स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक है

  1. 3 स्वपोषण में किन किन परिस्थितियों का होना आवश्यक है इसके उपोत्पाद क्या है
  2. [Solved] हरे पौधों में स्वपोषी पोषण के लिए निम्नलिखित �
  3. पोषण
  4. स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ कौन


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3 स्वपोषण में किन किन परिस्थितियों का होना आवश्यक है इसके उपोत्पाद क्या है

स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ कौन-सी है उसके उपोत्पाद क्या हैं? स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ निम्नलिखित हैं: (i) क्लोरोफिल की उपस्थिति, (ii) कार्बन डाइऑक्साइड की उपस्थिति, (iii) जल की उपस्थिति, (iv) प्रकाश संश्लेषी ऐंजाइम की उपस्थिति, (v) सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति। प्रकाश संश्लेषण के उत्पाद: (i) ऑक्सीजन, (ii) रासायनिक ऊर्जा। 783 Views हमारे जैसे बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने में विसरण क्यों अपर्याप्त है? बहुकोशी जीवों में उनकी केवल बहरी त्वचा की कोशिकाएँ और रंध्र ही आस-पास के वातावरण से सीधे संबंधित होते हैं। बहुकोशीय जिव जैसे मनुष्य में शरीर का आकार बहुत बड़ा होता है तथा शरीर की संरचना जटिल होती है। बहुकोशीय जीवों में सभी कोशिकाएँ सीधे ही पर्यावरण के संपर्क में नहीं होती। अत: साधारण विसरण सभी कोशिकाओं की ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने के लिए अपर्याप्त है। 2300 Views किसी जिव द्वारा किन कच्ची सामग्रियों का उपयोग किया जाता है? बाहर से जीवों को कच्ची सामग्री की आवश्यकता निम्नलिखित उदेश्यों की पूर्ति के लिए होती है- (i) भोजन- ऊर्जा प्राप्ति के के लिए उचित पोषण। (ii) ऑक्सीजन- श्वसन के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन। (iii) जल- शरीर को भोजन को पचने और शारीरिक क्रियाओं को पूरा करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। (iv) टीन, एंजाइम, न्यूक्लिक अम्लों के संश्लेषण के लिए। (v) कोशिकाओं, ऊतकों के बनने व रख-रखाव के लिए। 2296 Views श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जिव की अपेक्षा स्थलीय जिव किस प्रकार लाभप्रद हैं? जलीय जिव जल में घुली हुई ऑक्सीजन का श्वसन के लिए उपयोग करते हैं। जल में घुली ऑक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित ऑ...

[Solved] हरे पौधों में स्वपोषी पोषण के लिए निम्नलिखित �

अवधारणा: • पोषण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव खाद्य पदार्थों का उपभोग और उपयोग करता है। • WHO के अनुसार, पोषण भोजन का सेवन है, जिसे शरीर की आहार संबंधी जरूरतों के संबंध में माना जाता है। • पोषण के विभिन्न तरीके, मुख्य रूप से स्‍वपोषी, विषमपोषी, रसो-स्वपोषी, मृतजीवी, आदि हैं। व्याख्या: • पादपसम या स्‍वपोषी पोषण: इस प्रकार के पोषण में जीव अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं। जैसे - हरे पौधे। • पौधे अपना भोजन प्रकाश संश्लेषण नामक प्रक्रिया द्वारा तैयार करते हैं। • प्रकाश संश्लेषण के दौरान पौधे हरी पत्तियों में मौजूद हरितलवक की मदद से सौर ऊर्जा या प्रकाश ऊर्जा को संग्रहित करते हैं और उसे रासायनिक ऊर्जा में बदल देते हैं। • पर्णहरित नामक वर्णक हरितलवक में मौजूद होता है जो सूर्य के प्रकाश के संग्रहण के लिए आवश्यक होता है • प्रकाश संश्लेषण के दौरान कार्बोहाइड्रेट के संश्लेषण के लिए पौधे कार्बन डाइऑक्साइड और पानी का उपयोग करते हैं, इसमें ऑक्सीजन एक उप-उत्पाद के रूप में मुक्त होता है। • यह गैसीय विनिमय पत्ती की सतह पर मौजूद रंध्रों के माध्यम से होता है। • इन घटनाओं को निम्नलिखित समीकरण द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है: \(\rm \underset\) इस प्रकार, पौधों को स्वपोषी पोषण के लिए CO 2, पर्णहरित, धूप और पानी की आवश्यकता होती है और इसलिए सही विकल्प ''इनमें से सभी'' होगा।

पोषण

बच्चे के जीवित रहने, उसके स्वास्थ्य और विकास के लिए पर्याप्त और ठीक संतुलित आहार महत्वपूर्ण है। सुपोषित बच्चों की स्वस्थ, उत्पादक और सीखने के लिए तैयार रहने की संभावना अधिक होती है। अल्‍पपोषण का विपरीत प्रभाव होता है, इससे बुद्धि अवरुद्ध होती है, उत्पादकता कम होती है और गरीबी बनी रहती है। इससे बच्चे के मरने की संभावना बढ़ती है और निमोनिया, डायरिया और मलेरिया जैसे बचपन के संक्रमणों के प्रति उनकी संवेदनशीलता बढ़ जाती है। ऊर्जा, प्रोटीन अथवा विटामिन और खनिजों (सूक्ष्म पोषक तत्वों) के अपर्याप्त सेवन और/ अथवा अपर्याप्‍त अवशोषण की वजह से अल्‍पपोषण होता है जिससे पोषण संबंधी कमियां होती हैं। अल्‍पपोषण केवल पर्याप्‍त भोजन न खाने से ही नहीं होता। बचपन की बीमारियां, जैसे दस्त अथवा आंतों में कीड़े के संक्रमण से भी पोषक तत्वों का अवशोषण अथवा आवश्यकताएं प्रभावित हो सकती हैं। कुपोषण व्यापक शब्द है जो हर प्रकार के खराब पोषण से संबंधित है। सरल शब्दों में, कुपोषण में अल्पपोषण और अतिपोषण, दोनों शामिल हैं। पांच वर्ष से कम आयु के बच्‍चों की कुल मौतों की एक-तिहाई अल्‍पपोषण के कारण होती है। अल्‍पपोषण केवल गरीबों को प्रभावित करने वाली स्थिति नहीं, यह भारत भर के सभी सामाजिक-आर्थिक समूहों में व्‍याप्‍त है। केवल पिछले 10 वर्षों में, भारत में पांच वर्ष से कम आयु के बच्‍चों में स्‍टंट बच्चों की संख्या 48 प्रतिशत से कम होकर 38 प्रतिशत हो गई है। भारत अच्छी प्रगति कर रहा है लेकिन पूरे भारत में स्टंटिंग और अन्य प्रकार के कुपोषण समाप्त करने के लिए पहले से ही सफल प्रयासों में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व की आवश्यकता है। स्टंटिंग और अल्‍पपोषण के अन्‍य प्रकारों के विरुद्ध लड़ाई अभी जीती नहीं गई है, अल्‍...

स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ कौन

स्वपोषी पोषण के लिए प्रकाश संश्लेषण आवश्यक है। हरे पौधे के सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में क्लोफोरील नामक वर्णक से `` और जल के द्वारा कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते है। इस क्रिया में ऑक्सीजन गैस बाहर निलती है| `6CO_(2)+12H_(2)O overset("सूर्य का प्रकश") underset("क्लोरोफिल") to C_(6)H_(12)O_(6)+6H_(2)+O+CO_(2)` अतः स्वपोषी पोषण की आवश्यक परिस्थितियाँ सूर्य का प्रकाश,क्लोरोफिल, काबर्न डाइऑक्साइड और जल है। इसके उप्ता है।