स्वर संधि के उदाहरण pdf

  1. Class 6 Hindi Grammar Chapter 3 Sandhi Updated for 2023
  2. CBSE Class 6 Hindi Grammar संधि Sandhi in Hindi
  3. Swar Sandhi In Hindi : स्वर संधि किसे है ? स्वर संधि के भेद , उदाहरण
  4. स्वर संधि की परिभाषा, स्वर संधि के नियम और उदाहरण
  5. संधि की परिभाषा, भेद, उदाहरण [Sandhi] PDF
  6. संधि की परिभाषा, भेद, एवं उदाहरण सहित संपूर्ण जानकारी
  7. Savar Sandhi
  8. स्वर संधि की परिभाषा, स्वर संधि के नियम और उदाहरण
  9. CBSE Class 6 Hindi Grammar संधि Sandhi in Hindi
  10. संधि की परिभाषा, भेद, एवं उदाहरण सहित संपूर्ण जानकारी


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Class 6 Hindi Grammar Chapter 3 Sandhi Updated for 2023

Class 6 Hindi Grammar Chapter 3 संधि. Here, we will learn about the types of संधि, its definition, explanation with examples, and different kinds of संधि and its use. We know that the joining of two or more words is known as संधि. Practice about संधि for CBSE Exams and school unit tests based on standard 6 Hindi Grammar. संधि दो वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है, उसे “संधि” कहते हैं। संधि शब्द का अर्थ है- मेल। व्याकरण में दो ध्वनियों अथवा वर्गों के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को संधि कहते हैं, जैसे: सूर्य + उदय = सूर्योदय (यहाँ अ का उ से मेल होने से ओ बना है) पुस्तक + आलय = पुस्तकालय (यहाँ अ का आ से मेल होने से आ बना है) उपर्युक्त उदाहरणों में वर्णां के परस्पर मेल से विकार उत्पन्न हुआ है। संधि के भेद संधि के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं: (क) à...

CBSE Class 6 Hindi Grammar संधि Sandhi in Hindi

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Swar Sandhi In Hindi : स्वर संधि किसे है ? स्वर संधि के भेद , उदाहरण

Swar Sandhi In Hindi : स्वर संधि किसे है ? स्वर संधि के भेद , उदाहरण इस लेख में हम स्वर (Swar Sandhi) के बारे में चर्चा करेंगे। एंव विभिन सवालो के जवाब जानेंगे जैसे स्वर संधि किसे कहते है। स्वर संधि के भेद एंव स्वर संधि के उदाहरण क्या है। स्वर संधि के कितने भेद होते है। swar sandhi ke kitne bhed hote hain विभिन परीक्षा की दृष्टि से यहा नोट्स पीडीऍफ़ भी दी गयी है जिसे अप्प डाउनलोड कर सकते है। स्वर संधि की परिभाषा (Swar Sandhi ki Paribhasha) दो स्वरों के मेल से उत्पन्न हुआ विकार स्वर संधि कहलाता है। यह विकार छह रूपों में आ सकता है इसलिए स्वर-संधि के छह प्रकार हैं- (1) दीर्घ संधि, (2) गुण संधि वधि संधि, (4) यण संधि, (5) अयादि संधि, (6) स्वर संधि के कुछ विशेष रूप। स्वर संधि के भेद (Swar Sandhi ke Bhed) 1. दीर्घ संधि :- जब एक ही स्वर के दो रूप ह्रस्व (अ, इ उ) और दीर्घ (आ, ई, ऊ ) एक दूसरे के बाद आ जाएँ तो दोनों मिलकर उसका दीर्घवाला स्वर (अर्थात् आ, ई, ऊ) हो जाता है। अ/आ + अ/आ = आ (ा) • युग + अंतर = युगांतर • दिव्य + अस्त्र = दिव्यास्त्र • हस्त + अंतरण = हस्तांतरण • राष्ट्र + अध्यक्ष = राष्ट्राध्यक्ष • आग्नेय + अस्त्र = आग्नेयास्त्र • दिवस + अंत = दिवसांत • उदय + अचल = उदयाचल • अस्त + अचल = अस्ताचल • लोहित + अंग = लोहितांग (मंगल ग्रह) • उप + अध्याय (अधि + आय) = उपाध्याय • ध्वंस + अवशेष = ध्वंसावशेष • नयन + अभिराम = नयनाभिराम इ/ई + इ/ई = ई ( ी) • प्राप्ति + इच्छा = प्राप्तीच्छा • अति + इंद्रिय = अतींद्रिय • प्रति + इत = प्रतीत • गिरि + इंद्र = गिरींद्र • रवि + इंद्र = रवींद्र • मणि + इंद्र = मणींद्र • कवि + इंद्र = कवींद्र • मुनि + इंद्र = मुनींद्र • योगिन् + ईश्वर = योगीश्वर (न का...

स्वर संधि की परिभाषा, स्वर संधि के नियम और उदाहरण

इस पेज पर आप स्वर संधि की परिभाषा, नियम और उदाहरण सहित पढ़ेंगे और समझेंगे। पिछले पेज पर हम संज्ञा की परिभाषा शेयर कर चुके हैं तो उसे भी जरूर पढ़े। चलिए आज स्वर संधि की समस्त जानकारी को पढ़ना शुरू करते हैं। स्वर संधि किसे कहते हैं स्वर के बाद स्वर अर्थात दो स्वरों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होते हैं, उसे स्वर सन्धि कहते हैं। उदाहरण : पर + उपकार परोपकार पुस्तक + आलय पुस्तकालय सूर्य + अस्त सूर्यास्त महा + आत्मा महात्मा स्वर संधि के प्रकार स्वर संधि पांच प्रकार की होती हैं। • • • • • 1. दीर्ध स्वर सन्धि जब दो सवर्णी स्वर पास-पास आते हैं तो दोनों मिलकर दीर्ध स्वर सन्धि हो जाते हैं। नियम :हस्व या दीर्घ ‘अ’, ‘ई’, ‘उ’, के पश्चात क्रमशः हस्व या दीर्घ ‘अ’, ‘ई’, ‘उ’ स्वर आए तो दोनों को मिलाकर दीर्घ, ‘आ’, ‘ई’, ‘ऊ’, हो जाते हैं। उदाहरण : हिम + आलय हिमालय विघा + अर्थी विघार्थी शची + इन्द्र शचीन्द्र सती + ईश सतीश मुनी + इन्द्र मुनींद्र अनु + उदित अनुदित महि + इन्द्र महिंद्र रवि + अर्थ रवींद्र दीक्षा + अन्त दीक्षांत भानु + उदय भानूदय परम + अर्थ परमार्थ महा + आत्मा महात्मा गिरि + ईश गिरीश 2. गुण स्वर सन्धि नियम :यदि ‘अ,’औ’, ‘आ’ के बाद ‘इ’, या ‘ई’‘उ’ या ‘ऊ’ और ‘ऋ’ स्वर आए तो दोनों के मिलने से क्रमशः ‘ए’, ‘औ’ और अर हो जाते हैं। उदाहरण : देव + ईश देवेश नर + इन्द्र नरेंद्र महा + इन्द्र महेन्द्र भाग्य + उदय भाग्योदय सूर्य + उदय सूर्योदय भव + ईश भवेश राजा + इन्द्र राजेन्द्र राजा + ईश राजेश पर + उपकार परोपकार गज + इन्द्र गजेन्द्र 3. यण स्वर सन्धि नियम :यदि इ ई उ औ और ऋ के बाद भिन्न स्वर आए तो इ और ई का य, उ औ ऊ का व तथा त्रा का र हो जाता हैं। उदाहरण : प्रति + एक प्रत्येक यदि + अपि यद्दपि इति + आद...

संधि की परिभाषा, भेद, उदाहरण [Sandhi] PDF

nous utilisons les cookies afin de personnaliser le contenu et les publicités, de fournir des fonctionnalités pour les réseaux sociaux et analyser notre traffic. Nous partageons également des informations sur votre usage de notre site avec nos réseaux sociaux, publicitaires et partenaires d'analyse J'ai compris संधि (Sandhi) का हिन्दी व्याकरण में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, संधि के द्वारा ही वर्णों या ध्वनियों के मेल से होने वाले परिवर्तन की जानकारी ज्ञात होती है। जिन परीक्षाओं में हिन्दी विषय से प्रश्न पूछे जाते है उनमे संधि के प्रश्न अवश्य पूछे जाते इसलिए इसका परीक्षाओं की दृष्टि से महत्व और भी अधिक हो जाता है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में स्वर संधि तथा इसके भेद जैसे दीर्घ संधि, गुण संधि, यण संधि, वृद्धि संधि और व्यंजन संधि तथा विसर्ग संधि से अनेक प्रश्न पूछे जाते है। यहाँ हमने आपके लिए प्रत्येक संधि से समपूर्ण भेद एवं उनके नियमों की विस्तार पूर्वक व्याख्या की है जिससे आपको संधि के सभी भेदों को समझने तथा इन संधियों को बहुत सरलता से पहचान करने में आसानी होगी। संधि की परिभाषा (Sandhi) संधि का अर्थ है – ‘मेल’। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार होता है, उसे संधि कहते है। उदाहरण • विद्या+आलय = विद्यालय • सत्+आनन्द = सदानन्द • सुर=इन्द्र = सुरेन्द्र संधि के भेद संधि तीन प्रकार की होती है, संधि के तीन भेद होते है। • स्वर संधि • व्यंजन संधि • विसर्ग संधि स्वर संधि दो स्वरों के मेल से जो परिवर्तन होता है उसे स्वर संधि कहते है। स्वर संधि के भेद स्वर संधि पाँच प्रकार की होती है • दीर्घ स्वर संधि • गुण संधि • वृद्धि संधि • यण संधि • अयादि संधि दीर्घ स्वर संधि सवर्ण ह्रस्व...

संधि की परिभाषा, भेद, एवं उदाहरण सहित संपूर्ण जानकारी

संधि किसे कहते हैं? परिभाषा उदाहरण भेद आदि का विस्तारपूर्वक इस लेख में आप अध्ययन करेंगे। इस लेख को हमने विद्यार्थियों के कठिनाई स्तर का अध्ययन करते हुए सरल बनाने का प्रयत्न किया है। इस लेख को आप विद्यालय, विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अध्ययन कर सकते हैं। अंत में आपको कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न भी दिए जाएंगे, जिससे आप अपने समझ का आकलन कर सकेंगे। संधि के भेद दो वर्णों के मेल से उत्पन्न होने वाले परिवर्तन को संधि कहते हैं। संधि का सामान्य सा अर्थ है मेल करना। जिसमें दो शब्द या पद एक दूसरे से जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करते हैं, इसी प्रक्रिया को हम संधि कहते हैं। वर्णों के आधार पर संधि तीन प्रकार के माने गए हैं – • स्वर संधि • व्यंजन संधि • विसर्ग संधि स्वर संधि कितने प्रकार की होती हैं स्वर के साथ स्वर का मेल होने से जो विकार या परिवर्तन उत्पन्न होता है, उसे स्वर संधि कहा जाता है। दो स्वर आपस में मिलकर एक नए स्वर का निर्माण करते हैं, साथ ही तीसरे अर्थपूर्ण शब्द का निर्माण करते हैं। स्वर संधि के पांच भेद माने गए हैं – • दीर्घ संधि • गुण संधि • वृद्धि संधि • यण संधि • अयादि संधि दीर्घ स्वर संधि दो सजातीय स्वर और मिलकर दीर्घ स्वर के रूप में परिवर्तित होते हैं, ऐसी संधि को दीर्घ स्वर संधि कहते हैं। अ + अ = आ वेद + अंत वेदांत स्व + अर्थ स्वार्थ परम + अर्थ परमार्थ धर्म + अधर्म धर्माधर्म सत्य + अर्थ सत्यार्थ धर्म + अर्थ धर्मार्थ अन्न + अभाव अन्नाभाव अ + आ = आ गज + आनन गजानन हिम + आलय हिमालय सत्य + आनंद सत्यानंद शिव + आलय शिवालय परम + आनंद परमानन्द धर्म + आत्मा धर्मात्मा रत्न + आकर रत्नाकर आ + अ = आ शिक्षा + अर्थी शिक्षार्थी विद्या + अर्थी विद्यार्थी सीमा + अंत सीमान्त दीक...

Savar Sandhi

Savar Sandhi - (स्वर संधि) स्वर संधि (vowel sandhi)- दो स्वरों से उत्पत्र विकार अथवा रूप-परिवर्तन को स्वर संधि कहते है। स्वर संधि के उदाहरण (अ, आ) संधिपद विच्छेद जिन स्वरों में संधि हुई अभ्युदय अभि +उदय इ + उ= यु (यण) अत्याचार अति+आचार इ + आ= या (यण) अन्वेषण अनु +एषण उ + ए= वे (यण) अभ्यागत अभि +आगत इ + आ= या (यण) अभीष्ट अभि + इष्ट इ + इ= ई (दीर्घ) अत्यन्त अति + अन्त इ + अ= य (यण) अधीश्र्वर अधि + ईश्र्वर इ + ई= ई (दीर्घ) आद्यन्त आदि+अन्त इ + अ= य (यण) अत्युत्तम अति+उत्तम इ +उ= यु (यण) अतीव अति + इव इ + इ= ई (दीर्घ) अन्यान्य अन्य + अन्य अ + अ= आ (दीर्घ) असुरालय असुर + आलय अ + आ= आ (दीर्घ) आनन्दोत्सव आनंद + उत्सव अ + उ= ओ (गुण) आशातीत आशा + अतीत आ + अ= आ (दीर्घ) अन्वीक्षण अनु + ईक्षण उ + ई= वी (यण) अन्नाभाव अन्न + अभाव अ + अ= आ (दीर्घ) अक्षौहिणी अक्ष + ऊहिणी अ + ऊ= औ (यण) अल्पायु अल्प + आयु अ + अ= आ (दीर्घ) अनावृष्टि अन + आवृष्टि अ + इ= य (दीर्घ) अत्यावश्यक अति + आवश्यक इ + अ= य (यण) अत्युष्म अति +उष्म इ + अ= य (यण) अनुपमेय अन् + उपमेय अ + इ= य (दीर्घ) अन्योक्ति अन्य + उक्ति अ + इ= य (दीर्घ) अधीश्वर अधि + ईश्वर इ + ई= ई (दीर्घ) (इ, उ, ए) संधिपद विच्छेद जिन स्वरों में संधि हुई इत्यादि इति + आदि इ + आ= या (यण) ईश्वरेच्छा ईश्वर + इच्छा अ + इ= ए (गुण) उपेक्षा उप + ईक्षा अ + ई= ए (गुण) उर्मिलेश उर्मिला + ईश आ + ई= ए (गुण) ऊहापोह ऊह + अपोह ऊ + अ= आ (दीर्घ) उत्तरायण उत्तर + अयन अ + अ= आ (दीर्घ) उपर्युक्त उपरि + उक्त इ + उ= यु (यण) उमेश उमा + ईश आ + ई= ए (गुण) एकैक एक + एक अ + ए= ऐ (वृद्धि) एकांकी एक + अंकी अ + अ= आ (दीर्घ) एकानन एक + आनन अ + आ= आ (दीर्घ) एकेश्वर एक + ईश्वर अ + ई= ए ...

स्वर संधि की परिभाषा, स्वर संधि के नियम और उदाहरण

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CBSE Class 6 Hindi Grammar संधि Sandhi in Hindi

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संधि की परिभाषा, भेद, एवं उदाहरण सहित संपूर्ण जानकारी

संधि किसे कहते हैं? परिभाषा उदाहरण भेद आदि का विस्तारपूर्वक इस लेख में आप अध्ययन करेंगे। इस लेख को हमने विद्यार्थियों के कठिनाई स्तर का अध्ययन करते हुए सरल बनाने का प्रयत्न किया है। इस लेख को आप विद्यालय, विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अध्ययन कर सकते हैं। अंत में आपको कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न भी दिए जाएंगे, जिससे आप अपने समझ का आकलन कर सकेंगे। संधि के भेद दो वर्णों के मेल से उत्पन्न होने वाले परिवर्तन को संधि कहते हैं। संधि का सामान्य सा अर्थ है मेल करना। जिसमें दो शब्द या पद एक दूसरे से जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करते हैं, इसी प्रक्रिया को हम संधि कहते हैं। वर्णों के आधार पर संधि तीन प्रकार के माने गए हैं – • स्वर संधि • व्यंजन संधि • विसर्ग संधि स्वर संधि कितने प्रकार की होती हैं स्वर के साथ स्वर का मेल होने से जो विकार या परिवर्तन उत्पन्न होता है, उसे स्वर संधि कहा जाता है। दो स्वर आपस में मिलकर एक नए स्वर का निर्माण करते हैं, साथ ही तीसरे अर्थपूर्ण शब्द का निर्माण करते हैं। स्वर संधि के पांच भेद माने गए हैं – • दीर्घ संधि • गुण संधि • वृद्धि संधि • यण संधि • अयादि संधि दीर्घ स्वर संधि दो सजातीय स्वर और मिलकर दीर्घ स्वर के रूप में परिवर्तित होते हैं, ऐसी संधि को दीर्घ स्वर संधि कहते हैं। अ + अ = आ वेद + अंत वेदांत स्व + अर्थ स्वार्थ परम + अर्थ परमार्थ धर्म + अधर्म धर्माधर्म सत्य + अर्थ सत्यार्थ धर्म + अर्थ धर्मार्थ अन्न + अभाव अन्नाभाव अ + आ = आ गज + आनन गजानन हिम + आलय हिमालय सत्य + आनंद सत्यानंद शिव + आलय शिवालय परम + आनंद परमानन्द धर्म + आत्मा धर्मात्मा रत्न + आकर रत्नाकर आ + अ = आ शिक्षा + अर्थी शिक्षार्थी विद्या + अर्थी विद्यार्थी सीमा + अंत सीमान्त दीक...