखी खांसी भी एक लक्षण है। सूखी खांसी की समस्या से निजात दिलाने में आयुर्वेदिक उपाय बेहद ही कारगर हैं। योग गुरू बाबा रामदेव ने कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय बताएं हैं, जिनके जरिए आप सूखी खांसी की इस समस्या से निजात पा सकते हैं। सेंधा नमक: व्रत-उपवास के दौरान सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, सेंधा नमक सूखी खांसी की समस्या से निजात दिलाने में भी कारगर है। इसके लिए एक गिलास गर्म पानी में चुटकीभर सेंधा नमक मिला लें। साथ ही थोड़ी-सी हल्दी भी पानी में डाल दें। अब इस पानी से गरारे हैं। नियमित तौर पर सेंधा नमक के पानी से गरारे करने पर सूखी खांसी की समस्या से निजात पाया जा सकता है। अदरक, शहद और मुलेठी: सूखी खांसी को दूर करने में शहद, मुलेठी और अदरक बेहद ही कारगर है। अदरक जहां एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है। वहीं, मुलेठी खांसी को कम करने में मदद करती है। शहद में सूदिंग प्रॉपर्टीज मौजूद होती हैं, जो गले की खराश और खांसी से राहत दिलाती हैं। इन तीनों चीजों को मिलाकर इस्तेमाल करने से सूखी खांसी की समस्या दूर हो सकती है। इसके अलावा खजूर, मुनक्का और द्राक्षि का सेवन करने से भी सूखी खांसी की समस्या में आराम मिलता है। बाबा रामदेव के अनुसार सुबह-शाम स्वासारि की 2-2 गोली का सेवन करना चाहिए। वहीं, खाने के बाद गिलोय और लक्ष्मीविलास संजीवनी का सेवन करें। इससे सूखी खांसी की समस्या दूर हो जाएगी। तुलसी ...

सूखी खांसी: चिकित्सा उपचार और घरेलू उपचार

सूखी खांसी: चिकित्सा उपचार और घरेलू उपचार सूखी जलन वाली खांसी जो आसानी से नहीं जाती है हममें से किसी के लिए असामान्य नहीं है। अलग-अलग कारणों से, हमें बचपन में या बड़े होने पर कभी-कभी इस बीमारी का सामना करना पड़ता है। यह सूखी खांसी क्या है, क्यों होती है और इससे छुटकारा पाने के लिए क्या किया जा सकता है? आइए इस लेख में यह सब जानते हैं। सूखा गर्भावस्था के दौरान सूखी खांसी गर्भावस्था के दौरान सूखी खांसी कई कारणों से होती है, उनमें से एक शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर में वृद्धि होना है। गर्भावस्था के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, इसलिए शरीर को एलर्जी और खांसी होने का खतरा अधिक होता है। गर्भावस्था के दौरान सूखी खांसी के कुछ कारण हैं - • एलर्जी • दमा • श्वसनी-आकर्ष • rhinitis • कम प्रतिरक्षा • नाराज़गी • हार्मोन सम्बंधित परिवर्तन गर्भावस्था के दौरान खांसी होने से बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता है। हालाँकि, खांसी के कुछ कारण बच्चे को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या निमोनिया। गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए यदि वे लगातार खांसी या सांस की किसी बीमारी से पीड़ित हैं जो उनके समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है। • दमा • एलर्जी • सामान्य सर्दी या इन्फ्लूएंजा (फ्लू) • ब्रोंकाइटिस • क्रुप (बच्चों में देखा गया) • गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स (जीईआरडी) या लैरींगोफेरीन्जियल रिफ्लक्स • निमोनिया • धूम्रपान • विदेशी शरीर साँस लेना • वोकल कॉर्ड डिसफंक्शन • काली खांसी (काली खांसी) • दवा के दुष्प्रभाव, उदाहरण के लिए, उच्च रक्तचाप की दवाएं अन्य दुर्लभ स्वास्थ्य समस्याएं सूखी खांसी को जन्म दे सकती हैं, जैसे - जब हम सामान्य सर्दी जैसे वायरल संक्रमण से पीड़ित होत...

पतंजलि तुलसी घनवटी के 11 फायदे

• Facebook • Twitter • Copy Link पतंजलि तुलसी घनवटी के फायदे — Patanjali Tulsi Ghan Vati एक आयुर्वेदिक दवा है। इसका प्रयोग मुख्य प्रकार से खांसी के उपचार में किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें तुलसी के तत्व होने के कारण यह कफ, वात दोष के उपचार में, भूख बढ़ाने में, पाचन शक्ति को ठीक करने और खून को शुद्ध करने में मदद करती है। Patanjali Tulsi Ghan Vati में पाये जाने वाला मुख्य घटक हैं तुलसी । इसकी खुराक मरीज की उम्र, लिंग एवं स्वास्थ्य समस्याओं पर निर्भर करती है। patanjali tulsi ghan vati ke fayde in hindi — patanjali tulsi ghan vati benefits • हमारे स्वास्थ्य के लिए तुलसी के पत्तों के साथ ही इसके बीज बहुत लाभकारी हैं। इसके अनगिनत फायदों के कारण ही इसको आयुर्वेद में अमृत के समान माना जाता है। तुलसी के सेवन से बुखार, पेट दर्द, मलेरिया, दिल के रोग एवं बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण से बचा जा सकता है। • मौसम में होने वाले बदलाव अक्सर बिमारियों का आमंत्रण देते हैं जिनमें मुख्य बिमारियां है बुखार, सर्दी—जुखाम, गले में खरास, खांसी आदि। तुलसी के पत्तों के प्रयोग से आप गले से जुड़े रोगों में लाभ ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप तुलसी के रस का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको तुलसी के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर पीना चाहिए इससे आपको बुखार, सर्दी एवं गले की समस्याओं से छुटकारा मिल जायेगा। Benefits of Patanjali Tulsi Ghanvati • यदि आप तुलसी घनवटी का नियमित सेवन कर रहे हैं तो आपको सूखी खांसी, दमा एवं सांस से जुड़ी बिमारियों में फायदा हो सकता है। तुलसी कई प्रकार के गुणों से युक्त है जो अस्थमा एसं सूखी खांसी के रोगियों के उपचार में एक अहम भूमिका निभाती है। इसके लिए आपको तुलसी के पौधे की...

खांसी ( Cough ) की 10 सबसे महत्वपूर्ण होम्योपैथिक दवा

अक्सर लोग Cough से बहुत परेशान हो जाते हैं, और इसके लिए Cough की टेबलेट, बलगम स‍िरप या सूखी Cough का बढ़िया घरेलू उपचार या बलगम वाली Cough की दवा को तलाशते हैं। कई लोगों को तो सालों से बलगम की समस्या बनी रहती है। बलगम वाली या सूखी Cough से पीड़ित रहते हैं। होमियोपैथी में Cough का सबसे अच्छा इलाज है, बस लक्षणों को समझने की जरुरत है, लक्षण के अनुसार अगर दवा पकड़ में आ जाये तो सालों पुरानी Cough जड़ से ठीक हो जाती है। इस लेख में मैं 10 होम्योपैथिक दवा के बारे में बताऊंगा जिससे हर प्रकार की Cough ठीक हो जाती है। बस ध्यान से लक्षणों पर गौर कीजियेगा। Rumex crispus 30 – सांस में जरा-सी भी ठंडी हवा के आने से गले में सुरसुराहट के साथ लगातार सूखी Cough छिड़ जाना – होम्योपैथी में ऐसी दूसरी कोई दवा नहीं है जिसमें ठंडी हवा का श्वास प्रणालिका पर इतना जबर्दस्त प्रभाव होता हो जितना रुमेक्स का होता है। रोगी अपने सिर को बिस्तर में ऐसे ढांप लेता है कि किसी कोने से भी ठंडी हवा सांस में न आने पाये। डॉ० चौधरी एक गर्भवती स्त्री की Cough का विवरण करते हुए लिखे हैं कि उसे ऐसी सूखी Cough थी कि खांसते-खांसते सारा जिस्म हिल जाता था, गर्भपात न हो जाय ऐसा भय लगता था। अनेक औषधियां जो उनके लक्षण से मिलती थी दी गई परन्तु कोई लाभ न हुआ। अन्त में, इस लक्षण पर कि वह ठंडी हवा बर्दाश्त नहीं कर सकती थी, उसे रुमेक्स की कुछ मात्राएं दी गई और Cough जाती रही। जब भी उसे देखा गया वह अपने मुंह को कपड़े से ढांपे पड़ी होती थी और ठंडी हवा को सांस में लेने की परेशानी से बचने की कोशिश करती थी। ठंडी सांस लेने से Cough के लक्षण में रुमेक्स, स्पंजिया और फॉस्फोरस की तुलना – ठंडी सांस लेने से Cough उभर आने का लक्षण रुमेक्स के अ...