सविनय अवज्ञा आंदोलन कब हुआ

  1. HBSE 12th Class History Important Questions Chapter 13 महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन : सविनय अवज्ञा और उससे आगे – Haryana Board Solutions
  2. सविनय अवज्ञा आंदोलन
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HBSE 12th Class History Important Questions Chapter 13 महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन : सविनय अवज्ञा और उससे आगे – Haryana Board Solutions

Haryana State Board Haryana Board 12th Class History Important Questions Chapter 13 महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन : सविनय अवज्ञा और उससे आगे बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के अंतर्गत कुछेक वैकल्पिक उत्तर दिए गए हैं। ठीक उत्तर का चयन कीजिए 1. “स्वराज की गंध से मेरे नथुने फटने लगे हैं।” ये शब्द निम्नलिखित में से किसने कहे? (A) जवाहरलाल नेहरू ने (B) महात्मा गाँधी ने (C) लाला लाजपतराय ने (D) गोपाल कृष्ण गोखले ने उत्तर: (B) महात्मा गाँधी ने 2. “कानून तोड़ने वाले तुम्हारा स्वागत है।” ये शब्द किसने, किसके लिए कहे? (A) जवाहरलाल नेहरू ने जनरल डायर के लिए (B) सरोजिनी नायडू ने गाँधी जी के लिए (C) महात्मा गाँधी ने लाला लाजपतराय के लिए (D) लॉर्ड इर्विन ने गाँधी जी के लिए उत्तर: (B) सरोजिनी नायडू ने गाँधी जी के लिए 3. ‘खुदाई खिदमतगार सेना’ का गठन किया (A) महात्मा गाँधी ने (B) अब्दुल गफ्फार खाँ ने (C) सर सैयद अहमद खाँ ने (D) दादा भाई नौरोजी ने उत्तर: (B) अब्दुल गफ्फार खाँ ने 4. गाँधी जी ने कपड़ा मिल मजदूरों का समर्थन किया (A) श्रीनगर में (B) लखनऊ में (C) अहमदाबाद में (D) कलकत्ता में उत्तर: (C) अहमदाबाद में 5. गाँधी जी का प्रसिद्ध दांडी मार्च कितने दिनों तक चला? (A) 21 दिन (B) 24 दिन (C) 30 दिन (D) 8 दिन उत्तर: (B) 24 दिन 6. महात्मा गांधी की डांडी यात्रा कब आरम्भ हुई? (A) 12 मार्च, 1930 ई० (B) 12 अप्रैल, 1931 ई० (C) 13 मार्च, 1931 ई० (D) 14 मार्च, 1932 ई० उत्तर: (A) 12 मार्च, 1930 ई० 7. महात्मा गाँधी निम्नलिखित में से किससे प्रभावित हुए? (A) हैनरी डेविड थोरो (B) रस्किन (C) टॉलस्टॉय (D) उपर्युक्त सभी उत्तर: (D) उपर्युक्त सभी 8. जलियाँवाला बाग हत्याकांड किया गया (A) जनरल ...

सविनय अवज्ञा आंदोलन

8 सविनय अवज्ञा आंदोलन का महत्व: सविनय अवज्ञा आंदोलन- सविनय अवज्ञा का शाब्दिक अर्थ होता है किसी चीज का विनम्रता के साथ तिरस्कार या उल्लंघन करना जिसमें अहिंसा के साथ हिंसा की कोई गुंजाइश न हो। सविनय अवज्ञा आंदोलन की भूमिका: सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत 6 अप्रैल, 1930 को दांडी ग्राम से हुआ, जिसका उद्देश्य कुछ विशिष्ट प्रकार के ग़ैर-क़ानूनी कार्यों को अहिंसापूर्वक सामूहिक रूप से समाहित करके ब्रिटिश सरकार को उनके घुटनों के बल झुका देना था। सविनय अवज्ञा आंदोलन की बुनियाद: यूँ तो सविनय अवज्ञा आन्दोलन की बुनियाद वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में ही रखा जा चुका था जब देश की जनता को यह प्रतीत हो गया था कि ब्रिटिश सरकार डोमिनियन स्टेटस की मांग को कहीं ठंडे बस्ते में रख दिया है, जिसकी खोज ख़बर दूर तलक किसी को नहीं है। नेहरु रिपोर्ट को नजरअंदाज करना, आन्दोलन के मुख्य कारणों में से एक था। इसी लाहौर अधिवेशन में पहली बार पूर्ण स्वाधीनता पाने का लक्ष्य रखा गया जिसने आने वाले कई सारे जन आंदोलनों की एक नई दशा और दिशा तय की। सविनय अवज्ञा आन्दोलन का लक्ष्य: 1. नमक क़ानून का उल्लघंन कर स्वयं द्वारा नमक निर्माण करना 2. सरकारी सेवाओं, शिक्षा केन्द्रों एवं उपाधियों का सम्पूर्ण बहिष्कार करना 3. महिलाओं द्वारा शराब, अफ़ीम एवं विदेशी कपड़े की दुकानों पर जाकर धरना देना 4. विदेशी वस्तुओं और कपड़ो का बहिष्कार करना 5. ब्रिटिश सरकार को दी जाने वाली गलत कर अदायगी को रोकना 6. विनय के साथ गलत कानूनों की अवज्ञा करना सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुवात: 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से गाँधी जी और उनके आश्रम के 78 अन्य साथियों ने अहमदाबाद से 385 किमी. दूर दांडी ग्राम के लिए पैदल यात्रा प्रारम्भ की। ठीक 6 अप्रैल,193...

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Haryana State Board Haryana Board 12th Class History Important Questions Chapter 13 महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन : सविनय अवज्ञा और उससे आगे बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न के अंतर्गत कुछेक वैकल्पिक उत्तर दिए गए हैं। ठीक उत्तर का चयन कीजिए 1. “स्वराज की गंध से मेरे नथुने फटने लगे हैं।” ये शब्द निम्नलिखित में से किसने कहे? (A) जवाहरलाल नेहरू ने (B) महात्मा गाँधी ने (C) लाला लाजपतराय ने (D) गोपाल कृष्ण गोखले ने उत्तर: (B) महात्मा गाँधी ने 2. “कानून तोड़ने वाले तुम्हारा स्वागत है।” ये शब्द किसने, किसके लिए कहे? (A) जवाहरलाल नेहरू ने जनरल डायर के लिए (B) सरोजिनी नायडू ने गाँधी जी के लिए (C) महात्मा गाँधी ने लाला लाजपतराय के लिए (D) लॉर्ड इर्विन ने गाँधी जी के लिए उत्तर: (B) सरोजिनी नायडू ने गाँधी जी के लिए 3. ‘खुदाई खिदमतगार सेना’ का गठन किया (A) महात्मा गाँधी ने (B) अब्दुल गफ्फार खाँ ने (C) सर सैयद अहमद खाँ ने (D) दादा भाई नौरोजी ने उत्तर: (B) अब्दुल गफ्फार खाँ ने 4. गाँधी जी ने कपड़ा मिल मजदूरों का समर्थन किया (A) श्रीनगर में (B) लखनऊ में (C) अहमदाबाद में (D) कलकत्ता में उत्तर: (C) अहमदाबाद में 5. गाँधी जी का प्रसिद्ध दांडी मार्च कितने दिनों तक चला? (A) 21 दिन (B) 24 दिन (C) 30 दिन (D) 8 दिन उत्तर: (B) 24 दिन 6. महात्मा गांधी की डांडी यात्रा कब आरम्भ हुई? (A) 12 मार्च, 1930 ई० (B) 12 अप्रैल, 1931 ई० (C) 13 मार्च, 1931 ई० (D) 14 मार्च, 1932 ई० उत्तर: (A) 12 मार्च, 1930 ई० 7. महात्मा गाँधी निम्नलिखित में से किससे प्रभावित हुए? (A) हैनरी डेविड थोरो (B) रस्किन (C) टॉलस्टॉय (D) उपर्युक्त सभी उत्तर: (D) उपर्युक्त सभी 8. जलियाँवाला बाग हत्याकांड किया गया (A) जनरल ...

सविनय अवज्ञा आंदोलन

8 सविनय अवज्ञा आंदोलन का महत्व: सविनय अवज्ञा आंदोलन- सविनय अवज्ञा का शाब्दिक अर्थ होता है किसी चीज का विनम्रता के साथ तिरस्कार या उल्लंघन करना जिसमें अहिंसा के साथ हिंसा की कोई गुंजाइश न हो। सविनय अवज्ञा आंदोलन की भूमिका: सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत 6 अप्रैल, 1930 को दांडी ग्राम से हुआ, जिसका उद्देश्य कुछ विशिष्ट प्रकार के ग़ैर-क़ानूनी कार्यों को अहिंसापूर्वक सामूहिक रूप से समाहित करके ब्रिटिश सरकार को उनके घुटनों के बल झुका देना था। सविनय अवज्ञा आंदोलन की बुनियाद: यूँ तो सविनय अवज्ञा आन्दोलन की बुनियाद वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में ही रखा जा चुका था जब देश की जनता को यह प्रतीत हो गया था कि ब्रिटिश सरकार डोमिनियन स्टेटस की मांग को कहीं ठंडे बस्ते में रख दिया है, जिसकी खोज ख़बर दूर तलक किसी को नहीं है। नेहरु रिपोर्ट को नजरअंदाज करना, आन्दोलन के मुख्य कारणों में से एक था। इसी लाहौर अधिवेशन में पहली बार पूर्ण स्वाधीनता पाने का लक्ष्य रखा गया जिसने आने वाले कई सारे जन आंदोलनों की एक नई दशा और दिशा तय की। सविनय अवज्ञा आन्दोलन का लक्ष्य: 1. नमक क़ानून का उल्लघंन कर स्वयं द्वारा नमक निर्माण करना 2. सरकारी सेवाओं, शिक्षा केन्द्रों एवं उपाधियों का सम्पूर्ण बहिष्कार करना 3. महिलाओं द्वारा शराब, अफ़ीम एवं विदेशी कपड़े की दुकानों पर जाकर धरना देना 4. विदेशी वस्तुओं और कपड़ो का बहिष्कार करना 5. ब्रिटिश सरकार को दी जाने वाली गलत कर अदायगी को रोकना 6. विनय के साथ गलत कानूनों की अवज्ञा करना सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुवात: 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से गाँधी जी और उनके आश्रम के 78 अन्य साथियों ने अहमदाबाद से 385 किमी. दूर दांडी ग्राम के लिए पैदल यात्रा प्रारम्भ की। ठीक 6 अप्रैल,193...

सविनय अवज्ञा आंदोलन

8 सविनय अवज्ञा आंदोलन का महत्व: सविनय अवज्ञा आंदोलन- सविनय अवज्ञा का शाब्दिक अर्थ होता है किसी चीज का विनम्रता के साथ तिरस्कार या उल्लंघन करना जिसमें अहिंसा के साथ हिंसा की कोई गुंजाइश न हो। सविनय अवज्ञा आंदोलन की भूमिका: सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत 6 अप्रैल, 1930 को दांडी ग्राम से हुआ, जिसका उद्देश्य कुछ विशिष्ट प्रकार के ग़ैर-क़ानूनी कार्यों को अहिंसापूर्वक सामूहिक रूप से समाहित करके ब्रिटिश सरकार को उनके घुटनों के बल झुका देना था। सविनय अवज्ञा आंदोलन की बुनियाद: यूँ तो सविनय अवज्ञा आन्दोलन की बुनियाद वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में ही रखा जा चुका था जब देश की जनता को यह प्रतीत हो गया था कि ब्रिटिश सरकार डोमिनियन स्टेटस की मांग को कहीं ठंडे बस्ते में रख दिया है, जिसकी खोज ख़बर दूर तलक किसी को नहीं है। नेहरु रिपोर्ट को नजरअंदाज करना, आन्दोलन के मुख्य कारणों में से एक था। इसी लाहौर अधिवेशन में पहली बार पूर्ण स्वाधीनता पाने का लक्ष्य रखा गया जिसने आने वाले कई सारे जन आंदोलनों की एक नई दशा और दिशा तय की। सविनय अवज्ञा आन्दोलन का लक्ष्य: 1. नमक क़ानून का उल्लघंन कर स्वयं द्वारा नमक निर्माण करना 2. सरकारी सेवाओं, शिक्षा केन्द्रों एवं उपाधियों का सम्पूर्ण बहिष्कार करना 3. महिलाओं द्वारा शराब, अफ़ीम एवं विदेशी कपड़े की दुकानों पर जाकर धरना देना 4. विदेशी वस्तुओं और कपड़ो का बहिष्कार करना 5. ब्रिटिश सरकार को दी जाने वाली गलत कर अदायगी को रोकना 6. विनय के साथ गलत कानूनों की अवज्ञा करना सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुवात: 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से गाँधी जी और उनके आश्रम के 78 अन्य साथियों ने अहमदाबाद से 385 किमी. दूर दांडी ग्राम के लिए पैदल यात्रा प्रारम्भ की। ठीक 6 अप्रैल,193...

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सविनय अवज्ञा आंदोलन

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