स्वास्तिक किस दिन बनाना चाहिए

  1. vastu shastra importance and benefits of making swastika sign at these places in the house
  2. Vastu Tips Know The Swastik Mark Is Made At The Main Entrance Of The House
  3. तुला राशि की शादी किस राशि से होगी
  4. गैस चूल्हा किस दिन खरीदना चाहिए : Gas Chulha kis din Kharidna Chahiye
  5. स्वास्तिक को गलत बनाना इस हद तक पड़ सकता है मंहगा, जानते हैं आप?
  6. दुकान उद्घाटन पूजा विधि तथा मंत्र / दुकान का उद्घाटन कब करना चाहिए
  7. Swastika On Main Door Is Said To Be Lucky According To Vastu Shastra, This Is How You Should Draw It
  8. भैरव बाबा की पूजा किस दिन होती है
  9. Swastika : भगवान गणपत‍ि का प्रतीक है स्‍वास्तिक, जान लें इसे बनाने का सही नियम


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vastu shastra importance and benefits of making swastika sign at these places in the house

मुख्य दरवाजे पर स्वास्तिक अगर आप वास्तुदोष की समस्या से परेशान हैं तो घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ स्वास्तिक का चिन्ह जरूर बनाएं. ऐसा करने से घर में मौजूद वास्तुदोष से मुक्ति मिलती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इससे घर में सुख-समृद्धि का वास भी होता है. वास्तु दोष दूर करने के लिए 9 अंगुल लंबा और चौड़ा स्वास्तिक चिन्ह मुख्य दरवाजे पर सिंदूर से बनाना चाहिए. यह भी पढ़ें- घर के आंगन में स्वास्तिक आंगन के बीचो-बीच स्वास्तिक चिन्ह बनाना काफी शुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितृपक्ष में घर के आंगन में गोबर से स्वास्तिक चिन्ह बनाने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है. इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है. स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है और घर में सकारातमक ऊर्जा का संचार होता है. यह भी पढ़ें- घर के पूजा स्थल में स्वास्तिक वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में स्वास्तिक का चिन्ह बनाना बेहद शुभ माना गया है. देवस्थान पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उस पर भगवान की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए. ऐसा करने से भगवान की कृपा दृष्टि हमेशा आप पर बनी रहती है. तिजोरी या अलमारी में स्वास्तिक घर की अलमारी या तिजोरी में स्वास्तिक का चिन्ह बनाना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और कभी धनी की कमी नहीं रहती है. दिवाली और अन्य शुभ अवसरों पर तिजोरी या अलमारी के अंदर स्वास्तिक चिन्ह जरूर बनाना चाहिए. यह भी पढ़ें- घर की दहलीज के बीचों-बीच स्वास्तिक घर के मुख्य दरवाजे का पूजन करके देहरी के दोनों ओर स्वास्तिक बनाना शुभ होता है. वास्तु के अनुसार, ऐसा करने से घर में मां लक्ष...

Vastu Tips Know The Swastik Mark Is Made At The Main Entrance Of The House

Swastik: हिंदू धर्म में स्वास्तिक का अपना ही महत्व है. यह दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें ‘सु’ का अर्थ है शुभ और ‘अस्ति’ से तात्पर्य है होना. अर्थात स्वास्तिक का मौलिक अर्थ है ‘शुभ हो’, ‘कल्याण हो’. स्वास्तिक का प्रयोग हर मंगल कार्य में जरूर होता है. इसे गणपति का भी प्रतीक माना जाता है। लोग अपने घर के मुख्य द्वार पर पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ स्वास्तिक बनाते हैं.स्वास्तिक को ही सातिया भी कहते हैं. माना जाता है कि सही समय पर सही जगह बनाया गया स्वास्तिक बेहद शुभ होता है. वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में भी स्वास्तिक को घर के मुख्य द्वार पर बनाना अच्छा माना गया है. आइए जानें, मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाते समय किस बात का ध्यान रखें. • मुख्य द्वार पर स्वास्तिक हमेशा सिंदूर से ही बनाए. सिंदूर से बना स्वास्तिक घर में सुख और समृद्धि का मार्ग खोलता है. • जब भी मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि दरवाजा धूल मिट्टी से गंदा ना हो. • मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाने के बाद इस बात का ध्यान रखें कि वहां आसपास जूते चप्पलों का ढेर भी ना लगने दें. • स्वास्तिक बनाते समय उसक आकार भी ध्यान रखना जरूरी होता है. • माना जाता है कि वास्तु दोषों को कम करने या मिटाने के लिए नौ उंगली लंबा और चौड़ा स्वास्तिक बनाना अच्छा होता है. • अगर घर के सामने कोई पेड़ या खंभा नजर आता है तो ये नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है. उसके होने वाले अशुभ प्रभावों को रोकने के लिए मुख्य द्वार पर रोज स्वास्तिक बनाना शुभ मानते हैं. • मुख्य द्वार पर बने स्वास्तिक के आसपास पीपल, आम या अशोक के पत्तों की माला बांधे. ऐसा करना बहुत ही शुभ होता है. • मुख्य द्वार के अलावा आप घर के आंगन के बीचोंबीच भी स्वास्ति...

तुला राशि की शादी किस राशि से होगी

तुला राशि की शादी किस राशि से होगी – 4 सबसे समीप राशि कौनसी है –ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 12 राशि होती हैं. जिसमें से सातवें नंबर की तुला राशि को भी काफी महत्वपूर्ण और अहम राशि माना जाता हैं. इस राशि के जातक काफी सतर्क रहने वाले और आकर्षक होते हैं. इस राशि के जातको को अकेला रहना पसंद नहीं हैं. इसलिए यह लोग हमेशा ही किसी ना किसी के साथ रहना पसंद करते हैं. शुक्र ग्रह को तुला राशि का स्वामी ग्रह माना जाता हैं. शादी के मामले में भी तुला राशि के जातक काफी गंभीर होते हैं. इसी बारे में आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करने वाले हैं. इसलिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की तुला राशि की शादी किस राशि से होगी. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. Table of Contents • • • • • • तुला राशि की शादी किस राशि से होगी अगर आपकी राशि तुला हैं. तो आप किसी भी राशि के जातक के साथ शादी कर सकते हैं. लेकिन ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसी राशियां बताई गई हैं. जो तुला राशि के जातक के लिए अच्छी मानी जाती हैं. ऐसी ही कुछ राशि के बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं. तुला राशि – वृष राशि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दोनों ही राशि के जातक का स्वामी ग्रह शुक्र को माना जाता हैं. ऐसे में दोनों राशि के जातक के ऊपर शुक्र ग्रह का अच्छा प्रभाव बना रहता हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है की यह दोनों राशि के जातक अगर शादी के बंधन से बंध जाते हैं. तो इनका जीवन बहुत ही सुखमय तरीके से गुजरता हैं. दोनों में तालमेल अच्छा होता हैं. इसलिए झगड़े आदि नही होते हैं. और दोनों एक दुसरे को समझकर एक दुसरे का साथ देत...

गैस चूल्हा किस दिन खरीदना चाहिए : Gas Chulha kis din Kharidna Chahiye

Register Now NoBroker Forum: A Great Place to Discuss & Ask Questions About Anything Related to Real Estate - Residential and Commercial Rent, Home Rental Agreements, Movers and Packers Cost Estimates, Furniture Rentals, Home Cleaning & Painting Services, Sale Agreements and Legal Queries related to Buying and Selling of Homes. गैस स्टोव के आविष्कार ने लोगों को लागत और ऊर्जा कुशल तरीके से खाना बनाने में मदद की है। स्टोव से हम आसानी से तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं। इस तरह, गैस पकाने वाला चूल्हा एक समान तरीके से गर्मी फैलाता है। बड़े चूल्हे के लिए पर्याप्त जगह न होने पर बहुत से लोगों को मिनी गैस स्टोव मिल जाता है। अवांछित कीड़ों से छुटकारा पाएं। आज ही स्लॉट बुक करने के लिए NoBroker कीट नियंत्रण सेवा देखें। सभी स्टोव स्वास्थ्य कोड के अनुसार मुहरों या मानक के साथ स्थापित किए गए हैं। आपको सोचना चाहिए गैस चूल्हा किस दिन खरीदना चाहिए (gas chulha kis din kharidna chahiye)? वास्तु के अनुसार उपकरण खरीदने से आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मैं जिन युक्तियों को साझा करने वाला हूं, वे इलेक्ट्रिक ओवन और इलेक्ट्रिक पायलट इग्निशन स्टोव के लिए काम करती हैं। गैस चूल्हा किस दिन खरीदें ? हिंदू संस्कृति के अनुसार, धनतेरस को दिवाली के दौरान मिनी गैस स्टोव, या नियमित स्टोव में निवेश करने का सबसे शुभ समय माना जाता है। चूल्हा खरीदने के लिए गुरुवार का दिन सबसे अच्छा माना जाता है। जैसा कि दिन बृहस्पति देव से जुड़ा है। उपकरण खरीदने के लिए गुरुवार का दिन शुभ है। Gas chulha kis din kharidna chahiye ? गैस के चूल्हे अग्नि के प्रतीक हैं और इन्हें अग्नि के देवता की दिशा में रखना चाहिए। निर्यात के...

स्वास्तिक को गलत बनाना इस हद तक पड़ सकता है मंहगा, जानते हैं आप?

• 5 hours ago • 8 hours ago • 8 hours ago • 9 hours ago • 11 hours ago • 11 hours ago • 11 hours ago • 12 hours ago • 12 hours ago • 14 hours ago • 14 hours ago • 15 hours ago • 16 hours ago • 17 hours ago • 18 hours ago • 20 hours ago • 23 hours ago • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • 38.8°C शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ हिंदू धर्म में धार्मिक कार्यों को करते समय कई नियमों आदि का ध्यान रखा जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जिस बात को ओर ध्यान दिया जाता है वो होता है पूजन की सामग्री आदि। मगर इसके अलावा आप ने अक्सर देखा होगा चाहे किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान हो, उसमें स्वास्तिक बनाया जाता है। मगर आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है इसे बनाने की सही विधि क्या है, और इसे बनाते समय किन मंत्रों का जाप करना चाहिए। और गलती से अगर स्वास्तिक बुरा बन जाए तो उसका कैसा प्रभाव व्यक्ति पर पड़ता है। अगर आपको ये सारी बातें नहीं पता है तो भी चिंता की कोई बात नहीं क्योंकि हम आपके लिए इससे जुड़ी तमाम जानकारी लाएं हैं जिसमें हम बताएंगे इसके महत्व तथा इससे संबंधित अन्य जानकारी। बताया जाता है कि स्वास्तिक का चिन्ह एक बहुत ही शुभ चिन्ह होता है, जिसे हिंदू धर्म के समस्त देवों से पहले पूजे जाने वाले भगवान श्री गणेश का प्रतीक चिन्ह माना जाता है। हर शुभ कार्य में भगवान गणेश की पूजा के साथ-साथ इनके प्रतीक चिन्ह स्वास्तिक को बनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है इसके शुभ प्रभाव से जिस क्षेत्र में कार्य करने जा रहे हैं उसमें सफलता ज़रूर मिलती है। तो वहीं ये नका...

दुकान उद्घाटन पूजा विधि तथा मंत्र / दुकान का उद्घाटन कब करना चाहिए

दुकान उद्घाटन पूजा विधि तथा मंत्र / दुकान का उद्घाटन कब करना चाहिए –जब हम नई दूकान खोलते हैं. तो दुकान खोलने से पहले दुकान का उद्घाटन किया जाता हैं. दुकान के उद्घाटन में पूजा आदि की जाती हैं. और कुछ मंत्र आदि बोलकर दुकान वाली जगह को पवित्र किया जाता हैं. ऐसा माना जाता है की दुकान का उद्घाटन करने से दुकान वाली जगह पवित्र हो जाती हैं. और पूजा विधि के माध्यम से भगवान को भी याद कर लिया जाता हैं. दुकान उद्घाटन पूजा विधि तथा मंत्र दुकान उद्घाटन संपूर्ण पूजा विधि हमने नीचे बताई हैं. दुकान के उद्घाटन के लिए पूजा विधि करने से पहले अपनी पूरी दूकान की अच्छे से साफ़-सफाई कर लीजिए. अब दुकान में किसी अच्छी जगह का चुनाव करके माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना करे. इसके बाद प्रतिमा के पास में कुछ सिक्के भी रख दे. इतना हो जाने के बाद प्रतिमा पर जल का अभिषेक करते हुए नीचे दिए गए मंत्र का जाप करे. मंत्र – ऊं अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि:।। इतना हो जाने के पश्चात आपको संकल्प करना होगा. संकल्प करते हुए आपको नीचे दिए गए मंत्र का जाप करे. मंत्र – ऊं विष्णुर्विष्णुर्विष्णु: अद्य मासोत्तमे मासे कार्तिकमासे कृष्णपक्षे पुण्यायाममावास्यायां तिथौ वासरे (वार बोलें) गोत्रोत्पन्न: (गोत्र बोलें)/ गुप्तोहंश्रुतिस्मृतिपुराणोक्तफलावाप्तिकामनया ज्ञाताज्ञातकायिकवाचिकमानसिक सकलपापनिवृत्तिपूर्वकं स्थिरलक्ष्मीप्राप्तये श्रीमहालक्ष्मीप्रीत्यर्थं महालक्ष्मीपूजनं कुबेरादीनां च पूजनं करिष्ये। तदड्त्वेन गौरीगणपत्यादिपूजनं च करिष्ये। संकल्प लेने के बाद पृथ्वी पर थोडा जल अर्पित कर दे. संकल्प मंत्र पूर्ण हो जाने के बाद अब आपको अपने बाएं हाथ में थोड़े...

Swastika On Main Door Is Said To Be Lucky According To Vastu Shastra, This Is How You Should Draw It

Swastika: आप लगातार किसी समस्या से जूझ रहे हैं या फिर घर में निगेटिव वाइब्स का अनुभव करते हैं. तो, माना जाता है कि एक छोटा सा बदलाव कर आप इस नेगेटिविटी से छुटकारा भी पा सकते हैं. इसके लिए आपको बड़े जतन भी नहीं करने हैं, बस अपने घर के मुख्य द्वार पर पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ स्वास्तिक (Swastika) बनाना है. माना जाता है कि सही समय पर सही जगह बनाया गया स्वास्तिक बेहद शुभ होता है.स्वास्तिक को ही सातिया भी कहते हैं. वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में भी स्वास्तिक को घर के मुख्य द्वार पर बनाना अच्छा माना गया है. आइए जानें,मुख्य द्वार पर स्वास्तिक कैसे, कहां और कब बनाना चाहिए. • मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाते समय सबसे ज्यादा मायने रखती है उसे बनाने की सामग्री. ये ध्यान रखें कि आपको सिर्फ सिंदूर से ही स्वास्तिक बनाना है. सिंदूर से बनेस्वास्तिक को घर में सुख और समृद्धि का मार्ग खोलने वाला माना जाता है. • स्वास्तिक का आकार भी ध्यान रखना जरूरी है. मुख्य दरवाजे से घर की शुरुआत होती है इसलिए यहां स्वास्तिक भी बड़े आकार का बनाया जाता है. माना जाता है कि वास्तु दोषों (Vastu Dosh) को कम करने या मिटाने के लिए नौ उंगली लंबा और चौड़ा स्वास्तिक अच्छा होता है. • अगर आपको अपने घर के सामने कोई पेड़ या खंभा नजर आता है तो ये नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक हो सकता है. उसके होने वाले अशुभ प्रभावों को रोकने के लिए मुख्य द्वार पर रोज स्वास्तिक बनाना धुभ मानते हैं. • जब भी मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाएं ये ध्यान रखें कि वहां हमेशा साफ-सफाई होती रहे. दरवाजा धूल मिट्टी से गंदा नाहो. • मुख्य द्वार पर बने स्वास्तिक के आसपास पीपल, आम या अशोक के पत्तों की माला बांधना भी शुभ होता है. • एक बार मुख्य द्वार पर स्वा...

भैरव बाबा की पूजा किस दिन होती है

भैरव बाबा की पूजा किस दिन होती है – काल भैरव की पूजा विधि –ऐसा माना जाता है की भैरव बाबा की पूजा करने से व्यक्ति के सभी दुखों का नाश होता हैं. क्योंकि भैरव बाबा को भगवान शिव का रूद्र स्वरूप माना जाता हैं. भैरव बाबा की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की तमाम प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं. और व्यक्ति को पुराने से पुराने रोग से मुक्ति मिलती हैं. अगर किसी जातक की कुंडली में राहू केतु का बुरा प्रभाव हैं. तो ऐसे लोगो को भैरव बाबा की पूजा करनी चाहिए. इससे राहू केतु का दोष खत्म हो जाता हैं. इसके अलावा भी भैरव बाबा की पूजा करने के काफी लाभ हैं. लेकिन आज भैरव बाबा की पूजा कब करनी चाहिए. इस बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करने वाले हैं. इसलिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की भैरव बाबा की पूजा किस दिन होती है . इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. भैरव बाबा की पूजा किस दिन होती है भैरव बाबा को भगवान शिव का रूद्र स्वरूप माना जाता हैं. और सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता हैं. अगर आप सोमवार के दिन भैरव बाबा की पूजा करते हैं. तो यह शुभ फलदायी देने वाला होता हैं. इस दिन भैरव बाबा की पूजा करने से भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं. और आपकी मनोकामना पूर्ण करते हैं. इसके अलावा आप रविवार के दिन भी भैरव बाबा की पूजा कर सकते हैं. रविवार का दिन भैरव बाबा का दिन माना जाता हैं. अगर आप रविवार के दिन भैरव बाबा की पूजा करते हैं. तो दुपहर के 12 बजे से पहले पूजा कर लेनी चाहिए. रविवार का दिन भी भैरव बाबा का अहम दिन माना जाता हैं. इसलिए अगर आ...

Swastika : भगवान गणपत‍ि का प्रतीक है स्‍वास्तिक, जान लें इसे बनाने का सही नियम

डीएनए हिंदी: किसी भी पूजा में स्‍वास्तिक चिन्‍ह का विशेष महत्‍व होता है. लोग अपने घर के बाहर और अंदर भी स्‍वास्तिक बनाते हैं. मान्‍यता है कि स्‍वास्तिक नकारात्‍मकता को हरकर परिवार में सौभाग्‍य की प्राप्ति कराता है. गणेशजी प्रथम पूज्य देव हैं और उनका ये चिन्ह हर कार्य में सफलता दिलाता है. मंगलमय भावना का मूर्तिमंत प्रतीक रूप है स्वास्तिक और किसी भी मंगलकार्य के प्रारंभ में स्वास्तिमंत्र बोलकर कार्य की शुभारंभ करना चाहिए. स्वास्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः स्वस्ति नः पृथा विश्ववेदाः. स्वास्ति नस्ताक्ष्यों अरिष्टनेमिः स्वास्ति नो वृहस्पतिर्दधातु॥ मान्‍यता है कि ‘ऊं’ और ‘स्वास्तिक’ जीवन शक्ति का विकास करते हैं और यही कारण है कि इसे अपने यह भी पढ़ें: स्‍वास्तिक बनाने से पहले जान लें ये नियम 1-स्वस्तिक हमेशा सीधा बनाएं और ध्‍यान रखें कि ये घर में हमेशा सीधा और मंदिर में उल्‍टा बनाया जाता है. घर में जहां स्वास्तिक बनाना है, वह स्थान एकदम साफ और पवित्र होना चाहिए. 3-स्‍वास्तिक बनाने के लिए रोली, सिंदूर, हल्‍दी, कुमकुम कुछ भी प्रयोग कर सकते हैं लेकिन लाल और पीले रंग के अलावा किसी अन्‍य रंग से स्‍वास्तिक नहीं बनाना चाहिए. यह भी पढ़ें: 4-वैवाहिक जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए पूजा करते समय हल्दी से स्वस्तिक बनाना चाहिए.शेष मनोकामनाओं के लिए कुमकुम से स्वस्तिक बनाना चाहिए. 5-स्‍वास्तिक बनाने के बाद बीच में बिंदी भी जरूर बनाएं और स्‍वास्तिक के चारों कोने को कर्व बनाना चाहिए. देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में स्टाग्रामपर.