स्वामी विवेकानंद भाषण

  1. स्वामी विवेकानंद निबंध भाषण मराठी
  2. 128 साल पहले स्‍वामी विवेकानंद ने दिया था प्रसिद्ध श‍िकागो भाषण, ये एक ख्‍वाब थी वजह
  3. स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण
  4. स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़े अनसुने रोचक तथ्य
  5. स्वामी विवेकानंद भाषण
  6. स्‍वामी विवेकानंद का वो भाषण, जिसने भारत को बना दिया आध्‍यात्‍म का केंद्र
  7. स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण
  8. स्‍वामी विवेकानंद का वो भाषण, जिसने भारत को बना दिया आध्‍यात्‍म का केंद्र
  9. स्वामी विवेकानंद निबंध भाषण मराठी
  10. 128 साल पहले स्‍वामी विवेकानंद ने दिया था प्रसिद्ध श‍िकागो भाषण, ये एक ख्‍वाब थी वजह


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स्वामी विवेकानंद निबंध भाषण मराठी

स्वामी विवेकानंद निबंध मराठी | स्वामी विवेकानंद जयंती भाषण मराठी pdf |swami vivekananda nibandh bhashan in marathi स्वामी विवेकानंद जीवन परिचय मराठी– Swami Vivekananda Bio speech in Marathi स्वामी विवेकानंद यांना "नरेंद्र" म्हणून ही ओळखले जाते. ते एक महान विचारवंत, प्रखर व नम्र वक्ते आणिउतृष्ट देश भक्त होते. 12 जानेवारी हा दिवस स्वामी विवेकानंद यांच्या जयंती निमित्त 'राष्ट्रीय युवा दिन ' म्हणून पाळला जातो. आजच्या लेखात आपण "स्वामी विवेकानंद जीवन परिचय (Swami Vivekananda Bio in Marathi)" बघणार आहे. जसे कि, स्वामी विवेकानंद यांचे प्रारंभिक जीवन, शिक्षण, कामे, शिकवणी, तत्त्वज्ञान, इत्यादी. तर वेळेचं अपव्यय न करता आपण या लेखा चा मुख्य विषय "स्वामी विवेकानंद जीवन परिचय " या कडे वळू या- स्वामी विवेकानंद जीवन परिचय विचार - Swami Vivekananda Bio pdf in Marathi स्वामी विवेकानंद हे एक असे नाव आहे ज्याला कोणत्याही प्रकारच्या परिचयाची आवश्यकता नाही. ते एक प्रभावशाली व्यक्तिमत्व आहेत, ज्यांना पाश्चात्य जगाला हिंदू धर्मा बद्दल प्रबोधन करण्याचे श्रेय दिले जाते. 1893 मध्ये शिकागो येथील धर्म संसदेत त्यांनी, हिंदू धर्माचे प्रतिनिधित्व केले आणि त्या मुळे भारतातील एका अज्ञात साधूने अचानक प्रसिद्धी मिळवली. स्वामी विवेकानंदांनी 1 मे 1897 रोजी स्वतः च्या उद्धारासाठी आणि जगाच्या कल्याणासाठी रामकृष्ण मिशनची स्थापना केली. स्वामी विवेकानंदची व्याख्याने, लेखन, पत्रे आणि कविता स्वामी विवेकानंदांचे संपूर्ण कार्य म्हणून प्रकाशित झाल्या आहेत. 🆕 स्वामी विवेकानंद नेहमी व्यक्तिमत्त्वां पेक्षा वैश्विक तत्त्वे शिकवण्यावर अधिक भर देत. स्वामी विवेकानंद हे प्रचंड आणि असाधारण बुद्धिमत्ताचे धनी होते. त्यांचे अनोखे...

128 साल पहले स्‍वामी विवेकानंद ने दिया था प्रसिद्ध श‍िकागो भाषण, ये एक ख्‍वाब थी वजह

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र देश को 'यंग इंडिया, न्यू इंडिया' पर संबोधित करने वाले हैं. इस भाषण का प्रसारण सभी प्रसारण माध्‍यमों पर किया जा चुका है, UGC ने सभी यूनिवर्सिटीज को उनकी पुण्‍यतिथ‍ि मनाने के निर्देश दिए हैं. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था. उनके जीवन का ये ऐतिहासिक भाषण साबित हुआ. 128 साल पहले जब स्वामी विवेकानन्द ने अपने भाषण की शुरुआत 'मेरे अमेरिकी भाइयो और बहनो' से की थी जिसके बाद सभागार में कई मिनटों तक हर ओर तालियां गूंजती रहीं. देखें: आखिर क्यों गए थे स्वामी जी धर्म सम्मेलन में ऐसा बताया जाता है कि दक्षिण गुजरात के काठियावाड़ के लोगों ने सबसे पहले स्वामी विवेकानंद को विश्व धर्म सम्मेलन में जाने का सुझाव दिया था. फिर चेन्नई के उनके शिष्यों ने भी निवेदन किया. खुद विवेकानंद ने लिखा था कि तमिलनाडु के राजा भास्कर सेतुपति ने पहली बार उन्हें यह विचार दिया था. जिसके बाद स्वामीजी कन्याकुमारी पहुंचे थे. आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि वह तैरकर समुद्र में उस चट्‌टान तक पहुंचे, जिसे आज विवेकानंद रॉक कहते हैं. वहां उन्होंने तीन दिन तक भारत के भूतकाल और भविष्य पर ध्यान किया. जब शिकागो यात्रा के लिए शिष्यों ने जुटाया था धन जैसे शिष्य एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य को गुरु दक्षिणा में अंगूठा काट कर दिया था वैसे ही स्वामी जी जब चैन्नई लौटे तब उनके शिष्यों ने उनकी शिकागो जाने के सारे इंतजाम कर लिए थे. जिसके लिए सभी ने मिलकर अपने गुरु के लिए धन जुटा लिया था. लेकिन स्वामी जी ने कहा कि सारा जमा किया गया धन गरीबों में बांट दिया जाए. जब 'सपना' बना धर्म सम्मेलन में जाने की वजह एक दिन स्वामी विवेकानंद को सपना आया कि रामकृष्ण परमहंस समुद्र पार जा रहे हैं और उन्हें पीछे ...

स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण

स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण | swami vivekananda daha olinche bhashan |swami vivrkananda speech in marathi ten line स्वामी विवेकानंद यांची जयंती 12 जानेवारीला संपूर्ण भारतभर अगदी उत्साहाने साजरी केली जाते. स्वामी विवेकानंद यांचा जन्मदिवस आपण युवक दिन म्हणून साजरा करतो. शाळा महाविद्यालयामध्ये युवक दिन साजरा करत असताना अनेक वेगवेगळे विविध उपक्रम राबवले जातात.जसे की स्वामी विवेकानंद निबंध स्पर्धा,रांगोळी स्पर्धा,वाद विवाद स्पर्धा,वक्तृत्व स्पर्धा आणि सर्वांच्या आवडीच्या भाषण स्पर्धा होय. या उपक्रमांपैकीच एक उपक्रम म्हणजे भाषण स्पर्धा. या भाषण स्पर्धेत भाग घेण्याचा लहानग्यांना तर खूपच उत्साह असतो.पालक वर्ग देखील आपल्या मुलांनी भाषणात भाग घ्यावा यासाठी उत्साही असतात.स्वामी विवेकानंद यांचे अनमोल विचार शब्दरुपी माळेत ओवण्यासाठी भाषण हे कौशल्य खूप कामी येते. म्हणूनच आज स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण मराठी आपण पाहणार आहोत. स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण स्वामी विवेकानंद भाषण (toc) स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण | swami vivekananda daha olinche bhashan |युवक दिन दहा ओळींचे भाषण | स्वामी विवेकानंद छोटे भाषण मराठी स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण तयार करत करत असताना आपल्याला या भाषणांमध्ये स्वामी विवेकानंद यांच्या जीवनावरती प्रकाश टाकणाऱ्या अतिशय महत्वपूर्ण बाबी नोंद करून घ्यावे लागतील. जरी हे swami vivekananda bhashan daha oli असे जरी आपण याला म्हणत असलो तरी भाषणातील प्रत्येक शब्द ना शब्द अतिशय वजनदार असायला हवा. शॉर्ट बट स्वीट (short but sweet) असे स्वामी विवेकानंद यांचे छोटे भाषण असे देखील आपण याला म्हणू शकतो. आमच्याकडे उपलब्ध असलेल्या माहितीतील स्वामी विवेकानंद यांच्या व...

स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़े अनसुने रोचक तथ्य

नमस्कार मित्रो आज के इस लेख में हम आपके लिए लाये है स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों की जानकारी Swami Vivekananda Facts In Hindi | स्वामी विवेकानंद जी एक महान भारतीय सन्यासी और संत थे जिन्होंने पूरे विश्व में भारत के प्राचीन ज्ञान के विचार और सिद्धांत को फैलाया | आज अपने अपने इस आर्टिकल में हम स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में चर्चा करेंगे | चलिए जाने सब कुछ विस्तार से Contents • • • • 25 Swami Vivekananda Facts In Hindi 1. स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 में कलकता (कोलकाता) में 6 बजकर 33 मिनट 33 सेकेन्ड पर हुआ था | हमारा देश प्रत्येक वर्ष उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाता है | 2. स्वामी विवेकानंद जी का जन्म कलकता (कोलकाता) के एक बंगाली रूढ़िवादी हिन्दु परिवार में हुआ था जिसमे उनके पिताजी विश्वनाथ दत्ता ब्रिटिश शासन में कलकत्ता (कोलकाता) हाई कोर्ट में कार्यरत थे और उनकी माताजी भुवनेश्वरी देवी गृहिणी थी। 3. स्वामी विवेकानंद जी के जन्म के समय कलकत्ता (कोलकाता) ब्रिटिश शासित भारत की राजधानी हुआ करता था | 4. स्वामी विवेकानंद जी के बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्ता था जिन्हें वेद, उपनिषद, भगवत गीता, रामायण, महाभारत और पुराण जैसे हिन्दू ग्रंथो के ज्ञान को अर्जित करने में काफी रूचि थी | 5. स्वामी विवेकानंद जी ईश्वर चन्द्र विद्यासागर इंस्टिट्यूट में पढाई करके प्रेसीडेंसी कॉलेज से एंट्रेंस की परीक्षा पास की। उन्होंने स्कॉटिश चर्च कॉलेज से पश्चिमी इतिहास और पश्चिमी दर्शनशास्त्र का भी अभ्यास किया था और वर्ष 1884 में उन्होंने अपनी बी.ए. से बैचलर की डिग्री पूर्ण की। 6. स्वामी विवेकानंद जी अपने पिताजी की मृत्यु क...

स्वामी विवेकानंद भाषण

Contents • 1 स्वामी विवेकानंद भाषण – १ • 2 स्वामी विवेकानंद भाषण – 2 • 3 स्वामी विवेकानंद भाषण – 3 • 4 स्वामी विवेकानंद भाषण – 4 स्वामी विवेकानंद भाषण – १ प्रिय मित्रो – आप सभी को हार्दिक बधाई ! आज के भाषण समारोह में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद। मैं, आयुष्मान खन्ना – आपके मेजबान, ने स्वामी विवेकानंद के जीवन पर एक भाषण तैयार किया है। आशा है कि आप सभी को मेरी बात सुनने में उतना ही आनंद आएगा जितना मुझे इस महान व्यक्तित्व के बारे में बोलने में मिलेगा। जो लोग उनके बारे में पहले से जानते हैं वे भी मेरे भाषण में अपना योगदान दे सकते हैं और बहुमूल्य जानकारी साझा कर सकते हैं, लेकिन जो लोग उनके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं वे उनके जीवन और गतिविधियों के बारे में अच्छी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। देवियों और सज्जनों, स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था और उनकी मृत्यु वर्ष 1902 में हुई थी। वे श्री रामकृष्ण परमहंस के एक महान अनुयायी थे। उनके जन्म के समय, उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त रखा गया और उन्होंने रामकृष्ण मिशन की नींव रखी। वेदांत और योग जैसे हिंदू दर्शन को अमेरिका और यूरोप में सबसे आगे लाने के पीछे उन्हीं का हाथ था। उन्होंने 19वीं शताब्दी के अंत में हिंदू धर्म को विश्व धर्म का दर्जा देने की दिशा में काम किया। उन्हें समकालीन भारत में हिंदू धर्म के पुनर्जन्म में एक प्रमुख शक्ति माना जाता है। उन्हें संभवतः “अमेरिका की बहनों और भाइयों” पर उनके प्रेरणादायक भाषण के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसके बाद ही वे वर्ष 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में हिंदू धर्म का परिचय देने में सक्षम हुए। मुझे यकीन है कि आप भी उनके बचपन के बारे में जानने के लिए उत्सुक होंगे। खैर, उनका जन्म कल...

स्‍वामी विवेकानंद का वो भाषण, जिसने भारत को बना दिया आध्‍यात्‍म का केंद्र

भारत को दुनिया में आध्‍यात्‍म का केंद्र माना जाता है. क्‍या आपको पता है कि दुनिया के सामने भारत की ये छवि कैसे बन गई और भारत को प्रेम, आध्‍यात्‍म और भाईचारा बढ़ाने वाले देश के तौर पर देखा जाने लगा. भारत को आध्‍यात्‍म नगरी बनाने का श्रेय स्‍वामी विवेकानंद को जाता है. स्‍वामी विवेकानंद का 11 सितंबर, 1893 को शिकागो, अमेरिका की विश्व धर्म सम्मेलन सभा में दिया गया भाषण आज भी भारतीयों को गर्व से भर देता है. 125 साल पहले जब स्वामी विवेकानन्द ने अपने भाषण की शुरुआत 'मेरे अमेरिकी भाइयो और बहनों' से की तो पूरा सभागार कई मिनटों तक तालियों से गूंज उठा. ये वही क्षण था जब भारत को पूरी दुनिया आध्यात्म के केंद्र के तौर पर देखने लगी. ये हैं स्वामी विवेकानंद के उस विख्यात भाषण के कुछ खास अंश : अमेरिका के बहनों और भाइयों, आपके इस स्नेहपूर्ण और जोरदार स्वागत से मेरा हृदय अपार हर्ष से भर गया है और मैं आपको दुनिया की प्राचीनतम संत परम्परा की तरफ से धन्यवाद देता हूं. मैं आपको सभी धर्मों की जननी की तरफ से धन्यवाद देता हूं और सभी जातियों, संप्रदायों के लाखों, करोड़ों हिन्दुओं की तरफ से आपका आभार व्यक्त करता हूं. इसे भी पढ़ें :- विवेकानंद के रामकृष्ण से वो सवाल जिसने बदल दी उनकी जिंदगी! मेरा धन्यवाद कुछ उन वक्ताओं को भी है, जिन्होंने इस मंच से यह कहा कि दुनिया में सहनशीलता का विचार सुदूर पूरब के देशों से फैला है. मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया. हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं. मुझे गर्व है कि मैं उस देश से हूं जिसने सभी धर्मों और सभी देशों के...

स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण

स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण | swami vivekananda daha olinche bhashan |swami vivrkananda speech in marathi ten line स्वामी विवेकानंद यांची जयंती 12 जानेवारीला संपूर्ण भारतभर अगदी उत्साहाने साजरी केली जाते. स्वामी विवेकानंद यांचा जन्मदिवस आपण युवक दिन म्हणून साजरा करतो. शाळा महाविद्यालयामध्ये युवक दिन साजरा करत असताना अनेक वेगवेगळे विविध उपक्रम राबवले जातात.जसे की स्वामी विवेकानंद निबंध स्पर्धा,रांगोळी स्पर्धा,वाद विवाद स्पर्धा,वक्तृत्व स्पर्धा आणि सर्वांच्या आवडीच्या भाषण स्पर्धा होय. या उपक्रमांपैकीच एक उपक्रम म्हणजे भाषण स्पर्धा. या भाषण स्पर्धेत भाग घेण्याचा लहानग्यांना तर खूपच उत्साह असतो.पालक वर्ग देखील आपल्या मुलांनी भाषणात भाग घ्यावा यासाठी उत्साही असतात.स्वामी विवेकानंद यांचे अनमोल विचार शब्दरुपी माळेत ओवण्यासाठी भाषण हे कौशल्य खूप कामी येते. म्हणूनच आज स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण मराठी आपण पाहणार आहोत. स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण स्वामी विवेकानंद भाषण (toc) स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण | swami vivekananda daha olinche bhashan |युवक दिन दहा ओळींचे भाषण | स्वामी विवेकानंद छोटे भाषण मराठी स्वामी विवेकानंद दहा ओळींचे भाषण तयार करत करत असताना आपल्याला या भाषणांमध्ये स्वामी विवेकानंद यांच्या जीवनावरती प्रकाश टाकणाऱ्या अतिशय महत्वपूर्ण बाबी नोंद करून घ्यावे लागतील. जरी हे swami vivekananda bhashan daha oli असे जरी आपण याला म्हणत असलो तरी भाषणातील प्रत्येक शब्द ना शब्द अतिशय वजनदार असायला हवा. शॉर्ट बट स्वीट (short but sweet) असे स्वामी विवेकानंद यांचे छोटे भाषण असे देखील आपण याला म्हणू शकतो. आमच्याकडे उपलब्ध असलेल्या माहितीतील स्वामी विवेकानंद यांच्या व...

स्‍वामी विवेकानंद का वो भाषण, जिसने भारत को बना दिया आध्‍यात्‍म का केंद्र

भारत को दुनिया में आध्‍यात्‍म का केंद्र माना जाता है. क्‍या आपको पता है कि दुनिया के सामने भारत की ये छवि कैसे बन गई और भारत को प्रेम, आध्‍यात्‍म और भाईचारा बढ़ाने वाले देश के तौर पर देखा जाने लगा. भारत को आध्‍यात्‍म नगरी बनाने का श्रेय स्‍वामी विवेकानंद को जाता है. स्‍वामी विवेकानंद का 11 सितंबर, 1893 को शिकागो, अमेरिका की विश्व धर्म सम्मेलन सभा में दिया गया भाषण आज भी भारतीयों को गर्व से भर देता है. 125 साल पहले जब स्वामी विवेकानन्द ने अपने भाषण की शुरुआत 'मेरे अमेरिकी भाइयो और बहनों' से की तो पूरा सभागार कई मिनटों तक तालियों से गूंज उठा. ये वही क्षण था जब भारत को पूरी दुनिया आध्यात्म के केंद्र के तौर पर देखने लगी. ये हैं स्वामी विवेकानंद के उस विख्यात भाषण के कुछ खास अंश : अमेरिका के बहनों और भाइयों, आपके इस स्नेहपूर्ण और जोरदार स्वागत से मेरा हृदय अपार हर्ष से भर गया है और मैं आपको दुनिया की प्राचीनतम संत परम्परा की तरफ से धन्यवाद देता हूं. मैं आपको सभी धर्मों की जननी की तरफ से धन्यवाद देता हूं और सभी जातियों, संप्रदायों के लाखों, करोड़ों हिन्दुओं की तरफ से आपका आभार व्यक्त करता हूं. इसे भी पढ़ें :- विवेकानंद के रामकृष्ण से वो सवाल जिसने बदल दी उनकी जिंदगी! मेरा धन्यवाद कुछ उन वक्ताओं को भी है, जिन्होंने इस मंच से यह कहा कि दुनिया में सहनशीलता का विचार सुदूर पूरब के देशों से फैला है. मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया. हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं. मुझे गर्व है कि मैं उस देश से हूं जिसने सभी धर्मों और सभी देशों के...

स्वामी विवेकानंद निबंध भाषण मराठी

स्वामी विवेकानंद निबंध मराठी | स्वामी विवेकानंद जयंती भाषण मराठी pdf |swami vivekananda nibandh bhashan in marathi स्वामी विवेकानंद जीवन परिचय मराठी– Swami Vivekananda Bio speech in Marathi स्वामी विवेकानंद यांना "नरेंद्र" म्हणून ही ओळखले जाते. ते एक महान विचारवंत, प्रखर व नम्र वक्ते आणिउतृष्ट देश भक्त होते. 12 जानेवारी हा दिवस स्वामी विवेकानंद यांच्या जयंती निमित्त 'राष्ट्रीय युवा दिन ' म्हणून पाळला जातो. आजच्या लेखात आपण "स्वामी विवेकानंद जीवन परिचय (Swami Vivekananda Bio in Marathi)" बघणार आहे. जसे कि, स्वामी विवेकानंद यांचे प्रारंभिक जीवन, शिक्षण, कामे, शिकवणी, तत्त्वज्ञान, इत्यादी. तर वेळेचं अपव्यय न करता आपण या लेखा चा मुख्य विषय "स्वामी विवेकानंद जीवन परिचय " या कडे वळू या- स्वामी विवेकानंद जीवन परिचय विचार - Swami Vivekananda Bio pdf in Marathi स्वामी विवेकानंद हे एक असे नाव आहे ज्याला कोणत्याही प्रकारच्या परिचयाची आवश्यकता नाही. ते एक प्रभावशाली व्यक्तिमत्व आहेत, ज्यांना पाश्चात्य जगाला हिंदू धर्मा बद्दल प्रबोधन करण्याचे श्रेय दिले जाते. 1893 मध्ये शिकागो येथील धर्म संसदेत त्यांनी, हिंदू धर्माचे प्रतिनिधित्व केले आणि त्या मुळे भारतातील एका अज्ञात साधूने अचानक प्रसिद्धी मिळवली. स्वामी विवेकानंदांनी 1 मे 1897 रोजी स्वतः च्या उद्धारासाठी आणि जगाच्या कल्याणासाठी रामकृष्ण मिशनची स्थापना केली. स्वामी विवेकानंदची व्याख्याने, लेखन, पत्रे आणि कविता स्वामी विवेकानंदांचे संपूर्ण कार्य म्हणून प्रकाशित झाल्या आहेत. 🆕 स्वामी विवेकानंद नेहमी व्यक्तिमत्त्वां पेक्षा वैश्विक तत्त्वे शिकवण्यावर अधिक भर देत. स्वामी विवेकानंद हे प्रचंड आणि असाधारण बुद्धिमत्ताचे धनी होते. त्यांचे अनोखे...

128 साल पहले स्‍वामी विवेकानंद ने दिया था प्रसिद्ध श‍िकागो भाषण, ये एक ख्‍वाब थी वजह

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र देश को 'यंग इंडिया, न्यू इंडिया' पर संबोधित करने वाले हैं. इस भाषण का प्रसारण सभी प्रसारण माध्‍यमों पर किया जा चुका है, UGC ने सभी यूनिवर्सिटीज को उनकी पुण्‍यतिथ‍ि मनाने के निर्देश दिए हैं. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था. उनके जीवन का ये ऐतिहासिक भाषण साबित हुआ. 128 साल पहले जब स्वामी विवेकानन्द ने अपने भाषण की शुरुआत 'मेरे अमेरिकी भाइयो और बहनो' से की थी जिसके बाद सभागार में कई मिनटों तक हर ओर तालियां गूंजती रहीं. देखें: आखिर क्यों गए थे स्वामी जी धर्म सम्मेलन में ऐसा बताया जाता है कि दक्षिण गुजरात के काठियावाड़ के लोगों ने सबसे पहले स्वामी विवेकानंद को विश्व धर्म सम्मेलन में जाने का सुझाव दिया था. फिर चेन्नई के उनके शिष्यों ने भी निवेदन किया. खुद विवेकानंद ने लिखा था कि तमिलनाडु के राजा भास्कर सेतुपति ने पहली बार उन्हें यह विचार दिया था. जिसके बाद स्वामीजी कन्याकुमारी पहुंचे थे. आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि वह तैरकर समुद्र में उस चट्‌टान तक पहुंचे, जिसे आज विवेकानंद रॉक कहते हैं. वहां उन्होंने तीन दिन तक भारत के भूतकाल और भविष्य पर ध्यान किया. जब शिकागो यात्रा के लिए शिष्यों ने जुटाया था धन जैसे शिष्य एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य को गुरु दक्षिणा में अंगूठा काट कर दिया था वैसे ही स्वामी जी जब चैन्नई लौटे तब उनके शिष्यों ने उनकी शिकागो जाने के सारे इंतजाम कर लिए थे. जिसके लिए सभी ने मिलकर अपने गुरु के लिए धन जुटा लिया था. लेकिन स्वामी जी ने कहा कि सारा जमा किया गया धन गरीबों में बांट दिया जाए. जब 'सपना' बना धर्म सम्मेलन में जाने की वजह एक दिन स्वामी विवेकानंद को सपना आया कि रामकृष्ण परमहंस समुद्र पार जा रहे हैं और उन्हें पीछे ...