स्वतंत्र ऊर्जा क्या है

  1. ऊर्जा किसे कहते हैं? परिभाषा, Urja का SI मात्रक, सूत्र, विमा
  2. ऊर्जा क्या है? प्रकार व स्रोत
  3. [Solved] किसी वस्तु के जमीन की ओर स्वतंत्र रूप से गिरने
  4. नवीकरणीय(renewable energy ) ऊर्जा क्या है?
  5. ऊर्जा का समविभाजन नियम क्या है ? इसके अनुसार एकरपमानुक, द्विपरमाणुक तथ
  6. Solar energy in hindi


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ऊर्जा किसे कहते हैं? परिभाषा, Urja का SI मात्रक, सूत्र, विमा

8. उदहारण ऊर्जा किसे कहते हैं? – Urja Kya Hai “किसी वस्तु द्वारा किसी कार्य को करने की क्षमता ऊर्जा कहलाती है।” अर्थात कार्य करने की क्षमता उर्जा कहलाती है। किसी वस्तु में निहित ऊर्जा का मापन उसके द्वारा किये गए कुल कार्य से किया जाता है अर्थात किसी वस्तु द्वारा किया गया कार्य ही ऊर्जा का माप है। ऊर्जा को कार्य से मापने के कारण ही ऊर्जा तथा कार्य के मात्रक एक ही होते है। ऊर्जा के अनेक रूप होते है। ऊर्जा की परिभाषा – Definition Of Energy In Hindi “किसी कार्य को करने की क्षमता ही ऊर्जा कहलाती है। जब हम कहते है कि किसी वस्तु के पास ऊर्जा है तो इसका मतलब है कि वह कार्य कर सकती है। ऊर्जा एक अदिश राशि है। ऊर्जा को इंग्लिश में एनर्जी ( Energy ) कहा जाता है। ऊर्जा का मात्रक क्या है – Unit Of Energy यहां पर कार्य के विभिन्न पद्धति में मात्रक के बारे में बताया गया है। (1) ऊर्जा का SI मात्रक – urja ka si matrak ऊर्जा का SI मात्रक ‘जूल (joule)’ होता है। Urja को जूल में मापा जाता है। किसी वस्तु को 1 मीटर विस्थापित करने पर 1 जूल ऊर्जा खर्च होती है। ऊर्जा के अन्य मात्रक किलोवाट घण्टा (kWh) तथा इलेक्ट्राॅन वोल्ट (eV) भी होते है। कार्य के सूत्र से W = F.S (2) C.G.S. पद्धति में ऊर्जा का मात्रक क्या होता है? C.G.S. पद्धति में ऊर्जा का मात्रक ‘अर्ग (erg)’ होता है। ऊर्जा के प्रकार – Types Of Energy In Hindi जैसाकि की आप जानते हैं ऊर्जा के विभिन्न रूप होते है। चलिए अब हम ऊर्जा के प्रकार एवं रूप के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। (1) गतिज ऊर्जा किसे कहते हैं? – Kinetic energy in hindi किसी वस्तु की वह ऊर्जा जो उसकी गति के कारण उत्पन्न होती है वह गतिज ऊर्जा कहलाती है। बंदूक से निकली हुई गोली म...

ऊर्जा क्या है? प्रकार व स्रोत

ऊर्जा क्या है? ( What Is Energy In Hindi) ऊर्जा के प्रकार (Types Of Energy) व ऊर्जा के स्रोत क्या है? (Source Of Energy) इत्यादि प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त में देने का प्रयास इस लेख में किया गया है। ब्रह्मांड में सबकुछ ऊर्जा ही है। हम मनुष्य भी ऊर्जा का ही रूप है। ऊर्जा (Energy) एक रूप से दूसरे रूप में बदलती है। ऊर्जा को ना ही उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही नष्ट कर सकते है। तो आइये दोस्तों, Energy क्या है? पढ़ते है। किसी भी वस्तु या पिंड की कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते है। ऊर्जा हर जगह और हर चीज में है। चाहे वो पिंड स्थिर हो या गतिमान। बिजली संयंत्र में टर्बाइन ( “कार्य = ऊर्जा” कभी भी नही होती है। इसका अर्थ यह है की 100℅ ऊर्जा को कार्य में परिवर्तित नही किया जा सकता है। ऊर्जा की इकाई “जूल” है। इसे J से डेनोट करते है। ऊर्जा एक अदिश राशि है। • यह भी पढ़े – ऊर्जा के प्रकार क्या है – Types Of Energy In Hindi ऊर्जा ( Energy In Hindi) मुख्यत दो प्रकार की होती है – 1. गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) किसी पिंड की गति के कारण उत्पन्न ऊर्जा को गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) कहते है। वस्तु पर बाह्य बल लगाकर उसे गति दी जाती है। उदाहरण के तौर पर बंदूक से निकली गोली में गतिज ऊर्जा होती है। बारिश की बूंदे धरती आती है, तो उनमें गतिज ऊर्जा होती है। सड़क पर दौड़ती हुई गाड़ी में भी गतिज ऊर्जा होती है। 2. स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) जब कोई वस्तु या पिंड विराम अवस्था में होता है, तो उसमें स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) होती है। बांध बनाकर रोका गया पानी स्थितिज ऊर्जा रखता है। Potential Energy को Kinetic Energy में परिवर्तित किया जा सकता है। जैसे कोई साइकिल विराम अवस्था में है तो उ...

[Solved] किसी वस्तु के जमीन की ओर स्वतंत्र रूप से गिरने

• जब कोई वस्तु स्वतंत्र रूप से जमीन की ओर गिरती है तो उसकी कुल ऊर्जा स्थिर रहती है। अवधारणा: • ऊर्जा के संरक्षण के नियम के अनुसार एक पृथक प्रणाली की कुल ऊर्जा संरक्षित (स्थिर) रहती है, अर्थात इसे न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, लेकिन इसे एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। • ऊर्जा संरक्षण नियम के सबसे आम उदाहरणों में से एक है:नीचे दिखाए गए अनुसार गुरुत्वाकर्षण के अधीन स्वतंत्र रूप से गिरने वाला निकाय • स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है, स्थितिज ऊर्जा घटती रहती है और गतिज ऊर्जा बढ़ती रहती है, यह ऊर्जा संरक्षण के नियम की भी पुष्टि है • जबकि जब भी ऊर्जा एक रूप से दूसरे रूप में बदलती है, तो ऊर्जा की कुल मात्रा स्थिर रहती है। • परिवर्तन से पहले और बाद की कुल ऊर्जा समान होगी। • एक रूप से दूसरे में ऊर्जा के रूपांतरण के दौरान, कुछ ऊर्जा बर्बाद हो सकती है। • फिर भी, कुल ऊर्जा समान रहती है और नीचे दिखाए अनुसार दर्शाई जा सकती है स्पष्टीकरण: • जब कोई वस्तु स्वतंत्र रूप से जमीन पर गिरती है तो उसकी कुल ऊर्जा स्थिर रहती है। • ऊर्जा के संरक्षण के नियम के अनुसार, ऊर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। • जब कोई वस्तु विश्रामावस्था में होती है और उच्चतम बिंदु पर इसकी स्थितिजऊर्जा अधिकतम होती है और गतिज ऊर्जा शून्य होती है, लेकिन जब यह जमीन से टकराने वाली होती है, तो इसकी गतिज ऊर्जा अधिकतम होती है और स्थितिजऊर्जा शून्य होती है। • इसलिए पूरी प्रक्रिया के दौरान कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है। The board has released a total number of 100 vacancies for HCS Recruitment.Selection of the candidates is based on their performance in ...

नवीकरणीय(renewable energy ) ऊर्जा क्या है?

नवीकरणीय ऊर्जा(renewable energy) क्या है? विश्व में तेज़ी से इसके महत्व को बढ़ावा दिया जा रहा, क्या इन ऊर्जा साधनों के द्वारा जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। इन सभी प्रश्नों को खोजने का प्रयास किया गया है। दुनिया में ऊर्जा प्राप्त करने के मुख्य साधनों में जीवाश्म ईंधन और कोयल ही प्रमुख भूमिका में रहे हैं। कोयला और लोहे के प्रयोग से दुनिया के विभिन्न देशों में औद्योगिक क्रांति को संपन्न किया जा सका। जीवाश्म ईंधन के कारण परिवहन साधनों को गति प्राप्त हुई। जिससे यातायात के क्षेत्र में एक क्रांति आयी। किन्तु इस क्रांति के साथ प्रदूषण की समस्या भी सामने आयी। जिससे ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ती जा रही है। • • • • • • • • • • • • नवीकरणीय ऊर्जा(renewable energy) क्या है? ऐसी ऊर्जा जिसे प्राप्त करने के लिए प्राकृतिक स्रोतों का प्रयोग किया जाता है। जैसे सोर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वार आदि। यह प्राकृतिक स्रोत कभी भी समाप्त नहीं हो सकते। बल्कि ऊर्जा दक्षता को बेहतर बनाये रखने के लिए लगातार नवीनीकरण करना पड़ता है। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से ऊर्जा प्राप्त करने में प्रदूषण की संभावना कम है। नवीकरणीय ऊर्जा के प्रकार पवन ऊर्जा जिन जगहों पर तेज़ हवाएं चलती है उन स्थानों पर हवा की गति से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए पवन चक्कियां(wind turbine) लगायी जाती हैं। इन्हे जमीन और समुद्र दोनों स्थान पर लगाया जा सकता है। जो पवन चक्की जमीन पर लगायी जाती है उसे onshore wind turbine कहा जाता है तथा जिन्हे समुद्र में पानी पर लगाया जाता है उन्हें offshore wind turbine कहते हैं। सौर ऊर्जा देश में अधिकांश दिनों में सूर्य की रोशनी धरती पर पड़ती है। इस रोशनी को ऊर्जा के रूप में सिलिकॉन सेल की मदद से विद्युत ऊर्जा में बदल...

ऊर्जा का समविभाजन नियम क्या है ? इसके अनुसार एकरपमानुक, द्विपरमाणुक तथ

Solution एकपरमानुक गैस के 1 मोल की माध्य गतिज ऊर्जा - एक परमाणुक गैस में अणु की केवल स्थानांतरीय गति हो होती है जिसकी स्वातंत्र्य कोटि 3 होती है | अतः ऊर्जा समविभाजन के नियमानुसार, प्रति अणु का माध्य गतिज ऊर्जा = 3 2 k T तथा 1 मोल गैस की माध्य गतिज ऊर्जा = 3 2 N × k T = 3 2 R T बहुपरमाणूक गैस के 1 मोल की माध्य गतिज ऊर्जा - बहुपरमाणूक गैस में अणु साधारण ताप पर स्थानांतरीय गति के साथ-साथ घूर्णन या कम्पन गति भी करता जिसकी स्वतंत्र्य कोटि 3 होती है तथा अणु की गति की कुल स्वातंत्र्य कोटि 6 होती है | अतः 1 मोल गैस की माध्य गतिज ऊर्जा = 6 × N × 1 2 k T = 3 R T प्रश्न में दिया हुआ कि ऊर्जा का सम विभाजन नियम क्या है अब इसके अनुसार हमें एक परमाणु की परमाणु और अणु परमाणु गैस के लिए एक मूल की मां की गतिज ऊर्जा क्या होगी यह में क्या करने वाले हमें समझाने क्यों किस प्रकार से प्राप्त होता है इसलिए हमें समझना होगा सबसे पहले तो ऊर्जा का सम विभाजन की उर्जा देखिए सैमसंग J2 कितने का है कितने का मतलब वह बहुत सारे कामों से निर्मित एक सकता है यहां किसी के बात करने जो भी बहुत सारे खंडों से निर्मित होता है कि कुल आंतरिक गतिज ऊर्जा होते हैं वह इनकी सभी स्वतंत्र कोठियों में समान रूप से वितरित होती है इसका मतलब है कि जैसे यहां पर एक प्रमाण प्रमाण के भाव प्रमाणिक हो सकता है और इन्हें इनकी सभी स्वतंत्र कोठियों में जो गतिज ऊर्जा है वह समान रूप से वितरित होती है यह कहा जाता है इसके अलावा परम ताप्ती पर साम्यावस्था में किसे काहे के लिए बात करते हैं तो प्रतिक स्वतंत्र कोठियों से शब्द प्रति अनोखी अंतर गतिज ऊर्जा का मान 1 अनुपात 2 चिट्ठी से प्रस्तुत होता है जहां कि हमें क्या पता पोस्टमैन यही ऊर्जा संरक्षण का ...

Solar energy in hindi

परिचय:- इस पृथ्वी पर जीवित प्रत्येक जिव का अस्तिव सूर्य के कारण ही है। इसलिए हिन्दुओं के द्वारा सूर्य को भगवान् माना जाता है। पृथ्वी पर प्राप्त होने वाली उर्जा ही सौर उर्जा (solar energy in hindi) कहलाती है। पृथ्वी पर उपस्थित प्रत्येक जिव जंतु, पेड़ पौधे तथा पानाव सूर्य से उर्जा लेकर जीवित रहता है। अतः पृथ्वी के लिए सबसे बड़ा उर्जा का स्रोत सूर्य ही है। चुकी हम सूर्य की किरणों से प्राप्त होने ज्वाली उर्जा के बारे में अध्ययन करेंगे तो हमें इसके सन्दर्भ में कुछ प्राइमरी कांसेप्ट जान लेना अति आवश्यक है। पृथ्वी का व्यास सूर्य के व्यास से छोटा होता है। यानी की पृथ्वी का व्यास 1.27 × 10 7 मीटर है। जबकि सूर्य का व्यास 1.39 × 10 9 मीटर है। और इन दोनों के बीच की दुरी 1.50× 10 11 मीटर की औसत दुरी है। अतः इस हिसाब से दोनों सूर्य और पृथ्ची के बीच 32 डिग्री का कोण बनेगा। जैसा की आप चित्र में देख सकते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों ने विभिन्न गणनाओं को सरल बनाए के लिए इस 32 डिग्री के कोण को सुनी माना है। तथा इसे एक सीधी लाइन माना है। क्योकि दोनों के बीच काफी ज्यादा दुरी है। सौर उर्जा क्या है (Solar energy in hindi):- सूर्य से आने वाली प्रकाश की किरणों का पृथ्वी की सतहों पर फ़ैल जाना ही सौर विकिरण (solar radiation) कहलाता है। पृथ्वी की सतहों पर जीतनी भी मात्रा में सौर उर्जा (Solar energy in hindi) हमें मिलती है, वो काफी कम मात्रा में हमें प्राप्त होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योकि हम जानते है की पृथ्वी के चारों ओर एक वायुमंडल है। जिसमे विभिन्न प्रकार के गैस जैसे ओजोन गैस, जलवाष्प, कार्बोन डाई ऑक्साइड, और ओक्सिजन आदि है। और साथ में यही गैस इसके किरणों को जमीन पर फैला देती है। अतः फलस्वरूप अधिकतर स...