स्वागत है श्रीमान आपका

  1. Welcome Poem in Hindi
  2. जापान के राजदूत ने पुणे में भारतीय व्यंजनों का लुत्फ उठाया, प्रधानमंत्री मोदी ने की तारीफ – ThePrint Hindi
  3. पत्र लेखन: Notes


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Welcome Poem in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज हमने स्वागत शायरी पर पोस्ट लिखी है मित्रो दैनिक जीवन के अनुभवों पर आधारित हिंदी कविताओं के हमारे संग्रह में आपका स्वागत है। ये कविताएँ सरल और समझने में आसान भाषा में लिखी गई हैं, और औसत व्यक्ति के लिए हैं। भारतीय संस्कृति आतिथ्य को बहुत महत्व देती है, और हम अपने मेहमानों का खुले हाथों से स्वागत करते हैं। वे महेमान के लिए तरह तरह की स्वागत कोट्स वे शायरियो से उनहोका सवागत करते है। मित्रो आप बस इन कविताओं का आनंद लें, और बेझिझक इन्हें अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ साझा करें। हार को जीत की इक दुआ मिल गई, तप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गई, आप आये श्रीमान जी यूँ लगा जैसे तकलीफों को कुछ दवा मिल गई. वेलकम शायरी सबके दिलों में हो सबके लिए प्यार, आने वाला हर पल लाये खुशियों का बहार, इस उम्मीद के साथ भुलाके सारे गम इस आयोजन का करें वेलकम. देर लगी आने में तुम को शुक्र है फिर भी आए तो आस ने दिल का साथ न छोड़ा वैसे हम घबराए तो सौ चाँद भी आ जाएँ तो महफ़िल में वो बात न रहेगी, सिर्फ आपके आने से ही महफ़िल की रौनक बढ़ेगी. Welcome Shayari for Friends मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान, ऐसे लोग ही है हमारी महफ़िल के शान. Latest Welcome Shayari दिल को सुकून मिलता हैं मुस्कुराने से. महफ़िल में रौनक आती है दोस्तों (आप) के आने से, सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी हर गली अच्छी लगी हर एक घर अच्छा लगा वो जो आया शहर में तो शहर भर अच्छा लगा कौन आया कि निगाहों में चमक जाग उठी, दिल के सोये हुए तरानों में खनक जाग उठी, किसके आने की खबर ले कर हवाएँ आई रूह खिलने लगी साँसों में महक जाग उठी अजीज के इन्तजार में ही पलके बिछाते हैं, महफ़िलो की रौनक खास लोग ही बढ़ाते हैं. ...

जापान के राजदूत ने पुणे में भारतीय व्यंजनों का लुत्फ उठाया, प्रधानमंत्री मोदी ने की तारीफ – ThePrint Hindi

नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) भारत में जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी पुणे में अपनी पत्नी के साथ खान-पान का लुत्फ उठाते दिखे, जिसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद मोदी ने भारत की खान-पान विविधता को एक अभिनव तरीके से पेश करने की राजदूत की पहल की सराहना की। सुजुकी ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह पुणे में खान-पान का लुत्फ उठाते दिखते हैं। इस वीडियो में उनकी पत्नी मसालेदार जबकि सुजुकी कम मसालेदार भोजन चुनते हैं। राजदूत ने लिखा, “मुझे भारत का स्ट्रीट फूड बहुत पसंद है… लेकिन थोड़ा तीखा कम।” सुजुकी ने एक और वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया, जिसमें वह ‘मिसल पाव’ का लुत्फ उठाते दिख रहे हैं जबकि उनकी पत्नी और अधिक तीखेपन वाला ‘मिसल पाव’ चुनती हैं। उन्होंने वीडियो के साथ लिखा, “मेरी पत्नी ने मुझे हरा दिया।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुजुकी के ट्वीट को टैग करते हुए लिखा, “ श्रीमान राजदूत यह एक ऐसी प्रतिस्पर्धा है, जिसमें हार का आपने बुरा नहीं माना होगा। आपको भारत की खान-पान विविधता का लुत्फ उठाते और इतने अभिनव तरीके से इसे पेश करते देखकर अच्छा लगा।” भाषा जोहेब नेत्रपाल नेत्रपाल यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

पत्र लेखन: Notes

पत्र लेखन एक विशेष कला है जो मानव के विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक अत्यंत सरल और सशक्त माध्यम के रूप में काम आता है। EduRev ने कक्षा 10 के छात्रों के लिए इस दस्तावेज़ की मदद से पत्र लेखन कला को अच्छी तरह समझाने की कोशिश की है। पत्र लेखन एक विशेष कला कैसे है? मनुष्य सामाजिक प्राणी है। वह अपने दुख-सुख दूसरों में बाँटना चाहता है। जब उसका कोई प्रिय व्यक्ति उसके पास होता है तब वह मौखिक रूप से अभिव्यक्त कर देता है परंतु जब वही व्यक्ति दूर होता है तब वह पत्रों के माध्यम से अपनी बातें कहता और उसकी बातें जान पाता है। वास्तव में पत्र मानव के विचारों के आदान-प्रदान का अत्यंत सरल और सशक्त माध्यम है। पत्र हमेशा किसी को संबोधित करते हुए लिखे जाते हैं, अतः यह लेखन की विशिष्ट विधा एवं कला है। पत्र पढ़कर हमें लिखने वाले के व्यक्तित्व की झलक मिल जाती है। पत्र लेखन का महत्त्व क्या है? • पत्र-लेखन की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। इसका उल्लेख हमें अत्यंत प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। कहा जाता है कि रुक्मिणी ने एकांत में एक लंबा-चौड़ा पत्र लिखकर ब्राह्मण के हाथों श्रीकृष्ण को भिजवाया था। इसके बाद शिक्षा के विकास के साथ विभिन्न उद्देश्यों के लिए पत्र लिखे जाने लगे। • पत्र में हमें शब्दों का सोच-समझकर प्रयोग करना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार धनुष से छूटा तीर वापस नहीं आता उसी प्रकार पत्र में लिखे शब्दों को वापस नहीं लौटा सकते। पत्रों की उपयोगिता हर काल में रही है और रहेगी। मोबाइल फ़ोन और संचार के अन्य साधनों का विकास होने के बाद पत्र-लेखन प्रभावित हुआ है, पर इसकी महत्ता सदैव बनी रहेगी। • परीक्षा में विदयार्थियों को एक पत्र लिखने को कहा जाता है। इसमें परीक्षक का दृष्टिकोण यह देखना होता है कि विदयार्थी ...