Swagat geet lyrics in hindi for school

  1. स्वागत गीत लिरिक्स
  2. Punjabi Dholki Songs Lyrics
  3. Lokgeet Lyrics in Hindi
  4. श्रीमद भगवद गीता


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स्वागत गीत लिरिक्स

तर्ज - आने से उसके आए बहार, जाने से उसके जाएँ बहार,, Welcome Song lyrics ( आने से उसके आए बहार ) स्वागत गीत - ( Welcome Song lyrics ) आप जो आए हमारे द्वार , हृदय से करते सत्कार सर को झुकाते हैं , हम स्वागत में पलकें अपनी बिछाते है , हम स्वागत में ..... कृपा करके जो तुम यहाँ पधारें , धन्य हो गए है भाग्य हमारे ,, हुईं जो भी खता अब हमसे ,, माफ़ कर देना आप तो दिल से .. जो भी भूल जाते है , हम स्वागत में पलकें अपनी बिछाते है , हम स्वागत में ...... LBMUSICENTERTAINMENT.COM आके महफ़िल हमारी सज़ा दी पल में शोभा हमारी बढ़ा दी दिल में हो रही थी हलचल आपने सब आके मिटा दी दिल अपना बिछाते है , हम स्वागत में पलकें अपनी बिछाते हैं , हम स्वागत में आप जो आए हमारे द्वार , हृदय से करते सत्कार सर को झुकाते हैं , हम स्वागत में पलकें अपनी बिछाते है , हम स्वागत में ..... -LbMusicEntertainment.com- #welcomsong,,#swagatgeet,,#lyrics #Lbmusicentertainment &YouTube,,,,

Punjabi Dholki Songs Lyrics

• • Kaala doriya • • Mehndi ni mehndi • Ve charkha chanan da • Phulla di bahaar • Mera laung gawacha • Kala shakala • Kali teri gutt • Aaya Ladiye • Amritsar De Pappad • Bhabi Meri Gutt Karde • Ichak daana beechak daana • Bajre da Sitta • Hulle Hullare [su_divider] Suhe Ve Cheere Waleya Lyrics (शादी के गाने) Suhe Ve Cheere Waleya Main Kehni Aan, Suhe Ve Cheere Waleya Main Kehni Aan, Kar Chhatri Di Chhan Main Chhanwen Behni Aa, Kar Chhatri Di Chhan Main Chhanwen Behni Aan. Suhe Ve Cheere Waleya Phul Kikran De, Kikran Layi Bahaar Mele Mitra De, Kikran Layi Bahaar Mele Mitra De … Suhe Ve Cheere Waleya Phul Tori Da, Baaj Tere We Mahiya Kuj Ni Lori Da, Baaj Tere We Mahiya Kuj Ni Lori Da… Suhe Ve Cheere Waleya Main Kehni Aan, Lagde Teer Judiyaan De Main Sehni Aan, Lagde Teer Judiyaan De Main Sehni Aan, Suhe Ve Cheere Waleya Do Laladiyan, Mele Wekhan Aayiyan Karma Walaniyan, Mele Wekhan Aayiyan Karma Walaniyan. Suhe Ve Cheere Waleya Dhan Jodi Da, Dil Da Najak Sheesha Injh Ni Todi Da, Dil Da Najak Sheesha Injh Ni Todi Da, Sau Sau Pain Daleelan Charkha Dayida, Ik Wari Aake Tak Ja Haal Judayi Da, Ik Wari Aake Tak Ja Haal Judayi Da. Suhe Ve Cheere Waleya Gal Gani Aa, Charkha Rang Rangeela Vehre Daani Aan, Charkha Rang Rangeela Vehre Daani Aan, Suhe Ve Cheere Waleya Main Kehni Aan, Suhe Ve Cheere Waleya Main Kehni Aan, Kar Chhatri Di Chan Main Chhanwen Behni Aan, Kar Chhatri Di Chan Main Chhanwen Behni Aan. [su_divider] Kala Doriya Lyrics in Hindi(शादी के गाने) काला डोरिया कुंडे नाल अ...

Lokgeet Lyrics in Hindi

Lokgeet Lyrics in Hindi तर्ज – ओ जाने वाले आजा तेरी याद सताये गुनाह क्या किया, जो ठुकरा दिया जाता है क्यों हमसे मुखड़ा मोड़ मेरे बेटा दूध वाला रिश्ता मत तोड़ मेरे बेटा हमको तू बुढ़ापे में मत छोड़ मेरे बेटा (1) दुख सुख बेटा मेरे हम सब सहेंगे भूखा जो रखेगा बेटा भूखा रहेंगें पर कुछ ना कहेंगे दुखता जिया, ठुकरा दिया, ऐसे में तू हमको, मत झकझोड़ मेरे बेटा, दूध वाला रिश्ता मत तोड़ मेरे बेटा (2) चार चार कुत्ता तैने, पारे हैं शिकारी, दो पेट बेटा तोपे पड़ रहे हैं भारी, मेरे कुँवर हजारी। दुखता जिया, ठुकरा दिया, बेशर्मी की चादर मत ओढ़ मेरे बेटा, दूध वाला रिश्ता मत तोड़ मेरे बेटा (3) बात मान बहू की बेटा, जुलम हम पै ढावै, एक दिन बुढापा बेटा, तोऊ पै आवै, तू तौ फिर पछतावै दुखता जिया, ठुकरा दिया, जीते जी मुकद्दर मत फोड़ मेरे बेटा, दूध वाला रिश्ता मत तोड़ मेरे बेटा (4) सह ना सकेंगे बेटा हम इस गम को, जाने से पहले जहर देजा तू हमको, झेल लेंगे सितम को, निकला नासिया, ठुकरा दिया, शर्मा की कविता से मिला जोड़ मेरे बेटा, दूध वाला रिश्ता मत तोड़ मेरे बेटा यह भी पढ़ें:- Lok Geet Lyrics तर्ज – क्या मिलिए ऐसे लोगों से जिनकी फितरत छुपी रहे आज की मईया बहु बेटन के सबरे ताने सहलेगी। सास करेगी बहु की सेवा तो साझे मैं रहलेगी। (1) बहु बैठ खटिया के ऊपर सास पै हुकम चलावैगी। सास करेगी रोटी पानी बहु बैठ के खावैगी।। ऐसी हालत रही देश में तो उल्टी गंगा बहलेगी… सास करेगी बहु की सेवा तो साझे मैं रहलेगी। (2) बहु सोवैगी डबल बैड पै और सब फटे बिछईया पै। बेटा बहु की बात मान के जुलम करैगो मईया पै।। और रहें सब चुप्पी साधे बहु चाहे जो कहलेगी… सास करेगी बहु की सेवा तो साझे मैं रहलेगी। (3) बहु करेगी सैर सपाटे बच्चा सास ख़िलावैगी। बच्चा कूँ पीवै ...

श्रीमद भगवद गीता

अध्याय 15 का श्लोक 1 ऊध्र्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्, छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित्।।1।। अनुवाद: (ऊध्र्वमूलम्) ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला (अधःशाखम्) नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला (अव्ययम्) अविनाशी (अश्वत्थम्) विस्तारित पीपल का वृृक्ष है, (यस्य) जिसके (छन्दांसि) जैसे वेद में छन्द है ऐसे संसार रूपी वृृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटे हिस्से या टहनियाँ व (पर्णानि) पत्ते (प्राहुः) कहे हैं (तम्) उस संसाररूप वृक्षको (यः) जो (वेद) इसे विस्तार से जानता है (सः) वह (वेदवित्) पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी है। (1) हिन्दी: ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला अविनाशी विस्तारित पीपल का वृृक्ष है, जिसके जैसे वेद में छन्द है ऐसे संसार रूपी वृृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटे हिस्से या टहनियाँ व पत्ते कहे हैं उस संसाररूप वृक्षको जो इसे विस्तार से जानता है वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी है। भावार्थ:- गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में कहा है कि अर्जुन पूर्ण परमात्मा के तत्वज्ञान को जानने वाले तत्वदर्शी संतों के पास जा कर उनसे विनम्रता से पूर्ण परमात्मा का भक्ति मार्ग प्राप्त कर, मैं उस पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति का मार्ग नहीं जानता। इसी अध्याय 15 श्लोक 3 में भी कहा है कि इस संसार रूपी वृृक्ष के विस्तार को अर्थात् सृृष्टि रचना को मैं यहाँ विचार काल में अर्थात् इस गीता ज्ञान में नहीं बता पाऊँगा क्योंकि मुझे इस के आदि (प्रारम्भ) तथा अन्त (जहाँ तक यह फैला है अर्थात् सर्व ब्रह्मण्डों का विवरण) का ज्...